बिजनेस प्लान क्या होता है? / What is a Business Plan in Hindi?
बिजनेस प्लान एक ऐसा डॉक्यूमेंट है जो किसी नए बिजनेस से रिलेटेड “क्या”, “क्यों”, और “कैसे” जैसे प्रश्नों का उत्तर देता है। For ex: हमारा बिजनेस क्या है? , हम ये बिजनेस क्यों कर रहे हैं?, हम इसे कैसे करेंगे? etc.
एक business plan किसी बिजनेस को, उसके ओब्जेक्टिव्स को, उसकी strategies को, वो किस मार्केट में में काम कर रहा है और उसके financial forecast क्या हैं बताता है। Business Plan बताता है कि नए बिजनेस का गोल क्या है और उसे कैसे अचीव किया जाएगा। बिज़नस प्लान एक तरह से किसी बिजनेस के गाइड या रोडमैप की तरह है, जो चीजों को ट्रैक पर रखने में मदद करता है।
आमतौर पे बिजनेस प्लान किसी नए वेंचर के लिए बनाया जाता है लेकिन अगर कोई एग्जिस्टिंग बिजनेस कुछ नया कर रहा है तो वो भी बिजनेस प्लान बनाकर आगे बढ़ता है।
दोस्तों जब भी कोई नए बिजनेस आइडियाज पर कम करता है तो उसको लेकर ज़रूर कुछ प्लानिंग करता है। वो सोचता है कि मेरा बिजनेस क्या होगा? मैं कहाँ से ये बिजनेस करूँगा? मेरे कस्टमर कौन होंगे? इसमें इन्वेस्टमेंट कितनी लगेगी? हम अपने बिजेनस की मार्केटिंग कैसे करेंगे? हमारा लक्ष्य क्या होगा?, etc. लेकिन बहुत से लोग इन चीजों को प्रोपेर्ली डॉक्यूमेंट नहीं करते। Business Plan दरअसल इन्ही बातों को formally document करना है।
यहाँ ये भी क्लियर करना ज़रूरी है कि बिजनेस प्लान सिर्फ startups ही नहीं बनातीं, बल्कि established businesses भी किसी भी स्टेज पर एक बिजनेस प्लान बना सकते हैं, खासतौर पे जब उन्हें अपना business expand करने के लिए फंडिंग की ज़रूरत हो।
ये भी ध्यान रखिये कि बिजनेस प्लान में लिखी बातें पत्थर की लकीर नहीं हैं, समय समय पर परिस्थितियों के हिसाब से बिजनेस प्लान में बदलाव किया जा सकता है।
कुछ लोग सोच सकते हैं कि आखिर इसकी ज़रूरत क्या है? तो वे ये जान लें कि स्टडीज में पाया गया है कि जो बिजनेस एक अच्छे बिजनेस प्लान के साथ शुरू होते हैं उनकी सक्सेस होने के चांसेज 30% तक बढ़ जाते हैं।
आइये जानते हैं कि:
बिजनेस प्लान की आवश्यकता क्या है? Why do I need a business plan in Hindi
बिजनेस प्लान आपको अपने गोल्स पर फोकस्ड रहने में मदद करता है।
एक अच्छा बिजनेस प्लान बताता है कि:
- अगले दो-तीन सालों में आपके key objectives क्या-क्या होंगे?
