2013 की आखिरी पोस्ट में मैं इस साल की तीन ऐसी घटनाओ का जिक्र करना चाहता हूँ जिससे हम कुछ सीख या सबक ले सकते हैं। तो आईये देखते हैं इन्हे :
1) अकेला चना भाड़ फोड़ सकता है :

CM= Common Man
“अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता” ये कहावत समय समय पर झुठलाई जाती रही है और हालिया उदाहरण है अरविन्द केजरीवाल जी। एक साल के अंदर नयी पार्टी बनाना और बीजेपी और कोंग्रेस जैसी बड़ी पार्टियों को पीछे छोड़ दिल्ली की सत्ता पर कब्ज़ा करना… चूँकि ये हो चुका है इसलिए हम सब इस पर यकीन कर सकते हैं नहीं तो 99% लोग इसे हवाई किले बनाने की ही संज्ञा देते।
पर यहाँ एक बात ध्यान देने वाली है कि अरविन्द केजरीवाल को रातो-रात सपना नहीं आया कि चलो देश को बदलें, वो इस काम में अपने कॉलेज डेज से ही लगे हुए थे , IIT के करीब झुग्गी-झोपड़ियों में जाकर पढ़ाते थे , देश सेवा के लिए टाटा की नौकरी छोड़ी ,आईएस में भी चयनित हुए , पर वहाँ भी बात जमी नहीं , अतः करोड़ों युवाओं की इस ड्रीम जॉब को छोड़ कर अपना पूरा समय परिवर्तन नामक NGO में लगा दिया … कई अवार्ड्स भी जीते , जिसमे प्रमुख है एशिया का नोबेल कहा जाने वाला रैमन मैग्सेसे अवार्ड।
सीख : बड़े सपने देखो , उनका पीछा करो , अगर इच्छा दृढ है और मन साफ़ है तो लोग भी साथ देंगे और सपने साकार होंगे .
2) वजह सही हो तो ऊर्जा आ जाती है :
हाल ही में एक खबर आयी थी , दिल को छू गयी . लाता ताई , उम्र 65 साल ने, पुणे में आयोजि 3 किमी की मैराथन में हिस्सा लिया , साडी पहन कर , नंगे पाँव दौड़ी और एक से एक एथलीट्स और पुरुष धावकों को पीछे छोड़ती हुई सबसे आगे निकल गयीं और इनाम में रखी पांच हज़ार की रकम जीत ली , वे दौड़ने की शौक़ीन नहीं हैं….वो तो बस इन पैसों के लिए दौड़ी थीं ताकि अपने बीमार पति का इलाज़ करा सकें। जब लोगों ने जाना तो और भी मदद सामने आयी और उनके अकाउंट में डेढ़ लाख रूपये जमा हो गए। IMAGE HERE
सीख : हम जो भी करना चाहते हैं अगर उसके पीछे एक बड़ी और नेक वजह हो , तो ईश्वर उस काम को करने के लिये खुद हमारी मदद करता है , हमारे अंदर एक ऊर्जा का संचार कर देता है और असम्भव भी सम्भव हो जाता है।
3) गलत काम का गलत नतीजा :
देश का system कुछ ऐसा हो चला था कि लगता था रसूखदार लोगो को कभी सजा नहीं हो सकती। लेकिन 2013 कुछ अलग था , इसने बार-बार दिखाया कि कोई भी क़ानून से बढ़कर नहीं है , चाहे वो आसाराम जैसा संत हो या , श्रीसंत जैसा खिलाडी, संजय दत्त जैसा अभिनेता , वर्षों से मेडिकल कॉलेज में एडमिशन की धांधली काने वाले डॉक्टर्स , या तेजपाल जैसा media mogul … , यहाँ तक की लालू जैसा बड़े नेता को भी महीनो जेल में रहना पड़ा।
सीख : इन घटनाओ से हम सीख ले सकते हैं कि अगर हम किसी गलत काम में involve होंगे तो आज नहीं तो कल हमें उसका नतीजा भुगतना ही पड़ेगा। अतः हमे क़ानून के दायरे में रह कर ही अपने काम करने चाहिएं।
तो चलिए इसी के साथ 2013 को करते हैं अलविदा और तैयारी करते हैं 2014 के स्वागत की. 🙂
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प्रत्येक व्यक्ति को ईश्वर ने कोई न कोई विशेषता दी है वह उस तरह अलग है जैसे हाथों की रेखाएं ,गले की आवाज l यदि हम इस बात को समझ ले तो जान जायेंगे कि मुझे कौन सा विशेष काम करने के लिए जन्म दिया गया है ,तभी तो “एकला चलो रे”जैसे सन्देश हमें “सबसे पहले कौन” तब टूटेगा मौन i गलत है कि अकेले हम कुछ नही कर सकते आप जहां खड़े होंगे लाइन वहीं से शुरू हो जायेगी बस …मन का डर खतम हो जाए उसके आगे जीत का रास्ता खुला है l
Pleae Apne vote kisi Bharsatal char ke hath me n de
this is the big advise for you please so be Aleart
So keep it up.
thanks sir …bahut achhi bat likhi aap ne
Sir,
A lot thanks for your very nice and the best articles.
LN Sharma
Achchhi avm Sachhai se prerit lekh……..