Hindi Diwas Speech in Hindi
हिंदी दिवस पर प्रेरक भाषण
दोस्तों, लगभग दो हफ्ते पहले मैंने आपसे एक पोस्ट शेयर की थी “अच्छीख़बर.कॉम और हिंदी ब्लॉगर्स के लिए एक बड़ा सम्मान“. इसमें मैंने कोलकाता में हुए राम अवतार गुप्त प्रतिभा पुरस्कार समारोह के बारे में बताया था. यह कार्यक्रम हिंदी में उल्लेखनीय काम कर रही प्रतिभाओं व बोर्ड एग्जाम्स में हिंदी विषय में सर्वाधिक नंबर लाने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित करने के लिए किया गया था. इस समारोह में मुझे बतौर गेस्ट ऑफ़ ऑनर एवं की-नोट स्पीकर आमंत्रित किया गया था.
इस अवसर पर मैंने एक भाषण तैयार किया था, जिसे आज मैं आपके साथ साझा कर रहा हूँ.
➡ इस भाषण के साथ-साथ मैं कुछ कमेंट्स भी डाल रहा हूँ, ताकि आप समझ सकें कि मैंने कोई बात क्यों कही और जब आप अपना कोई भाषण तैयार करें तो आपको भी ऐसा करने में आसानी होगी.
हिंदी दिवस पर भाषण
ज्योति है, उर्जा है, ज्ञान का श्रृंगार है
हिंदी वो भाषा है जिससे हम सबको प्यार है
क्योंकि आज मैं यहाँ खड़ा हूँ हिंदी की वजह से और आज आप वहां बैठे हैं हिंदी की वजह से….
आदरणीय श्रीमती रुचिका गुप्ता जी और यहाँ उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों व अभिभावकों को मेरा सादर प्रणाम.
मेरा स्नेह व आशीर्वाद इन होनहार बच्चों को जिन्होंने हिंदी में सर्वाधिक अंक प्राप्त किये हैं. मैं चाहूँगा इस उपलब्धि पर हम जोरदार तालियों के साथ इन बच्चों का उत्साहवर्धन करें… इन्हें एंकरेज करें.
मैं सन्मार्ग फाउंडेशन का आभारी हूँ कि उन्होंने इतने विशाल मंच पर एक हिंदी ब्लॉगर को आमंत्रित किया है….ये मेरे लिए बड़े गर्व की बात है कि मैं आज उस पावन धरती पर खड़ा हूँ जिसने ना सिर्फ स्वामी विवेकानंद जैसा महापुरुष, गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर और अमर्त्य सेन जैसे नोबेल लौरेट्स को ही जन्म दिया है बल्कि वह सौरव गांगुली जैसे महान क्रिकेटर की भी जननी है.
मित्रों सबसे पहले मैं संक्षेप में अपने बारे में बताना चाहूँगा:
मेरा नाम गोपाल मिश्रा है, मैं उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर से हूँ.
मैंने Birla Institute of Management Technology, BIMTECH से MBA किया है.
HCL Technologies, Chennai में काम करने के दौरान साल 2010 में मैं कुछ परेशान था… परेशानी ये थी कि मुझे लगा कि मेरी ज़िन्दगी बीतती जा रही है और मैंने अभी तक कुछ ऐसा नहीं किया है जिसके लिए मैं अन्दर से बहुत प्राउड फील कर सकूँ…एक जिद्द थी और आज भी है कि अपनी क्षमता के अनुसार इस दुनिया को बेस्ट देकर जाना है.
फिर एक दिन मैंने गूगल पर सर्च किया “ How to discover life purpose”. कुछ ही सेकंड्स में लाखों रिजल्ट आये जिन्हें पढ़कर मुझे बहुत फायदा हुआ….
फिर दिमाग में आया कि चलो इसी चीज को हिंदी में सर्च करते हैं — और मैंने गूगल पर लिखा – “अपने जिंदगी का मकसद कैसे पता करें”
और तब कुछ हज़ार रिजल्ट आये जिनमे फर्स्ट पेज पर था “इंदिरा गांधी की हत्या का सच” और ऐसी ही चीजें जिनका सर्च क्वेरी से कोई लेना देना नहीं था.