- उन ओब्जेक्टिव्स को अचीव करने के लिए आपकी स्ट्रेटेजी क्या होगी और
- आपकी priorities क्या होंगी
इन चीजों के अनुसार आप किसी भी समय evaluate कर सकते हैं कि आप जिस direction में बढ़ रहे हैं वो सही है या अपना course change करने की ज़रूरत है।
बहुत से लोग सोचते हैं कि बिजनेस प्लान का रोल बस external funding लेने में होता है। Of course potential investors, banks, venture capitalist आपके आईडिया में पैसा लगाने से पहले बिजनेस प्लान ज़रूर मांगते हैं, लेकिन अगर आप self-funded हैं तो भी आपको बिजनेस प्लान ज़रूर बनाना चाहिए। ऐसा करने का सबसे बड़ा फायदा है कि आपके खुद के दिमाग में clarity आती है कि exactly आप क्या और कैसे करना चाहते हैं।
नीचे दिए गए institutions या लोग आपसे बिजनेस प्लान मांग सकते हैं:
- Banks
- External investors – venture capitalist firm या कोई business angel या individual investor
- किसी तरह की grant देने वाले
- आपका बिजनेस खरीदने में इंटरेस्टेड लोग
- ऐसा व्यक्ति या लोग जो आपके बिजनेस पार्टनर बनना चाहते हैं
- Government agencies या officers
- Business Plan बिजनेस का overview देने और आप कैसा परफॉर्म कर रहे हैं, ये demonstrate करने के लिए एक बहुत बढ़िया टूल है।
बिजनेस प्लान कैसे बनाएं? / How to make a business plan in Hindi
बिजनेस प्लान बनाने के लिए आप नीचे बताये गए टेम्पलेट का प्रयोग करें:
बिजनेस प्लान टेम्पलेट Business plan template in Hindi
आम तौर पे किसी बिजनेस प्लान में निम्लिखित सेक्शन्स होते हैं:
1. एग्जीक्यूटिव समरी (कार्यकारी सारांश) / Executive Summary
Executive Summary अपनी पूरी योजना के मुख्य बिंदुओं का एक सार है। इसमें बिजनेस प्लान के बाकी सेक्शन्स की मुख्य बात include होती है। इसमें business opportunity के key features से लेकर फाइनेंसियल फोरेकास्ट्स की प्रमुख बातें बताई जाती हैं।
इसका उद्देश्य होता है कि बिजनेस की बेसिक बातों को अच्छे से बताया जाए। अगर एग्जीक्यूटिव समरी पढने के बाद कोई ये समझ लेता है कि बिजनेस किस बारे में है और इसके बारे में और अधिक जानना चाहता है तो समझिये एग्जीक्यूटिव समरी ने अपना काम कर दिया है।
Executive Summary बहुत लम्बी नहीं होनी चाहिए- 2 पेज पर्याप्त हैं, साथ ही कोशिश करनी चाहिए कि ये रोचक भी हो ताकि potential investors इसे पढ़ कर आगे और जानना चाहें।
चूँकि इस सेक्शन में बाकी के बिजनेस प्लान का सार होता है इसलिए इसे अंत में लिखना बेहतर रहता है।
2. इंट्रोडक्शन और कम्पनी ओवरव्यू / Introduction and Company Overview
Business opportunity का छोटा सा डिस्क्रिप्शन- आप कौन हैं, आप क्या बेचने या ऑफर करने का प्लान कर रहे हैं, क्यों, और किसे।
बिजनेस के ओवरव्यू के साथ शुरू करें:
- आपने बिजनेस कब शुरू किया या कब से शुरू करने का प्लान कर रहे हैं
- अब तक कितना इन्वेस्टमेंट किया जा चुका है
- कितनी प्रोग्रेस हुई है
- आपका बिजनेस किस टाइप का है और किस सेक्टर में आता है
- कोई इतिहास- जैसे कि, यदि आपने ये बिजनेस किसी से buy किया, तो पहले इसका मालिक कौन था और उन्होंने इससे क्या हासिल किया
- इस समय का लीगल स्ट्रक्चर
- आपका future vision
इसके बाद अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज को सरल शब्दों में बताइए और समझिए कि:
- इसे क्या अलग बात है
- ये क्या बेनेफिट्स देता है
- क्यों कस्टमर्स अन्य competitors की बजाये आपसे इसे खरीदेंगे
- आप अपने products या services को कैसे डेवेलप करने की योजना बना रहे हैं
- क्या आपके पास कोई पेटेंट्स, ट्रेड मार्क्स या डिजाईन रजिस्ट्रेशन हैं
- आपकी इंडस्ट्री के key features और success factors क्या-क्या हैं
अपना बिजनेस समझाने में business jargons का प्रयोग मत करिए, सरल शब्दों में अपनी बात रखिये ताकि एक आम इंसान भी चीजों को अच्छे से समझ सके।
3. बाज़ार और कम्पटीशन / Market and Competitors
