Real and True Ghost Stories in Hindi
भूत प्रेतों से जुड़ी तीन सच्ची कहानियां
पृथ्वी पर मानव जीवन का इतिहास सदियों पुराना है। पृथ्वी के अलग अलग हिस्सो में अनेक प्रकार के लोग बसते हैं। अपने आसपास के जीवन, अपने पूर्वजो के दिये हुए संस्कार, और अपने अनुभव के आधार पर खुद का धार्मिक और सामाजिक आचरण पथ चुनना मानव का स्वभाव है।
दुनियाँ में जिस तरह पवित्र और धार्मिक शक्तियों का अस्तित्व और महात्म्य है, उसी तरह आसुरी शक्ति, भूत प्रेत, और मैली विद्या, की पूजा करने वाले, और उसमे मानने वाले लोगो की भी कमी नहीं है। इक्कीसवी सदी में सांस लेने वाली दुनियाँ के कुछ लोग आज भी भूत प्रेत – और अतृप्त आत्मा, के अपने आस-पास होने का भास करते हैं।
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कानून और विज्ञान भूत प्रेत – और आत्मा ( Bhoot Pret Aur Aatma) जैसी पारलौकिक बातों को नहीं मानता है, पर दुनियाँ में कई लोग हैं जिन्होंने पारलौकिक घटनाओं का सामना किया है और असामान्य अनुभव से गुजरे हैं। उनका मानना है कि दुनियाँ में हम मानव ही अकेले नहीं हैं, कोई और भी हमारे आसपास मौजूद है।
पारलौकिक अनुभव होने के कारण / Why People Experience Paranormal Activities in Hindi
जीवन और मृत्यु, पृथ्वी पर मानव जीवन का अटल सत्य है । जो जीव जन्म लेता है वह एक ना एक दिन मृत्यु को प्राप्त होता ही है। एक मानवी अपने जन्म से मरण तक के सफर में हंसता है, रोता है, इच्छा करता है, सफलता प्राप्त करता है, असफल भी होता है, निराश होता है, भावुक होता है, क्रोधित होता है, रुष्ट होता है, कामना करता है, और त्याग भी करता है, ऐसा कहा जाता है कि अपने जीवन काल में अधूरी रह जाने वाली कामनाओ की पूर्ति करने के लिए जीव-आत्मा मृत्यु के बाद भी भटकती रहती है।
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अपने जीवन में अधूरी रह जाने वाली कोई इच्छा, प्रिय वस्तु, अधूरा कार्य, या किसी व्यक्ति के प्रति अनन्य प्रेम, या किसी बात पर बे-इम्तिहा नफरत मृत्यु के बाद भी इन्सान को पृथ्वी लोक से जोड़े रखती हैं। और जीव को मुक्त होने नहीं देती हैं। समय समय पर ऐसी भटकती अतृप्त आत्मा / शक्तियाँ जीवित व्यक्तियों को अपने होने का भास करती रहती हैं।
तीन सच्ची कहानियाँ – ऐसी सत्य घटनायेँ जहां पर आम लोगो ने पारलौकिक शक्तियों का अनुभव किया है
First Ghost Story in Hindi- मकान मालिक का भूत
गुजरात राज्य के जिला-जामनगर के नगर- जाम-खंभालिया की यह घटना है। आज से लगभग 60 वर्ष पहले जाम-खंभालिया नगर में नागरपाड़ा विस्तार में पमिनाबहन और शांताबहन के परिवार रहते थे। पमिनाबहन की उम्र 80 साल के करीब थी और उन्हे एक पुत्री थी। जिनका नाम पूरीबहन था। परिवार में दो बेटे भी थे।
पमिनाबहन जिस मकान में रहती थीं उस मकान में अचानक अजीबो-गरीब घटनायेँ होने लगीं। जैसे कि –
- दोपहर के समय अचानक चूल्हे का जल जाना।
- बरामदे में पड़ी खाट अचानक जमीन से ऊपर हो जाना।
- चाय पकने की सुगंध आने लगना।
- बरतन गिरना।
- और डरावनी आवाज़े आना, वगैरह।
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दिन प्रति दिन अजीब-अजीब घटनाएँ बढ्ने लगी, और पूरा परिवार खौफ में जीने लगा। पमिनाबहन के परिवार ने पाठ पूजा, मंत्र हवन, करने से ले कर ओझा, ज्योतिष, सभी के दरवाजे खटखटाये पर पारलौकिक भुतहा घटनाएँ घटने की वजाये बढ्ने लगीं।
अंत में हार कर पमिनबहन और उनके परिवार ने घर छोड़ के वहाँ से चले जाने का फैसला कर लिया।
पमिनाबहन और उनकी बेटी अपना सामान बांधने लगीं। तभी उनके पड़ोसी शांताबहन आयीं और समझया कि घर छोड़ कर जाना कोई उपाय नहीं है, समस्या से भागने की बजाय उसका सामना करना चाहिए।
