Benefits of Giloy in Hindi / गिलोय के लाभ
क्या होता है गिलोय / What is Giloy in Hindi
गिलोय एक आयुर्वेदिक औषधि है। इसका वनस्पतिक नाम Tinospora Cordifolia है तथा संस्कृत में इसे गुडूची,अमृता जैसे अनेक नामों से जाना जाता है। यह एक लता या बेल होती है जो की पेड़ों, दीवारों तथा गमले आदि में लगाने के बाद रस्सी के सहारे आसानी से ऊपर चढ़ जाती है यह पेड़ों पर चढ़ी हुई अक्सर पार्कों में दिखाई देती है। गिलोय जिस पेड़ को आधार बनाती है उसके गुण भी इसमें समाहित हो जाते हैं। जैसे कि नीम के पेड़ पर चढ़ी हुई गिलोय में नीम के गुण आ जाते हैं।
गिलोय के फायदे / Benefits of Giloy in Hindi
1. आधुनिक विज्ञान की अनेक शोधों में भी यह साबित हो गया है की गिलोय बीमारियों से बचाने तथा चिकित्सा दोनों ही रूप में बहुत उपयोगी है। Researchers के अनुसार गिलोय में anti inflammatory, analgesic, antipyretic तथा immune booster जैसे अनेक गुण पाए जाते हैं।
2. चिकनगुनिया जैसे वायरल बुखार जो ठीक होने के बाद भी रोगी को महीनों तक जोड़ों के दर्द से परेशान करते रहते हैं, ऐसे मामलों में गिलोय प्रकृति द्वारा हमें दिया गया एक बेहतरीन उपहार है आयुर्वेद में तो गिलोय को अनेक बीमारियों में उपयोगी माना ही गया है।
- Related: जानें डेंगू व चिकनगुनिया के बारे में हर ज़रूरी बात
3. गिलोय सभी प्रकार के बुखार में फायदेमंद होती है। विशेष रूप से डेंगू, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू से बचाव, चिकित्सा तथा रोग होने के बाद side effects को दूर करने में अति उपयोगी है तथा सर्दी, खांसी,जुकाम में भी फायदेमंद है। ज्वर निवारण के अतिरिक्त किसी भी लंबी व्याधि के बाद हुई दुर्बलता को मिटाने के लिए भी रसायन के तौर पर गिलोय प्रयुक्त होती है। सभी प्रकार के जीर्ण ज्वरों को दूर करने में गिलोय बहुत फायदेमंद है।
4. गिलोय एक रसायन के रूप में काम करती है। यह शरीर में जाकर खून को साफ़ करती है।
5. गिलोय हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढाती है।
6. गिलोय कोलेस्ट्रोल को कम करती है तथा खून में शूगर के नियंत्रण में सहायता करती है।
7. गिलोय के नित्य प्रयोग से चेहरे पर तेज आता है और असमय ही झुर्रियां नहीं पड़ती।
8. गिलोय त्रिदोशघ्न है अर्थात किसी भी प्रकृति के लोग इसे ले सकते हैं।
9. गिलोय पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में सहायक है और इसके सेवन से अंत सम्बन्धी समस्याएं दूर होती हैं।
10. गिलोय अपनी anti-inflammatory और anti-arthritic properties के कारण गठिया में भी फायदेमंद है।
गिलोय का घरेलू प्रयोग कैसे करें? / How to use Giloy at Home ( in Hindi)
1. ज्वर या बुखार होने पर: 4-5 इंच गिलोय के टुकड़े के साथ एक चम्मच धनिया तथा एक टुकड़ा नीम की छाल का आंतरिक भाग मिला कर काढ़ा बना कर लेना बुखार में फायदेमंद है या गिलोय का 4-5 इंच टुकड़ा लेकर उसके साथ 2-3 तुलसी के पत्ते तथा इतनी ही कालीमिर्च लेकर काढ़ा बना कर पीना भी बुखार में फायदेमंद है अथवा केवल गिलोय का काढ़ा बनाकर पीना भी बुखार में आराम देता है स्वाद के लिए इसमें शहद,गुड अथवा चीनी डाल सकते हैं।
2. डेंगू बुखार में: Platelets कम होने पर गिलोय के रस के साथ, aloevera juice,अनार का juice तथा पपीते की पत्तियों का रस मिलाकर लेना फायदेमंद माना जाता है।
3. मधुमेह या diabetes में: गिलोय का रस कुछ समय तक लगातार दिन में 2 बार लेना मधुमेह में फायदेमंद है।
4. जोड़ों के दर्द में: गिलोय का काढ़ा बनाकर उसमें 10-20 ml अरंडी का तेल मिलाकर सेवन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
5. रक्त विकार होने पर: खाज, खुजली जैसे चर्म रोगों में शुद्ध गुगुल के साथ देने से लाभ होता है।
6. कब्ज होने पर: गिलोय का चूर्ण गुड़ के साथ सेवन करना कब्ज को दूर करता है।