इस सेक्शन में आपको अपना बाज़ार, उसमे आपकी पोजीशन और अपने competitors को डिफाइन करना चाहिए। ऐसा करने के लिए आप किसी मार्केट रीसर्च जो आपने की हो का रिफरेन्स दे सकते हैं। इसमें आपको ये दर्शाना होता है कि आपको जिस मार्केट में काम करना है उसकी आपको अच्छी समझ है और आप ज़रूरी ट्रेंड्स और market conditions को समझते हैं।
इसमें आपको ये बताने की कोशिश करनी होती है कि प्रतिस्पर्धा के बावजूद आप customers को attract कर पायेंगे और अपना बिजनेस रन कर पायेंगे।
इन चीजों को इस सेक्शन में रखा जा सकता है:
- आपका मार्केट- उसकी साइज़, उसके विकास का इतिहास, और key current issues
- आपका टार्गेट कस्टमर बेस- वे कौन हैं और आप कैसे कह सकते हैं कि वे आपके products और services में interested होंगे
- आपके competitors- वे कौन हैं, वे कैसे काम करते हैं और उनका market share कितना है
- भविष्य- आगे चल कर इस बिजनेस में क्या बदलाव आ सकते हैं और आप उसपर कैसे react करेंगे
अपनी तुलना में अपने competitor की strength और weakness जानना ज़रूरी है- और अच्छा होगा कि आप अपने main competitors की competitor analysis कर लें।
याद रखिये मार्केट हमेशा बदलता रहता है- आपके कस्टमर्स की ज़रूरतें बदल सकती हैं और आपके competitor भी बदल सकते हैं। इसलिए आपको इन बातों को भी माइंड में रख कर आगे बढ़ना होगा।
4. सेल्स और मार्केटिंग स्ट्रेटेजी / Sales and Marketing Strategy
आप ऐसा क्यों सोचते हैं कि आप जो बेचना चाहते हैं या जो सर्विस देना चाहते हैं वो लोग क्यों लेंगे और आप उसे किस तरह कस्टमर तक पहुंचाना चाहते हैं।
डिस्क्राइब करिए कि आप अपनी products और services को प्रमोट और सेल करने के लिए क्या-क्या activities करेंगे। अकसर ये किसी बिजनेस प्लान की कमजोर कड़ी होती है इसलिए इस पर समय देना चाहिए और एक realistic और achievable approach अपनाना चाहिए।
आपके प्लान को इन प्रश्नों का उत्तर देना चाहिए:
- आप किसी तरह अपने प्रोडक्ट या सर्विस को मार्किट में पोजीशन करने का प्लान कर रहे हैं।
- आपके कस्टमर्स कौन हैं? उन कस्टमर्स की डिटेल दीजिये जिन्होंने आपके प्रोडक्ट या सर्विस में रूचि दिखाई है। और बताइए कि आप नए कस्टमर्स को कैसे attract करने का प्लान कर रहे हैं।
- आपकी pricing policy क्या है? अलग-अलग सेग्मेंट्स के कस्टमर्स से आप किस तरह चार्ज लेंगे?
- आप अपने प्रोडक्ट या सर्विस को कैसे प्रमोट करेंगे? अपने सेल्स प्रोसेस मेथड को identify करिए, for e.g: डायरेक्ट मार्केटिंग, advertising, social media, etc
- आप अपने कस्टमर्स तक कैसे पहुंचेंगे? आप किन चैनल्स का इस्तेमाल करेंगे? आपके distribution channel में किन partners की ज़रूरत पड़ेगी?
- आप अपनी selling कैसे करेंगे? क्या आपका कोई सेल्स प्लान है ? क्या आपने सोचा है कि आपके लिए कौन सा सेल्स मेथड सबसे अच्छा होगा, फ़ोन से, इन्टरनेट के माध्यम से, दूकान खोल कर या door to door मार्केटिंग करके सेल करना? और क्या आपका proposed sales method आपके मार्केटिंग प्लान से मेल खाता है? और क्या आपके और आपके टीम के पास इस मेथड के लिए पर्याप्त स्किल्स हैं?
5. ऑपरेशंस / Operations
आपके बिजनेस प्लान में आपकी premises, production facilities, management information system और Information Technology के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
आपको इन चीजों पर फोकस करना चाहिए:
लोकेशन
- क्या आपकी कोई बिजनेस प्रॉपर्टी है?
- क्या आप इस प्रॉपर्टी के मालिक हैं या ये रेंटेड है?
- आपकी मौजूदा लोकेशन के क्या फायदे और नुक्सान हैं?
प्रोडक्ट्स और सर्विसेज का उत्पादन
- क्या आपको अपनी प्रोडक्शन फैसिलिटीज की ज़रूरत है या इसे outsource करना सस्ता पड़ेगा?
- अगर आपकी अपनी production facility है तो वो कितनी मॉडर्न हैं?
- एक्सपेक्टेड डिमांड की तुलना में आपके फैसिलिटी की कैपेसिटी कितनी है?
- क्या किसी इन्वेस्टमेंट की ज़रूरत पड़ेगी?
