शरीर अगर स्वस्थ हो तो ज़िंदगी जीने का मज़ा ही कुछ और होता है। अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना हर इन्सान का प्राथमिक कर्तव्य है, लेकिन दुर्भाग्यवश बहुत कम ही लोग समय रहते अपनी health की ओर ध्यान देते हैं। नतीजतन वे समय से पहले ही तमाम रोगों से ग्रस्त हो जाते हैं। और ऐसे ही health issues में एक परेशानी जो काफी आम होती चली जा रही है वो है मोटापा। आज तमाम लोग अपने बढे हुए weight के कारण परेशान हैं, in fact लोग इतना परेशान हैं कि weight loss को लेकर हजारों करोड़ की industry खड़ी हो गयी है।
AKC पर हम पहले भी वजन घटाने को लेकर बहुत सी पोस्ट्स share कर चुके हैं:
- मोटापा घटाने के 25 कारगर टिप्स
- मोटापा कम करने के आयुर्वेदिक व घरेलू उपाय
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Friends, वजन घटाने के हज़ारों तरीके बताये जाते हैं, पर इन सब तरीकों में जो तरीका आपको बिना side-effects के एक long-term solution देता है, वो है योग। और इसीलिए आज हम आपके साथ वजन घटाने के लिए कारगर 7 योगासनों को share कर रहे हैं-
YOGA TO REDUCE WEIGHT IN HINDI / YOGA TO REDUCE FAT IN HINDI
वजन घटाने के लिए योगासन / मोटापा कम करने के लिए योगासन
हमारी प्राचीन संस्कृति में कई लाभदायक योगासन बताए गए हैं जिस के नित्य प्रयोग से शरीर स्वस्थ और आकर्षक बन सकता है और इन योग क्रियाओं से शरीर का वज़न भी कम किया जा सकता है। संतुलित आहार और योगासन की मदद से आप अपना जीवन एक नयी ऊर्जा से भर सकते हैं। आइये देखते हैं इन योगासनों को:
कपालभाती प्राणायाम / Kapalbhati Pranayama in Hindi
कपालभाती करने का तरीका–
इस योगासन को करने के लिए स्वच्छ, शांत और खुले वातावरण वाली जगह का चयन करें। फिर एक चटाई जैसा आसन लगा कर सामान्य मुद्रा में बैठ जाएँ। बैठे बैठे ही अपने दाएँ पैर को बायी जंघा के ऊपर और बाए पैर को दायी जंघा के नीचे लगा लें। यह आसन जमाने के बाद, साँसों को बाहर छोड़ना होता है, और पेट को अंदर की और धकेलना होता है। इस क्रिया को सुबह के समय पाँच मिनट करना चाहिए।
कपालभाती प्राणायाम करने के लाभ –
पेट की चरबी घटाने के लिए यह एक रामबाण उपाय है। इस आसन को करने से शरीर का वज़न कम होता है। इस गुणकारी आसन के प्रभाव से मोटापा घटाने में तो मदद मिलती ही है पर, उसके साथ साथ चहेरे की सुंदरता में भी निखार आता है। अगर किसी को आँखों के नीचे dark circles हो जाने की शिकायत रहती हो तो उन्हे कपालभाती आसन रोज़ करना चाहिए। पेट की तकलीफ़ों से पीड़ित व्यक्ति भी कपालभाती कर के पेट के रोगों से मुक्ति पा सकते हैं। कब्ज़, पेट दर्द, खट्टी डकार, एसिडिटी और अन्य प्रकार की पेट की बीमारियाँ कपालभाती करने से खत्म हो जाती हैं। कपालभाती करने से शरीर में positive ऊर्जा का संचार होता है और यादाश्त भी बढ़ती जाती है। कपालभाती गले से जुड़े हर रोग को नष्ट कर देता है।
कुछ और ज़रूरी बातें:
⦁ कपालभाती आसन सुबह में करना अत्यंत गुणकारी है।