यानि हिंदी रिजल्ट्स में ना quality थी न quantity.
मैंने मन ही मन ठाना की AchhiKhabar.Com के माध्यम से मैं हिंदी कंटेंट इन्टरनेट पर उपलब्ध कराऊंगा…और इसी जिद्द और जूनून के साथ मैं अपने काम में जुट गया…. इस काम ने मुझे न सिर्फ संतोष दिया बल्कि इन्टरनेट की दुनिया में एक विशेष पहचान दी और आर्थिक रूप से भी इतना सक्षम बना दिया कि 8 July 2015 के दिन मैं अपनी MNC जॉब छोड़ कर संभवतः दुनिया का पहला professional Hindi blogger बन गया.
ये हिंदी की ही ताकत थी जिसने मुझे इतनी सफलता दिलाई…और आज अगर हम ध्यान दें तो हम आसानी से हिंदी के बढ़ते प्रभाव को देख सकते हैं…महसूस कर सकते हैं—
आज हिंदी इतने लोगों की मातृभाषा है जितनी अमेरिका, इंग्लैंड, कैनेडा, और जर्मनी की कुल आबादी भी नहीं है…और इसी लिए ये एक बहुत बड़ा बाज़ार है….जिसे कोई भी कंपनी मिस नहीं करना चाहती…
- आज गूगल जैसी दिग्गज कंपनी अपने विज्ञापन हिंदी में देती है और लोगों को हिंदी में सर्च करना सिखाती है.
- आज हर एक बड़ा चैनल चाहे वो डिस्कवरी हो या कार्टून नेटवर्क अपने प्रोग्राम्स हिंदी में डब करा के दिखाता है.
- भारत के 10 सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले अखबारों में 6 हिंदी के हैं और सिर्फ एक अंग्रेजी का.
हिंदी का महत्त्व आपको मौजूदा ICC champions trophy में भी देखने को मिल सकता है…
- जो रवि शाश्त्री हेमशा अंग्रेजी में कमेंट्री करते थे आज हिंदी में कमेंट्री करते देखे जा सकते हैं.
- आज हमारे नेता बड़े गर्व के साथ अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर हिंदी में भाषण देते हैं.
- और तो और आज विश्व के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति, डोनाल्ड ट्रम्प भी सत्ता पाने के लिए —-
अबकी बार ट्रम्प सरकार
का नारा देते हैं
मित्रों, आज आप हाई स्कूल इंटर में हैं…कल को आप उच्च-शिक्षा के लिए जायेंगे ….मैं ये नहीं कहता की आप बिना रूचि के हिंदी में PHD करें ….लेकिन ये ज़रूर कहता हूँ कि आप हिंदी की ऊँगली थामे रहे…उसके सहारे आगे बढ़ते रहे… जी हाँ, बदली हुई सोसिओ-इकोनोमिक कंडीशंस में हिंदी को आपके सहारे की ज़रुरत नहीं है बल्कि आपको हिंदी के साथ की आवश्यकता है….. क्योंकि कल को आप डॉक्टर बन जाएं….IAS officer बन जाएं….कोई बड़े राज नेता बन जाएं…..पर जब बात हिन्दुस्तान के एक बड़े जनसमूह पर अपना प्रभाव छोड़ने की होगी तब हिंदी ही आपके काम आएगी.
एक छोटा सा उदाहरण देता हूँ. आज बड़ी बड़ी advertising agencies में करोड़ों के पैकेज पर बैठे IIM Ahemdabad और IIM Kolkata के बन्दे… तब अपनी सैलरी जस्टिफाई कर पाते हैं जब वे—
“ठंडा मतलब कोका कोला”….और “इसको लगा डाला तो लाइफ झिंगालाला” जैसी टैग लाइन्स बनाते हैं.
