Exam के दिनों में students का tense होना स्वाभाविक है. मेरी समझ से Tense होना हमेशा बुरा नही होता , यदि tension आपको कुछ अच्छा करने के लिए push करे तो वो ठीक है. अगर अपने school days को याद करूँ और उसमे से exams और class tests को हटा दूँ तो शायद जितनी पढाई की उसकी 25% ही की होती. Exams हमें पढने के लिए force करते हैं , और पढने से हमें knowledge मिलती है , knowledge हमें confidence देता है , जो किसी भी काम को करने के लिए जरूरी है…तो in a way अगर exams नहीं होते तो आज मैं जो कर पा रहा हूँ वो नहीं कर पाता.
Exams हमें दबाव में काम करना सीखाते हैं , हमें strong बनाते हैं , वे हमें adverse situations handle करना सीखाते हैं , वे हमें selective होना सिखाते हैं , टाइम मैनेज करना सिखाते हैं, वे हमें stretch करना सीखते हैं , और ये सभी चीजें life में successful होने के लिए कहीं न कहीं चाहिए होती हैं.
Friends , exams के समय थोडा stress होना , थोडा pressurize होना लाज़मी है , पर यदि हम एक्साम्स को एक अलग mind-set के साथ handle करें तो हमें फायदा होगा. और आज इस article में मैं आपसे ऐसी ही 8 बातें शेयर कर रहा हूँ , तो आइये जानते हैं इन्हें:
1) Exams अच्छे हैं :
भले ही आज आपको ये बुरे लगें , लेकिन यकीन जानिये ये आपको इंतना कुछ सिखा जाते हैं की आपकी बाकी की life को comparatively आसान बना देते हैं. May be आप exams को एक कड़वी दवा के रूप में देख सकते हैं , जिसे आप पीना तो नहीं चाहते पर इसे पीये बिना आपकी बीमारी भी नहीं जा सकती . खुद से बार -बार कहिये , मन में दोहराइए ….exams अच्छे हैं …exams अच्छे हैं…चाहे तो लिखकर दीवार पर चिपका भी लीजिये.. फरक दिखेगा.
2) तैयारी का अलग ही मजा है :
Exams की तैयारी कुछ ख़ास होती है और board exams हों तो बात ही कुछ और है. वो घंटों किताबों में उलझे रहना , alarm लगा कर सुबह उठाना , TV serials, cricket matches की कुर्बानी देना …joint study के लिए बैठना और कुछ भी ना पढना :). Light जाने पर lamp जला कर पढना ,and what not. ये ऐसे पल होते हैं जो routine से बिलकुल अलग होते हैं , और इनका अपना ही मजा होता है. इन पल को burden के रूप में ना देखें , बल्कि enjoy करें.
3) आपको अपना best effort देना है ; बस !
Be realistic, अगर आप पहले के exams या test में average रहे हैं और पूरे साल आपने कुछ extra efforts नहीं डाले हैं तो सिर्फ exams के वक़्त पढ़कर चमत्कार की अपेक्षा न करें. क्या हुआ भूल जाएं , बस ये देखें की अब आपके पास कितना समय बचा है और उसमे अपने बेस्ट effort देने की कोशिश करें. ये सोचना बेकार है कि आपके class के और बच्चे क्या – क्या पढ़ चुके होंगे , कितना revise कर चुके होंगे , आपको किसी और को देखने की ज़रुरत नहीं है …किसी comparison की ज़रुरत नहीं है …और फायदा भी क्या है ऐसा करने से , कुछ सालों बाद उसमे से 10% से भी कम आपके touch में होंगे. …तो दिखाना किसे है ? बस खुद को ! इसलिए कुछ ऐसा न करिए कि बाद में अफ़सोस हो ….”काश मैंने पढाई की होती !!” and all.
अपना best effort दीजिये और ऐसा करते हुए आप fail भी हो जाते हैं तो कोई बात नहीं. लेकिन बिना effort किये ही हार मान लेते हैं तो इससे बुरी भी कोई बात नहीं. Just put in your best effort, बाकि सब भगवान् पर छोड़ दीजिये.
