बहुत समय पहले की बात है, एक चरवाहा था जिसके पास 10 भेड़े थीं। वह रोज उन्हें चराने ले जाता और शाम को बाड़े में डाल देता।
सबकुछ ठीक चल रहा था कि एक सुबह जब चरवाहा भेडें निकाल रहा था तब उसने देखा कि बाड़े से एक भेड़ गायब है। चरवाहा इधर-उधर देखने लगा, बाड़ा कहीं से टूटा नहीं था और कंटीले तारों की वजह से इस बात की भी कोई सम्भावना न थी कि बहार से कोई जंगली जानवर अन्दर आया हो और भेड़ उठाकर ले गया हो।
चरवाहा बाकी बची भेड़ों की तरफ घूमा और पुछा, “ क्या तुम लोगों को पता है कि यहाँ से एक भेंड़ गायब कैसे हो गयी…क्या रात को यहाँ कुछ हुआ था?”
सभी भेड़ों ने ना में सर हिला दिया।
उस दिन भेड़ों के चराने के बाद चरवाहे ने हमेशा की तरह भेड़ों को बाड़े में डाल दिया।
अगली सुबह जब वो आया तो उसकी आँखें आश्चर्य से खुली रह गयीं, आज भी एक भेंड़ गायब थी और अब सिर्फ आठ भेडें ही बची थीं।
इस बार भी चरवाहे को कुछ समझ नहीं आया कि भेड़ कहाँ गायब हो गयी। बाकी बची भेड़ों से पूछने पर भी कुछ पता नहीं चला। ऐसा लगातार होने लगा और रोज रात में एक भेंड़ गायब हो जाती। फिर एक दिन ऐसा आया कि बाड़े में बस दो ही भेंड़े बची थीं।
चरवाहा भी बिलकुल निराश हो चुका था, मन ही मन वो इसे अपना दुर्भाग्य मान सबकुछ भगवान् पर छोड़ दिया था।
आज भी वो उन दो भेड़ों के बाड़े में डालने के बाद मुड़ा।
तभी पीछे से आवाज़ आई, “ रुको-रुको मुझे अकेला छोड़ कर मत जाओ वर्ना ये भेड़िया आज रात मुझे भी मार डालेगा!”
चरवाहा फ़ौरन पलटा और अपनी लाठी संभालते हुए बोला, “ भेड़िया! कहाँ है भेड़िया?”
भेड़ इशारा करते हुए बोली, “ ये जो आपके सामने खड़ा है दरअसल भेड़ नहीं, भेड़ की खाल में भेड़िया है। जब पहली बार एक भेड़ गायब हुई थी तो मैं डर के मारे उस रात सोई नहीं थी। तब मैंने देखा कि आधी रात के बाद इसने अपनी खाल उतारी और बगल वाली भेड़ को मारकर खा गया।”
भेड़िये ने अपना राज खुलता देख वहां से भागना चाहा, लेकिन चरवाहा चौकन्ना था और लाठी से ताबड़तोड़ वार कर उसे वहीँ ढेर कर दिया।
चरवाहा पूरी कहानी समझ चुका था और वह क्रोध से लाल हो उठा, उसने भेड़ से चीखते हुए पूछा, “ जब तुम ये बात इतना पहले से जानती थी तो मुझे बताया क्यों नहीं?”
भेड़ शर्मिंदा होते हुए बोली, “ मैं उसके भयानक रूप को देख अन्दर से डरी हुई थी, मेरी सच बोलने की हिम्मत ही नहीं हुई, मैंने सोचा कि शायद एक-दो भेड़ खाने के बाद ये अपने आप ही यहाँ से चला जाएगा पर बात बढ़ते-बढ़ते मेरी जान पर आ गयी और अब अपनी जान बचाने का मेरे पास एक ही चारा था- हिम्मत करके सच बोलना, इसलिए आज मैंने आपसे सबकुछ बता दिया…”
चरवाहा बोला, “ तुमने ये कैसे सोच लिए कि एक-दो भेड़ों को मारने के बाद वो भेड़िया यहाँ से चला जायेगा…भेड़िया तो भेड़िया होता है…वो अपनी प्रकृति नहीं बदल सकता! जरा सोचो तुम्हारी चुप्पी ने कितने निर्दोष भेड़ो की जान ले ली। अगर तुमने पहले ही सच बोलने की हिम्मत दिखाई होती तो आज सब कुछ कितना अच्छा होता!”
दोस्तों, ज़िन्दगी में ऐसे कई मौके आते हैं जहाँ हमारी थोड़ी सी हिम्मत एक बड़ा फर्क डाल सकती है पर उस भेड़ की तरह हममें से ज्यादातर लोग तब तक चुप्पी मारकर बैठे रहते हैं जब तक मुसीबत अपने सर पे नहीं आ जाती। चलिए इस कहानी से प्रेरणा लेते हुए हम सही समय पर सच बोलने की हिम्मत दिखाएं और अपने देश को भ्रष्टाचार, आतंकवाद और बलात्कार जैसे भेड़ियों से मुक्त कराएं।
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Note: The Hindi Story on Speaking Truth is inspired from “The 10 Sheep – A Story About Speaking Out When Necessary”
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akhil says
कहानी बहोत अच्छी है गोपाल भाई जी।
इससे हमे अपने जीवन में सिख लेनी चाहिए।
hritik Kumar says
bahut acha kahani laga
alok Pandey says
Bahut hi achhikhabar sikh
निखिल जैन says
बहुत अच्छी कहानी, अगर हम भी अपने सामने कुछ गलत होता देखे हमे भी तभी सावधान हो जाना चाहिये और अपने बड़ो से कहना चाहिये जो हमारी मदद कर सकते है ।
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Nisha Sharma says
Nice Story
प्रकाश कुमार निराला says
जीवन के एक महत्वपूर्ण पहलु को समझाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद गोपाल जी. आप हिन्दीभाषी लोगों के काफी अच्छा सेवा कर रहे हैं. हमारे तरफ से भी एक छोटा सा प्रयास http://www.hinditechtricks.com के माध्यम से. आपकी Visit हमें बहुत ख़ुशी देगी.
Gopal Mishra says
आपने एक अच्छी साईट बनायीं है, लेख अच्छे हैं.
प्रकाश कुमार निराला says
आपका बहुत बहुत धन्यबाद गोपाल जी. Keep Motivating 🙂
Paripoorna Raj says
nice
Niraj Sidar says
सच में बहुत ही प्रेरणादायक कहानी है ।
हम अपने डर की वजह से इन भेड़ियों को और
बढावा देते हैं ।
पर हमें हिम्मत करके सच को सामने लाना चाहिए ।
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inderjeet singh says
wow vry nice
inder says
wow vry nice story .ager pehle se hi sach bol diya hota tou itno ki jaan nahi jaati.dosto hamare se b kujh aise log hai jo apni lige main kujh na kujh galtiyan karte hi rehte hai.thank u alll