जब इंसान की मूलभूत आवश्यकताओं के बारे में सोचा गया तो निकल कर आया – रोटी, कपडा, और मकान
क्योंकि जब इस बारे में सोचा गया तो किसी को ख़याल भी नहीं आया कि कभी इंसान “पानी” के लिए भी तरस सकता है। पर आज हकीकत यही है…हमारी सबसे बड़ी ज़रूरत पानी है…क्योंकि अगर जल नहीं है तो जीवन नहीं है…और जीवन नहीं है तो रोटी, कपडा और मकान किसे चाहिए?
पर अब अचानक से पानी की इतनी कमी क्यों होने लगी?
अचानक से नहीं…ये तो हम इंसानों की बरसों की करतूत का नतीजा है:
- हमने जंगल काट दिए
- हमने तालाब पाट दिए
- हमने हैण्ड पाइप की जगह मोटरें लगवा लीं और ज़रूरत से कहीं अधिक पानी पृथ्वी की कोख से निकालने लगे… मानो हम प्रयास कर रहे हों कि सोने का अंडे देने वाली मुर्गी का पेट फाड़ कर एक साथ सभी अंडे निकाल लें!
- हमने अरबों वर्ग मीटर जमीन को कंक्रीट से ढक दिया, ताकि पृथ्वी ठीक से पानी ना पी सके, मतलब एक तरफ हम mother Earth को पानी पीने नहीं दे रहे और दूसरी तरफ जो पानी उसने पिया है वो उसके गर्भ से निकाल कर उसे प्यास से तडपा भी रहे हैं
➡ पढ़ें: पानी बचाओ व जल संरक्षण पर 60 अनमोल विचार व नारे
क्यों बचाएं पानी?
इसलिए ताकि हम बचे रहें। “हम” यानि मानव जाति।
यूँ तो पृथ्वी पर तीन-चौथाई हिस्से में पानी है, पर ये पानी खारा पानी है, समुद्री पानी है। फ्रेश-वाटर या वो पानी जो हम day-today life में इस्तेमाल कर सकते हैं वो पृथ्वी पर मौजूद कुल पानी का बस 3 परसेंट है।
कुल Fresh water का लगभग 68% ग्लेशियर्स के रूप में पाया जाता है, और 30 % के लगभग ग्राउंड वाटर के रूप में मौजूद है। और सिर्फ 0.3 % पानी नदियों, तालाबो, और झीलों के surface पे पाया जाता है।
मतलब ये समझिये कि पृथ्वी पर मौजूद कुल पानी का 99% तो हमारे काम के लायक है ही नहीं, बस 1% में अरबों लोगों का काम चलना है।
लेकिन शायद कुछ लोग सोचें कि महासागरों में मौजूद पानी को पीने लायक बनाया जा सकता है और तब पानी की कमी दूर हो जायेगी।
May be, ऐसा पॉसिबल हो पाए कि लार्ज स्केल पर खारे पानी को पीने लायक बनाया जा सके। पर जब बात अरबों लोगों के requirement की होगी तब कितनी भी बड़ी मशीनरी लगा लीजिये डिमांड पूरी करना मुश्किल होगा। और अगर आप पानी produce कर भी लेते हैं तो सागर के किनारे से उसे दूर-दराज के शहरों और गाँवों तक पहुँचाना किनता मुशिकल होगा…जो भी पानी इस तरह पहुंचेगा वो आज 20 रुपये Litre बिकने वाली पानी की बोतल की तरह महंगा होगा..और सिर्फ पीने के लिए उपयोग हो पायेगा…मतलब अगर आप इस लिए आशावादी बने हुए हैं कि समुद्र में अथाह पानी है तो तैयार रहिये कि आपकी आने वाली पुश्तें साल में बस एक बार अपने जन्मदिन पर नहा पाएंगी!
अच्छा, आप सोच रहे हैं कि घर पे ना सही नदी में जाके नहा लेंगे…तो जनाब…नदियाँ तब तक बचेंगी तो ना!