4) Time is “Marks”:
Time एक limited resource है , इसे waste करना बेवकूफी है. Exams के समय तो ये पाप है.ये समय है time को manage करने का , smartly manage करने का. ये नहीं की बस कोई भी subject उठाया और पढना शुरू कर दिया. इसे एक strategy के साथ approach करिए , और ये strategy आपकी अपनी बनाई हुई होगी ….unique होगी. ऐसे plan out करिए की हर subject पूरी तरह से cover हो जाये …ये न हो कि एक subject को 5 दिन दिए और एक को आधे दिन में ही निपटा दिया. इत्मीनान से बैठिये , गहरी साँसे लीजिये ,….ये सोचिये की आपको कौन से subject को कितना time देना है. Date wise time-table create करिए , कोई difficult subject है तो उसके साथ easy subjects पढने का भी plan करिए. Sample papers या पिछले साल के पेपर्स solve करने के लिए जरूर वक़्त निकालिए. दोस्तों, time सिर्फ money ही नहीं है marks भी है …so better don’t waste it.
5) आपके parents आपके marks से कहीं अधिक आपको प्यार करते हैं :
पढने के लिए किसे डांट नहीं पड़ती !! Of course, उन पढ़ाकू लगों को छोड़ दीजिये जो किताब लेकर ही पैदा हुए हैं. पर आपके -मेरे जैसे भोले -भाले लोगों को पढने के लिए डांट पड़ना तो आम सी बात है. हमारे parents इस बात को लेकर बहुत चिंतित होते हैं कि हम इस cut throat completion के युग में ठीक से settle हो पाएं. एक अच्छी नौकरी और exams में मिले अच्छे numbers का जो गहरा नाता है वो उन्हें चिंतित कर देता है कि अगर उनका बच्चा अच्छे numbers नहीं ला पाया तो उसके future का क्या होगा. और यही चिंता उन्हें आपको डांटने …और कभी कभी मारने के लिए मजबूर करती है. Specially , middle class families में जहाँ अच्छा future= अच्छे numbers माना जाता है ये और भी अधिक देखने को मिलता है.
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पर आप आज की generation के हैं , आप smart हैं ; अपने parents की सोच को समझिये , वो आपको बहुत प्यार करते हैं …इतना की आपको इस cruel-world में परेशान होते नहीं देख सकते इसलिए वो आपको पढने को कहते हैं , उनका सम्मान करिए ये बात गाँठ बांध लीजिये कि वो भले आपको marks लाने के लिए डांटे -फटकारें but at the end of the day आप उनकी जान हैं , किसी भी सूरत में वो marks से कहीं अधिक आपको प्यार करते हैं !
6) World is full of opportunities:
Only अच्छा future= अच्छा marks is past. Present बिलकुल अलग है , बिलकुल fresh है. ये कुछ -कुछ 3 Idiots की story जैसा है ….जो पुराना है उसे बस दो चीजें पता हैं , लड़की हुई तो Doctor , लड़का हुआ तो Engineer, लेकिन जो नया है वो तो कुछ भी कर सकता है ….wild life photographer भी बन सकता है. जिस दुनिया में हम जी रहे हैं वो 10-15 साल पहले की दुनिया से बहुत अलग है ….India में भी आज career बनाने के ढेरों options हैं. And luckily उनका marks से कोई direct relation नहीं है. Liberalization की wave ने कई viable career options ओपन कर दिए हैं आज आप interior decorator, fashion designer, chef, actor, singer, sportsman, blogger, choreographer, entrepreneur, networker, और ना जाने क्या – क्या बन सकते हैं.
मैं यहाँ कुछ super achievers के नाम share कर रहा हूँ जो पढाई लिखी के लहजे से काफी सामान्य थे:
- Sunil Bharti Mittal – Bachelor of Arts and Science (Ludhiyana) – Founder of Airtel.
