गधे का रास्ता – Story For Children in Hindi
एक छोटे से गाँव में भोलू नाम का एक गधा रहता था। वह गाँव बाकी दुनिया से बिलकुल कटा हुआ था, न वहां कोई आता था और न वहां से कोई कहीं जाता था।
एक बार गधे ने सोचा क्यों ना जंगल के उस पार जाकर देखा जाए कि आखिर उस तरफ है क्या?
अगले दिन भोर में ही वह जंगल की ओर बढ़ चला।
जंगल घना था और गधा मूर्ख। बिना सोचे समझे उसे जिधर मन करता उधर चल पड़ता। जैसे-तैसे करके उसने जंगल पार किया और दूसरी छोर पर स्थित एक और गाँव पहुँच गया।
उधर गाँव में हल्ला मच गया कि भोलू गधा गाँव छोड़ कर चला गया है, सब बात करने लगे कि वो कितना भाग्यशाली है, और अब कितनी आराम की ज़िन्दगी जी रहा होगा। लोगों की बात सुनकर कुत्तों के एक झुण्ड ने भी जंगल पार करने का निश्चय किया।
अगली सुबह वह गधे की गंध का पीछा करते हुए उसी रास्ते से जंगल के उस पार चले गए।
फिर क्या था, गाँव के अन्य पशुओं में भी जंगल पार करने की होड़ सी लग गयी और सभी गधे द्वारा खोजे गए रास्ते पर चलते हुए जंगल पार करने लगे।
बार-बार उस रास्ते पर चलने से एक पगडण्डी सी बन गयी और कुछ सालों बाद इंसान भी उसी रास्ते को पकड़ कर जंगल पार करने लगे । समय बीतता गया और धीरे-धीरे गाँव की आबादी काफी बढ़ गयी। तब सरकार ने जंगल पार करने के लिए एक रोड बनाने का निर्णय लिया गया।
शहर से इंजीनियरों का एक दल आया और इलाके की स्टडी करने लगा।
गाँव वालों ने बताया कि जंगल पार करने के लिए एक पगडण्डी बनी हुई है उसी पर अगर रोड बना दी जाए तो अच्छा रहेगा।
उनकी बात सुनकर चीफ इंजीनियर थोडा मुस्कुराया और बोला, “ क्या मैं जान सकता हूँ ये पगडण्डी किसने बनायी ?”
गाँव के एक बुजुर्ग बोले, “जहाँ तक मुझे पता है ये रास्ता किसी गधे ने खोजा था !”, और उसने पूरी कहानी कह सुनाई ।
उनकी बात सुनने के बाद चीफ इंजीनियर बोले, “मुझे यकीन नहीं होता कि आप सब इंसान होंते हुए भी इतने सालों से एक गधे के बनाये रास्ते पर चल रहे थे…पता है ये रास्ता कितना कठिन और लम्बा है जबकि हमने जो रास्ता खोजा है वो इसका एक चौथाई भी नहीं है और उसे पार करना भी कहीं आसान है। ”
आज गाँव वालों को अपनी गलती का एहसास हो रहा था, वे सोच रहे थे कि काश उन्होंने एक नया रास्ता खोजने का प्रयास किया होता!
दोस्तों, जो गलती उन गाँव वालों ने की कहीं वही गलती हम भी तो नहीं कर रहे हैं? कहीं हम किसी गधे के दिखाए रास्ते पर चल कर अपनी life बर्वाद तो नहीं कर रहे हैं? क्या आज हम जो भी काम या पढाई कर रहे हैं वो हमारे अपने interest के मुताबिक है या बस समाज और घरवालों के दबाव में हम अपना रास्ता ढूँढने से हिचक रहे हैं? कहीं हमें भी अपना रास्ता खोजने की ज़रुरुँत तो नहीं?
अगर हमे एक meaningful life जीनी है तो हमें इन प्रश्नों का उत्तर देना होगा, वरना उस इंजीनियर की तरह एक दिन हमें भी कोई मिलेगा और बताएगा कि हमने अपनी पूरी ज़िन्दगी एक गधे का रास्ता पकड़े-पकड़े बर्वाद कर दी।
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This Hindi Story for Children is inspired from : How the Path Was Made – A Story About Direction
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Roots says
really very motivational story in Hindi… pne interest ka kam hi karna chahiye sahi baat hai
Anand says
Ye bahut hi acchi story hai
I impress this story.
Sanju says
very nice this stroy to teach us how to choose our future
Nisha says
Bahut hi acchi Story. Sachmuch yahi sahi hai jamane ke anusar
mohit says
Bilkul sahi bat…
Jis kaam.me aage ho.bahi karna chaiye
Akanksha says
Bahut achi story h.hume kisi ko follow nhi karna chahiye.apne interest ka kam hi karna chahiye.i like your all posts.thank u sir.
Chandan bhatt says
Nice topic….Helping to grow our future plan……Do what is our heart say not of others says…….Hear everyone decission…but do it of urs heart decission…..
vikas says
ya this is very nice story
vikas says
ye kahani bekar lagi hai
Aska Jadeja says
Really nice.. Superb.. Very Meaningful
gyanipandit says
सही कहा आपने, हमें लाइफ में जो भी काम करना है वो तुम खुद डिसाइड करो,अपना रास्ता खुद तैयार करो, किसी के दबाव में आकर अपनी जिंदगी बर्बाद मत करो, meaning full लाइफ जियों,
धन्यवाद्