एक अनुमान के मुताबिक 2025 तक पूरी दुनिया घोर पानी की किल्लत का सामना करेगी, मतलब अगले 10 साल के अन्दर ही पानी को लेकरहाहाकार मच जाएगा….और 2070 तक बहुत सारी नदियों सूख जायेंगी या सूखने की कगार पर होंगी। आज कल भी यमन जैसे देशों में हर साल हज़ारों लोग पानी को लेकर आपस में लड़ते हैं और मारे जाते हैं, इसलिए भविष्य में दुनियाभर में ऐसा होने लगे तो इस पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
खैर, सौ बात की एक बात— “जल ही जीवन है” और “जल है तो कल है” को हलके में लेना छोडिये। अपनी जिम्मेदारी समझिये और अपने अपने स्तर पर पानी बचाइये। ( Read this: पानी की बर्वादी रोकने के 18 तरीके )
और इसी जिम्मेदारी को निभाने का एक बहुत practical और कारगर तरीका मैं आपसे share कर रहा हूँ-
तो आइये जानते हैं कि क्या है वो तरीका?
बड़ा सिंपल है, शायद आप जानते भी हों और यूज भी कर रहे हों- वो तरीका है –
पानी की टंकी से एक ऐसी घंटी या अलार्म जोड़ने का जो पानी भरते ही बजने लगे।
I know, जब तरीका इतना आसान होता है तो लोग उसे लेकर excited नहीं होते। In fact, बहुत से लोग इस बारे में जानते भी हैं but out of laziness या water wastage के प्रति insensitivity के कारण इसे इस्तेमाल नहीं करते। But let me tell you, ये एक सचमुच बहुत powerful तरीका है और अगर आप एक water activist हैं या एक जिम्मेदार नागरिक हैं तो आपको इसे बिना किसी delay के अपनाना और लोगों को बताना चाहिए।
मेरे अपने घर में किरायेदारों की टंकियां लेकर कुल 6 पानी की टंकियां लगी हैं। रोज लोग टंकी में पानी भरने के लिए मोटर चलाते थे और अक्सर समय से मोटर बंद करना भूल जाते थे। इसकी वजह से सैकड़ों लीटर पानी बर्वाद होता था। फिर मैंने निश्चय किया कि सभी पानी की टंकियों में water overflow alarm लगाए जाएं।
इसके लिए जब एक electrician से बात की तो उसने बताया कि वो एक घंटी लगाने के Rs. 250 लेगा, जबकि सारा सामान मुझे खुद ही देना होगा! मैंने सोचा कि क्यों न खुद ही ये काम किया जाए और फिर एक दिन मैं बिजली के सामान की थोक बाज़ार गया और वहां से घंटियाँ और तार खरीद कर ले आया और एक-एक करके सभी टंकियों में फिट कर दिया।
अब जब भी टंकी भर जाती है तो अलार्म बजने लगता है और पहले जहाँ सैकड़ों लीटर पानी बर्वाद होता था, वहीँ एक बूंद भी पानी नहीं गिरता और ऊपर से बिजली की भी बचत होती है।
आइये, आपको भी बताता हूँ कि ये अलार्म कैसे फिट किया जाता है:
Step 1 : इन सामान की व्यवस्था कर लें:
- एक घंटी
- तार – इसका एक सिरा आपकी टंकी में लटका होगा और एक आपके रूम में switch board के पास तक आएगा।
- टेप
- तार छीलने के लिए ब्लेड- कई लोग दांत से भी ये काम कर लेते हैं
- पेंचकस, प्लायर, टेस्टर
- लकड़ी या प्लास्टिक का टुकड़ा- जो तार के सिरों के बीच दूरी बनाने के काम आएगा
- धागा- जो लकड़ी या प्लास्टिक से तार को बाँधने के काम आएगा
- एक जोड़ी इलेक्ट्रोड ( आप किसी पुरानी स्विच के पार्ट्स यूज कर सकते हैं)
Step 2: चेक करें की घंटी सही है
