भारत में एवं विश्व के अनेक देशो में अनगिनत महिलाओं ने अपनी उपलब्धियों से अपने देश का नाम रौशन किया है। कुछ महिलाएं अपने कार्य तथा अपनी सोच के कारण हर किसी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। जनहित और राष्ट्र कल्याण के लिए अपने प्राणों की भी परवाह न करने वाली मैडम क्युरी समस्त विश्व के लिए एक आर्दश उदाहरण हैं। लिंग और सिमाओं से परे हर किसी के लिए मैरी क्युरी प्रेरणा स्रोत हैं। मैडम क्युरी एक रशियन महिला थीं। उनका जन्म वारसा (पोलैंड) में 7 नवंबर 1867 को हुआ था। माता पिता सुयोग्य अध्यापक थे। माँ … [Read more...]
गाँधी जी और उनका ग्राम समाज का सपना !
मित्रों , आज ३० जनवरी है , आज ही के दिन सं १९४८ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या कर दी गयी थी। इस दिन को हम शहीद दिवस (Martyr's Day) के रूप में मनाते हैं। सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनके करिश्माई व्यक्तित्व तथा उनके विचारों का, न केवल भारत पर वरन पूरे विश्व पर व्यापक प्रभाव पङा है। गाँधी जी आत्म प्रेरित सामाजिक सिद्धान्तकार थे। गाँधी जी ग्राम समाज के प्रबल पक्षधर थे। वे चाहते थे कि सत्ता का विकेन्द्रीकरण हो और गॉव के लोग स्वयं अपना प्रशासन … [Read more...]
महान हास्य कलाकार चार्ली चैप्लिन
जर्मनी में जब हिटलर की तानाशाही से सभी खौफजदा थे तब उस दौर में एक कलाकार लोगों में व्याप्त डर को मिटाकर उनमें सुंदर कल्पना को साकार करने निकल पङा था। राह आसान नही थी पर हौसला बुलंद था। गरीबी और बदहाली की भट्टी में पक कर वो कुंदन बना चुका था। जिसकी चमक ने करोङों लोगों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी। ऐसे हास्य महानायक का जन्म आज से 125 वर्ष पूर्व हुआ था और आज भी उनकी फिल्में पूरे विश्व को हँसा रही हैं। वो कोई और नहीं बल्कि हम सबका प्रिय हास्य कलाकार चार्ली चैप्लिन है। वर्ष 2014 में पूरी … [Read more...]
लोकतांत्रिक समाजवाद के प्रर्वतक जवाहरलाल नेहरु
उच्चकोटी के विचारक तथा लोकतांत्रिक समाजवाद के समर्थक जवाहरलाल नेहरु महान मानवतावादी थे। बच्चों के प्रिय चाचा नेहरु अपने देश में ही नही वरन सम्पूर्ण विश्व में सम्मानित और प्रशंशनीय राजनेता थे। मानव-मात्र का उत्थान, कल्याण तथा उनका सुख एवं आंनद नेहरु जी के चिंतन की धुरी थे। उनका मानवीय दृष्टीकोंण ही था कि, वे गुलामी को मनुष्य पर होने वाला सबसे बङा अत्याचार मानते थे। स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु संघर्ष करने वाले देश उन्हे अपना सच्चा हमदर्द और मसीहा मानते थे। मानवीय गरिमा को उच्चतम शिखर तक … [Read more...]
हरित क्रान्ति के जनक डॉ एम.एस. स्वामीनाथन
कुछ समय पूर्व 14 जुलाई 2014 को भारतीय मूल के कृषी वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन को हैदराबाद में आयोजित एक समारोह में ‘एंबेसडर ऑफ गुडविल पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। हैदराबाद कृषि संस्थान द्वारा आयोजित समारोह में ‘इंटरनेशनल क्राप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी एरिड ट्रॉपिक्स’ (आइसीआरआइएसएटी) के महानिदेशक श्री विलियम डी डार ने स्वामीनाथन जी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। हरित क्रान्ति के जनक तथा भारत को कृषी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने वाले एम.एस.स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त 1925 में … [Read more...]