शांताबहन की सलाह मान कर पमिनाबहन और उसका परिवार हिम्मत जोड़ कर रुकने का फेसला कर लिया। और उसके बाद घर पर होने वाली असामान्य घटनाओं को नज़रअंदाज़ करना शुरू कर दिया। ऐसा करने पर दिन प्रति दिन असामान्य गतिविधियां घटने लगीं और पमिनाबहन के परिवार का जीवन सामान्य होने लगा।
नगर में पमिनाबहन के अनुभव की बात फैलने पर नगर के किसी अनुभवी व्यक्ति के द्वारा यह पता चला कि जिस मकान में पमिनाबहन का परिवार रहता है, उस जगह के पुराने मालिक के पास से, उसके सगे संबंधियों ने वह मकान हड़प लिया था। और मरते वक्त भी मकान मालिक का जी उसी मकान में था, इसी कारण वह इन्सान अपने मकान में किसी भी व्यक्ति की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं कर पाता था।
पमिनाबहन और उनके परिवार को यह हकीकत पता चलते ही, वह लोग मकान मालिक की अतृप्त आत्मा की मुक्ति का उपाय करवा देते हैं।
“हिन्दू धर्म शास्त्रो के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति का मोह मरने के बाद किसी वस्तु में रह जाए तो उसके छुटकारे के लिए जरूरत मंद व्यक्तियों को दान दिया जाता है, और अतृप्त व्यक्ति की आत्मा के छुटकारे के लिए खास पूजा-अर्चना और शांति पाठ किए जाते हैं।”
आज भी पमिनाबहन के वंशज-परिवार जन उस मकान में शांति से रह रहे हैं, और इस घटना के उपचार के बाद आगे कभी उस घर में कोई असामान्य घटना नहीं हुई है।
2nd Ghost Story: लड़की की भटकती आत्मा – भूत प्रेतों से जुड़ी दूसरी सच्ची कहानी
3rd Ghost Story: शारदा देवी का भूत – भूत प्रेतों से जुड़ी तीसरी सच्ची कहानी
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mujhe to darr lag RHA hai but l like horre. story
Dunia me do tarah ki skti hoti h ek positive ek negative ,bhagvan aur bhut bhi sktiya hi he inhe sirf mahsus kiya jaa skta h inka sarir nhi hota jb bhagavan positive skti ke rup me h to bhut negative ke,aur ye hote h.
mene dheka h bhoot aapne dheka h to plz reply kere nhi dheka to bii kere ???
MENE BHI DEKHA H REAL ME
mene ghost ko bachapan me dekha tha jab me night me davat me se aa rha tha
Mene bhi mere school me bhoot ko dekha ause yadd kar mujhe abhi bhi dar lagta h
कैसा दिखता है कुछ बता सकते हो। कैसे पता चला कि ये भूत हैं।
Yeh kahani padkar dwr fwida hogaya,itna ki raat ko sone k baad susu karne k liye bhi bahar nikal nahi pa raha hu…
Kya aapne bahut Dekha Hai
Kya bhoot sach me Hote Hai
Main Gaou walo se suna hai ki bhoot Hote Hai
Agar bhagwan hote hain to bhoot bhi hote hain
I Like Ghost Story
Vigyan kuch bhi kahe lekin duniyan me tamam jaghon par jis tarah pramanik taur par paralaukik ghatnayen huin hai vigyan ke pas unka koi jawab nahi he… Sach pucho to vigyan bhautik padarthon tak simit.
bhut hote to h par koi manta nhi jo manta h vo reply kare
I beleive at ghost more than god.
Kya aapne kbhi bhoot dekha hai
Ager dekha hai ya suna hai to jarur bata dena main usper study kr rha hoon
To tum bhangarh ja kar ek rat kyun nehi rukte.agar jinda lout ai to u r the best.
जी हां भूत प्रेतों का भी अस्तित्व है ।जो लोग नही मानते वो उनका अपना मत है क्योंकि बहुत से लोग तो भगवान के अस्तित्व को भी नही मानते ।लेकिन किसी के मानने न मानने से इन सब का अस्तित्व समाप्त नही होगा
Hamne to bhut ko dekha nahi parntu hamare dada kaha karte the pahale bhut hote the
BHOOT NAHI HOTE SIRF DAR HOTA H ( DAR MATLAB KHAUF)
right bhai ye sab bawal hai kuchh nahi hota bhoot woot