Vitamin D Deficiency Symptoms Cause Treatment in Hindi
विटामिन डी की कमी : लक्षण, कारण व उपचार
कुछ दिनों पहले मेरे एक फ्रेंड को एड़ियों में दर्द की शिकायत हुई। जब डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि उसके अन्दर विटामिन डी की कमी है, जिस कारण से उसे दर्द हो रहा है। Friends, ये एक चिंता की बात है कि जो health problems पहले old age में जाकर होती थीं वो आज-कल युवाओं को होने लगी हैं। और इसकी जिम्मेदार बहुत हद तक हमारी बदली हुई lifestyle है। Vitamin D की कमी और उससे जुड़ी समस्याएं भी हमारे AC culture और आरामदायक ज़िन्दगी का एक side effect है।
आइये आज हम विटामिन डी की कमी के लक्षण, कारण व उपचार के बारे में विस्तार से जानते हैं:
Exposure to Sunlight is the easiest way to get Vitamin D
क्या होता है Vitamin D
विटामिन डी शरीर में पाया जाने वाला एक बेहद महत्त्वपूर्ण विटामिन है। Vitamin D fat-soluble प्रो-हार्मोन का एक समूह होता है जो शरीर को कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फेट और जिंक को absorb करने में मदद करता है। Sunshine विटामिन के नाम से जाना जाने वाला विटामिन डी शरीर द्वारा तब प्रोड्यूस होता है जब हमारी त्वचा सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आती है। ये प्राकृतिक रूप से कुछ खाने-पीने की चीजों में भी पाया जाता है-
विटामिन डी मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं:
- Vitamin D2 (ergocalciferol) – जो पौधों द्वारा निर्मित होता है।
- Vitamin D3 (cholecalciferol) – जो सूर्य की रौशनी के हमारी त्वचा से सम्पर्क में आने पर निर्मित होता है। कुछ animal sources द्वारा भी ये प्राप्त किया जा सकता है।
विटामिन डी की कमी के लक्षण / Symptoms of Vitamin D Deficiency in Hindi
- हड्डियों में दर्द।
- मांशपेशियों (muscles) में कमजोरी।
- बिना अधिक मेहनत किये थकान होना।
- दिन में ज़रुरत से ज्यादा नींद आना।
- आप डिप्रेस्ड फील करते हैं: वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया कि जिन लोगों में विटामिन डी की कमी थी उनमे स्वस्थ लोगों की अपेक्षा अवसादग्रस्त होने की संभावना 11 गुना तक होती है। इसलिए अगर आप depressed हैं तो हो सकता है आपके अन्दर Vitamin D की कमी हो सकती है।
- सर से पसीना आना: ये कुछ अजीब लग सकता है लेकिन बाकी शरीर की तुलना में सर से अधिक पसीना आना विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकता है।कई बार डॉक्टर बच्चों में विटामिन डी की कमी का पता लगाने के इस लक्ष्ण को जांचते हैं।
- कई लोगों में ये लक्षण साफ़ नहीं दिखाई देते लेकिन फिर भी उनमे विटामिन डी की कमी हो सकती है जिससे कई स्वास्थय सम्बन्धी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
- बार-बार इन्फेक्शन होना भी विटामिन डी की कमी indicate करता है। दरअसल, हमारे immune system यानि प्रतिरोधक क्षमता का महत्त्वपूर्ण हिस्सा “T-Cells” Vitamin D द्वारा ही ठीक से activate होते हैं। और इसकी कमी व्यक्ति को बार-बार बीमार कर सकती है।
- बार-बार सांस लेने से सम्बंधित समस्या का होना भी विटामिन डी की कमी का सिम्पटम हो सकता है।
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खून में विटामिन डी की कमी से ये health problems हो सकती हैं: (vitamin d ki kami se hone wala rog)
Vitamin D हड्डियों की मजबूती के लिए ज़रूरी है, क्योंकि ये खाने में मौजूद कैल्शियम को प्रयोग करने में शरीर की मदद करता है। विटामिन डी की कमी से रिकेट्स की बीमारी हो सकती है, ये एक ऐसी बीमारी है जिसमे bone tissue ठीक से mineralize नहीं होते, जिसके वजह से हड्डियाँ नर्म हो जाती हैं और बॉडी का शेप बिगड़ जाता है। लेकिन ताजा रिसर्च के मुताबिक विटामिन डी और भी बहुत सी health problems से बचने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- रिकेट्स (बालवक्र), इस बीमारी में विटामिन डी की कमी के कारण बच्चों के पैर सीधे ना हो कर आर्क शेप में मुड़ जाते हैं।
- हड्डियों में दर्द जो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।
- Cardiovascular disease की वजह से मृत्यु की सम्भावना बढ़ जाती है।
- वृद्ध लोगों में cognitive impairment की समस्या trouble remembering, learning new things, concentrating, or making decisions that affect their everyday life. हो सकती है जिसमे कुछ याद रखने, नयी चीजें सीखने, इत्यादि में समस्या पैदा हो जाती है।
- बच्चों में severe asthama
- Cancer
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रिसर्च दिखाती हैं कि Vitamin D की सही मात्रा इन बीमारियों से आपको बचा सकती है:
⦁ Type 1 and Type 2 डायबीटीज (कैसे करें डायबिटीज कंट्रोल?)
