महाभारत काल की बात है। एक बार कृष्ण और बलराम किसी जंगल से गुजर रहे थे। चलते-चलते काफी समय बीत गया और अब सूरज भी लगभग डूबने वाला था। अँधेरे में आगे बढना संभव नहीं था, इसलिए कृष्ण बोले, “ बलराम, हम ऐसा करते हैं कि अब सुबह होने तक यहीं ठहर जाते हैं, भोर होते ही हम अपने गंतव्य की और बढ़ चलेंगे।”
बलराम बोले, “ पर इस घने जंगल में हमें खतरा हो सकता है, यहाँ सोना उचित नहीं होगा, हमें जाग कर ही रात बितानी होगी।”
“अच्छा, हम ऐसा करते हैं कि पहले मैं सोता हूँ और तब तक तुम पहरा देते रहो, और फिर जैसे ही तुम्हे नींद आये तुम मुझे जगा देना; तब मैं पहरा दूंगा और तुम सो जाना।”, कृष्ण ने सुझाव दिया।
बलराम तैयार हो गए।
कुछ ही पलों में कृष्ण गहरी नींद में चले गए और तभी बलराम को एक भयानक आकृति उनकी ओर आती दिखी, वो कोई राक्षस था।
राक्षस उन्हें देखते ही जोर से चीखा और बलराम बुरी तरह डर गए।
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इस घटना का एक विचित्र असर हुआ- भय के कारण बलराम का आकार कुछ छोटा हो गया और राक्षस और विशाल हो गया।
उसके बाद राक्षस एक बार और चीखा और पुन: बलराम डर कर काँप उठे, अब बलराम और भी सिकुड़ गए और राक्षस पहले से भी बड़ा हो गया।
राक्षस धीरे-धीरे बलराम की और बढ़ने लगा, बलराम पहले से ही भयभीत थे, और उस विशालकाय राक्षस को अपनी और आता देख जोर से चीख पड़े –“कृष्णा…” ,और चीखते ही वहीँ मूर्छित हो कर गिर पड़े।
बलराम की आवाज़ सुन कर कृष्ण उठे, बलराम को वहां देख उन्होंने सोचा कि बलराम पहरा देते-दते थक गए और सोने से पहले उन्हें आवाज़ दे दी।
अब कृष्ण पहरा देने लगे।
कुछ देर बाद वही राक्षस उनके सामने आया और जोर से चीखा।
कृष्ण जरा भी घबराए नही और बोले, “बताओ तुम इस तरह चीख क्यों रहे हो, क्या चाहिए तुम्हे?”
इस बार भी कुछ विच्त्र घटा- कृष्ण के साहस के कारण उनका आकार कुछ बढ़ गया और राक्षस का आकर कुछ घट गया।
राक्षस को पहली बार कोई ऐसा मिला था जो उससे डर नहीं रहा था। घबराहट में वह पुन: कृष्ण पर जोर से चीखा!
इस बार भी कृष्ण नहीं डरे और उनका आकर और भी बड़ा हो गया जबकि राक्षस पहले से भी छोटा हो गया।
एक आखिरी प्रयास में राक्षस पूरी ताकत से चीखा पर कृष्ण मुस्कुरा उठे और फिर से बोले, “ बताओ तो क्या चाहिए तुम्हे?”
फिर क्या था राक्षस सिकुड़ कर बिलकुल छोटा हो गया और कृष्ण ने उसे हथेली में लेकर अपनी धोती में बाँध लिया और फिर कमर में खोंस कर रख लिया।
कुछ ही देर में सुबह हो गयी, कृष्ण ने बलराम को उठाया और आगे बढ़ने के लिए कहा! वे धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगे तभी बलराम उत्तेजित होते हुए बोले, “पता है कल रात में क्या हुआ था, एक भयानक राक्षस हमे मारने आया था!”
“रुको-रुको”, बलराम को बीच में ही टोकते हुए कृष्ण ने अपनी धोती में बंधा राक्षस निकाला और बलराम को दिखाते हुए बोले, “कहीं तुम इसकी बात तो नहीं कर रहे हो?”
