26 January Republic Day Essay in Hindi / Speech
२६ जनवरी पर निबंध व भाषण
मातृभुमि के सम्मान एवं उसकी आजादी के लिये असंख्य वीरों ने अपने जीवन की आहूति दी थी। देशभक्तों की गाथाओं से भारतीय इतिहास के पृष्ठ भरे हुए हैं। देशप्रेम की भावना से ओत-प्रोत हजारों की संख्या में भारत माता के वीर सपूतों ने, भारत को स्वतंत्रता दिलाने में अपना सर्वस्य न्योछावर कर दिया था। ऐसे ही महान देशभक्तों के त्याग और बलिदान के परिणाम स्वरूप हमारा देश, गणतान्त्रिक देश हो सका।
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गणतन्त्र (गण+तंत्र) का अर्थ है, जनता के द्वारा जनता के लिये शासन। इस व्यवस्था को हम सभी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। वैसे तो भारत में सभी पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं, परन्तु गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं। इस पर्व का महत्व इसलिये भी बढ जाता है क्योंकि इसे सभी जाति एवं वर्ग के लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं।
गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं? मित्रों, जब अंग्रेज सरकार की मंशा भारत को एक स्वतंत्र उपनिवेश बनाने की नजर नही आ रही थी, तभी 26 जनवरी 1929 के लाहौर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरु जी की अध्यक्षता में कांग्रेस ने पूर्णस्वराज्य की शपथ ली। पूर्ण स्वराज के अभियान को पूरा करने के लिये सभी आंदोलन तेज कर दिये गये थे। सभी देशभकतों ने अपने-अपने तरीके से आजादी के लिये कमर कस ली थी। एकता में बल है, की भावना को चरितार्थ करती विचारधारा में अंग्रेजों को पिछे हटना पङा। अंतोगत्वा 1947 को भारत आजाद हुआ, तभी यह निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी 1929 की निर्णनायक तिथी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनायेंगे।
26 जनवरी, 1950 भारतीय इतिहास में इसलिये भी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि भारत का संविधान, इसी दिन अस्तित्व मे आया और भारत वास्तव में एक संप्रभु देश बना। भारत का संविधान लिखित एवं सबसे बङा संविधान है। संविधान निर्माण की प्रक्रिया में 2 वर्ष, 11 महिना, 18 दिन लगे थे। भारतीय संविधान के वास्तुकार, भारत रत्न से अलंकृत डॉ.भीमराव अम्बेडकर प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। भारतीय संविधान के निर्माताओं ने विश्व के अनेक संविधानों के अच्छे लक्षणों को अपने संविधान में आत्मसात करने का प्रयास किया है। इस दिन भारत एक सम्पूर्ण गणतान्त्रिक देश बन गया।देश को गौरवशाली गणतन्त्र राष्ट्र बनाने में जिन देशभक्तो ने अपना बलिदान दिया उन्हे याद करके, भावांजली देने का पर्व है, 26 जनवरी।
मित्रो, भारत से व्यपार का इरादा लेकर अंग्रेज भारत आये थे, लेकिन धीरे -धीरे उन्होने यहाँ के राजाओं और सामंतो पर अपनी कूटनीति चालों से अधिकार कर लिया। आजादी कि पहली आग मंगल पांडे ने 1857 में कोलकता के पास बैरकपुर में जलाई थी, किन्तु कुछ संचार संसाधनो की कमी से ये आग ज्वाला न बन सकी परन्तु, इस आग की चिंगारी कभी बुझी न थी। लक्ष्मीबाई से इंदिरागाँधी तक, मंगल पांडे से सुभाष तक, नाना साहेब से सरदार पटेल तक, लाल(लाला लाजपत राय), बाल(बाल गंगाधर तिलक), पाल(विपिन्द्र चन्द्र पाल) हों या गोपाल, गाँधी, नेहरु सभी के ह्रदय में धधक रही थी।
Pundit Jawaharlal Nehru Famous Independence Day Speech in Hindi (Video)
13 अप्रैल 1919 की (जलिया वाला बाग) घटना, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की सबसे अधिक दुखदाई घटना थी। जब जनरल डायर के नेतृत्व में अंग्रेजी फौज ने गोलियां चला के निहत्थे, शांत बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को मार डाला था और हज़ारों लोगों को घायल कर दिया था। यही वह घटना थी जिसने भगत सिंह और उधम सिंह जैसे, क्रांतीकारियों को जन्म दिया। अहिंसा के पुजारी हों या हिंसात्मक विचारक क्रान्तिकारी, सभी का ह्रदय आजादी की आग से जलने लगा। हर वर्ग भारतमात के चरणों में बलिदान देने को तत्पर था।
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अतः 26 जनवरी को उन सभी देशभक्तों को श्रद्धा सुमन अपिर्त करते हुए, गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय पर्व भारतवर्ष के कोने-कोने में बड़े उत्साह तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। प्रति वर्ष इस दिन प्रभात फेरियां निकाली जाती है। भारत की राजधानी दिल्ली समेत प्रत्येक राज्य तथा विदेषों के भारतीय राजदूतावासों में भी यह त्योहार उल्लास व गर्व से मनाया जाता है।
