आया मौसम गर्मी ,लू का……
दोस्तों ,मई का महीना आ गया है और सूरज अपनी प्रखर किरणों की तीव्रता से संसार के जलियांश (स्नेह )को सुखा कर वायु में रूखापन और ताप बढ़ा कर मनुष्यों के शरीर के ताप की भी वृद्धि कर रहा है!
गर्मी में होने वाले आम रोग –गर्मी में लापरवाही के कारण सरीर में निर्जलीकरण (dehydration),लू लगना, चक्कर आना ,घबराहट होना ,नकसीर आना, उलटी-दस्त, sun-burn,घमोरिया जैसी कई diseases हो जाती हैं.
इन बीमारियों के होने में प्रमुख कारण-
- गर्मी के मोसम में खुले शरीर ,नंगे सर ,नंगे पाँव धुप में चलना ,
- तेज गर्मी में घर से खाली पेट या प्यासा बाहर जाना,
- कूलर या AC से निकल कर तुरंत धुप में जाना ,
- बाहर धुप से आकर तुरंत ठंडा पानी पीना ,सीधे कूलर या AC में बेठना ,
- तेज मिर्च-मसाले,बहुत गर्म खाना ,चाय ,शराब इत्यादि का सेवन ज्यादा करना ,
- सूती और ढीले कपड़ो की जगह सिंथेटिक और कसे हुए कपडे पहनना
इत्यादि कारण गर्मी से होने वाले रोगों को पैदा कर सकते हैं
हम कुछ छोटी-छोटी किन्तु महत्त्वपूर्ण बातो का ध्यान रख कर ,इन सबसे बचे रह कर ,गर्मी का आनंद ले सकते हैं!
उपचार से बचाव बेहतर होता है,है ना?
तो चलिए हम कुछ वचाव के तरीके जानते हैं –
- गर्मी में सूरज अपनी प्रखर किरणों से जगत के स्नेह को पीता रहता है,इसलिए गर्मी में मधुर(मीठा) ,शीतल(ठंडा) ,द्रव (liquid)तथा इस्निग्धा खान-पान हितकर होता है!
- गर्मी में जब भी घर से निकले ,कुछ खा कर और पानी पी कर ही निकले ,खाली पेट नहीं
- गर्मी में ज्यादा भारी (garistha),बासा भोजन नहीं करे,क्योंकि गर्मी में सरीर की जठराग्नि मंद रहती है ,इसलिए वह भारी खाना पूरी तरह पचा नहीं पाती और जरुरत से ज्यादा खाने या भारी खाना खाने से उलटी-दस्त की शिकायत हो सकती है
- गर्मी में सूती और हलके रंग के कपडे पहनने चाहिये
- चेहरा और सर रुमाल या साफी से ढक कर निकलना चाहिये
- प्याज का सेवन तथा जेब में प्याज रखना चाहिये
- बाजारू ठंडी चीजे नहीं बल्कि घर की बनी ठंडी चीजो का सेवन करना चाहिये
- ठंडा मतलब आम(केरी) का पना, खस,चन्दन गुलाब फालसा संतरा का सरबत ,ठंडाई सत्तू, दही की लस्सी,मट्ठा,गुलकंद का सेवन करना चाहिये
- इनके अलावा लोकी ,ककड़ी ,खीरा, तोरे,पालक,पुदीना ,नीबू ,तरबूज आदि का सेवन अधिक करना चाहिये
- शीतल पानी का सेवन ,2 से 3 लीटर रोजाना
- अगर आप योग के जानकार हैं ,तो सीत्कारी ,शीतली तथा चन्द्र भेदन प्राणायाम एवं शवासन का अभ्यास कीजिये ये शारीर में शीतलता का संचार करते हैं
तो दोस्तों इन कुछ छोटी छोटी बातो का ध्यान रख कर गर्मी की गर्मी से हम स्वयं को बचा सकते हैं!
डॉ. नीरज यादव ,एम.डी. (आयुर्वेद) आयुर्वेद चिकित्साधिकारी, बारां
—————————————————–
I am grateful to Dr. Neeraj Yadav for sharing this useful health article with AKC. Thanks a lot !
डॉक्टर नीरज द्वारा लिखा गया लेख “स्वस्थ रहने के आयुर्वेदिक उपाय” भी आप आपके स्वाथ्य के लिए काफी लाभदायक होगा.इस लेख को पढने, और लेखक का परिचय जानने के लिए यहाँ click करें.
Amit Balghare says
बोहत अच्छे टिप्स है
Bapu says
very nice article, sir hair black karane k tarike batayiye pls
thank you