7. मूत्र विकारों में: गिलोय का काढ़ा पेशाब संबंधी परेशानियों को दूर करने में भी फायदेमंद माना गया है।
8. स्किन के लिए: गिलोय का सेवन त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद है गिलोय के नित्य प्रयोग से शरीर में कान्ति आती है।
9. पाचन के लिए: आप आधा ग्राम गिलोय पाउडर को आमला या गुड़ में मिला कर खा सकते हैं. इससे आँतों की समस्या नहीं होती।
10. गठिया में: गिलोय के ताने से बनाये गए पाउडर को दूध में मिला कर पीना गठिया में सहायक है। Rheumatoid arthritis के मामलों में आप इसका सेवन अदरक के साथ भी कर सकते हैं।
गिलोय के फायदों पर डॉ. मनोज का ये विडियो ज़रूर देखें
Patanjali (पतंजलि) व अन्य कंपनियों के गिलोय से बने हुए अमृतादि गुगुल, गिलोय वटी,अमृतारिष्ट, गिलोय सत्व जैसे अनेक उत्पाद मार्किट में उपलब्ध हैं जो अनेक औषधियों के साथ अथवा अकेले भी प्रयोग किये जाते हैं। इनका चिकित्सक की राय लेकर सेवन किया जा सकता है।
मित्रो, हम आशा करते हैं कि गिलोय से सम्बंधित यह जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित होगी और आप इसके उपयोग से खुद को और अपने परिवार को स्वस्थ रख पायेंगे।

Dr. Manoj Gupta
Dr.Manoj Gupta
B-3 Palam Vihar, Gurgaon (Haryana)
Mob & WhatsApp#: 09929627239
Email: [email protected]
Blog: drmanojgupta.blogspot.in (plz visit for Health Articles in Hindi)
डॉ० मनोज गुप्ता राज्य स्तरीय आयुर्वेद के सर्वोच्च पुरस्कार धन्वंतरि पुरस्कार से सम्मानित सीनियर आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। आयुर्वेद एवं स्वास्थ्य लेखन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए आपको माननीय स्वास्थ्य मन्त्री तथा अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। आपके लेख राजस्थान पत्रिका, निरोगसुख जैसे प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में पब्लिश होते रहे हैं।
We are grateful to Dr. Manoj for sharing his vast knowledge with AKC readers. Please read his other articles here.
सम्बंधित स्वास्थ्य लेख:
- चर्म रोग दूर करने के आयुर्वेदिक व घरेलू उपाय
- बालों का झड़ना रोकने के 10 आयुर्वेदिक व घरेलू उपाय
- डाईबीटीज Facts and Tips
- योग के 10 प्रमुख आसन और उनके लाभ
- कब्ज दूर करने के आयुर्वेदिक व घरेलू उपाय
Did you like this article on “Benefits of Giloy in Hindi / गिलोय के लाभ (Giloy ke labh)”? Please share your comments.
Note: उपरोक्त जानकारी ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। चिकित्सक की राय का विकल्प नही है, अतः डाक्टरी सलाह लेकर ही कोई किसी तरह का आयुर्वेदिक इलाज करें.
Giloy is better
Ji sir ji aap ne bahut badiya jankari di dhanywad detahu our ek bat pustahu sir ki ye Davao that par kese banai jaye thoda India dete to acha rahata danywad ji
Information on Giloy is really good.
I use it quite often specially while dengue, swing flu, chikungunia spreads.
bahut hi badiya article likha h apne
आपने गिलोय के उपयोग की बहुत अच्छी जानकारी दी है|
धन्यवाद!
गिलोय के बारे में जानकारी अतिउपयोगी है।
मैंने गिलोय तथा पपीते के पत्ते का रस प्रयोग
किया।मेरा डेंगू ठीक हो गया।
Thanks Gopal ji for publishing giloy article so nicely.
& thanks gyani pandit ji and babita ji.
Thanks Gopal ji for publishing so nicely Giloy article.
also thanks to gyanipandit ji and babita ji
मनोज जी,
बहुत अच्छी तरह से महत्वपूर्ण जानकारी दी आपने
धन्यवाद् ………
Manoj ji very useful article. I also want to add few more benefits like it is useful in treating eye disorder and also used by experts to treat asthma.