
खुद लिखो अपना भाग्य !
“ जो लिखा होगा वो होगा !” . ये एक ऐसा statement है जो भारतीय घरों में आम है . इसी बात को लोग और भी कई तरीकों से कहते हैं , “चाहे कुछ कर लीजिये जो किस्मत में होगा वही मिलेगा ….” , “ समय से पहले और भाग्य से ज्यादा कभी किसी को कुछ नहीं मिलता ….”, “ सब पहले से तय है ऊपर वाले ने जो लिख दिया वही होगा …” and many such versions.
क्या आप भी इस बात में यकीन करते हैं ? करते हों तो भी हैरानी की कोई बात नहीं , जो बात हजारों बरसों से दोहराई जा रही हो और जिसे हम बचपन से सुनते आ रहे हों ; वो गलत होके भी सही ही लगेगी .
Friends, मैं भाग्य में यकीन और भगवान् में अटूट विश्वास रखता हूँ , पर मैं इस चीज को नहीं मानता कि सब कुछ पहले से decided है और उसे बदला नहीं जा सकता है.मेरी समझ से भाग्य 90% हमारे कर्मो का फल है , और 10 % divine intervention. और कभी भी 10% ; 90% के पहले नहीं आता जब तक आप कर्म नहीं करेंगे तब तक वो intervene नहीं करेगा .
इसे थोडा समझते हैं …
Suppose करिए कि आप भगवान् हैं , और आपको अपनी एक दुनिया बनानी है …आप क्या करेंगे एक ऐसी दुनिया बनायेंगे जहाँ सब कुछ पहले से तय हो …. X इस दिन पैदा होगा , यहाँ पढ़ेगा , ये काम करेगा …और एक दिन मर जायेगा ….या आप कुछ basic qualities के साथ X को design करते जिसके बल पर वो खुद अपनी कहानी लिख सके , जो चाहे वो कर सके …अच्छा -बुरा कुछ भी .Of course, as a Creator आप उसके कर्मो के हिसाब से उसे अच्छा -बुरा फल देने का अधिकार रखते .
मैं तो दूसरा option choose करता उसमे excitement है , opportunity है …equality है …हर किसी को हर कुछ करने की आज़ादी है …इसमें रोमांच है …मेरे ही बनाये गए almost एक जैसे दो लोग क्या करते हैं …ये देखने की curiosity है …
वहीँ पहला option तो एक FIX cricket match की तरह है …मुझे पता है …अगली ball wide जानी है …इस over में छक्का पड़ना है …सचिन को नाम कमाना है …श्रीसंत को डुबोना है …कैसा लगेगा ये …एकदम नीरस …कोई मजा नहीं कोई, रोमांच नहीं …क्यों बनाऊंगा मैं ऐसी दुनिया जहाँ सब कुछ इतना boring हो …नहीं बनाऊंगा .
And I believe भगवान् भी ऐसा ही कुछ करेंगे …आखिर वो ऐसी नीरस दुनिया क्यों बनायेंगे , और अगर बनाते हैं तो फिर पाप -पुण्य का तो सवाल ही नहीं उठता , क्योंकि अगर मैं सिर्फ वही कर सकता हूँ जो लिखा है …तो खून करने पर भी दोष मेरा नहीं लिखने वाले का हुआ न ???
भला भगवान् हमारी गलतियों का दोष खुद क्यों लेंगे ?
दोस्तों , अगर आप जाने-अनजाने भाग्य में कुछ इस तरह यकीन कर बैठे हैं कि वो आपको ऊपर उठाने की बजाये नीचे गिरा रहा है तो इस believe को अपने जेहन से उखाड़ फेंकिये …आप कुछ भी कर सकते हैं …उसने हर एक इंसान को वो सारी शक्तियां दी है कि वो कुछ भी कर सके …इसलिए भाग्य को मत कोसिये …होता वो नहीं जो लिखा होता है …होता वो है जो आप लिखते हैं … इसलिए भाग्य की आड़ में कमजोर मत बनिए ….आगे बढिए और अपने कर्म से अपनी मेहनत से खुद लिख डालिए अपने भाग्य को .
All the best! 🙂
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कृपया अपने comments के through बताएं कि क्या Luck से सम्बंधित ये Hindi Article आपके लिए helpful था ?
A nice article that proves no one is responsible for your life. You have to create it your self by your hand.
Thanks to motivate us.
HINDI,
“kar khudi ko buland itana ki khuda bande se puche teri raja kiya hai” dosto tap ya tapsaya ka arth hai kisi bhi viprit parstithi me karam karte rahana, jiske falswaroop ek aisa sujham adrashya vatavaran kiran roop me karmsheel vaykti ke charo aur vinemit hota hai ki vah puri shakti se lakchhya prapti ki aur protshahit karta hai”
ENGLISH,
“work is worship” Dedication and concentration towards to achieve the goal create a very strong fine rays field around a person who push courage inside his mind to overcome the hurdles to achieve target”
मुझे आपका लिखा बहुत पसंद आया |
आपकी बातें अक्षरशः सत्य है |
मैं आपकी बातों से प्रभावित हुआ हूँ |
प्रेरित हुआ हूँ |
बहुत बढिया। कर्म फल ही भाग्य फल कहलाता है।
Sir, I agree with you. I will try to my best and creat a new life with myself.
Thank you very much for great information.
बहुत से लोग होते हैं दुनिया में जो हाथ की लकीरों पर विश्वास न करके अपनी किस्मत खुद बनाने में यकीन करते हैं.
गोपाल जी, बहुत दम है इस लेख में “जो लिखोगे वो होगा”. हाँ ऐसे कई उदाहरण हैं इस संसार में जहाँ लोगों ने असंभव को संभव करके दिखाया है. ‘लिखने वाले ने लिख डाला’ पर यकीन न करके लोग अपनी तकदीर खुद लिखते हैं. आशा है ये लेख उन लोगों के लिए लाभदायक होगा जो किस्मत के ही भरोसे रहते हैं.
बड़ी ही अच्छी बात लिखी है आपने इस लेख में. जिंदगी में चुनौतियों को स्वीकारने और आगे बढ़ना अपने आप में एक रोचक अनुभव है.
इस पोस्ट को भी जरुर देखें:” क्या हाथ की लकीरों में लिखा ही तकदीर होती है?”
http://www.hindisuccess.com/2015/12/kya-hath-ki-lakiro-me-likha-hi-takdir-hoti-hai-in-hindi.html
really inspirational and eye opening story.The way to tell the truth is so real and easy.
Very nice and mind changing article Gopal Sir.
It is a best article by you.
http://www.hindisuccess.com
Really. Hota yahi h Sir..sab karma per nibher karta h aur jo apne samay ki mahtwata samjhta h wahi aage badta h aur humesha aage rahta h. jo hum banna chahte h hum waise hi bante h.wo humare uper nibhar karta h ki hum kya banna chahte h… Thank You sir aap humen itna achchha Gyan dete h…aapka bahut bahut dhanyawad..Dil se…