हमारी सकारात्मक सोच, सकारात्मक संवाद और सकारात्मक कार्यों का असर हमें सफलता की ओर अग्रसर करते हैं।

Be Positive Think Positive
वहीं निराशा तथा नकारात्मक संवाद व्यक्ति को अवसाद में ले जाते हैं क्योंकि विचारों में बहुत शक्ति होती है। हम क्या सोचते हैं, इस बात का हमारे जीवन पर बहुत गहरा असर होता है। इसीलिए अक्सर निराशा के क्षणों में मनोवैज्ञानिक भी सकारात्मक संवाद एवं सकारात्मक कहानियों को पढने की सलाह देते हैं। हमारे सकारात्मक विचार ही मन में उपजे निराशा के अंधकार को दूर करके आशाओं के द्वार खोलते हैं।
स्वामी विवेकानंद जी कहते हैं, “हम वो हैं जो हमारी सोच ने हमें बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौंण हैं, विचार दूर तक यात्रा करते हैं।“
भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, गरीब मछुआरे के बेटे थे। बचपन में अखबार बेचा करते थे। आर्थिक कठनाईंयों के बावजूद वे पढाई करते रहे। सकारात्मक विचारों के कारण ही उन्होने भारत की प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनेक सफलताएं हासिल कीं। अपने आशावदी विचारों से वे आज भारत में ही नही बल्कि पूरे विश्व में वंदनीय हैं। उन्हे मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है। हमारे देश में ही नही अपितु पूरे विश्व में ऐसे अनेक लोग हैं जिन्होने विपरीत परिस्थिति में भी अपनी सकारत्मक वैचारिक शक्ति से इतिहास रचा है।
20वीं सदी के महानतम राजनेताऔं में से एक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चर्चिल बचपन में हकलाते थे, जिसके कारण उनके सहपाठी उन्हे बहुत चिढाया करते थे। अपनी हकलाहट के बावजूद चर्चिल ने बचपन में ही सकारत्मक विचारों को अपनाया और मन में प्रण किया कि, मैं एक दिन अच्छा वक्ता बनुंगा। उनके आशावादी विचारों ने विपरीत परिस्थिति में भी उन्हे कामयाबी की ओर अग्रसर किया। द्वितीय विश्व युद्ध के समय ब्रिटेन को एक साहसी अनुभवी और सैन्य पृष्ठभूमि वाले प्रधानमंत्री की जरूरत थी। विस्टन चर्चिल को उस समय इस पद के लिये योग्य माना गया। राजनीति के अलावा उनका साहित्य में भी योगदान रहा। इतिहास, राजनीति और सैन्य अभियानों पर लिखी उनकी किताबों की वजह से उन्हे 1953 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। ये सब उपलब्धिया उनके सकारत्मक विचारों का ही परिणाम है।
कई बार हम सबने क्रिकेटरों को कहते सुना होगा कि एक दो चौका पङ जाने से विपक्ष का मनोबल टूट गया जिससे वे गलत बॉलिंग करने लगे और मैच हार गये। वहीं कुछ खिलाङियों के साथ ये भी देखने को मिलता है कि वे पुरे सकारात्मक विचारों से खेलते हैं परिस्थिती भले ही विपरीत हो तब भी, जिसका परिणाम ये होता है कि वे हारी बाजी भी जीत जाते हैं। सकारात्मक विचार की शक्ति से तो बिस्तर पर पङे रोगी में भी ऊर्जा का संचार होता है और वे पुनः अपना जीवन सामान्य तौर से शुरु कर पाता है। हमें अपने मस्तिष्क को महान विचारों से भर लेना चाहिए तभी हम महान कार्य संपादित कर सकते हैं। जैसे कि हम सोचे, मै ऊर्जा से भरपूर हूँ, आज का दिन अच्छा है, मैं ये कार्य कर सकता हूँ क्योकि विचार शैली विषम या प्रतिकूल परिस्थिति में भी मनोबल को ऊँचा रखती है। सकारात्मक व्यक्ति सदैव दूसरे में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