⦁ पेट साफ कर लेने के बाद (शौच के बाद) ही कपालभाती आसन करना चाहिए।
⦁ कपालभाती आसन खाली पेट करना चाहिए और इसे करने के बाद आधे घंटे तक कुछ भी ना खाएं।
⦁ सारण गाठ के रोगी, प्रेग्नेंट महिलाएं और गैस्टिक अल्सर के दर्दी इस आसन को ना करें।
⦁ शरीर में किसी भी प्रकार का ऑपरेशन कराया हो तो उन्हे डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही यह आसन करना चाहिए।
अनुलोम विलोम प्राणायाम /Anulom Vilom Pranayama in Hindi
अनुलोम विलोम करने का तरीका
किसी अच्छी जगह का चुनाव कर के आसन जमा लें। सामान्य मुद्रा में बैठ कर अपने पैर क्रॉस कर के मौड़ लें (पालथी लगा लें / जैसे खाना खाने ज़मीन पर बैठ ते हैं वैसे)। अब अपने दाए हाथ को दाए घुटने पर आराम से टीका दें, और बाए हाथ के अंगूठे से नाक का बाया छिद्र बाधित करें, और दाए छिद्र से गहरी साँस अंदर लें। फिर बाया छिद्र मुक्त करें और दाया छिद्र बाधित करें और अंदर ली हुई साँस बाए छिद्र से बाहर निकालें। इस प्रक्रिया को कम से कम दस से पंद्रह बार दोहराएँ।
अनुलोम विलोम करने के लाभ –
इस प्राणायाम को नाड़ी शोधन आसन भी कहा जाता है। अनुलोम विलोम शरीर में blood circulation दुरुस्त रखने में मददगार होता है। मानव शरीर में सब से ज़्यादा चरबी, पेट, कमर और जाँघों के आसपास जमा होती है। इस आसन के प्रभाव से पेट अंदर हो जाता है। पेट की चरबी भी घट जाती है। अनुलोम विलोम से शरीर में फुर्ती महसूस होती है, साथ ही शरीर का अतिरिक्त वज़न भी काबू में आ जाता है।
नौकासन योग / Naukasan Yogasana in Hindi
नौकासन करने का तरीका
सब से पहले आसन जमा लें, ओर आकाश की ओर मुंह कर के पीठ के बल सीधे लेट जाएँ। हाथों को सीधा कमर से सटा कर रखें, और अपनी हथेलियों को ज़मीन की और रखे। अब धीरे धीरे अपनी गरदन ऊपर की और ले जाएँ और अपने हाथ सीधे रख कर ही गर्दन के समान ऊपर उठाएँ और साथ साथ उसी समान अपने पैर भी उठाएँ और एक नौका का रूप लें। इसी मुद्रा में आप करीब पच्चीस से तीस सेकंड बने रहें। फिर धीरे धीरे सामान्य मुद्रा में चले जाएँ। नौकासन को दो से तीन बार दोहराएँ।
(Note – शरीर में किसी भी प्रकार का दर्द होने पर या, सामान्य से अधिक खिचाव महसूस होने पर तुरंत सामान्य अवस्था में लौट जाएँ।)
नौकासन के लाभ
पेट और नाभी के आसपास के भाग को सुडौल बनाने के लिए यह एक गुणकारी आसन है। इस आसन के प्रभाव से हमारी पाचन प्रणाली भी मज़बूत होती है। जब खाना ठीक से पाचन होता है तो शरीर में एक्सट्रा फैट जमा नहीं होता है और वज़न भी काबू में रहेता है। नौकाआसन करने से हमारी शरीर की छोटी आंत और बड़ी आंत को व्यायाम मिलता है। इस आसन को नित्य करने से आंतों से जुड़ी बीमारियाँ होने का खतरा नहीं रहेता है। और अगर किसी को आंतों से जुड़े रोग हैं तो वह व्यक्ति डॉक्टर की सलाह के बाद नित्य, नौकाआसन कर के आंतों के रोगों से मुक्ति पा सकता है।
कुछ और ज़रूरी बातें:
⦁ कमर से जुड़ी किसी भी प्रकार की तकलीफ से पीड़ित व्यक्ति, इस आसन का प्रयोग डॉक्टर की सलाह के बिना बिलकुल ना करें।
⦁ पेट से जुड़ी गंभीर बीमारीयों के रोगी को इस आसन का प्रयोग किसी चिकित्सक की सलाह अनुसार ही करना चाहिए।
⦁ यह आसन गर्भवती महिलाओं के लिए बिलकुल वर्जित है।
बालासन योग / Balasana Yoga in Hindi
बालासन करने का तरीका
सर्वप्रथम आसन जमा लें, फिर घुटनों को पीछे की ओर मौड़ कर घुटनों के बल बैठ जाएँ। ऐडियों पर शरीर का वज़न बनाते हुए, और साँस अंदर लेते हुए आगे की और झुकें। अब आप के हाथ सीधे होने चाहियेँ और हथेलियाँ ज़मीन की और लगी होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करें की आप की छाती आपकी जांघों और घुटनों के अग्र भाग को छुनी चाहिये। साथ ही आप का मस्तक ज़मीन को छूना चाहिये। इस आसन को तीन से पाँच मिनट करें फिर थोड़ा आराम लें और इस आसन को चार से पाँच बार दोहराएँ।
बालासन करने के लाभ
यह आसन तेज़ी से वज़न कम करने के लिए काफी उपयोगी है। पेट, कमर और जांघों की चरबी इस आसन से तुरंत कम होने लगती है। बालासन के नित्य प्रयोग से शरीर की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं। अगर पेट की तोंद बाहर निकली हुई है, और नाभी शर्ट के बटन से बाहर जांकने लगी है तो बालासन आप की यह समस्या कुछ ही दिनों में दूर कर देगा। इस आसन को रोज़ दिन में सुबह के समय पाँच से दस मिनट करने से पेट तुरंत अंदर होने लगेगा।
योगा साइकलिंग / Yoga Cycling in Hindi
योगा साइकलिंग करने का तरीका
आसन बिछा कर पीठ के बल सीधे लेट जाएँ। आप का मुख आकाश की ओर होना चाहिये। अब अपने दोनों पैर ज़मीन से ऊपर उठा लें। जैसे आप real साइकल चलाते है ठीक वैसे ही गोल गोल पेडल हवा में चलाने लगें। याद रहे की यह आसन करते समय आप के दोनों हाथ सीधे ज़मीन से लगे होने चाहिये और हथेलियाँ ज़मीन की और होनी चाहिये। थोड़ी देर सीधी साइकलिंग करें, फिर उतनी ही देर तक उल्टी पेडलिंग करते हुए साइकलिंग करें। इस कसरत को सुबह के समय दस से पंद्रह मिनट तक करें। अधिक थकान महसूस होने पर बीच-बीच में break ले कर सामान्य मुद्रा में लेट कर आराम कर लें।
योगा साइकलिंग करने के लाभ
यह कसरत पैरों की चरबी दूर करती है। योगा साइकलिंग करने से घुटनें मज़बूत होते हैं। और इस कसरत से हमारे abdominal muscles काफी strong बनते हैं। योगा साइकलिंग से पेट में गेस की तकलीफ भी दूर होती है, और पेट में जमी चरबी भी कम हो जाती है।
सेतुबंध आसन / Setubandh Asana in Hindi
सेतुबंध आसन करने का तरीका
सर्वप्रथम आसन जमा कर पीठ के बल लेट जाएँ। मुख को आकाश की और रखे। उसके बाद अपनें दोनों घुटनों को एक साथ मौड़ कर दोनों पैरों के तलवों को ज़मीन पर अच्छे से जमा लें। अपने दोनों हाथ सीधे रख कर ज़मीन पर लगा लें। अब साँस बाहर निकालते हुए रीड़ की हड्डी की ज़मीन की और धीरे से दबाएँ। अब गहरी साँस अंदर भरते हुए अपनें पैरों को ज़मीन पर दबाएँ। अब अपने कमर के भाग को जितना हो सके उतना ऊपर की और उठाएँ। इस अवस्था में करीब एकाद मिनट तक रहें फिर साँस बाहर छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में लेट जाएँ।
