महात्मा गांधी विश्व की महानतम हस्तियों में से एक हैं । उनकी आत्मकथा ” सत्य के प्रयोग ” विश्व की सबसे अधिक
पढ़े जाने वाली आत्मकथाओं में है। गांधी जी का प्रेरणादायी जीवन हमें बहुत कुछ सीखाता है और उन्ही में से एक महत्त्वपूर्ण बात जो हम सीख सकते हैं वो है समय प्रबंधन या टाइम मैनेजमेंट।
गांधी जी समय के बहुत पाबन्द थे। वे हमेशा अपने पास एक डॉलर वाच रखते थे। अपने जीवनी में उन्होंने समय सारिणी के अनुसार काम करने की बाते बताई है। समय ही जीवन है । यहाँ बतायी गयीं बातें हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। हम समय का सदुपयोग उनके प्रेरणादायी जीवन से सीख सकते है।
गांधीजी का ‘TIME MANAGEMENT’
1] गांधीजी ने कभी किसी से नहीं कहा कि ‘मैं बहुत व्यस्त हूँ और अमुक काम के लिए समय नहीं निकाल सकता।
2] गांधीजी के पास छोटे बच्चों से लेकर समाज के अग्रणी लोगों के पत्र आते थे ,और वे बिना किसी विलम्ब के हर पत्र का उत्तर देते थे।
3] आश्रम के रसोईघर में प्रतिदिन सुबह का नाश्ता करने के पश्चात् वे सब्जी काटने का काम अचूक करते थे।
4] कोई छोटा या बड़ा व्यक्ति जो आश्रम में रहता हो, और यदि वो बीमार पड़ जाए तो गांधीजी खुद उससे मिलते और उसके उपचार की व्यवस्था किए बिना नहीं रहते।
5] कुछ मित्रों ने उन्हें फरियाद करते कहा कि ‘आपने अभी तक साम्यवादी साहित्य पढ़ा नहीं,’ जेल में भोजन के समय या नाश्ता करते करते उन्होंने ‘Humanity uprooted’ और ‘Red bread’ इत्यादि पुस्तके पढ़ डालीं।
6] बंगाल के गाँवो में काम करते समय स्थानीय लोगों से आत्मीयता हो सके इसलिए उन्होंने बंगाली सीखना शुरू किया जबकि वे तब तक काफी वृद्ध हो चुके थे।
7] हस्पताल में बीमार पड़े व्यक्ति के पास बैठ कर पुस्तक पढ़ना या उसके पत्रों को लिखने का काम वे वकील बनने के बाद भी करते रहे।
8] प्रतिदिन रेटियो पे १२० सूत के तार बनाना, सुबह ४ बजे प्रार्थना करना, और सुबह- शाम ४५ मिनट के लिए टहलने जाने का काम भी वे अचूक करते थे।
9] गांधीजी ने दातून करते-करते ‘गीता’ के 13 अध्याय कंठस्थ किए थे ।
10] स्वामी आनंद के कहने पर वे प्रतिदिन गीता के १ श्लोक का अनुवाद करते। इसी के कारण हमें ‘अनासक्ति’ पुस्तक मिली।
11] ‘महाभारत’ पढ़े बिना ‘हिन्दू-धर्म’ का मर्म-रहस्य समझना मुश्किल है, ऐसा जानके सने १९२२ में येरवडा जेल में उन्हों ने महाभारत के १८ पर्व पढ़ डाले।
१२] गांधीजी कहते थे कि “भारत देश की गौरवशाली और अनुकम्पा भरी जीवन दृष्टि स्वामी विवेकानंदजी का साहित्य पढ़ के मुझमे विकसित हुई है। ” सार्वजानिक जीवन में इतना सक्रीय होते हुए भी उन्होंने स्वामी जी का सम्पूर्ण साहित्य अक्षरश: पढ़ा हुआ था।
दिलीप पारेख
सूरत, गुजरात
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We are grateful to Dilip Ji for sharing Mahatma Gandhi’s Time Management insights with AKC readers.
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thanx to u sir and gandhiji, time management safalataa ka pahla aur mahtvapurn raaj hae.
so nice and inspring
महात्मा गाँधी जी के आदर्श आज भी हम सबके लिए बहुत ही उपयोगी और प्रासंगिक हैं. गांधीजी का प्रबंधन बहुत ही अच्छा था. समय प्रबंधन के बारे में तो उनकी कई बातें हैं जो हमारे लिए आदर्श हैं. मुझे बहुत ख़ुशी हुई किअ च्छी खबर डॉट कॉम पर आप गांधीजी पर नए-नए आलेख पोस्ट कर रहे है.
गाँधी जी के जीवन से जुडी हुई कई बातें हैं जिन्हें अगर कहानी के रूप में प्रस्तुत किये जाए तो पाठकों को बहुत पसंद आएँगी.
बहुत अच्छी और काम की पोस्ट लिखी है सर आपने, गाँधी जी ने जो भी लिखा या कहा है अगर उस पर अमल किया जाये तो आज भी कोई भी ब्यक्ति सफलता के शिखर पर पहुच सकता है …….. http://www.alltopsecret.com/
Bahut hi sundar aalekh hai. Gaandhiji ke jeevan ke baare men anek preranaaspad baaten pataa chaleen. Dhanyawaad.
Thank You!
प्रेरणादायी सुन्दर आलेख !
Very nice
Bahut hi sunder lekh hai ye.jisse kaam karne ki prerna milti hai