भारत महान शासकों का देश रहा है. अलग-अलग काल में एक से बढ़कर एक राजाओं ने भारत पर राज किया है और आज हम आपके साथ ऐसे ही दस शाशकों की सूचि प्रस्तुत कर रहे है.
इस सूचि को शासक के द्वारा विस्तार किये गए राज्य की सीमा और उनका भारत की जनता और देश की संस्कृति पर जो असर हुआ है उसे ध्यान में रख कर बनाया गया है. और हमने सिर्फ सामरिक क्षमता ही नहीं अपितु राजकुशलता और जनता के प्रति कल्याण भाव रखने वाले राजाओं को वरीयता दी है.
यह सूचि शासन काल के समय के अनुसार तैयार की है, यानि चुने गए सबसे पुराने शासक को सबसे पहले दिखाया गया है और बाद में आने वालों को बाद में.
तो आइये देखते हैं इसे :
10 Great Kings of India in Hindi
Contents
- 1 10 Great Kings of India in Hindi
- 2 भारत के 10 महान शासक
- 2.0.1 1. अजातशत्रु- 491 BC
- 2.0.2 2. चन्द्रगुप्त मौर्य (340 BC)
- 2.0.3 3. सम्राट अशोक ( 304 BC):
- 2.0.4 चक्रवर्ती सम्राट अशोक का गौरवमयी इतिहास
- 2.0.5 4. समुद्रगुप्त – चौथी शताब्दी
- 2.0.6 5. राजा राजा चोला ( चोला वंश) 10वीं शताब्दी
- 2.0.7 6. कृष्णदेवराय 1509- 1530
- 2.0.8 7. महाराणा प्रताप 1540-1597 (मेवाड़ वंश- राजपूत शासक)
- 2.0.9 Maharana Pratap History in Hindi यहाँ पढ़ें.
- 2.0.10 8. अकबर ( 1556-1605)
- 2.0.11 9. शिवाजी महाराज 1660-1680 (मराठा शासन )
- 2.0.12 महान योद्धा वीर शिवाजी महाराज
- 2.0.13 10. महाराजा रणजीत सिंह (सिख शासक )1780-1839
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भारत के 10 महान शासक
1. अजातशत्रु- 491 BC
अजातशत्रु मगध पर राज्य करते थे और वह हर्यंका वंश से थे. उनके पिता सम्राट बिम्बिसार थे अजातशत्रु ने अपने पिता को बंदी बना कर सत्ता हासिल कर ली.
अजातशत्रु बुद्ध और महावीर के समय में हुए और उन्होने उन्हे पूर्ण रूप से संरक्षण दिया. अजातशत्रु ने वज्जी को हराकर वैशाली जैसे बडे राज्य पर नियंत्रण प्राप्त किया. अजातशत्रु ने अपने भाई जो की खोसला राज्य के रजा थे उन्हे हराकर खोसला पर भी अधिपत्य हासिल किया. अजातशत्रु के समय में मगध मध्यभारत का एक बहुत की शक्तिशाली राज्य था.
2. चन्द्रगुप्त मौर्य (340 BC)
मौर्य वंश के संस्थापक चन्द्रगुप्त को भारत के पहले अहम् रजा के रूप में जाना जाता है, चाणक्य रुपी महान रणनीतिकार को गुरु के रूप में पाने के बाद उन्होने अपना अभियान शुरु किया और 20 वर्ष की अल्प आयु में ही युद्ध जीतने शुरू कर दिए थे. एलेक्जेंडर के भारत पर आक्रमण का विरोध करने में वह पूरी तरह सक्षम थे.
बालक के रूप में चंद्रगुत्प को चाणक्य ने तक्षशिला में देखा था, उन्हें बालक चन्द्रगुप्त की प्रतिभा का भान हो गया और उन्होंने चन्द्रगुप्त को उत्तम शिक्षा दी.
बडे होने के बाद चन्द्रगुप्त ने नन्द वंश का नाश करके अपना राज्य शुरू किया उन्होने मगध पर भी कब्ज़ा कर लिया और पश्चीम में ईरान तक अपना राज्य बढ़ा लिया. उस समय एलेग्जेंडर का सेनापति सेलुकास वहां राज्य करता था. चन्द्रगुप्त ने उसे युद्ध में हरा कर बहुत सा राज्य वापस ले लिया.
Chandragupt Maurya on Wikipedia
3. सम्राट अशोक ( 304 BC):
अशोक महान एक ऐसे शासक थे जिनका राज्य अफगानिस्तान से लेकर बर्मा तक और कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक फैला हुआ था. उनकी राजधानी पाटलिपुत्र थी. अशोक को भारत के इतिहास में सबसे शक्तिशाली राजा माना जाता है. अशोक मौर्य वंश के तीसरे शासक थे अशोक अपने शुरूआती दिनों में बहुत ही कठोर शासक थे इसीलिए उन्हे चंड अशोक कहा जाता था. परन्तु कलिंग युद्ध में लाखों लोगों की मृत्यु को देख कर उनका ह्रदय परिवर्तन हो गया और उन्होने विस्तार का अपना अभियान छोड़ दिया. बुद्ध धर्म को विदेशों में फैलाने में सम्राट अशोक ने बहुत योगदान दिया. भारत का राष्ट्रीय प्रतीक और झंडे का चक्र अशोक स्तम्भ से लिया गया है.
