Inspirational Hindi Story on Struggle
संघर्ष पर प्रेरणादायक कहानी
नदी पहाड़ों की कठिन व लम्बी यात्रा के बाद तराई में पहुंची। उसके दोनों ही किनारों पर गोलाकार, अण्डाकार व बिना किसी निश्चित आकार के असंख्य पत्थरों का ढेर सा लगा हुआ था। इनमें से दो पत्थरों के बीच आपस में परिचय बढ़ने लगा। दोनों एक दूसरे से अपने मन की बातें कहने-सुनने लगे।
इनमें से एक पत्थर एकदम गोल-मटोल, चिकना व अत्यंत आकर्षक था जबकि दूसरा पत्थर बिना किसी निश्चित आकार के, खुरदरा व अनाकर्षक था।
एक दिन इनमें से बेडौल, खुरदरे पत्थर ने चिकने पत्थर से पूछा, ‘‘हम दोनों ही दूर ऊंचे पर्वतों से बहकर आए हैं फिर तुम इतने गोल-मटोल, चिकने व आकर्षक क्यों हो जबकि मैं नहीं?’’
यह सुनकर चिकना पत्थर बोला, “पता है शुरुआत में मैं भी बिलकुल तुम्हारी तरह ही था लेकिन उसके बाद मैं निरंतर कई सालों तक बहता और लगातार टूटता व घिसता रहा हूं… ना जाने मैंने कितने तूफानों का सामना किया है… कितनी ही बार नदी के तेज थपेड़ों ने मुझे चट्टानों पर पटका है…तो कभी अपनी धार से मेरे शरीर को काटा है… तब कहीं जाकर मैंने ये रूप पाया है।
जानते हो, मेरे पास हेमशा ये विकल्प था कि मैं इन कठनाइयों से बच जाऊं और आराम से एक किनारे पड़ा रहूँ…पर क्या ऐसे जीना भी कोई जीना है? नहीं, मेरी नज़रों में तो ये मौत से भी बदतर है!
तुम भी अपने इस रूप से निराश मत हो… तुम्हें अभी और संघर्ष करना है और निरंतर संघर्ष करते रहे तो एक दिन तुम मुझसे भी अधिक सुंदर, गोल-मटोल, चिकने व आकर्षक बन जाओगे।
मत स्वीकारो उस रूप को जो तुम्हारे अनुरूप ना हो… तुम आज वही हो जो मैं कल था…. कल तुम वही होगे जो मैं आज हूँ… या शायद उससे भी बेहतर!”, चिकने पत्थर ने अपनी बात पूरी की।
दोस्तों, संघर्ष में इतनी ताकत होती है कि वो इंसान के जीवन को बदल कर रख देता है। आज आप चाहे कितनी ही विषम पारिस्थति में क्यों न हों… संघर्ष करना मत छोड़िये…. अपने प्रयास बंद मत करिए. आपको बहुत बार लगेगा कि आपके प्रयत्नों का कोई फल नहीं मिल रहा लेकिन फिर भी प्रयत्न करना मत छोडिये। और जब आप ऐसा करेंगे तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो आपको सफल होने से रोक पाएगी।
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धन्यवाद
सीताराम गुप्ता
ए डी-106- सी, पीतम पुरा,
दिल्ली-110034
फोन नं: 09555622323
Email: [email protected]
सीता राम गुप्त जी एक प्रतिष्ठित लेखक हैं. आपको अपने कविता संग्रह ‘‘मेटामॉफ़ोसिस” तथा पुस्तक ‘‘मन द्वारा उपचार” के लिए जाना जाता है. आपकी रचनाएं देश भर के प्रसिद्द अख़बारों व पत्रिकाओं में निरंतर प्रकशित होती रही हैं.
We are grateful to Sitaram Gupta Ji for sharing this inspirational Hindi Story on Struggle.
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ramratan says
aapne kahani ke madhayan se sanghars karane ka hamlogo ko achi sikh di hai !thanks!
shashikant kumar says
thanks for sharing such motivational story very very motivational….
Om Prakash Rathour says
Yah Kahani hame aage Badhne Prerana Date hay.
Jaswant Ray says
Sach hai sangharsh hi asli jiwan hai. Sangharsh ke bina jiwan ko sarthak nahi banaya ja sakta.
Dhanyavad
विद्या सिन्हा says
हमारे जीवन मे हमे कितनी कठिनाइयाँ झेलनी पड़ती हैं…. ये कहानी बहुत परेरणा देती है
उन कठिनाइयों से लड़ने की ।
vikas jadhav says
Thanks for sharing such a motivational story.
ravi says
Thanks for sharing beautiful with us. I hope you will share some more info about दो पत्थरों की कहानी जो आपको सफलता के लिए प्रेरित करेगी .Please keep sharing!