शेरा नाम का शेर जंगल के सबसे कुशल और क्रूर शिकारियों में गिना जाता था . अपने दल के साथ उसने न जाने कितने भैंसों , हिरणो और अन्य जानवरों का शिकार किया था .
धीरे -धीरे उसे अपनी काबिलियत का घमंड होने लगा . एक दिन उसने अपने साथियों से कहा …” आज से जो भी शिकार होगा , उसे सबसे पहले मैं खाऊंगा …उसके बाद ही तुममे से कोई उसे हाथ लगाएगा .”
शेरा के मुंह से ऐसी बातें सुन सभी अचंभित थे … तभी एक बुजुर्ग शेर ने पुछा ,“ अरे …तुम्हें आज अचानक क्या हो गया … तुम ऐसी बात क्यों कर रहे हो ..?”,
शेरा बोला ,” मैं ऐसी -वैसी कोई बात नहीं कर रहा … जितने भी शिकार होते हैं उसमे मेरा सबसे बड़ा योगदान होता है … मेरी ताकत के दम पर ही हम इतने शिकार कर पाते हैं ; इसलिए शिकार पर सबसे पहला हक़ मेरा ही है …’
अगले दिन , एक सभा बुलाई गयी .
अनुभवी शेरों ने शेरा को समझाया , “ देखो शेरा , हम मानते हैं कि तुम एक कुशल शिकारी हो , पर ये भी सच है कि बाकी लोग भी अपनी क्षमतानुसार शिकार में पूरा योगदान देते हैं इसलिए हम इस बात के लिए राजी नहीं हो सकते कि शिकार पर पहला हक़ तुम्हारा हो …हम सब मिलकर शिकार करते हैं और हमें मिलकर ही उसे खाना होगा …”
शेरा को ये बात पसंद नहीं आई , अपने ही घमंड में चूर वह बोला , “ कोई बात नहीं , आज से मैं अकेले ही शिकार करूँगा … और तुम सब मिलकर अपना शिकार करना ..”
और ऐसा कहते हुए शेरा सभा से उठ कर चला गया।
कुछ समय बाद जब शेरा को भूख लगी तो उसने शिकार करने का सोचा , वह भैंसों के एक झुण्ड की तरफ दहाड़ते हुए बढ़ा , पर ये क्या जो भैंसे उसे देखकर काँप उठते थे आज उसके आने पर जरा भी नहीं घबराये , उलटे एक -जुट हो कर उसे दूर खदेड़ दिया .
शेरा ने सोचा चलो कोई बात नहीं मैं हिरणो का शिकार कर लेता हूँ , और वह हिरणो की तरफ बढ़ा , पर अकेले वो कहाँ तक इन फुर्तीले हिरणो को घेर पाता , हिरन भी उसके हाथ नहीं आये .
अब शेरा को एहसास हुआ कि इतनी ताकत होते हुए भी बिना दल का सहयोग पाये वो एक भी शिकार नहीं कर सकता . उसे पछतावा होने लगा , अब वह टीम-वर्क की इम्पोर्टेंस समझ चुका था , वह निराश बाकी शेरों के पास पहुंचा और अपने इस व्यवहार के लिए क्षमा मांग ली और एक बार फिर जंगल उसकी दहाड़ से कांपने लगा .
Friends, चाहे आप sports में हों , corporate world में काम करते हों , या कोई बिज़नेस करते हों ; team work की importance को समझना बहुत ज़रूरी है . Team का हर एक member important होता है और किसी भी goal को achieve करने में छोटा -बड़ा रोल play करता है . Naturally, सभी उँगलियाँ बराबर नहीं होती इसलिए team में भी किसी member का अधिक तो किसी का कम role होता है . पर यदि बड़ा योगदान देने वाले ये सोचें कि जो कुछ भी है उन्ही की वजह से है तो ये गलत होगा . इसलिए किसी तरह का घमंड करने की बजाये हमें सभी को importance देते हुए as a team player काम करना चाहिए .
इस कहानी में एक और बेहद ज़रूरी मैसेज है ,वो है गलती का एहसास होने पर क्षमा माँगना . शेरा को जब अपनी गलती का एहसास हुआ तो उसने क्षमा मांग ली और एक बार फिर उसकी साख वापस लौट आई . अगर आपसे भी कभी कोई गलती हो जाए तो उसे Ego problem मत बनाइये और क्षमा मांग कर life को वापस track पर लाइए.
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ramdin says
bahut accha lekh sir ese hi hume naye story send karte rahe, hum aapke aabhaari hai
kana ram says
gopal ji best articale i like every best postkeep it up sir
Sk kasirulla says
Very interesting storry
Gyanipandit says
जीवन में गलती तो हर किसीसे होती है लेकिन उस गलती का एहसास होकर क्षमा मांगना ये बहोत बड़ी बात है पर ऐसा हरकोई नहीं करता.
suresh nagar says
Ye to shi bath he
rajan says
main power is unity
and its really good story
ashwani malik says
मिलजुलकरकाम करने से वह
काम जल्दी और आसानी से हो जाता है।
Nilesh Sahu says
good.
ज्ञानिपंडित says
प्रिय
गोपाल जी,
बहुत बढ़िया हिन्दी लेख लिखा अपने एक साथ मिल-जुल कर कम करने पर. और हा ये चीज तो सभी जगह लागु होती है.
बहोत पसंद आया आपका लेख.
धन्यवाद्….
Omkar pandya says
yes
nice article
unity is strength.