Subhash Chandra Bose Speech In Hindi
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का ऐतिहासिक भाषण
आज AchhiKhabar.Com पर मैं आपके साथ Netaji Subhash Chandra Bose द्वारा, 4 July, 1944 को बर्मा में भारतीयों के समक्ष दिए गए विश्व प्रसिद्द भाषण”Give me blood and I shall give you freedom!”, “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा !” HINDI में share कर रहा हूँ.ये वही SPEECH है जिसने आज़ादी की लड़ाई में भाग ले रहे करोड़ों लोगों के अन्दर एक नया जोश फूँक दिया था.
Give me blood and I shall give you freedom!
तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा !
मित्रों ! बारह महीने पहले “ पूर्ण संग्रहण ”(total mobilization) या “परम बलिदान ”(maximum sacrifice) का एक नया कार्यक्रम पूर्वी एशिया में मौजूद भारतीयों के समक्ष रखा गया था. आज मैं आपको पिछले वर्ष की उपलब्धियों का लेखा -जोखा दूंगा और आपके सामने आने वाले वर्ष के लिए हमारी मांगें रखूँगा. लेकिन ये बताने से पहले, मैं चाहता हूँ कि आप इस बात को समझें कि एक बार फिर हमारे सामने स्वतंत्रता हांसिल करने का स्वर्णिम अवसर है.अंग्रेज एक विश्वव्यापी संघर्ष में लगे हुए हैं और इस संघर्ष के दौरान उन्हें कई मोर्चों पर बार बार हार का सामना करना पड़ा है. इस प्रकार दुश्मन बहुत हद्द तक कमजोर हो गया है, स्वतंत्रता के लिए हमारी लड़ाई आज से पांच साल पहले की तुलना में काफी आसान हो गयी है. इश्वर द्वारा दिया गया ऐसा दुर्लभ अवसर सदी में एक बार आता है.इसीलिए हमने प्रण लिया है की हम इस अवसर का पूर्ण उपयोग अपनी मात्र भूमि को अंग्रेजी दासता से मुक्त करने के लिए करेंगे.
मैं हमारे इस संघर्ष के परिणाम को लेकर बिलकुल आशवस्थ हूँ, क्योंकि मैं सिर्फ पूर्वी एशिया में मौजूद 30 लाख भारतीयों के प्रयत्नों पर निर्भर नहीं हूँ. भारत के अन्दर भी एक विशाल आन्दोलन चल रहा है और हमारे करोडो देशवासी स्वतंत्रता पाने के लिए कष्ट सहने और बलिदान देने को तैयार हैं.
दुर्भाग्यवश 1857 के महासंग्राम के बाद से हमारे देशवासी अस्त्रहीन हैं और दुश्मन पूरी तरह सशश्त्र है. बिना हथियारों और आधुनिक सेना के, ये असंभव है कि इस आधुनिक युग में निहत्थे आज्ज़दी की लड़ाई जीती जा सके. ईश्वर की कृपा और जापानियों की मदद से पूर्वी एशिया में मौजूद भारतीयों के लिए हथियार प्राप्त करके आधुनिक सेना कड़ी करना संभव हो गया है. इसके अलावा पूर्वी एशिया में सभी भारतीय उस व्यक्ति से जुड़े हुए हैं जो स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहा है, अंग्रेजों द्वारा भारत मिएँ पैदा किये गए सभी धार्मिक एवं अन्य मतभेद यहाँ मौजूद नहीं हैं. नतीजतन, अब हमारे संघर्ष की सफलता के लिए परिस्थितियां आदर्श हैं – और अब बस इस बात की आवश्यकता है कि भारतीय आज़ादी की कीमत चुकाने के लिए खुद सामने आएं.
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पूर्ण संग्रहण कार्यक्रम के अंतर्गत मैंने आपसे मेन, मनी, मेटेरियल ( लोगों, धन, सामग्री )की मांग की थी. जहाँ तक लोगों का सवाल है मुझे ये बताते हुए ख़ुशी हो रही है की मैंने पहले से ही पर्याप्त लोग भारती कर लिए हैं.भरती हुए लोग पूर्वी एशिया के सभी कोनो से हैं – चाईना, जापान, इंडिया -चाईना, फिलीपींस, जावा, बोर्नो, सेलेबस, सुमात्रा, , मलय, थाईलैंड और बर्मा.
आपको मेन, मनी, मटेरिअल, की आपूर्ती पूरे जोश और उर्जा के साथ जारी रखना होगा, विशेष रूप से संचय और परिवहन की समस्या को हल किया जाना चाहिए.
हमें मुक्त हुए क्षेत्रों के प्रशाशन और पुनर्निर्माण हेतु हर वर्ग के पुरूषों और महिलाओं की आवश्यकता है.हमें ऐसी स्थिति के लिए तैयार रहना होगा जिसमे दुश्मन किसी इलाके को खाली करते समय इस्कोर्चड अर्थ पालिसी का प्रयोग कर सकता है और आम नागरिकों को भी जगह खाली करने के लिए मजबूर कर सकता है, जैसा की बर्मा में हुआ था.
सबसे महत्त्वपूर्ण समस्या मोर्चों पर लड़ रहे सैनिकों को अतरिक्त सैन्य बल और सामग्री पहुंचाने की है.अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो हम लड़ाई के मोर्चों पर अपनी सफलता बनाए रखने की उम्मीद नहीं कर सकते. और ना ही भारत के अन्दर गहरी पैठ करने की उम्मीद कर सकते हैं.