- Kunwar Sachdev – BSc (Hons) Delhi – Founder of Sukam Inverter
- Sanjeev Kapoor- Diploma in Hotel Mangement- Celibrity Chef
- Vishwanathan Anand – BCom ,Chennai – Chess Grand Master
- Sushant Singh Rajput –Btech Drop out—Actor of Kai Po Che and Pavitr रिश्ता
- Priyanka Chopra— Not completed Graduation— Miss World, Actress
It means एक सामान्य स्टूडेंट हो कर भी आप लाइफ कुछ बड़ा हांसिल कर सकते हैं.
7) जो होता है अच्छा होता है :
और ज्यादातर cases में ये बहुत बाद में पता चलता है कि जो हुआ अच्छा हुआ. आप भी exam में paper खराब हो जाने , या even fail हो जाने पर खुद को ज़रुरत से अधिक मत कोसिये , कई बार success की शुरुआत failure के साथ होती है. इस बात में हमेशा यकीन करिए कि आपके साथ जो best हो सकता है वही हो रहा है और अगर कुछ बुरा हुआ है तो वो भी आगे चल कर आपकी life से कुछ ऐसे connect हो जायेगा जो उसे अच्छा साबित कर देगा. For e.g Late Steve Jobs को उन्ही की बनायीं company Apple से निकाल दिया गया , पर उन्होंने बाद में खुद अपनी famous speech में कहा है कि इससे अच्छा उनकी life में कुछ हो ही नहीं सकता था.
आगे बढ़ते हुए इन चीजों को पूरी तरह से नहीं समझा जा सकता पर जब बाद में हम पीछे मुड़ कर देखते हैं तो events को correlate कर पाते हैं और तब समझ में आता है कि जो हुआ अच्छा हुआ.इसलिए expected results ना आने पर भी दिल छोटा मत कीजिये. क्या पता सालों बाद आप भी किसी स्पीच में कहें कि इससे अच्छा आपके साथ कुछ हो ही नहीं सकता था.
8) Don’t worry कि “लोग क्या कहेंगे!!” :
To make it simple suppose करते हैं दुनिया में तीन तरह के लोग होते हैं :
A) जो हमें सफल होते देखना चाहते हैं : हमारे parents, family members, a few relatives and friends. Basically ऐसे लोग जिनसे हम emotionally बहुत अधिक attached होते हैं.
B) जो हमें असफल होते देखना चाहते हैं : वो ऐसा क्यों चाहते हैं ; I don’t know; इस group में कोई भी हो सकता है , कोई fake friend, relative, पड़ोसी या कोई और.
C) जिनको हमसे कोई मतलब नहीं है : Amitabh Bachchan, Sachin Tendulkar, 🙂 etc
जहाँ तक Exam और उसके results की बात है तो सबसे पहले C type के लोगों को भूल जाइये ; क्योंकि वो भी आपको याद नहीं करते. Now, results को लेकर आपको A type के लोगों की चिंता नहीं करनी चाहिए , ये आपकी life के pillars हैं , हर परिस्थिति में आपके साथ खड़े रहने वाले , हाँ ये जरूर हो सकता है कि ये ऊपर से ऐसा न दिखाएं पर इतना निश्चित है कि इनसे बड़ा आपकी life में कोई support हो ही नहीं सकता.
A ओर C हो गए ; बचे B type वाले , आप खुद सोचिये जो लोग आपको असफल होते देखना चाहते हैं आपको उन्हें कितनी importance देनी चाहिए ….ज़रा भी नहीं. वो जैसा feel करते हैं करें , मेरे fail होने पर खुश होते हों तो हों …मेरे पास होने पर रोते हों तो रोएं , मुझे तो उनपर ध्यान ही नहीं देना है. क्योंकि उनपर ध्यान देना मतलब अपनी life में negativity को attract करना , इसलिए just leave them. अगर आप इस group को खुश करें की कोशिश करेंगे तो कभी नहीं कर पाएंगे ….
