मंगलम ग़नेशम
देवा हो देवा गणपति देवा मंगलम ग़नेशम
विघ्न विनाशक जन सुख दायक मंगलम गणेशंम
देवा हो देवा गणपति देवा मंगलम गणेशं
विघ्न विनाशक जन सुख दायक मंगलम गणेशं
देवा हो देवा गणपति देवा मंगलम गणेशं
तू ही आदि तू ही हैं अंत
देवा महिमा तेरी हैं अनंत
गजाननं भुत गान्धी देवितम उमा शुतम शव विनाश करे कम
मंगलम गणेशा
देवा हो देवा गणपति देवा मंगलम गणेशं
विघ्न विनाशक जन सुख दायक मंगलम गणेशं
देवा हो देवा गणपति देवा मंगलम गणेशं
नि सा नि सा…तू ही शक्ति तू ही विधान
देवा तू ही वेड पूरण
गजाननं भुत गान्धी देवितम उमा शुतम शव विनाश करे कम
मंगलम गणेशा
देवा हो देवा गणपति देवा मंगलम गणेशं
विघ्न विनाशक जन सुख दायक मंगलम गणेशं
देवा हो देवा गणपति देवा मंगलम गणेशं
Aapko dekh kar mujhe Narayan Murthy ki kahi baat yaad aa gai.
“Bhagwan ke prati samarpit rahkar apne kaam par vishwas karo, aapko safalata jarur milegi”
गड्पति महाराज की जय…………………….गजानन स्वामी सभी की मनोकामना पूरी करे
यह तो संभवतः गाकर सुनाने वाली कविता है।
Blogspot से WordPress पर shift करने के बाद आज श्री कृष्ण जन्माष्ठमी के शुभ अवसर पर मैं AchhiKhabar.Com पर अपनी पहली पोस्ट publish कर रहा हूँ.
ईश्वर से प्रार्थना है कि वह मुझे आशीर्वाद दें कि मैं इस ब्लॉग के माध्यम से अधिक से अधिक जन-सेवा कर सकूँ.
Gopal Mishra