Happy Mother’s Day
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
“माँ” – मदर्स डे पर कविता
कोई अौर झुलाता है झूले मैं तो भी रो जाता हूँ,
मैं तो बस अपनी माँ की थपकी पाकर ही सो पाता हूँ।
—
कुछ ऐसा रिश्ता है मेरा मेरी माँ से
दर्द वो ले लेती है सारे और मैं बस मुस्कुराता हूँ।
—
यूँ तो जमाने के नजरों मैं मैं बड़ा हो गया हूँ,
पर दूर जब माँ से होता हूँ तो रो जाता हूँ।
—
चारदिवारी से घिरा वो कमरा बिन तेरे घर नहीं लगता माँ,
मैं हर रोज अपने ही कमरें मैं मेहमान हो जाता हूँ।
—
जब भी ज़माना मुझे कमजोर करने की कोशिश करता है,
याद करके तुझे माँ मजबूत बन जाता हूँ।
—
जब सोचता हूँ कुर्बानियां तेरी माँ
आंसुओं के समंदर में खो जाता हूँ।
—
मैं रात-रात भर जागता ही रहता हूँ माँ,
अब तेरे आँचल में छुप कर कहाँ सो पाता हूँ।
—
Er. Sunit Kumar Mishra
Lecturer Mech. Engg. Dept.
IMS Engg. College Ghaziabad
We are grateful to Sunit ji for sharing a heart touching poem on Mother’s Day.
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बहुत अच्छी कविता है…दिल को छूने वाली!
very Gud sir….
Good line …. Dil se maa
Ma ma
nice poem
yes its true that when mother is in front of us we never give value to her but when we think that we have to live alone without mother in that house than really just tears come that now to whom we can call mother in this world. its true and heart touchable lines.
bahut badiya likhe hai sir ……
dil ko chhu jane wali pankatiya
जय माता दी.
गोपाल सर जी, अच्छी खबर डॉट कॉम को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.
Mother’s day par maa ko smrpit yah poem lajavab he
Bahut achhi kavita.
माँ से बढ़कर इस दुनिया मे कोई नही है। माँ के आँचल के लिए तो देवता भोजन तडफते है।