आपमें से जो लोग इस घरेलु मोर्चे पर काम करना जारी रखेंगे उन्हें ये कभी नहीं भूलना चाहिए की पूर्वी एशिया – विशेष रूप से बर्मा – आज़ादी की लड़ाई के लिए हमारे आधार हैं. अगर ये आधार मजबूत नहीं रहेगा तो हमारी सेना कभी विजयी नहीं हो पायेगी. याद रखिये ये “पूर्ण युद्ध है ”- और सिर्फ दो सेनाओं के बीच की लड़ाई नहीं. यही वज़ह है की पूरे एक साल से मैं पूर्व में पूर्ण संग्रहण के लिए जोर लगा रहा हूँ.
एक और वजह है कि क्यों मैं आपको घरेलु मोर्चे पर सजग रहने के लिए कह रहा हूँ. आने वाले महीनो में मैं और युद्ध समिति के मेरे सहयोगी चाहते हैं की अपना सारा ध्यान लड़ाई के मोर्चों और भारत के अन्दर क्रांति लेन के काम पर लगाएं. इसीलिए, हम पूरी तरह आस्वस्थ होना चाहते हैं कि हमारी अनुपस्थिति में भी यहाँ का काम बिना बाधा के सुचारू रूप से चलता रहेगा.
मित्रों, एक साल पहले जब मैंने आपसे कुछ मांगें की थी, तब मैंने कहा था की अगर आप मुझे पूर्ण संग्रहण देंगे तो मैं आपको ‘दूसरा मोर्चा’ दूंगा. मैंने उस वचन को निभाया है. हमारे अभियान का पहला चरण ख़तम हो गया है. हमारे विजयी सैनिक जापानी सैनिकों के साथ कंधे से कन्धा मिला कर लड़ रहे हैं, उन्होंने दुश्मन को पीछे ढकेल दिया है और अब बहादुरी से अपनी मात्रभूमि की पावन धरती पर लड़ रहे हैं.
आगे जो काम है उसके लिए अपनी कमर कस लीजिये. मैंने मेन, मनी, मटेरिअल के लिए कहा था. मुझे वो पर्याप्त मात्र में मिल गए हैं. अब मुझे आप चाहियें. मेन, मनी मटेरिअल अपने आप में जीत या स्वतंत्रता नहीं दिला सकते. हमारे अन्दर प्रेरणा की शक्ति होनी चाहिए जो हमें वीरतापूर्ण और साहसिक कार्य करने के लिए प्रेरित करे.
सिर्फ ऐसी इच्छा रखना की अब भारत स्वतंत्र हो जायेगा क्योंकि विजय अब हमारी पहुंच में है एक घातक गलती होगी. किसी के अन्दर स्वतंत्रता का आनंद लेने के लिए जीने की इच्छा नहीं होनी चाहिए. हमारे सामने अभी भी एक लम्बी लड़ाई है.
आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए- मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके- एक शहीद की मृत्यु की इच्छा, ताकि स्वतंत्रता का पथ शहीदों के रक्त से प्रशस्त हो सके. मित्रों! स्वतंत्रता संग्राम में भाग ले रहे मेरे साथियों ! आज मैं किसी भी चीज से ज्यादा आपसे एक चीज की मांग करता हूँ. मैं आपसे आपके खून की मांग करता हूँ. केवल खून ही दुश्मन द्वारा बहाए गए खून का बदला ले सकता है. सिर्फ ओर सिर्फ खून ही ही आज़ादी की कीमत चुका सकता है.
तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा !
सुभाष चन्द्र बोस
4 July, 1944, Burma
Read English Version of the speech: http://www.proud2bindian.in/patriots-patriotism/3656-speeches-subhash-chandra-bose.html
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Note: हिंदी में अनुवाद करने में सावधानी बरतने के बावजूद कुछ त्रुटियाँ हो सकती हैं. कृपया क्षमा करें.
It was a HINDI TRANSLATION of Subhash Chandra Bose famous Speech”Give me blood and I shall give you freedom!”
निवेदन: कृपया अपने comments के through बताएं की Netaji Subhash Chandra Bose द्वारा दी गयी Inspirational SPEECH का Hindi Translation आपको कैसा लगा.
ruchi sood says
plz….mujhe 15th august k upar speech chahiye hindi mai meri help kare. mujhe net mai nai mil pa rahi hai
shambhavi says
nice
sanjeev bhardwaj says
aaj netajee khoon maang nahi rahe hai, balki chus le rahe hai.
Rishabh trvd says
I was just luking fr this only thanks for this information.
Prince Baranwal says
I ws searching for dat vry nice
Khilesh says
गोपल जी मैने ब्लॉग शुरु किया है और Valuable Links इस मेनु मै आपकी साईट का नाम दे दिया है । अगर आपको यह निकलवाना है तो वैसी टिप्पणी कर दे ।
Gopal Mishra says
Thanks Khilesh Jii. Maine wo site dekhi . All the best.
UMESH उमेश says
इसी की तो तलाश थी…. आपका ब्लॉग सचमुच सम्पूर्ण है ……..
प्रवीण पाण्डेय says
जीवट इच्छा, कुशल नेतृत्व..
SHASHI BHUSHAN says
VERY NICE
Khilesh says
बहोत अच्छे
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