⦁ हाईपरटेंशन
⦁ Glucose intolerance and
⦁ Multiple sclerosis (मल्टीपल स्क्लेरोसिस) ब्रेन व स्पाइनल कार्ड से सम्बंधित एक बीमारी
विटामिन डी की कमी के कारण / Causes of Vitamin D Deficiency in Hindi
यदि आप धूप से बहुत अधिक बचते हैं, दूध पीना आपको पसंद नहीं और साथ ही आप pure vegetarian भी हैं तो हो सकता है आपके अन्दर Vitamin D की कमी हो या निकट भविष्य में हो जाए। आइये हम विटामिन डी की कमी के कारणों को समझते हैं:
- विटामिन डी का कम मात्रा में सेवन जो a strict vegan diet लेने से हो सकता है। क्योंकि vitamin D प्राकृतिक रूप से ज्यादातर non-veg चीजों में पाया जाता है। For example: मछलियों में, beef liver में, और egg yolks में।
- धूप में बहुत कम निकलना। जैसा कि हम बता चुके हैं विटामिन डी तब बनता है जब आपकी स्किन sunlight से contact में आती है, इसलिए अगर आप हमेशा घर में ही रहते हैं, ऐसी जगहों पर रहते हैं जहाँ धूप कम आती है या हेमशा धूप से बच कर रहते हैं तो आपके अन्दर विटामिन डी की कमी हो सकती है।
- डार्क स्किन: अगर आपकी त्वचा सांवली है तो गोरी त्वचा वाले लोगों के मुकाबले सही मात्र में विटामिन डी प्रोड्यूस करने के लिए आपको दस गुना sun exposure की आवश्यकता होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके स्किन पिगमेंट्स natural sunscreen की तरह काम करते हैं, और डार्क स्किन में ये पिगमेंट अधिक होते हैं इसलिए ऐसी स्किन वाले लोगों को पर्याप्त मात्र में विटामिन डी प्रोड्यूस करने के लिए देर तक धूप में रहना पड़ता है। कुछ स्टडीज शो करती हैं कि डार्क स्किन वाले अधिक उम्र के वयस्कों में विटामिन डी की कमी होने की अधिक सम्भावना हो सकती है।
- अगर आपकी किडनी विटामिन डी को उसके एक्टिव फॉर्म में कन्वर्ट नहीं कर पाती है तो भी VITAMIN D की कमी हो सकती है। जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढती है किडनी की विटामिन डी को एक्टिव फॉर्म में कन्वर्ट करने की क्षमता घट जाती है, और विटामिन डी की कमी का रिस्क बढ़ जाता है।
- यदि आपका digestiv tract vitamin D ठीक से absorb नहीं करता है तो भी विटामिन डी की कमी हो सकती है। कुछ बीमारियाँ जैसे कि Crohn’s disease, cystic fibrosis, and celiac disease भी intestine की खाने से विटामिन डी ग्रहण करने की क्षमता घटा सकती है।
- मोटापा भी विटामिन डी की कमी का कारण हो सकता है। मोटापे की वजह से fat cells ब्लड से विटामिन डी एक्सट्रेक्ट कर लेते हैं, जिससे blood circulation में इसकी कमी हो जाती है। जिन लोगों का BMI 30 से अधिक होता है, उन लोगों में अक्सर विटामिन डी की कमी पायी जाती है।
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- 50 साल से ऊपर की उम्र: जैसे-जैसे उम्र बढती है त्वचा की सूरज की रौशनी के साथ मिलकर विटामिन डी पैदा करने की क्षमता घटती जाती है। साथ ही kidney की विटामिन डी को शरीर के उपयोग हेतु कन्वर्ट करने की क्षमता भी घट जाती है, इसलिए older adults में विटामिन डी की कमी हो सकी है।
- क्रोनिक किडनी डिजीज से ग्रस्त लोगों में भी विटामिन डी की कमी हो सकती है।
- Tuberculosis (TB) के मरीजों में विटामिन डी की कमी पायी जाती है।
Vitamin D Deficiency के लिए टेस्ट्स
विटामिन डी की कमी का पता लगाने के लिए डॉक्टर 25-hydroxy vitamin D blood test suggest करते हैं। Vitamin D की कितनी मात्रा कम या अधिक है इसको लेकर अमेरिकी संस्थाओं Institute of Medicine(IOM) और Endocrine Society के अलग-अलग मत हैं। नीचे दिए टेबल में आप इन institutions के according “nanograms/milliliter” में मापे गए विटामिन डी के लेवल और उसके मायने देख सकते हैं:
IOM Guidelines | Endocrine Society Guidelines | |
