ज्यादातर लोग ambitious होते हैं , वो अपने हिसाब से कुछ बड़ा करना चाहते हैं .
“अपने हिसाब से ” मतलब हर किसी के सोचने का ढंग अलग होता है , उनका background, interest, उनकी परिस्थितियां अलग होती हैं और इन्ही चीजों पर depend करता है कि किसके लिए कौन सा काम बड़ा या छोटा है .
For ex: किसी पिछड़े गाँव; जहाँ सभी निरक्षर हों , में रहने वाले लड़के के लिए High School कर लेना एक बहुत बड़ा achievement हो सकता है तो doctors-engineers की family से belong करने वाली लड़की के लिए Oxford से graduation करना एक बड़ी बात हो सकती है .

बूँद-बूँद से सागर भर जाता है…
Most probably, आपने भी अपने हिसाब से कुछ achieve करने का सोच रखा होगा . और इसकी भी बहुत ज्यादा probability है कि इस direction में अभी तक आपने कुछ ख़ास नहीं किया होगा … हाँ , ये होता है … maximum लोग अपनी thoughts को reality में convert नहीं कर पाते …. सबसे बड़ा कारण … क्योंकि वे शुरआत ही नहीं करते !
In case आपने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है तो ये बहुत अच्छी बात है , पर जिन्होंने शुरुआत भी नहीं की है उन्हें याद रखना चाहिए कि — वो देर कर सकते हैं, पर समय नहीं करेगा.
दोस्तों , कुछ बड़ा कैसे किया जाता है ?
क्या ये एक झटके में हो जाता है ?
क्या कोई जादू की छड़ी होती है जिसको घुमाते ही मनचाही चीज मिल जाती है ?
या बोतल में बंद कोई जिन्न होता है जो हमसे पूछता है , “ क्या हुक्म मेरे आका ? “ और हमारी सारी ख्वाइशें पूरी कर देता है ?
नहीं , ऐसा कुछ भी नहीं होता . हमें खुद ही अपने सपनो को पूरा करना होता है , मेहनत करनी होती है , संघर्ष करना होता है , असफलता के अन्धकार को सफलता की रौशनी से मिटाना होता है …
और ये काम धीरे -धीरे होता है …रोज थोड़ा -थोड़ा !
कई बार हम बस इसलिए कोई effort नहीं डालते क्योंकि हमें लगता है इतने से क्या होगा , आज छोडो कल ज्यादा कर लेंगे ….. पर ये सोच गलत है … हमें थोड़े की ताकत को समझना होगा !
आप जिस मंज़िल तक पहुंचना चाहते हैं रोज उस ओर बढ़िए … थोड़ा -थोड़ा ही सही पर बढ़िए ज़रूर .
आज AchhiKhabar.Com (AKC) दुनिया का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला Hindi blog है *,. October 2010 में एक post डालने के साथ शुरू किये गए इस ब्लॉग पर लगभग 650 posts हैं , इतने सारे valuable content कैसे produce हुआ । थोड़ा -थोड़ा कर के … मैंने जबसे AKC की शुरआत की है , इसके लिए हर रोज कुछ न कुछ करता रहा हूँ … लगातार …निरंतर …. अनवरत। .
आप जो कुछ भी कर रहे हैं या करना चाहते हैं , हर रोज उस direction में कुछ करें .
शायद कुछ लोगों के मन में सवाल आये कि मैं तो दुसरे किसी काम में फंसा हुआ हूँ ऐसे में जो करना चाहता हूँ उस direction में कैसे रोज कुछ करता रहूँ ?
For example: आपका सपना है कि आपका अपना एक business हो और आप अभी कोई private जॉब करते हैं ? तो आप इन चीजों को कर सकते हैं :
पहली चीज आपको clear-cut पता होना चाहिए की आप कौन सा business करना चाहते हैं . (Plz read: जीवन में लक्ष्य का होना ज़रूरी क्यों है ?) ; अगर ये point clear नहीं है तो सबसे पहले आपको इसी पे काम करना होगा कि आप दरअसल करना क्या चाहते हैं .
जब ये clear हो जाए तो :
- आप उस business से related blogs, articles पढ़ सकते हैं.
- Youtube पर उससे related videos देख सकते हैं
- Market में जाकर इसी तरह के business को study कर सकते हैं
- अपने business से related ही कोई जॉब switch कर सकते हैं या part-time कोई जॉब कर सकते हैं .