- इसके लिए एक मग में पानी भर लें
- घंटी का प्लग पॉवर स्विच में लगा दें, और स्विच ऑन कर दें
- अब घंटी से निकले हुए दोनों तारों को मग में रखे पानी में डुबोएं
- अगर घंटी सही होगी तो वो बजने लगेगी नहीं तो उससे कोई आवाज़ नही आएगी
या
- घंटी को पॉवर देकर उसके बाहर निकले दोनों तारों को आपस में सटाएं
- अगर घंटी सही होगी तो वो बजने लगेगी नहीं तो उससे कोई आवाज़ नही आएगी
Step 3: तार का जो सिरा टंकी के अन्दर डालना है उसे तैयार कर लें
- इस स्टेप को ध्यान से करें
- सबसे पहले तार के एक सिरे ( लाल और काले भाग ) को छील लें
-
अब किसी पुराने प्लग का ब्रास वाला पार्ट दोनों तार के सिरों पर कस दीजिये, इससे तार को एक अच्छा conductor मिल जाता है और साथ ही वजन के कारण ये पानी में सीधा लटका रहता है
- हमें ध्यान देना होता है कि लटकते समय लाल और काले तार आपस में टच न हों, नहीं तो बिना पानी भरे भी घंटी बजने लगेगी
- दोनों तारों में गैप रखने के लिए आप उनके बीच में एक लकड़ी या प्लास्टिक का टुकड़ा लगा कर धागे से बाँध सकते हैं, या कोई और जुगाड़ लगा सकते हैं
- बाँधने के बाद दोनों तार एक साथ लटका के देख लें, वो एक ही लेवल पे होने चाहिए, ताकि जब पानी भरे तो दोनों को साथ ही टच करे
Step 4: छत पर चढ़ जाएं जहाँ टंकी लगी है
- टंकी का ढक्कन हटाएं और जहाँ से पानी ओवरफ्लो होता है उसमे तार लपेट कर एक गाँठ दे दें और वहीँ से तार को टंकी में लटका दें
- ध्यान रहे कि तार बहुत नीचे ना लटकाएं और न ही ओवरफ्लो वाली जगह से ऊपर लटकाएं
- एक सही हाइट पर तार लटका कर ढक्कन बंद कर दें
- आब आपको तार के दुसरे सिरे को उस जगह लेकर जाना है जहाँ घंटी का प्लग पॉवर स्विच में लगाया जायेगा, ऐसा करते समय तार ओ ईंट या किसी भारी चीज से जगह-जगह दबा दें ताकि बन्दर, बिल्ली इत्यादि जानवरों की वजह से तार हिले या टूटे नहीं
Step 5: तार के दुसरे सिरे को घंटी से निकले तार से जोडें
- अब आप टंकी से जो तार लटकाते हुए ले आ रहे हैं उसके दोनों पार्ट्स (लाल और काले) को घंटी से निकले दोनों तारों से जोड़ दें और उसपर सावधानी से टेप लगा दें
- बेहतर होगा कि आप घंटी को किसी ऊँची जगह पर रख दें या कहीं टांग दें
- अब आप जब भी मोटर चलाएं घंटी का स्विच भी ऑन कर दें
- जैसे ही पानी भरते-भरते टंकी में लटके काले और लाल तार को टच करेगा आपके रूम में रखी घंटी बजने लगेगी, जिस सुनते ही आप मोटर और घंटी का स्विच बंद कर सकते हैं और पानी एवं बिजली दोनों ही अमूल्य संसाधनों को बर्वाद होने से बचा सकते हैं
अब बात करते हैं इस तरीके को as a Business Idea treat करने की
जब मैंने अपने tenants से water overflow alarm लगवाने की बात की तो वे तुरंत तैयार हो गए। क्योंकि इसमें उनका भी फायदा था। वे पानी का अलग से कोई बिल नहीं देते पर बिजली का तो देते ही हैं और अलार्म लगने से बिजली की भी काफी बचत होती है इसलिए अगर इस काम के social aspect को छोड़ भी दिया जाए तो economically भी ये एक सही चुनाव है।