- आपके सप्लायर्स कौन होंगे?
मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम्स (प्रबंधन सूचना प्रणाली)
- क्या आपके पास स्टॉक कण्ट्रोल, मैनेजमेंट एकाउंट्स और क्वालिटी कण्ट्रोल के लिए robust procedures हैं?
- क्या भविष्य में एक्सपैंड करने पर ये सिस्टम अपग्रेड हो सकते हैं?
सूचना प्रौद्योगिकी Information technology
अब लगभग हर बिजनेस में IT का रोल महत्त्वपूर्ण हो गया है, इसलिए इस एरिया में अपने strength और weaknesses को include करिए।अपने सिस्टम की विश्वसनीयता और नियोजित विकास को आउटलाइन करिए।
6. फाइनेंसियल इनफार्मेशन ( वित्तीय जानकारी) / Financial Information
इससे पहले के सेक्शन्स में आपने अब तक जो कुछ भी कहा है उसे नंबर्स में प्रेजेंट करना होता है।
आपको इन चीजों को ध्यान से देखना होगा:
- आगर आप एक्सटर्नल फंडिंग का सोच रहे हैं तो आपको कितना कैपिटल चाहिए होगा
- आप देनदारों को as a security क्या दे सकते हैं
- आप अपना लोन कैसे चुकाने का प्लान कर रहे हैं
- आपके रेवेन्यु और इनकम के स्रोत क्या-क्या हैं या होंगे
फाइनेंसियल प्लानिंग (वित्तीय योजना )
आपका forecast अगले 3 या 5 साल तक का होना चाहिए। पहले 12 महीनो का फोरकास्ट पूरी डिटेल के साथ होना चाहिए। आप अपनी प्रोजेक्शन्स के पीछे के ऐज्म्पश्न्स को ज़रुर बताएं ताकि बिजनेस प्लान पढने वाले को ये समझ आ सके कि आप इन नंबर्स तक कैसे पहुंचे।
आपके फोरकास्ट में क्या-क्या होना चाहिए?
कैश फ्लो स्टेटमेंट्स – आपका cash balance और अगले 12 से 18 महीनो के लिए cashflow pattern कैसा होगा, ये बताना चाहिए। इसका लक्ष्य है ये ensure करना कि आपके बिजनेस को जारी रखने के लिए आपके पास पर्याप्त वर्किंग कैपिटल होगा। इसके लिए आपको अपनी सेल्स और एम्प्लाइज की सैलरी, और बाकी खर्चों को ध्यान में रखना होगा।
प्रॉफिट एंड लॉस फोरकास्ट- अपनी प्रोजेक्टेड सेल्स, और खर्चों को ध्यान में रखकर आप कितना प्रॉफिट / लॉस एक्स्पेक्ट कर रहे हैं। अक्सर नए बिजनेस शुरू में लॉस में चलते हैं और बाद में प्रॉफिट में आ पाते हैं।
अपने फोरकास्ट में कई बार लोग over optimistic हो जाते हैं बड़े-बड़े नम्बर्स दे देते हैं। बेहतर होगा कि आप जितना उम्मीद कर रहे हैं उससे कम ही सेल्स शो करें।
रिस्क एनालिसिस ( जोखिम विश्लेषण)
फाइनेंसियल फोरकास्ट के साथ-साथ ये एक अच्छी प्रैक्टिस है कि आप ये दिखाएं कि आपने अपने बिजनेस में आने वाले संभावित खतरों को भी एनालाइज कर लिया है। और साथ ही आप इनसे निपटने के लिए insurance या अन्य तरीकों को consider कर रहे हैं।
रिस्क एनालिसिस में इन फैक्टर्स का ध्यान रखना होगा:
- कॉम्पटीटर द्वारा कोई एक्शन
- कॉमर्शियल इश्यूज – सेल्स, prices, deliveries
- ऑपरेशनस- IT, technology और प्रोडक्शन फेलियर
- स्टाफ- स्ट्राइक, पोचिंग*, high salary demand
- प्राकृतिक आपदाएं / Act of God- बाढ़, भूकम्प, आग लगना
7. अपेंडिक्स
हालांकि ये ज़रूरी नहीं है पर आप चाहें तो बिजनेस प्लान के अंत में आप एक अपेंडिक्स भी ऐड कर सकते हैं। इसमें पूरे प्लान के supporting documents add किये जा सकते हैं।
For example:
- Charts, graphs, or tables
- वेंडर्स के साथ आपके कॉन्ट्रैक्ट पेपर्स
- आपके लिसेंस, पेटेंट्स, ट्रेडमार्क्स, इत्यादि
- प्रमुख एम्प्लाइज के CVs