26 जनवरी का मुख्य समारोह भारत की राजधानी दिल्ली में भव्यता के साथ मनाते हैं। देश के विभिन्न भागों से असंख्य व्यक्ति इस समारोह की शोभा देखने के लिये आते हैं। हमारे सुरक्षा प्रहरी परेड निकाल कर, अपनी आधुनिक सैन्य क्षमता का प्रदर्शन करते हैं तथा सुरक्षा में सक्षम हैं, इस बात का हमें विश्वास दिलाते हैं।
परेड विजय चौक से प्रारम्भ होकर राजपथ एवं दिल्ली के अनेक क्षेत्रों से गुजरती हुयी लाल किले पर जाकर समाप्त हो जाती है। परेड शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री ‘अमर जवान ज्योति’ पर शहीदों को श्रंद्धांजलि अर्पित करते हैं। राष्ट्रपति अपने अंगरक्षकों के साथ 14 घोड़ों की बग्घी में बैठकर इंडिया गेट पर आते हैं, जहाँ प्रधानमंत्री उनका स्वागत करते हैं। राष्ट्रीय धुन के साथ ध्वजारोहण करते हैं, उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है, हवाई जहाजों द्वारा पुष्पवर्षा की जाती है।
आकाश में तिरंगे गुब्बारे और सफेद कबूतर छोड़े जाते हैं। जल, थल, वायु तीनों सेनाओं की टुकडि़यां, बैंडो की धुनों पर मार्च करती हैं। पुलिस के जवान, विभिन्न प्रकार के अस्त्र-षस्त्रों, मिसाइलों, टैंको, वायुयानो आदि का प्रदर्षन करते हुए देश के राष्ट्रपति को सलामी देते हैं। सैनिकों का सीना तानकर अपनी साफ-सुथरी वेषभूषा में कदम से कदम मिलाकर चलने का दृष्य बड़ा मनोहारी होता है। यह भव्य दृष्य को देखकर मन में राष्ट्र के प्रति भक्ति तथा ह्रदय में उत्साह का संचार होता है।
स्कूल, कॉलेज की छात्र-छात्राएं, एन.सी.सी. की वेशभूषा में सुसज्जित कदम से कदम मिलाकर चलते हुए यह विश्वास उत्पन्न करते हैं कि हमारी दूसरी सुरक्षा पंक्ति अपने कर्तव्य से भलीभांति परिचित हैं। मिलेट्री तथा स्कूलों के अनेक बैंड सारे वातावरण को देशभक्ति तथा राष्ट्र-प्रेम की भावना से गुंजायमान करते हैं। विभिन्न राज्यों की झांकियां वहाँ के सांस्कृतिक जीवन, वेषभूषा, रीति-रिवाजों, औद्योगिक तथा सामाजिक क्षेत्र में आये परिवर्तनों का चित्र प्रस्तुत करती हैं। अनेकता में एकता का ये परिदृष्य अति प्रेरणादायी होता है। गणतन्त्र दिवस की संध्या पर राष्ट्रपति भवन, संसद भवन तथा अन्य सरकारी कार्यालयों पर रौशनी की जाती है।
26 जनवरी का पर्व देशभक्तों के त्याग, तपस्या और बलिदान की अमर कहानी समेटे हुए है। प्रत्येक भारतीय को अपने देश की आजादी प्यारी थी। भारत की भूमि पर पग-पग में उत्सर्ग और शौर्य का इतिहास अंकित है। किसी ने सच ही कहा है-
कण-कण में सोया शहीद, पत्थर-पत्थर इतिहास है।
ऐसे ही अनेक देशभक्तों की शहादत का परिणाम है, हमारा गणतान्त्रिक देश भारत।
26 जनवरी का पावन पर्व आज भी हर दिल में राष्ट्रीय भावना की मशाल को प्रज्वलित कर रहा है। लहराता हुआ तिरंगा रोम-रोम में जोश का संचार कर रहा है, चहुँओर खुशियों की सौगात है। हम सब मिलकर उन सभी अमर बलिदानियों को अपनी भावांजली से नमन करें, वंदन करें।
जय हिन्द, जय भारत
अनिता शर्मा
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Thanks a lot Anita ji for inspiring us with a great Republic Day Essay in Hindi. One may use it to deliver Republic Day Speech in Hindi (BHASHAN)
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Basit Ansari says
Thank you so much for sharing wonderful speech with us.
Sangeeta says
Hello sir
me apki website ki regular user hu. apki story and post padh k bhut mja aata h.
thanks for making this website.
Deepak Vaishnav says
मेरा भारत महान, बहुत अच्छी स्पीच थी
Anshul Gupta says
लोकतंत्र = जनता का जनता द्वारा शासन ।
गणतंत्र = जहां का राष्ट्र अध्यक्ष निर्वाचित होता है ।
यहां लोकतंत्र को गणतंत्र के रूप में परिभाषित किया गया है । जो कि गलत है ।
Avneet kaur says
Very Good speech on republic days….. avneet
Jatin says
It’s my best speech i ever read THANK YOU
Himanshu Grewal says
thx for sharing this speech 🙂
sabbir haque says
thank u so much anita ji for good speech on republic days ..
md sarwar says
Thank you very much for nice speech…….