मतलब, लोगों को घंटी लगवाने के लिए convince करने में बहुत दिक्कत नहीं आएगी, क्योंकि कुछ ही महीने में घंटी लगवाने का खर्चा बिजली की बचत के रूप में निकल जाएगा।
अब देखते हैं इसमें cost कितनी आएगी:
थोक बाज़ार में घंटी का दाम : Rs. 100 —- Printed Rate Rs. 200 ( 6 months warranty)
तार : 2 रूपये मीटर———-Retail में Rs. 4 per metre
बाकी खर्चे ( टेप, लकड़ी या प्लास्टिक,ब्रास वाला पार्ट, etc) : 10 रुपये
अगर ये मान लें की on an average 25 मीटर तार भी लगता है तो तार पर आपका खर्च आएगा: 25×2= 50 रुपये
यानि कुल खर्च आएगा: 100+50+10= Rs. 160
Profit कितना होगा:
अगर आप customer से सामन की retail प्राइस भी लें तो आपको मिलेंगे : 200+100+10 = 310
+ लेबर चार्ज = 250
Total= Rs. 560
मान लीजिये आप एक घंटी लगाने का 500 रु भी लेते हैं तो एक घंटी खुद लगाने पर आपको फायदा होगा :
=500 – 160
=340
इसमें से कुछ और खर्चे निकाल दीजिये:
Transportation + Mobile+ Miscellaneous expense = say Rs. 40
तो भी एक घंटी लगाने पर कमाई होती है Rs. 300 की
Now suppose किसी वजह से आप खुद ये काम नहीं करते और किसी लड़के को इसके लिए hire करते हैं। I think, इसके लिए आपको 5-6 हज़ार मंथली पे लड़का मिल जाएगा या आप चाहें तो हर एक घंटी लगाने पर कमीशन बेसिस पर भी लड़का रख सकते हैं. फ़िलहाल मानते हैं कि हम 6 हज़ार की सैलरी पर किसी को रखते हैं।
अब एक हिसाब करते हैं:
महीने में हम 25 दिन काम करते हैं और रोज बस चार घंटियाँ लगाते हैं, तो महीने में कुल घंटियाँ लगीं : 100
एक घंटी पर 300 की कमाई के हिसाब से कमाई हुई =30,000 रुपये
सैलरी देनी पड़ी = 6000
Office expense= 0 ( क्योंकि ये काम आप आराम से घर से कर सकते हैं)
यानि शुद्ध मुनाफा हुआ = Rs. 24000 का
Wow, इतने मुनाफे वाला बिजनेस जिसे आप 1000 रुपये से भी कम में शुरू कर सकते हैं! Isn’t it exciting?
सोचिये, अगर आप मेहनत करते हैं तो इस काम को कितना अधिक expand कर सकते हैं। ऐसी लाखों टंकियां हैं जहाँ water overflow alarm नहीं लगा है, और सचमुच वहां इसे लगाने की ज़रूरत है। आप एक बन्दे के साथ शुरू करके धीरे-धीरे अपनी टीम बढ़ा सकते हैं और इस काम से हर महीने लाखों रुपये कमा सकते हैं।
इस काम में कोई challenge?
बिलकुल है!
सबसे बड़ा challenge आयेगा कि लोगों को पानी की बर्वादी रोकने के लिए sensitize करना और फिर अलार्म लगवाने के लिए convince करना। हो सकता है आप 10 लोगों के पास जाएं तो कोई 1 ही उसमे से तैयार हो…लेकिन ये निश्चित है कि अगर आप मेहनत करेंगे तो आप धीरे-धीरे एक बहुत बड़ा कस्टमर बेस बना लेंगे।
इसमें एक challenge ये भी आ सकता है कि लोग आपकी बात समझ घंटी लगाने को तैयार हो जाएं पर कहें कि हम खुद ही ये अलार्म लगा लेंगे। मुझे लगता है ऐसे लोगों को भी आपको device का demo देना चाहिए और गाइड करना चाहिए कि वे किस प्रकार खुद ही ये घंटी लगा सकते हैं। देखिये, अगर आप इस बिजनेस के social aspect को ध्यान में रखेंगे और सचमुच पानी की बर्वादी रोकने के लिए काम करेंगे तो आपको pure business करने से जितना लाभ मिलता उससे कहीं अधिक फायदा होगा!