- हर हफ्ते अपना business शुरू करने के लिए कुछ पैसे अलग से जमा कर सकते हैं .
- जहाँ business start करना चाहते हैं उस इलाके का चक्कर लगा सकते हैं
- अपनी success diary लिख सकते हैं।
- Law of attraction use करते हुए खुद को उस मुकाम पर देख सकते हैं जहाँ आप पहुंचना चाहते हैं .
Last two पॉइंट्स की importance समझने के लिए , उनके लिंक्स ज़रूर चेक करें। मुझे इन से बहुत फायदा हुआ है।
दोस्तों , ये थोड़ा-थोड़ा बहुत कमाल की चीज है … इससे घबराएं नहीं कि आज आपने बस थोड़ा ही किया है …. बल्कि खुश हों कि आज अपने थोड़ा तो किया है …. क्योंकि थोड़ा-थोड़ा करके ही एक रिक्शे वाले का बेटा IAS officer बन गया , थोड़ा -थोड़ा कर के ही Dashrath Manjhi ने पहाड़ को झुका दिया , थोड़ा -थोड़ा करके ही एक चाय बेचने वाला छोटू एक वेब developer बन गया … और थोड़ा -थोड़ा करके ही एक barber billionaire बन गया …. इस थोड़ा -थोड़ा को थोड़ा समझिए … क्योंकि over a period of time ये थोड़ा -थोड़ा ही मिलके बहुत बन जाता है ….
- अगर आज 10 सवाल नहीं लगा पा रहे हैं तो एक ही लगाइये … पर लगाइये ज़रूर .
- अगर आज पूरी पोस्ट नही लिख पा रहे हैं तो 4 ही line लिखिए …. पर लिखिए ज़रूर .
- अगर आज 1 घंटे walk पर नहीं जा पा रहे तो 10 मिनट ही जाइये … पर जाइए ज़रूर .
- अगर आज 10 customers से नहीं मिल पा रहे हैं तो 1 ही से मिलिए … पर मिलिए ज़रूर .
- जिस दिन ज़्यादा नही कर पा रहे हैं उस दिन थोड़ा ही करिये … पर करिये ज़रूर .
Friends, जैसे bank में पैसे जमा कराओ तो magic of compounding काम करता है वैसे ही life में भी magic of थोड़ा-थोड़ा काम करता है … आप धीरे -धीरे , थोड़ा-थोड़ा कर के एक दिन उस लक्ष्य को पा लेते हैं जो सचमुच बड़ा है . इसलिए इस थोड़े -थोड़े की power को नज़रअंदाज़ मत करिये … हर रोज थोड़ा-थोड़ा आगे बढ़ते रहिये और अपनी मंज़िल तक पहुँच कर दिखाइए … कुछ कर गुजरने में ही लाइफ का असली मज़ा है !
All the best !
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bhut kuch sikh milti h is bijnesh side sr thanks
मंज़िलें लाख कठिन आएँ गुज़र जाऊँगा,
अगर हौसला हार के बैठूँगा तो मर जाऊँगा #attitude
Sahi pakde hai sir
Sir your article is good i think follow sombody this article.
in article ki wajeh se mai pahle se acha insan bn gya hu..achekhabar.com realy me boht effective blog h
Comment kya du. ?
Aapse jo seekha hai …
Use poora kar ke dikhaunga aapko….. pehli baar esa feel hua hai ke ek sachcha guru kesa hota hai……aapko thank u bol ke aapke is sath ko todna nhi chahta .
Bas aapka aaseerwad chahiye mujhe ….
Gopal ji,
Apka yah article padhne ke baad hi maine apne blog pe roz kaam karna shuru kiya hai. Kisi din jyada thakan ke baad mann nahi karta but yah article itna inspirational tha ki mere dimag me abhi tak apka word “magic of thoda thoda” aa jata hai or main fir thoda hi sahi magar likhna shuru kar deta hu.
Hum logo ko inspire karne ke liye bahut bahut shukriya.
ati sundar and pratical…
mast laga sir
Thanku so much…..thoda thoda magic.
thnx for this blog
this is truth thoda thoda se hi hum kamyabi milgi
ek din ye jaroor hooga
“The magic of थोड़ा थोड़ा”.
very nice and useful post for me.