जब आप fail होंगे तो ये कहेंगे..”fail हो गया ….”
जब आप पास होंगे तो ये कहेंगे , “ तो क्या हुआ first division तो नहीं ला पाया ना “
जब आप first division ले आयेंगे तो ये कहेंगे , “ जरूर cheating किया होगा ”
इनको खुश करने वाले हमेशा दुखी ही रहते हैं …और कुछ तो suicide करने जैसे बेवकूफी भरे काम को भी अंजाम दे देते हैं …..ऐसे लोगों पर दया से अधिक गुस्सा आता है ….भला कोई अपने पड़ोसी की नज़रों से बचने के लिए ये अपनी माँ से हमेशा-हमेशा के लिए कैसे मुंह फेर सकता है !!
Friends, आप academic exams में top कर पाएं या नहीं लेकिन ज़िन्दगी के इम्तहान में आप निश्चित रूप से top कर सकते हैं. इसलिए , जहाँ तक exams की बात है अपने best efforts से आप जो marks ला पा रहे हैं लाइए , exams life का एक छोटा सा पार्ट हैं , इनका अपना मजा है , इसे enjoy करिए और आगे बढ़ते जाइये.
All the best ! 🙂
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निवेदन : यदि यह लेख , ” How to handle examination pressure/ stress in Hindi ?” आपके लिए लाभप्रद रहा हो तो कृपया कृपया comment के माध्यम से मुझे बताएं.और इसे अपने friends के साथ ज़रूर share करें.
This 8 Rules allways help in our study in future … Great rules sir… Thank u
good
Exam me stress to rehta hi he jaise mera paper achchha jaayega yaa nahi,me pura question paper complete kar paunga yaa nahi,me exam se pehle sabhi subjects kaa course complete kar paunga yaa nahi.
lekin jitna stress hota he utna mjaa bhi aata he jaise students exams me colorful cloths pehankar aate he,jis chehre ko humne pure saal nahi dekha vah bhi hume dekhne ko milte he means ki kai students aise hote he jo sirf exam dene hi aate he,class me humari aajubaju ki banch par aanewale sbhi students humare friend ho jaate he.
jaise aapne kahaa sirf exams nahi lekin dusri chije bhi mhtvpurn he jaise time management,apne parents ki feeling kaa dhyan,jo hota he vah achchhe ke liye hota he or exam me fail hona jivan kaa ant nahi he aage or bhi bahut opportunities he,kyaa huaa ydi aek rasta bandh huaa ydi hum najar karenge to aage or bhi kaafi raste khulle dikhenge
Hi sir..बहुत अच्छा Article ..But क्या आप सोचते हैं कि इस तरह की पढ़ाई ठीक है। मुझे नही लगता। ये बस marks की पढ़ाई होती है। आपको marks से हटकर पढ़ने के बाबत कुछ लिखना चाहिए! sir..plz visit my site: sochokuchnaya.simplesite.com
exam ki tension ko handle karne ke bahut achche tarike bataye hain, bachcho ko iski kafi sahayata hongi.
u r story is best inspiration .
thanks…
Nice tips sir
Stady karni hei to dil sei karo.
Aap agar top bhi nahi karoge
to kabhi feil b nahi hoge .
Nice Tips sir …Tnx
Very nice exam tips good luck
मेरी नज़र में Examination Stress को Handle करने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि आप ख़ुद से पूछें “अभी मैं क्या कर सकता हूँ?” पूरे सत्र में मैंने ठीक से पढ़ाई की या नहीं इसका रोना ना रोकर आज और अभी मैं परीक्षा के लिए क्या कर सकता हूँ इस बात पर सोचना ज्यादा अच्छा है।
दूसरी बात मैं ये कहना चाहता हूँ कि “Don’t Lose Hope” और अंत तक Fight कीजिये, क्योंकि बड़े-बड़े चमत्कार भले ही बहुत कम हों पर छोटे-मोटे “Good Luck” मिलते रहते हैं।