Friends, अगर आप पिछले कुछ समय से AKC के reader हैं तो शायद आपने ध्यान दिया होगा कि जो articles मैं खुद लिखता हूँ (not the translations) वो अमूमन बहुत लम्बे होते हैं . Actually मैं intentionally ऐसा नहीं करता ; मेरी कोशिश होती है कि मैं अपनी बात को अच्छी तरह से express करूँ ताकि पढने वाले को वाकई में फायदा हो . और इसी कोशिश में articles लम्बे …बहुत लम्बे हो जाते हैं .
पर इसका एक दूसरा पहलू भी है …मेरी लिखने की frequency बहुत कम रहती है …max 2-3 articles per month. और ऐसा इसलिए नहीं है कि मैं एक लेख लिखने में बहुत अधिक time लेता हूँ , नहीं , बल्कि मैं एक या दो sitting ; say 4-5 hours में एक आर्टिकल कम्पलीट कर लेता हूँ …पर मैं लिखता तभी हूँ जब कोई बात मुझे बहुत अधिक appeal करती हो . और इसी वजह से मैं ऐसी कई छोटी -छोटी बातें जो appeal तो करती हैं पर शायद उस हद्द तक नहीं को pass होने देता हूँ , और उसपर कुछ नहीं लिखता .
पर अब मैंने अपनी writing style के साथ थोडा experiment करने का सोचा है …अगले कुछ दिनों तक मैं short length articles more frequently publish करूँगा …और अगर सही लगा तो इसे continue भी करूँगा . Of course जब भी कुछ बहुत appealing mind में आएगा तो आपको फिर से super-long articles bear करने होंगे :).
Well, तो चलिए अब इन short length या ये कहें कि not so long articles की शुरआत इस लेख से करते हैं :
Google , आप और आपकी सोच !
आपका दिमाग Google की तरह काम करता है ; या ये कहें कि Google आपके दिमाग की तरह काम करता है . खैर जो भी हो , वो important नहीं है ; important ये है कि हम अपने दिमाग की processing को समझें और उसे अपने favour में use करें .
अगर आप अभी इस site को internet पे पढ़ रहे हैं तो मैं 99.99% confidence के साथ कह सकता हूँ कि आप Google use करते होंगे . और most probably आप पहली बार या फिर आज भी इस site पर Google use कर के ही आये होंगे .
हम Google क्यों use करते हैं ?
अपने मतलब की चीज internet पर खोजने के लिए .
हम गूगल कैसे use करते हैं ?
हमें जो खोजना होता है उसके instructions Google को देते हैं और वो हमारे सामने उससे related results display कर देता है .
यानि हमारा output हमारे input पर depend करता है .
Now let’s do a small exercise:
आप Google पर type करिए : “ Why India is good”
Results पर ध्यान दीजिये .
अब टाइप करिए , “Why India is bad”
Results देखिये .
क्या हुआ …जो खोजा वो पाया … isn’t it?
Exercise को continue करते हैं :
आँखे बंद करिए और अपने mind से पूछिए , “ Why India is good?”
Mind में जो pictures आ रही हैं उसपर ध्यान दीजिये . क्या दिखा … culture, temple, Bollywood , मौसम , नेचुरल ब्यूटी , सचिन तेंदुलकर, family, people…
एक बार फिर आँखें बंद करिए और mind से question करिए , “Why India is bad?”
क्या दिखा ….गरीबी , corruption, rape , सडकें , बिजली, … जो खोजेंगे वो मिलेगा …but problem ये है कि हमें कमियां और बुराइयाँ खोजने की आदत सी पड़ गयी है …
Even अगर हम ऊपर के example की बात करें तो बहुत से लोगों (including me ) ने जब ” Why India is good ” सोचा होगा तो mind की processing slow रही होगी…थोडा जोर लगाना पड़ा होगा कि अच्छा क्या है , पर बुराई तुरंत दिखी होगी…ऐसा शायद हमारे एनवायरनमेंट की वजह से है ,जहाँ हमेशा negative news को ही अधिक coverage दी जाती है..but the important thing is कि थोडा खोजने पर अच्छाई भी दिख जाती है.
इतना याद रखिये की न गूगल और ना हमारा दिमाग हमें गलत रिजल्ट दिखायेगा….जब “good” खोजेंगे तो “good” दिखेगा, जब “bad” सोचेंगे तो “bad” दिखेगा… वे हम रोकेंगे नहीं कि, “अरे आप , अच्छी चीज क्यों नहीं खोज रहे,” या ऐसा नहीं करेंगे कि आप बुरी चीज खोजें तो खुद से आपको अच्छी चीज दिखा दें..इसलिए हमें खुद ही अलर्ट रहना होगा, और जैसा हम चाहते हैं वैसा ही सोचना होगा…
Friends, अगर हमे life में कुछ बड़ा करना है तो हमें अच्छा खोजने की आदत डालनी ही होगी ..positive सोचना होगा ….हर situation में दिमाग को सही instructions देने होंगे …क्योंकि आपका input ही आपका output decide करता है …कंप्यूटर पे ही नहीं लाइफ में भी…
हम ये नहीं कहेंगे कि , “ मैं ये क्यों नहीं कर सकता ?” हम ये कहेंगे कि “ मैं ये क्यों कर सकता हूँ ?”
हम ये नहीं दोहराएंगे कि “luck खराब है ”, हम ये सोचेंगे कि , “हम कितने lucky हैं ”
हम इस पर दिमाग खर्च करेंगे कि “सामने वाला अच्छा क्यों है ”, इस पर नहीं कि “ वो बुरा क्यों है ..”
I believe, हम भगवान् की बनायी हुई सबसे नायाब creation हैं , उसने हमें वो सारी खूबियाँ दी हैं जो इस life को शानदार बनाने के लिए काफी हैं …जो लोग इनका use सही ढंग से करते हैं वो महान बन जाते हैं और जो नहीं करते वो आम रह जाते हैं ….
Let’s not become ‘आम’ , let’s become ‘महान’ .
All the best 🙂
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कृपया अपने comments के through बताएं कि क्या ये Hindi Article आपके लिए helpful था ?
Jayshree says
Yes,hum jaisa sochhte hai. Vesa hi ban jaate hai
Renu says
Nice
Suraj says
But I don’t agree
अमित मोदी says
ये सही बात है कि जैसा हम सोचते है वैसा बन जाते है।
Sukhnandan Kosle says
Sir,mai achhikhabar ka bahut jyada hi fan hun Mujhe jab bhi time Milta hai Jajur padhta hun aur apne daily life me implement krta hun.
Thanks sir
Vikash says
Very nice sir
Dharmender Panghal says
Great Sir
AmanPreet says
Very Very useful article. Kaha se or kese sochte ho aap ye sab?
Richa thakur says
Very nice article bahut acha laga really superb article sir aaj maine pahli baar padha but mere man ko choo gayi bahut hi acha laga thanks….