अक्सर देखा जाता है कि, हममें से कई लोग चाहे वो विद्यार्थी हों या नौकरीपेशा या अन्य क्षेत्र से हों काम या पढाई की अधिकता को देखकर कहने लगते हैं कि ये हमसे नहीं होगा या मैं ये नही कर सकता। यही नकारात्मक विचार उन्हे आगे बढने से रोकते हैं। यदि हम ना की जगह ये कहें कि हम कोशिश करते हैं हम ये कर सकते हैं तो परिस्थिति सकारात्मक संदेश का वातावरण निर्मित करती है। जिस तरह हम जब रास्ते में चलते हैं तो पत्थर या काटोँ पर पैर नही रखते उससे बचकर निकल जाते हैं उसी प्रकार हमें अपने नकारत्मक विचारों से भी बचना चाहिए क्योंकि जिस प्रकार एक पेङ से माचिस की लाख से भी ज्यादा तीलियाँ बनती है किन्तु लाख पेङ को जलाने के लिए सिर्फ एक तीली ही काफी होती है। उसी प्रकार एक नकारात्मक विचार हमारे हजारों सपनो को जला सकता है।
हमारे विचार तो, उस रंगीन चश्में की तरह हैं जिसे पहन कर हर चीज उसी रंग में दिखाई देती है। यदि हम सकारात्मक विचारों का चश्मा पहनेंगे तो सब कुछ संभव होता नजर आयेगा। भारत की आजादी, विज्ञान की नित नई खोज सकारात्मक विचारों का ही परिणाम है। आज हमारा देश भारत विकासशील से बढकर विकसित राष्ट्र की श्रेणीं में जा रहा है। ये सब सकारात्मक विचारों से ही संभव हो रहा है। अतः हम अपने सपनो और लक्ष्यों को सकारत्मक विचारों से सिचेंगे तो सफलता की फसल अवश्य लहलहायेगी। बस, केवल हमें सकारात्मक विचारों को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना होगा।
स्वामी विवेकानंद जी कहते हैं कि, “मन में अच्छे विचार लायें। उसी विचार को अपने जीवन का लक्ष्य बनायें। हमेशा उसी के बारे में सोचे, सपने देखें। यहाँ तक की उसके लिए हर क्षणं जिएं। आप पायेंगे कि सफलता आपके कदम चूम रही है।“
मित्रों, यदि हम ये सोचें कि, हम कुछ भी कर पाने में सक्षम हैं, चाहे वो हमारी सोच हो या जीवन या हमारे सपने सब सच हो सकते हैं। हम इस अंनत ब्रह्माण्ड की तरह अनंत संभावनाओं से परिपूर्ण हैं। तो ऐसे सकारात्मक विचारों को जीवन में अपनाने से हमारे जीवन में सार्थक और सफल परिवर्तन संभव हो सकेगा।
अनिता शर्मा
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We are grateful to Anita Ji for sharing the inspirational Hindi article on Power of Positive Thinking.
Nice Line जिस तरह हम जब रास्ते में चलते हैं तो पत्थर या काटोँ पर पैर नही रखते उससे बचकर निकल जाते हैं उसी प्रकार हमें अपने नकारत्मक विचारों से भी बचना चाहिए ।
It is a very helpfull article. The power of positive thinking is very strong. It is a well written article. Iwant to say thanks ACHCHHI KHABAR DOT COM to publish such articles in a simple language.
Thanks sir yor articles is very helpful for me 🙂
Dear gopal sir mera nam sanjay motwani hai me apki sait
pe nya nya ho. sir mene
apke articles pade
mujhe bhot ache lage sir me
ek student ho or zaldi hu
mere exams start hone
walay he to ager apke pass
exam se relative koi article
ho to please muzhe link de
Thanks sir
https://www.achhikhabar.com/2014/06/04/how-to-succeed-in-studies-and-exams-in-hindi/
https://www.achhikhabar.com/2013/02/28/how-to-handle-examination-stress-in-hindi/
https://www.achhikhabar.com/2013/07/15/how-to-get-good-marks-in-exam-tips-in-hindi/
good article. very much impresive.
Dhanyawad,madam ji, aap ne Bahut hi sunder vichar pradstut kiye hai, vicharo ki sakaratmakta aur nakaratmakta ko aapne achhe se samjhaya hai.
thanx anita ji.
आपका यह लेख बहुत ही प्रेरणादायक है।
एक नकारात्मक विचार हमारे हजारों सपनों को जला सकता है, एक नई चीज सीखने क मिली ।
आपका
किशोरकुमार सिंह
Very nice
सुन्दर प्रेरणास्पद आलेख
nice article…