“हाँ, ये वही है। पर कल जब मैंने इसे देखा था तो ये बहुत बड़ा था, ये इतना छोटा कैसे हो गया?”, बलराम आश्चर्यचकित होते हुए बोले।
कृष्ण बोले, “ जब जीवन में तुम किसी ऐसी चीज से बचने की कोशिश करते हो जिसका तुम्हे सामना करना चाहिए तो वो तुमसे बड़ी हो जाती है और तुम पर नियंत्रण करने लगती है लेकिन जब तुम उस चीज का सामना करते हो जिसका सामना तुम्हे करना चाहिए तो तुम उससे बड़े हो जाते हो और उसे नियंत्रित करने लगते हो!”
दोस्तों, ये राक्षस दरअसल, हमारी life में आने वाले challenges हैं, विपरीत स्थितियां हैं, life problems हैं! अगर हम इन situations को avoid करते रहते हैं तो ये समस्याएं और भी बड़ी होती चली जाती हैं और ultimately हमें control करने लगती हैं लेकिन अगर हम इनका सामना करते हैं, courage के साथ इन्हें face करते हैं तो यही समस्याएं धीरे-धीरे छोटी होती चली जाती हैं और अंततः हम उनपर काबू पा लेते हैं। इसलिए जब कभी भी life में ऐसी problems आएं जिनका सामना आपको करना ही चाहिए तो उसे अवॉयड मत करिए…जिसे फेस करना है उसे फेस करिए, उससे बचने की कोशिश मत करिए, जब आप ऐसा करेंगे तो देखते-देखते ही वे समस्याएं इतनी छोटी हो जायेंगी कि आप आराम से उनपर नियंत्रण कर सकेंगे और उन्हें हेमशा-हमेशा के लिए ख़त्म कर सकेंगे!
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Note: The “Krishna Balram Story in Hindi” shared here is inspired from the spiritual guru Mahatria Ra’s discourse. Watch it on YouTube.
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Sir mai chahhta hoon ki aap apna es blog mai load krishna sa jura jivan ka baara mai prena khatthan upload Kare please sir mujha Acchikhabr blog bahad pasand hai.
Nice story
In Real life chellage
Thenxx
Nice story thenxx
सरजी मै आपके ब्लाग को नियमीत पड़ता हुं… आपका ब्लाग बहुत ही अच्छा है… और मै कई लोंगो को ईसे पड़ने के लिये भी बोलता हुं… पर आज आपके ब्लाग के टॉप मे #सेक्सी विडीयो लिखा हुआ एड देखकर मुझे बहुत बुरा लगा… बस मै अपने दिल की बात रहा हुं धन्यवाद
मैंने इस तरह के एड्स ब्लाक कर रखें हैं. हो सकता है आपके कंप्यूटर में कोई मैलवेयर इनस्टॉल हो गया हो जिस वजह से ऐसे एड्स दिख रहे हों. कृपया पुनः ऐसे एड्स दिखें तो achhikhabar@gmail.com स्क्रीनशॉट भेजने का कष्ट करियेगा. Sorry for the inconvenience.
Thanks
wow excellent! It’s very motivative story sir. You made my day sir pls keep it up.
Thank You!
आपके ब्लॉग की जितनी तारीफ करू कम होगा। हर आर्टिकल काफी रोचक रूप में प्रस्तुत करते है।
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Very nic story….
गोपाल सर
ऐसी कुछ story मेरे पास भी हैं और खुद ही create की हैं। लेकिन मुझे type करने में बहुत time लगता है तो मैं क्या करूँ…..????
कृपया टाइप करने के लिए https://translate.google.co.in/#hi/en/ का प्रयोग करें.
Marvelous Story. I’ll tell it to my sons at night when they require a story from me. Keep it on.
बहुत रोचकता से व्यक्त की आपने जूझने की सीख।
Nice Inspirational Story… Keep it up on live.