दोस्तों, इस मंच से कही गयी बात दूर तक जायेगी इसलिए यहाँ से मैं गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग से निवेदन करना कहूँगा कि वे हिंदी का एक आधिकारिक शब्दकोष तैयार करें…..जिसमे वे हर वर्ष भारत में प्रचलित हो चुके अंग्रेजी व अन्य भाषओं के शब्दों को शामिल करें…और उन्हें प्रचारित करें कि हाँ ये-ये शब्द अब हिंदी का हिस्सा हैं.
जैसे – “थैंक यू , सॉरी , प्लीज” हम इन्हें हिंदी के शब्द क्यों नहीं मान सकते?
हिंदी को समृद्ध बनाना है तो हमें हिंदी के हाथ नहीं बाँधने ….बल्कि उसकी बाहें फैलानी है और दूसरी भाषाओँ को गले लगाना है.
अंत में इतना ही कहना चाहूँगा कि हिंदी वो माँ है जिसकी करोड़ों संताने हैं इसलिए हिंदी के भविष्य की चिंता करना छोड़िये बल्कि उसके स्वर्णिम युग के प्रारंभ के साक्षी बनिए…. याद रखिये आज हिंदी को हमारी ज़रुरत नहीं है ….हमें हिंदी की ज़रुरत है!
धन्यवाद!
— End of Speech–
Friends, क्या ये भाषण सफल रहा?
मुझे लगता है हाँ, क्योंकि भाषण को सभी ने ध्यान से सुना और इस दौरान कई बार तालियाँ बजीं. बाद में बहुत से लोग मुझसे मिले और स्पीच की तारीफ की. हालांकि, इसमें आपकी प्रैक्टिस, बोलने के अंदाज और स्टेज प्रेजेंटेशन का भी बड़ा हाथ होता है. पर मुझे लगता है कि content-wise भी यह एक अच्छा भाषण था.
आपकी क्या राय है? कृपया कमेन्ट के माध्यम से बताएँ.
थैंक यू,
कैसे बनें एक अच्छे वक्ता ? 17 Tips
Related Hindi Speeches:
- Life is easy….ज़िन्दगी आसान है! – एक बेहद प्रेरणादायक भाषण
- हर एक शिक्षक को नमन हर एक शिष्य को आभार – Teacher’s Day Speech in Hindi
- कैसे जलाये रखें अपने अन्दर की चिंगारी को- Chetan Bhagat
- तीन कहानियाँ- जो बदल सकती हैं आपकी ज़िन्दगी! – My favourite speech of all time
- स्वामी विवेकानंद का प्रसिद्द शिकागो भाषण
यदि आपके पास Hindi में कोई article, inspirational story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है:[email protected].पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!
sushil pandey says
अपने बिलकुल सही बोला हमे हिंदी की जरूरत है नाकि हिंदी को हमारी
Suman soni says
आपने बिल्कुल सही कहा कि हिंदी को हमारी नहीं हमें हिंदी की जरुरत है……
Dr.manoj gupta says
आपने सही कहा gopalji की हिंदी को हमारी नहीं हमें हिंदी की जरूरत है |
किसी कवि ने हिंदी के विषय में क्या खुबसूरत कविता लिखी है l
” हिंदी का उत्थान करना
यही मेरी जिज्ञासा है।
हिन्दी की बोली अनमोल,
एक शब्द के कई विलोम।
हिन्दी हिन्द हिमालय पर शोभित,
हर्षित होते बोल के सोम।
मीठी बोली अद्भुत बाणी संग,
बढ़ती प्रेम पिपासा है।
हिंदी का उत्थान करना
यही मेरी जिज्ञासा है।
अति सुंदर ,बहुत बहुत बधाई
atoot bandhan says
बहुत ही प्रेरणादायक भाषण | क्योंकि आपने बच्चों को संबोधित किया इसलिए इसमें रोचकता व् उत्साह को बनाये रखा |आपने सही कहा की हिंदी को हमारी नहीं हमें हिंदी की जरूरत है | आज कितने डॉक्टर , इंजिनीयर हिंदी में लिख रहे हैं | इसमें एक तो अपनी भाषा में लिखने का सुख है | दूसरे इससे वे सब केवल उच्च या उच्च मध्यम वर्ग से न जुड़ कर उनलोगों से भी जुड़ पाते हैं जिनकी जडें भारत की संस्कृति में गहरे धंसी हैं |आप इस दिशा में अच्छा काम कर रहे हैं | एक बार फिर हार्दिक बधाई |
Kuldeep Singh says
एक बेहद प्रेरणादायक भाषण, सही कहा आपने :- आज हिंदी को हमारी ज़रुरत नहीं है ….हमें हिंदी की ज़रुरत है! मैं भी एक बलोगर हूँ, मैं अपने बलोग में हिन्दी, इन्गलिश व पँजाबी में लिखता हूँ । कृप्या एकबार ज़रूर चेक करें कि कैसा है ?