और ऐसे कस्टमर्स को भी आप competitive rate पर अपनी device और वायर बेच सकते हैं. साथ ही आप ऐसे लोगों का database बना सकते हैं ( नाम और mobile no. .), I am sure, इनमे से ज्यादातर लोगों को जब आप कुछ दिन बाद कॉल करेंगे तो भी उनके यहाँ अलार्म नहीं लगा होगा और तब आपके पुश करने से वे अलार्म लगवा लेंगे। और जब एक आदमी लगवाएगा तो definitely उसके आस-पड़ोस के लोग भी आपसे अलार्म लगवाने के लिए तैयार हो सकते हैं। और आप अपने कस्टमर से एक-दो रिफरेन्स भी ले सकते हैं।
इस काम में आप फ्री सर्विस का ऑफर ना दें तो अच्छा रहेगा, नहीं तो आप बार-बार दौड़ते ही रह जायेंगे. आप बस 6 महीने की घंटी की वारंटी दे सकते हैं और कस्टमर से घंटी खराब होने पर आपके ऑफिस में छोड़ने के लिए कह सकते हैं।
दोस्तों, अगर आप इस काम को as a business करते हैं तो प्लीज at the back of your mind पानी बचाने को priority पर रखें, भले आपका प्रॉफिट कुछ कम हो जाए। और अगर आप इसे as a business नहीं भी देखते हैं तो भी कम से कम अपने घर की पानी की टंकी में अलार्म लगा या लगवा लें और अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को भी ऐसा करने के लिए कहें।
दोस्तों, अगर इंसान अपनी बेवकूफी से nature का balance बिगाड़ सकता है तो वो अपनी बुद्धिमानी से उसे फिर से ठीक भी कर सकता है। और अब समय आ गया है कि हम बुद्धिमानी दिखाएं और ज़िन्दगी देने वाले जल को बर्वाद होने से रोकें।
So, let’s save water…let’s save Earth.
Thank You!
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Prabhakar Kumar says
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राहूल कुमार पाण्डेय says
भाई टंकी में तार लटका रहेगा तो जब मोटर चले गा और पानी से तार चिपके गा और टाइम पे कोई पानी यूज़ करे तो उस को करेंट भी मरे गा बहुत लोग छत पे खड़े रहते हैं टंकी छु देते हैं या fr टोंटी में भी लाइट आयेगा। पता नहीं कैसे जैसे दिमांग लगाते हो यरर
मैं राहुल पाण्डेय
My no. 9532332070
थैंक यू
Gopal Mishra says
जो वाटर फ्लो अलार्म आते हैं उनके अन्दर एक ट्रांसफार्मर लगा होता है, जो सुनिश्चित करता है की किसी भी हालत में करंट पानी में ना जाए, इसलिए इसके लिए बेफिक्र रहिये.
Gaurav says
Dear sir ,
You are rong , no socking devices ,it is perfact & sockprof divices.
Harbhagwan Batra says
Good Idea
Madhu Nair says
Very Good one
gyanipandit says
बहुत बढ़िया सुझाव दिया सर आपने, जैसे पैसा कमाना इन्सान की जरुरत हैं वैसे पानी बचाना इन्सान की जरुरत बनती जा रही हैं. आशा हैं की आपके इस सुझाव को लोग आजमा कर पानी की समस्या से काफ़ी हद तक छुटकारा पायेंगे.
Mahesh Yadav says
Mast..Gopal ji..mazaa aa gaya post padhkar..
shiv says
very nice information about money making…..and save water….thanks for share…..
paresh barai says
mast article
Prafull says
Sir,
But we have to do marketing for it.
Like- if we publish Advt. in news paper then potential customer can directly approach to us. and we need not to go to them.
rupa roy says
gopal jee aapne bilkul sahi kaha aaj log pani ka galat istemal kar rahe he. aur aapne pani bachane ke bahut hi acchey sujhav diye he thank u.