Lord Hanuman Stories in Hindi
हनुमान जी की कहानियां
मित्रों , आज हनुमान जयंती है , इस शुभ अवसर पर हम आपके साथ भगवान राम के प्रति पूर्ण समर्पण और भक्ति को दर्शाते हनुमान जी के तीन प्रेरक प्रसंग साझा कर रहे हैं। जय हनुमान।
पहला प्रसंग
एक बार माता सीता ने हनुमान जी से प्रसन्न होकर उन्हें हीरों का एक हार दिया, और बाकी सेवकों को भी उन्होंने भेंट
स्वरुप मोतियों से जड़े रत्न दिए.. जब हनुमान जी ने हार को अपने हाथ में लिया तब उन्होंने प्रत्येक हीरे को माला से अलग कर दिया और उन्हें चबा-चबाकर जमीन पर फेंकने लगे.. यह देख माता सीता को क्रोध आ गया और वे बोलीं-“ अरे हनुमान! ये आप क्या कर रहे हैं , आपने इतना मूलयवान हार नोंच-खसोटकर नष्ट कर दिया.” यह सुनकर अश्रुपूरित नेत्रों से हनुमान जी बोले- “माते! मैं तो केवल इन रत्नों को खोलकर यह देखना चाहता था कि इनमे मेरे आराध्य प्रभु श्रीराम और माँ सीता बसते हैं अथवा नहीं! आप दोनों के बिना इन पत्थरों का मेरे लिए क्या मोल ?
बाकी सेवक यह सारी घटना देख रहे थे, वे तुरंत ही हनुमान जी के पास आकर बोले- कि हनुमान यदि इन निर्जीव वस्तु में श्रीराम नहीं हैं तो श्रीराम कहाँ है?
प्रभु श्रीराम तो मेरे ह्रदय में बसते हैं, इतना कहकर उन्होंने अपनी छाती चीर डाली और माता सीता सहित सभी सेवकों को हनुमान जी के ह्रदय में श्रीराम जी के दर्शन हुए।
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दूसरा प्रसंग
एक बार माता सीता, अपने मांग में सिन्दूर लगा रही थीं, उनके पास में ही बैठे हनुमान जी उन्हें सिंदूर लगाते हुए देख रहे थे, उन्होंने सीता माता से पुछा-“ माते आपको हर रोज हम इसी तरह सिन्दूर लगाते हुए देखते हैं, मांग में सिन्दूर लगाने से क्या आशय है?”
सीता माता ने कहा-“ हनुमान, मैं अपने पति श्रीराम के नाम की सिन्दूर अपने मांग में लगाती हूँ ताकि उनकी उम्र बहुत लंबी हो.”
हनुमान जी सोच में पड़ गए और उन्होंने फ़ौरन ही एक थाल सिन्दूर लिया और अपने शरीर पर लगा लिया. उनका पूरा शरीर लाल सिन्दूर के रंग में रंग चूका था.
सीता माता यह सब देखकर हंसते हुए बोलीं- हनुमान इसका क्या अभिप्राय है?
हनुमान जी ने उत्तर दिया – “माते, मैंने भी श्रीराम के नाम का सिन्दूर पूरे शरीर भर में लगाया है ताकि उनकी असीम कृपा मुझ पर हमेशा बनी रहे और मेरे प्रभु, मेरे आराध्य की उम्र इतनी लंबी हो कि मेरा सम्पूर्ण जीवन उनकी सेवा में ही बीते.”
हनुमान जी के इन वचनों को सुनकर माता सीता का ह्रदय गद्गद् हो उठा !
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तीसरा प्रसंग
जब हनुमान समुद्र पार करके सीता माता को खोजने के लिए लंका पहुँचे तब वे रावण के छोटे भाई विभीषण के पास गए। विभीषण ने हनुमान जी से एक छोटा-सा प्रश्न किया कि “प्रिय हनुमान, क्या श्रीराम मेरे ऊपर कृपादृष्टि बनायेंगे? रावण मेरे भ्राता हैं, क्या यह जानते हुए भी वो इस संसार से मुझे मुक्ति दिलायेंगे?
यह सुनते ही हनुमान जी बोल पड़े:- विभीषण महाराज, आप संशय क्यों कर रहे हैं…. जब मुझ जैसे वानर कुल में पैदा हुए एक वानर को उन्होंने शरण दे दी , अपना दास स्वीकार कर लिया तब भला वे आपको क्यों नहीं अपनाएंगे, आप तो एक इंसान हैं, और आपके अंदर इतनी अच्छाइयां छिपी है, वो जरूर आपकी सहायता करेंगे।
इस प्रकार हनुमान जी ने ही अपनी भक्ति से विभीषण के मन में भी अटूट विश्वास पैदा कर दिया जिस कारण ही विभीषण, श्रीराम का साथ देने को पूर्ण रूप से तैयार हो गए।
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मित्रों पहले प्रसंग का आशय है कि भगवान हम सबके ह्रदय में विद्यमान हैं और उन्हें कहीं बाहर खोजने की आवश्यकता नहीं है। दुसरे प्रसंग से अभिप्राय है कि इस जीवन को ईश्वर की भक्ति और सेवा में अर्पण कर देना चाहिए। और तीसरे प्रसंग से अभिप्राय है कि यदि हमारे अंदर भगवान के प्रति श्रध्दा, भक्ति और विश्वास है तो हम यही विश्वास दूसरों के अंदर भी पैदा कर सकते हैं!
इन प्रेरक प्रसंगों को YouTube पर देखें
अच्छीखबर के सभी पाठकों को हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ !
धन्यवाद!
किरण साहू
रायगढ़ (छ.ग.)
Blog: www.hamarisafalta.com
Email- [email protected]
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We are thankful to Mr. Kiran Sahu for sharing three devotional Lord Hanuman Stories in Hindi on the eve of Hanuman Jayanti. Thanks Kiran.
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Irshad Bhati says
अति सुन्दर कहानी लिखी है आपने
बहुत अच्छा वर्णन किया है।
Piyush says
अति सुन्दर कहानी आप ने लिखी है।
महेश गोहिल says
भारत का इतिहास का दुर्भाग्य है कि उसे ‘ भारतीय ‘ ही खत्म करने ओर तुले है । अफसोस हैं कि ये जो स्कूली इतिहास पढ़े है उसे ही सच्चा इतिहास मान रहे है । संस्कृत ग्रंथो का अभ्यास आवश्यक है , हम सबके लिए
अनिल साहू says
जय श्री राम। अति सुन्दर।
rajeev sharma says
Jai Bajrangbali. Hanuman jyanti ki aap sabhi ko shubhkamnaye.
Priya Singh says
आपके इस लेख में हनुमान जी का काफी सुंदर वर्णन किया गया है जो मुझे काफी अच्छा लगा है
Sudhir Mishra says
जय श्रीराम
जय वीर हनुमान
dattatray bhalerao says
jai shri ram jai shree hanuman
Dil se Deshi says
हनुमान जयंती की आपको भी बधाई अच्छीखबर.COM
अभिषेक सिंह says
जय श्री राम।।।।।।।।।।जय हनुमान।।।।।।।