Abdul Khan says
आपने बिल्कुल सही कहा Sir ji कि हिंदी को हमारी नहीं हमें हिंदी की जरुरत है…Great Speech Sir
शैलेश चौधरी says
आज के समय में ऐसा हो गया है की अगर कोई शहर में किसी प्रोफेशनल से hindi में बात कर लेता है तो उसे वह व्यक्ति गावर लगता है.इंग्लिश मध्यम से पढ़े लड़की/लड़के हिंदी बोलने से शरमाते है. आज आजादी 70 साल के बाद भी हम hindi को नेशनल language नहीं बना पाए.
हमरे देश में तो अब ऐसा होगा गया है की अगर आप हिंदी बोल दिए तो आप अनपढ़ है और अगर इंग्लिश में गाली दे कर बात करे तो बहुत सभ्य है.
vishnu umarvaishya says
हिंदी को एक विश्वभाषा बनानें के लिये ये बहुत ही अच्छी भाषण है ।
……………………धन्यवाद.
मनीष says
आपने भी एक हिंदी को इस नेट की दुनिया में पहचान दिलाया है सर अगर दिल में कुछ करने की चाह हो तो भाषा कभी रोड़ा नहीं बनता ये आपने साबित किया है। आपको दिल से धन्यवाद सर
Apurva says
दो दिन पहले न जाने विचार किया कि गुगल करुं की 10 शीर्ष के ब्लॉग हिंदी मे। इसमें इस ब्लॉग का भी नाम आया। ६-७ पोस्ट पढने के बाल मैने इसे बुकमार्क कर लेना बेहतर समझा.. -:) । जानकर अच्छा लगा की आपने “९से५” की चक्की मे पिसने के बजाय कुछ अलग करने का निर्णय लिया और एक नए आयाम-ब्लॉगींग,मे प्रवेश किया। ये जानते हुए की एक अच्छी नौकरी को अलविदा कहना पढेगा; बगल के शर्माजी कि भौऐ तन जाएंगी और अपने भी अस्मंजस मे सवालों का ढ़ेर लगा देंगे फिर भी आपने इस तरफ कदम उठाया ये सराहनीय है।
अब आते हैं इस ब्लॉग पोस्ट पे। आपने बिल्कुल सही कहा कि हिंदी को हमारी नहीं हमें हिंदी की जरुरत है। पर जिस बात से मेरा मतभेद है वो ये की हम इसे कश्मीर से कन्याकुमारी तक थोप नहीं सकते। हर क्षेत्रीय भाषा कि अपनी गरिमा और सुगंध होती है जिससे हमारे देश की अखण्डता, “अनेकता मे एकता” जैसे सन्देश से बनी रहती है। और हिन्दी भी अन्य भाषा कि तरह एक क्षेत्रीय भाषा ही है। चुकी इस क्षेत्र का दायरा इतना बड़ा है तो ऐसा प्रतित होता है कि ये हमारे देश का मुख्य भाषा है।
हां मैं इस बात का पक्षधर हूं कि हिन्दी भाषी अन्य भाषाओं से परिचित हो, समझें बोले और यही बात दुसरे भाषा बोलने वाले लोगों पर लागू होता है कि वो हिंदी को जाने और बोले।
क्योंकि’संस्कृत’हमारे देश कि अधिकांश भाषाओं कि जननि है तो इसे पुरे देश में अनिवार्य किया जा सकता है।
धन्यवाद।