- रेंट अग्रीमेंट, लीज अग्रीमेंट, इत्यादि
- Key contacts की डिटेल्स
- Etc
बिजनेस प्लान बनाने के लिए कुछ टिप्स / Tips for making a Business Plan in Hindi
- प्लान को छोटा रखें- अगर प्लान बहुत लम्बा होगा तो इसे पढने के chances कम हो जायेंगे।
- प्लान में numbering के साथ content page ज़रूर include करें
- एग्जीक्यूटिव समरी को अंत में लिखें
- फॉण्ट साइज़ बहुत छोटा ना रखें
- भले ही प्लान in-house use के लिए बनाया जा रहा हो पर आप यही सोच कर बनाएँ कि इसे कोई बाहरी पार्टी भी पढ़ सकती है
- प्लान को सावधानी से एडिट करें- इसमें आप अनुभवी लोगों या एक्सपर्ट्स की मदद ले सकते हैं
- किसी आम आदमी से प्लान शेयर करें और जानने की कोशिश करें कि वो चीजों को आसानी से समझ पा रहा है या नहीं। जहाँ दिक्कत हो वहां चीजों को और सिंपल तरीके से बताने का प्रयास करें
- जार्गन्स अवॉयड करें
- जहाँ अधिक डिटेल देनी पड़े वहां चीजों को अपेंडिक्स में डाल दें और बाकी सेक्शन्स हल्का रखें
- गलती से कोई confidential details प्लान में include ना करें
- कुछ चीजें जैसे कि, स्टाफ ट्रेनिंग प्लान और डिटेल्ड सेल्स प्लान बिजनेस प्लान में ना ही include करें, भले आप ये मेंशन कर दें कि ये आपके पास मौजूद हैं
- प्लान खुद ही बनाएं या अपने guidance में अपनी टीम से बनवाएं
- प्लान की एक-एक चीज को बारीकी से समझें ताकि आप किसी भी तरह के प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर दे सकें
- ये भी ensure करें कि आपका प्लान realistic है
- समय के साथ प्लान को update करते रहें
दोस्तों, इस पोस्ट के माध्यम से मेरा उद्देश्य है कि आप किसी बिजनेस प्लान के basics को समझ सकें। हो सकता है यहाँ बतायी गयी कई बातें आपको ठीक से समझ ना आई हों, but don’t worry, मैं जल्द ही बिजनेस प्लान का एक example share करूँगा और उससे चीजें और भी क्लियर हो जायेंगी।
बिजनेस प्लान का आईडिया लगने के बाद मैं उम्मीद करता हूँ कि अगर आप कोई नया बिजनेस स्टार्ट कर रहे हैं या existing business को expand कर रहे हैं तो आप इस डॉक्यूमेंट को ज़रूर बनायेंगे। I know, इसे बनाने में थोड़ा समय लगेगा और ये आपको एक boring task भी लग सकता है पर यकीन जानिये अगर आप seriously इस पर काम करेंगे तो खुद में आपको अपने बिजनेस को लेकर काफी clarity आ जायेगी और ऐसा होने पर आपके वेंचर के सफल होने के chances काफी बढ़ जायेंगे।
एक और बात ये कि बिजनेस प्लान सिर्फ बड़े-बड़े million dollars बिजनेसेस के लिए नहीं होता, ये medium size या small businesses के लिए भी उतना ही ज़रूरी है। हाँ, ये ज़रूर है कि स्माल बिजनेसेस का बिजनेस प्लान थोड़ा ब्रीफ होगा और ये भी हो सकता है कि उसमे आप कुछ सेक्शंस को ना शामिल करें, लेकिन समझदारी इसी में है कि आप चाहे जिस साइज़ का बिजनेस प्लान कर रहे हों बिजनेस प्लान जरुर बनाएं।
And at last but not the least, बिजनेस प्लान बनाने में इतना समय ना लें कि वो आपके लिए एक advantage बनने की जगह एक obstacle बन जाए। George S. Patton की कही ये बात याद रखिये:
तेजी से एक्सीक्यूट किया गया एक अच्छा प्लान अगले हफ्ते एक्सीक्यूट किये गए एक परफेक्ट प्लान से बेहतर है।
Thank You!
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