चक्रवर्ती सम्राट अशोक का गौरवमयी इतिहास
4. समुद्रगुप्त – चौथी शताब्दी
समुद्रगुत्प गुप्त राजवंश के वह राजा थे जिन्होने अपने पूरे जीवन काल में कभी कोई युद्ध नहीं हारा. अपने पुत्र विक्रमादित्य के साथ मिलकर उन्होने भारत के स्वर्ण युग की शुरुआत की. उन्होने ही मुद्रा का चलन शुरू किया और स्वर्ण मुद्राएँ बनवायीं. उनके राज्य में भारत का सांस्कृतिक उत्थान हुआ.
Chandragupta Maurya on Wikipedia
5. राजा राजा चोला ( चोला वंश) 10वीं शताब्दी
दक्षिण में जितने राजा हुए हैं उनमे से सबसे ताकतवर थे राजा राजा चोला. उन्होने दक्षिण में अपना शासन बनाया और अपना प्रभाव श्रीलंका तक फैलाया. हिन्द महासागर के व्यावसायिक समुद्र मार्गों पर चोला वंश का प्रभाव साफ़ तौर पर था और उनकी अनुमति के बिना यहाँ को व्यापार नहीं कर सकता था. उन्होने 100 से ज्यादा मंदिर बनवाये जिनमे से सबसे उत्तम और ऐतिहासिक है- तंजोर का शिव मंदिर जो UNESCO द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साईट घोषित किया जा चुका है.
6. कृष्णदेवराय 1509- 1530
दक्षिण के महान राजा कृष्णदेवराय विजयनगर के शासक थे उन्होने दक्षिण भारत में मुग़ल शासन की बढ़त को रोक दिया और बहुत से मंदिर बनवाये.
कृष्णदेवराय तुलुव वंश के तीसरे शासक थे उन्होने गोलकोंडा के सुल्तान और ओडिशा के राजा को परस्त कर के अपने राज्य का विस्तार किया. कृष्णदेवराय को उस समय के सबसे ताकतवर हिन्दु राजाओं में माना जाता है. उनके प्रभाव के कारण बाबर ने कृष्णदेवराय के राज्य पर आक्रमण नहीं किया.
7. महाराणा प्रताप 1540-1597 (मेवाड़ वंश- राजपूत शासक)
मुग़ल काल में जब राजपुताना के अन्य शासकों ने मुगलों से संधी कर ली थी तब मेवाड़ की भूमि पर जिस सूर्य का उदय हुआ उसका नाम था प्रताप. माता से मेवाड़ी परंपरा और शौर्य की गाथा सुनकर प्रताप का मन बचपन से ही मातृभूमि की भक्ति में लग गया और उन्होने अपना जीवन राष्ट्र, कुल और धर्मं की रक्षा के लिए अर्पित कर दिया.
अकबर से पराजित होने और जंगलों में भटकने के बाद भी उनका सहस नहीं टूटा और महाराणा ने चित्तौड़गढ़ वापस प्राप्त किया और राजपूतों की शान फिर से बढाई.
महाराणा ने प्रण लिया था की जब तक वह चित्तौड़गढ़ वापस नहीं लेंगे तब तक ना पलंग पर सोयेंगे और ना सोने की थालियों में खायेंगे. उन्होने अपने कर्म के लिए राज्य सुख का उपभोग त्याग दिया था.
Maharana Pratap History in Hindi यहाँ पढ़ें.
8. अकबर ( 1556-1605)
अकबर मुग़ल वंश के तीसरे शासक थे. उनका शासन गोदावरी नदी के उत्तर में लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर था. अकबर ही एक ऐसा राजा था, जिसे हिन्दू मुस्लिम दोनों ही धर्मों के लोगों से बराबर स्नेह और सम्मान मिला. विशाल मुगल राज्य को एकजुट करने के लिए, अकबर ने अपने साम्राज्य भर में प्रशासन की एक केंद्रीकृत प्रणाली की स्थापना की और हारे हुए राजाओं के यहाँ शादी की कूटनीति द्वारा संभावित विद्रोह को ख़त्म किया.
9. शिवाजी महाराज 1660-1680 (मराठा शासन )
शिवाजी शाहजी भोसले मराठा शासन के बहुत ही लोकप्रिय और सफल शासक हुए. उन्होने बहुत ही कम उम्र से गुरिल्ला युद्ध कला में महारथ हासिल कर ली थी. छोटी उम्र से ही उनमे देशभक्ति की असीम भावना थी और उन्हे मुग़ल शासक बिलकुल भी पसंद नहीं थे. वे एक कुशल नेता, सफल राजनितिक और चतुर रणनीतिकार थे.
अपने उत्तम समय में उनके पास एक लाख से भी ज्यादा सैनिक मौजूद थे. उन्होने अपनी युद्धकला के नियम अपनी शिवाजी सूत्र में लिखे है. उन्होने राजकाज के काम के लिए पर्सियन भाषा की जगह मराठी और संस्कृत का उपयोग करने का नियम बनाये.