सेतुबंध आसन करने के लाभ
इस आसन से शरीर की रीड की हड्डी मज़बूत होती है और सीधी होती है। कमर के भाग के लिए यह एक उत्तम कसरत है। सेतुबंध आसन मेरुदंड (spine) लचीला बन जाता है। इस आसन से गरदन तनाव मुक्त हो जाती है। शरीर की मांसपेशियाँ मज़बूत करना और पेट की अतिरिक्त चरबी दूर करना इस आसन के प्रमुख गुण हैं।
सूर्य नमस्कार / Surya Namaskar Yogasana in Hindi
सूर्य नमस्कार करने वाले व्यक्ति को और कोई आसन करने की आवश्यकता नहीं रहती है। यह एक सम्पूर्ण व्यायाम है। इसीलिए इसे सभी व्यायामों का आधार बता कर यहाँ सूची के अंत में लिखा है।
सूर्य नमस्कार करने का तरीका
इस व्यायाम को बारह चरणों में किया जाता है:
- सर्व प्रथम दोनों हाथ जोड़ कर सीधे खड़े रहें। साँस अंदर लेते हुए दोनों हाथों को प्रार्थना मुद्रा में जोड़ने के लिए उठाएँ। अब दोनों हाथ जोड़ते ही साँस बाहर छोड़ें।
- दूसरे चरण में अपने दोनों हाथों को सीधे रखते हुए ऊपर की और ले जाएँ, और हो सके उतना पीछे की ओर मोड़ें। ध्यान रहे की कमर का संतुलन बना रहे। जब आप इस दूसरे चरण में हों तब साँस अंदर लें।
- तीसरे चरण में साँस बाहर छोड़ते हुए आगे की और झुकें और अपने दाए हाथ को दाए पैर के पास हथेली ज़मीन की और कर के लगाएँ। और बाए हाथ को बाए पैर के पास हथेली ज़मीन की और कर के लगाएँ। इस मुद्रा में भी थोड़ी देर खड़े रहें।
- अब साँस अंदर लेते हुए अश्व संचालन मुद्रा में आ जाईए। अपना right वाला पैर आगे करते हुए मुड़े घुटने के साथ ही दोनों हाथों के बीछ ले आयें। अब left वाले पैर का घुटना ज़मीन से लगा लें और अपने सिर को हो सके उतना ऊपर आकाश की और उठाने का प्रयत्न करें। इस मुद्रा में थोड़ी देर बने रहें।
- अब साँस अंदर लेते हुए दंड आसन मुद्रा में आ जाएँ। यानि कि अपना right वाला पैर पीछे ले जाएँ। दंड आसन में आप का पूरा शरीर सपाट मुद्रा में होना चाहिये, और आप के पूरे शरीर का भार हाथों और पैरों के पंजों पर होना चाहिये। इस मुद्रा में मुख सामने की और होना चाहिये। थोड़ी देर ऐसे ही बने रहें।
- छठवे चरण में साँस बाहर छोड़ते हुए अष्टांग आसन में आ जाएँ। इस आसन को यह नाम इस लिए दिया गया है चूँकि इस मुद्रा में पैर के दो पंजे, दो घूंटने, छाती, दो हाथ और ठुड्डी (दाढ़ी), कुल आठ अंग ज़मीन से लगे होते हैं। इन आठ अंगों के अलावा कोई अंग ज़मीन को ना छूए इस तरह यह मुद्रा धारण करें। इसी अवस्था में कुछ देर बने रहें।
- सातवे चरण में अब साँस अंदर लेते हुए भुजंग आसन में आ जाएँ। इस आसन को अंग्रेजी में कोब्रा आसन भी कहा जाता है। भुजंग आसन में पैर के पंजे ज़मीन पर लगे होते हैं, दोनों हाथ की हथेलियाँ जमीन पर लगी होती हैं और घुटनों से ले कर नाभी तक का भाग भी ज़मीन से लगा होता है। भुजंग आसन में हाथों के पंजों के बल पर, दोनों कोहनियों को थोड़ा मोड़ कर छाती को ऊपर उठाते हुए, मुख को आकाश की और उठाना होता है।