दृण संकल्पवान लाल बहादुर शास्त्री
Lal Bahadur Shashtri Biography in Hindi लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी साधनो का अभाव प्रगति में बाधक नही होता, ये प्रेरणा बचपन से लिये परिस्थिती से जूझते हुए एक बालक अपनी विधवा माँ का हर संभव सहारा बनने का प्रयास कर रहा था। उसी दौरान भारत माता को गुलामी से आजाद कराने के लिये असहयोग आन्दोलन का शंखनाद हुआ। ये वाक्या 1921 का है, जब अनेक लोग भारत माता को स्वतंत्र कराने के लिये अपना सर्वस्व बलिदान करने को आतुर थे। देशभक्ति की इस लहर में 16 वर्षिय लाल बहादुर शास्त्री जी का मन भी आन्दोलन में … [Read more...]
महात्मा गांधी का सत्याग्रह
भारत माता को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए कई आन्दोलन हुए। जिसमें सत्याग्रह आन्दोलन का अपना एक विशेष महत्व है। "सत्याग्रह' का मूल अर्थ है 'सत्य' के प्रति 'आग्रह', ये दोनो ही शब्द संस्कृत भाषा के शब्द हैं। सत्याग्रह का मूल लक्षण है, अन्याय का सर्वथा विरोध करते हुए अन्यायी के प्रति वैरभाव न रखना। गांधी जी ने दक्षिण अफ़्रीका के ट्रांसवाल में औपनिवेशिक सरकार द्वारा एशियाई लोगों के साथ भेदभाव के क़ानून को पारित किये जाने के ख़िलाफ़ 1906 में पहली बार सत्याग्रह का प्रयोग किया था। … [Read more...]
महान वनस्पति वैज्ञानिक डॉ. बीरबल साहनी
संसार को रोचक जानकारियों से मुग्ध करने वाले पुरा वनस्पती शास्त्र वैज्ञानिक बीरबल साहनी का जन्म 14 नवम्बर 1891 में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रो. रुचीराम साहनी था। उनका जन्म शाहपुर जिले के भेङा नामक गॉव में हुआ था। भेढा, दरअसल नमक की चट्टानों से एवं पहाङियों से घिरा हुआ भूगर्भ विज्ञान का अजायब घर जैसा दिखने वाला गॉव था। बालक बीरबल का लालन पालन इस सुंदर रमणीय वातावरण में हुआ। उन्हे बचपन से ही जीवाष्म आदि देखने को मिले। पिता रुचीराम साहनी ने भी घर में बौद्धिक और वैज्ञानिक वातावरण बना रखा … [Read more...]
ओजपूर्ण कविता के धनी माखनलाल चर्तुवेदी : १५ अगस्त पर विशेष
आजादी के संघर्ष में भारत माता के अनेक देशभक्तों ने मातृभूमि को स्वतंत्र कराने हेतु अपने-अपने तरीके से प्रयास किया। क्रान्तिकारी वीरों ही नही, अपितु कलम को हथियार मानने वाले अनेक साहित्यकारों ने भी जन-जागरण में जोश भरने के लिए कई वीर रस की कविताओं का सृजन किया। आजादी के आन्दोलन में अनेक कवियों के काव्य में देशभक्ति का जज़बा स्पष्ट दिखाई दे रहा था। एक ओर बमकिम चन्द्र का वन्दे मातरम् और इकाबाल का सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमार, जन-जन की वाणीं बनकर आजादी का आगाज कर रहा था। तो दूसरी तरफ जय शंकर … [Read more...]
रक्षाबंधन | क्यों और कैसे मनाते हैं भाई-बहनों का यह पावन पर्व
रक्षाबंधन सामाजिक, पौराणिक, धार्मिक तथा ऐतिहासिक भावना के धागे से बना एक ऐसा पवित्र बंधन जिसे जनमानस में रक्षाबंधन के नाम से सावन मास की पूर्णिमा को भारत में ही नही वरन् नेपाल तथा मॉरिशस में भी बहुत उल्लास एवं धूम-धाम से मनाया जाता है। रक्षाबंधन अर्थात रक्षा की कामना लिए ऐसा बंधन जो पुरातन काल से इस सृष्टी पर विद्यमान है। इन्द्राणी का इन्द्र के लिए रक्षा कवच रूपी धागा या रानी कर्मवति द्वारा रक्षा का अधिकार लिए पवित्र बंधन का हुमायु को भेजा पैगाम और सम्पूर्ण भारत में बहन को रक्षा का वचन देता … [Read more...]
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