---|---|---|
कमी | 12 ng/mL से कम | 20 ng/mL से कम |
अपर्याप्त | 2 से 20 ng/mL | 21 से 29 ng/mL |
पर्याप्त | 20 ng/mL से ऊपर | 30 से 60 ng/mL |
अत्यधिक | 60 ng/mL से ऊपर |
विटामिन डी की कमी का ईलाज / Treatment for Vitamin D Deficiency in Hindi
विटामिन डी की deficiency दूर करने से पहले ये जानना ज़रूरी है कि हमारे शरीर को प्रतिदिन विटामिन डी की कितनी आवश्यकता होती है? इसे भी लेकर Institute of Medicine(IOM) और Endocrine Society के अलग-अलग मत हैं, इन संस्थाओं के अनुसार Vitamin D की आवश्यकता निम्नलिखित है:
1 to 18 years old | 19 to 70 years old | 71+ years old | |
---|---|---|---|
Institute of Medicine(IOM) | 600 IU/day | 600 IU/day | 800 IU/day |
Endocrine Society | 600-1,000 IU/day | 1,500-2,000 IU/day | 1,500-2,000 IU/day |
विटामिन डी की कमी का उपचार / Vitamin D Deficiency Treatment in Hindi
Vitamin D needs fulfill करने के तीन तरीके हैं:
पहला तरीका: सूरज की रौशनी में समय बिता कर
सूरज से निकलने वाली Ultra Violet – B rays हमारी त्वचा से मिलकर विटामिन डी प्रोड्यूस करती हैं।इसलिए अगर हम अपनी दैनिक दिनचर्या में कुछ वक़्त सूरज की किरणों के बीच रह कर बिताएं तो vitamin D की कमी आसानी से और प्राकृतिक तरीके से दूर हो सकती है।
ऐसे वस्त्र पहने जिसमे शरीर का अधिक से अधिक हिस्सा directly sun rays के contact में आ सके।
Source: Times of India
दूसरा तरीका: Vitamin D युक्त आहार लेकर
- मछलियाँ,
- fish liver oils, और
- egg yolk (अंडे की जर्दी) में,
- इसक अलावा कुछ fortified dairy products* और grain प्रोडक्ट्स में भी विटामिन डी पाया जाता है।
*जिनमे अलग से विटामिन ऐड किये गए होते हैं।
नोट: “विटामिन डी किसमे पाया जाता है?” इस पर हम जल्द आपसे एक लेख शेयर करेंगे.
तीसरा तरीका: Vitamin D supplements / मेडिसिन लेकर
Read more about Vitamin D in Hindi on Wikipedia
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Ashok sahu says
Good idea’s
कबीर says
नमस्कार गोपाल जी.. मैंने आपका यह लेख यूसी न्यूज़ में भी पढ़ा… मैं एक बात आपसे जानना चाहता हूँ की क्या UC News में आपका पोस्ट सबमिट करने पर आपको कमाई भी होती हैं? मतलब की UC न्यूज़ में अपनी पोस्ट डालने का क्या क्या लाभ होता हैं? क्या आप इससे कुछ earn भी करते हैं? प्लीज उत्तर दीजियेगा, धन्यवाद…
Gopal Mishra says
कबीर जी, UC News से कमाई भी होती है, लेकिन वो नहीं के बराबर है! क्योंकि उसपे अधिक व्यूज नहीं मिलते.
Babita Singh says
शरीर के लिए विटामिन D कितना जरुरी होता है तथा शरीर में इसकी कमी होने से होने वाले रोग, रोग का इलाज और विटामिन D के प्रप्ति के स्रोत के बारे में आपने बहुत विस्तार से जानकारी दी हैं । यह स्वस्थ्य और अस्वस्थ्य सभी व्यक्तियों के लिए उपयोगी है । धन्यवाद गोपाल जी इस उपयोगी जानकारी को हम सब के साथ शेयर करने के लिए ।
Gopal Mishra says
Thanks Babita Ji
Ravish kumar says
बहुत लाभदायक जानकारी दी है आपने. धन्यवाद
sandeep says
very helpful sir…
viram singh says
बहुत उपयोगी जानकारी । आपने बहुत अच्छे से विटामिन डी के बारे में बताया ।
Gopal Mishra says
धन्यवाद विराम जी
Ravi Kumar says
Aaj ke training running life men kiske pas time hai. subah suraj nikalen se pahle office jane ka hota hai aur suraj dhalane ke bad ghar, to kab ve suraj ko roshani ko senk sakenge.
aaapk post behtarin hai.
Rahul says
bahut badiya article hai gopal sir ji bahut helpful lagi apki ye article
kalaa shree says
बहुत उपयोगी जानकारी है. धन्यवाद
kalaa shree says
बहुत लाभदायक जानकारी दी है आपने. धन्यवाद