- अब साँस बाहर छोड़ते हुए पर्वत आकार मुद्रा में आ जाएँ। इस मुद्रा में हाथों और पैरों के पंजे ज़मीन पर लगे होते हैं। मुख ज़मीन की और हाथों की सीध में होता है।
- नौवे चरण में फिर से अब साँस अंदर लेते हुए अश्व संचालन मुद्रा में आ जाईए। इस बार अपना left वाला पैर आगे करते हुए मुड़े घुटने के साथ ही दोनों हाथों के बीछ ले आयें। अब right वाले पैर का घुटना ज़मीन से लगा लें और अपने सिर को हो सके उतना ऊपर आकाश की और उठाने का प्रयत्न करें। इस मुद्रा में थोड़ी देर बने रहें।
- दसवे चरण में साँस बाहर छोड़ते हुए आगे की और झुकें और हस्त पादआसन मुद्रा में आ जाएँ। यानि अपना right वाला पैर आगे ले आयें और अपने दाए हाथ को दाए पैर के पास, अपनी हथेली ज़मीन की और कर के दें। और बाए हाथ को बाए पैर के पास अपनी हथेली ज़मीन की और कर के लगा दें। इस मुद्रा में भी थोड़ी देर खड़े रहें।
- ग्यारहवे चरण में साँस अंदर लें और हस्त उत्थान आसन में जाएँ। यानि की बिलकुल दूसरे चरण वाली मुद्रा में आ जाएँ। हाथ ऊपर की और कर के हो सके उतने पीछे की और ले जाएँ। कमर का संतुलन बनाए रखें। थोड़ी देर इस मुद्रा में स्थिर रहें।
- बारह वे चरण में तड़ासन मुद्रा में आ कर सूर्य नमस्कार व्यायाम पूर्ण करें। तड़ासन में साँस बाहर छोड़ते हुए हाथ सीधे रख कर, मुख को सामने की और रख कर खड़ा होना होता है। इस आसन में शरीर भी सीधा रखें।
विशेष
मोटापा कम करने के लिए अन्य उपयोगी आसनों में
- पादव्रित्तासन
- पवनमुक्तासन
- द्विचक्रिकासन
- त्रिकोणासन
- कोणासन
- पशुविश्रामासन
- उत्तानपादासन
- हलआसन और
- अर्धहलासन भी कारगर हैं।
इनके अलावा भी कई सारे आसन शरीर को स्वस्थ और चुस्त रखने में मदद करते हैं। अगर सभी आसनों को विस्तार से लिखें तो शायद एक पूरी किताब लिक्खी जा सकती है। इसीलिए मुख्य आसनों की जानकारी इस लेख में प्रदान की गयी है।
धन्यवाद
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Sumit says
Naukasan yog weight loose karne me kafi asar dikhata hai aur faaltu ke medicine lene se acha hai yog se he vajan ghataya jaaye.
gyanipandit says
yoga se har bimari ka elag ho sakta hain, bas use niyamit karne ki jarurat hain.
nadeem says
Nice artical
Amit says
सकारात्मकता और उर्जा को जागृत करने के लिये अच्छी खबर से बेहतर और वेबसाईट नही है। गोपालजी आप का लाख लाख धन्यवाद।
Amit Kumar says
Yog se kuchh bhi asambhav nhi hai. Hme jrurt hai hamare desh ke is avishkar ko upyog krne ki.
Everything possible with yoga
chenaksha dhomane says
achhi jankari pohchaneka
kam kar rahe ap nice..post
manoj says
Thx for nyc yoga tips.
kailas waje says
very good
Vishnu Kant says
Yoga ki shakti asimit hai ,bas hame pahachanane ki jaroorat hai.
Bahut hee achhi jankari di hai gopal sir aapne.
Thanks
Allwyn Stephen says
Very nice !
Please keep it up !