कल साल 2012 का आखिरी दिन है , आमतौर पर इस वक़्त TV Channels और अखबारों में बीते हुए साल के important incidents पर रौशनी डाली जाती है …..मैंने भी कुछ दिनों पहले सोचा था की इस बार AKC पर कुछ ऐसा ही करूँगा …..मैं कुछ ऐसे घटनाक्रम चुनुगा जो important भी हों और हमें life की कुछ सीख भी देते हों . मेरे मन में सचिन तेंदुलकर और अन्ना हजारे से related दो चीजें दिमाग में थीं , पर जब कल का दैनिक भास्कर पढ़ा तो उसमे वैसा ही कुछ लिखा था जैसा मैं AKC पर लिखने की सोच रहा था , in fact उनके coverage में ऐसी 10 घटनाएँ थीं ….पर मैं आपके साथ बस तीन ऐसे incidents share कर रहा हूँ ; so let’s look at them.
1) सचिन हाय -हाय :
क्रिकेट के भगवान् को उनके सबसे बड़े मंदिर , यानि वानखेड़े स्टेडियम , मुंबई में ही अपमान सहना पड़ा …. public ने Sachin हाय -हाय के नारे लगाये ….पता नही सचिन इससे कितना दुखी हुए पर मुझे ये सच मच बहुत बुरा लगा . जिसने उन्ही लोगों को ख़ुशी के हज़ारों मौके दिए वही उसकी कुछ असफलताओं को नहीं सह पाए .
ज़रा सोचिये , अगर ये Sachin के साथ हो सकता है तो फिर इससे तो कोई भी अछूता नहीं रह सकता !!!
क्या सीख ले सकते हैं हम :
• आप अभी क्या कर रहे हैं वो matter करता है ,पहले क्या किया वो नहीं !! इसलिए लोगों के सामने अपनी past achievements के दम पर आप ज्यादा समय तक नहीं टिक सकते . हाँ ये ज़रूर है की लोग आपके किये गए कामों की वजह से आपकी respect करेंगे पर आपका bright past आपके dark present को नहीं ढक सकता . इसकी उम्मीद करना बेकार है .
• कभी भी लोगों के सामने शेखी न बघारें कि …, “ मैंने ये किया …मैंने वो किया ….मैं ये था ….मैं वो था ….”…आप अभी क्या हैं …आप अभी क्या कर सकते हैं यही matter करता है .
• Public साथ नहीं देती है family and friends साथ देते हैं . इन रिश्तों पर ध्यान दीजिये और इन्हें मजबूत बनाइये ….अंततः यही काम आते हैं .
2) अन्ना की आंधी और फिर एकदम सन्नाटा :
अन्ना ने जब भ्रष्टाचार के विरुद्ध जनलोकपाल आन्दोलन शुरू किया तब उन्हें देश भर से भारी समर्थन मिला ….वे जहाँ अनशन पर बैठते वहीँ हजारों लोग इकठ्ठा हो जाते …एक बार ऐसे ही किसी अनशन के बाद मैं उनका interview देख रहा था , वह इस आन्दोलन के बाद और कई सारे आन्दोलन छेड़ने की बात कर रहे थे ,मैंने उसी वक़्त अपनी wife से कहा था …कि मकसद नेक होने के बावजूद इनका आन्दोलन शायद ही सफल हो पाए …वजह ….FOCUS… अभी एक चीज मिली नहीं कि आप दूसरे के बारे में सोचने लगे . मैं जानता हूँ ये सब कहना छोटे मुंह बड़ी बात है …but I firmly believe कि ये सच है !!
और बाद में उनकी team से भी contradictory statements आने लगे …कभी पार्टी बनाने की बात तो कभी congress के खिलाफ प्रचार करने का ऐलान ….और अनशन पर बैठने की धमकी तो मानो आम सी बात हो गयी .
Result आप जानते हैं , अन्ना द्वारा मुंबई में किये गए अनशन में भीड़ नहीं जुट पायी …और धीरे धीरे ये आन्दोलन एकदम कमजोर हो गया …देखते हैं आगे क्या होता है .
क्या सीख ले सकते हैं हम :
• किसी लक्ष्य को पाने के लिए उस पर पूरी तरह से ध्यान केन्द्रित होना चाहिए , आप भटकेंगे तो आपके followers अधिक समय तक साथ नहीं देंगे . भले ही आप अपने मन में कोई plan लेकर चलें कि task A के बाद आप B करेंगे ….पर publicly आप इस बारे में तब तक न बोलें जब तक A complete न हो जाए .
• As a leader अगर team दिशा भटकती भी है तो आपको उसे जल्द ही रास्ते पर लाना होगा , नहीं तो team टूटने में ज्यादा वक़्त नहीं लगेगा .
• Public और media से मिले attention को temporary मान कर ही चलें , ये जितनी जल्दी आते हैं उतनी जल्दी गायब भी हो जाते हैं ….बड़ी लड़ाइयाँ ….self-confidence ,truth , trust, patience और loyal supporters के दम पर ही जीती जा सकती हैं .
• किसी ख़ास weapon को भी अगर आप बार -बार use करेंगे तो वो आम बन जायेगा . “ अनशन ” गाँधी जी का सबसे घातक हथियार था , पर वे बहुत सोच समझ कर और कभी -कभार ही इसका प्रयोग करते थे . अपने daily lives की बात करें तो भी आप देख सकते हैं कि जो parents / teachers बहुत अधिक strictness दिखाते हैं , कुछ दिनों बाद बच्चे उनसे डरने की बजाये misbehave करने लगते हैं .
3) नरेन्द्र मोदी की जीत :
सभी expect कर रहे थे की नरेन्द्र मोदी इस बार भी चुनाव जीतेंगे . पर उनके candidates Muslim majority constituencies में भी विजयी होंगे ये कम ही लोगों ने सोचा होगा . गोधरा काण्ड के बाद गुजरात में जो अभूतपूर्व हिंसा हुई उसके बाद भी अगर मोदी को Muslim support मिला तो निश्चित ही ये एक बड़ी उपलब्धि है .
क्या सीख ले सकते हैं हम :
• जैसे लोग आपके past achievements नहीं याद रखते उसी तरह वे आपके past failures को भी भुला सकते हैं , obviously उसके लिए आपको कुछ ऐसा कर के दिखाना होगा .
• Ultimately, लोग आपके काम के लिए आपको जानते हैं . काम बोलता है . अगर काम अच्चा है तो ये आपकी बाकी shortcomings को ढक सकता है . इसलिए अपने customers को अपना best देने का प्रयास करें . Customer कोई भी हो सकता है ….एक teacher के लिए उसके students, एक politician के लिए उसके voters, एक entertainer के लिए उसकी audience..customer कोई भी हो …. Just give him / her your best.
उम्मीद है मेरी तरह आपको भी इन घटनाओ से कुछ सीखने को मिला होगा . तो चलिए इसी के साथ २०१२ को करते हैं goodbye और तैयारी करते हैं २०१३ के स्वागत की. 🙂
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Girijeshsingh says
Sir,
Now I read all articles by you on this blog site.
I really feel inspiration.
& I hope I will get my goals in future..
Thanks
Anonymous says
ap ki is site se gindagi ko jine ka ek asaan tarika milta h.Maine bhi isse bahut kuch sikha h. thanks a lot mujhe mera confident lautane ke lie thank u so much
jagmohan singh alawlla says
kya bhat hai sir padne se dhimak ki gati shilta bhad gyee your word is good i like this
Amit shahi says
bahut achha hai sir aapka block esi tarah aap margdarshan karte rahe