महान योद्धा वीर शिवाजी महाराज
10. महाराजा रणजीत सिंह (सिख शासक )1780-1839
सिख शासन की शुरुवात करने वाले महाराजा रणजीत सिंह ने उन्नीसवी सदी में अपना शासन शुरू किया, उनका शासन पंजाब प्रान्त में फैला हुआ था और उन्होने दल खालसा नामक एक संगठन का नेतृत्व किया था. उन्होने छोटे गुटों में बंटे हुए सिखों को एकत्रित किया. उनके बाद उनके पुत्र खड़ग सिंह ने सिख शासन की कमान संभाली.
महाराजा रणजीत सिंह ने मिसलदार के रूप में अपना लोहा मनवा लिया था और अन्य मिसलदारों को हरा कर अपना राज्य बढ़ाना शुरू कर दिया था. पजाब क्षेत्र के सभी इलाकों में उनका कब्ज़ा था पूर्व में अंग्रजों के और पश्चिम में दुर्रानी के राज्य के बीच में उनका राज्य था.
रंजित सिंग जी ने पुरे पुजाब को एक किया और सिख राज्य की स्थापना की. महाराजा रणजीत ने अफगानों के खिलाफ कई लड़ाइयां लड़ीं और पेशावर समेत पश्तून क्षेत्र पर अधिकार कर लिया. ऐसा पहली बार हुआ था कि पश्तूनो पर किसी गैर मुस्लिम ने राज किया हो। उसके बाद उन्होंने पेशावर, जम्मू कश्मीर और आनंदपुर पर भी अधिकार कर लिया। ब्रिटिश इतिहासकार जे टी व्हीलर के अनुसार, अगर वे एक पीढ़ी पुराने होते, तो पूरे भारत को जीत लेते।
दोस्तों, तो ये थी भारत के प्रभावशाली दस राजाओं की सूचि. निश्चित रूप से भारत ने कई अन्य महान राजाओं का शासन देखा है और सम्भव है कि कुछ मायनों में वे यहाँ दिए गए राजों की सूचि से बेहतर हों. यदि आप उनके बारे में हमें बताना चाहते हैं तो कृपया कमेंट के माध्यम से बताएं.
धन्यवाद् !
डॉ परेश सोनी
Email: [email protected]
Blog: सेहत मेरी , हिंदीबोल
भारत के गौरवशाली इतिहास से जुडे सारे तथ्य, जीवनी और व्यक्ति परिचय के बारे में और जानने के लिए आप हिंदी बोल वेबसाइट पर जा सकते है.
डॉ परेश सोनी एक dentist हैं, इसके आलावा उन्हें Nutrition & Health Education में भी रूचि है। स्वास्थ्य सम्बन्धी विषयों पर लोगों को जागरूक करने के लिए वह एक health blog भी रन करते हैं, जिस पर आप health related बेहतरीन लेख पढ़ सकते है। Dr. Paresh के बारे में और अधिक जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
We are grateful to Dr. Paresh Soni for sharing this informative Hindi article on the great kings of India.
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Maharaja Ranjit Singh best king
महोदय जी
15 वी सतब्दी हे पहले का इतिहास ना के बराबर हैं कि कोइ लिखने वाले नही थे या इतिहास मालुम नहीं थ। पर हजारो वर्ष कि धार्मिक कथाये मिला है लेकिन 15वी सताब्दी जे पहले सैकडो राजा थे उन राजाओ का नाम इतिहास कहा चला गया आप लोग इतिहास कार पता लगाये।सिर्फ़ मुगल कल का इतिहश पढ़ कर कुछ नही होगा। प्रणाम जी।
अधुरा ज्ञान मनुष्य को अहंकारी बना देता है
इस लेख में बहुत सी कमिया है
आप इस पर गहन अध्ययन कर सुधार करने का प्रयास करे यही उम्मीद है
my nameis manoj kumar sharma me ap ko mahan beer ke bareme bata raha hoo ——— bhartiy history me shri parashuram ji ka nam amar hai jo apne mahan karmo ke lia jane jate hai eslia hi un ko sara jamana ab bhi pujata hai or un ke shubh nam ka gungan karata hai w apana aradhy dev manata hai ye hi hai achchhe karmo ka natija .
SIR AAP BHARAT KI SHAAN PRITHVI RAJ CHOUNHAN KO BHUL GYE
Ashoka is a great king I love him story much
poras, prithviraj chauhan, aalah udal, udna rajkumar prithviraj, raja suraj mal , hemu,etc.
Nice
Ek shasak or b h jiske bina itihas adhura Sa h or WO h sikandar Mahan Mai unko sanse shakti sali shasak or yodha manta Hu wo aise phle shasak the jinhone Puri duniya me sashan kiya Puri duniyya jiti Hindustan b jita pr yaha shasan nahi kiya kyuki WO yha ke raja Ki bt se haar Gaye the is liye wapas chale Gaye duniya me aisa Bharat hi bacha tha jha unhone shasan nahi kiya jitne ke baad b
Nice