एलेग्जेंडर महान ने कहा था –
मैं जीने के लिए अपने पिता का ऋणी हूँ , पर अच्छे से जीने के लिए अपने गुरु का.
मित्रों, गुरु की महत्ता को शब्दों में बयान कर पाना मुश्किल है. बिना गुरु के आशीर्वाद के इस जीवन में सफल होना असम्भव है. आइये आज हम इस कविता के माध्यम से गुरु की महिमा को समझते हैं और उनकी वंदना करते हैं.
Teachers Day Poem in Hindi / गुरु पर कविता
Contents
गुरु
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गुरु की उर्जा सूर्य-सी, अम्बर-सा विस्तार.
गुरु की गरिमा से बड़ा, नहीं कहीं आकार.
गुरु का सद्सान्निध्य ही,जग में हैं उपहार.
प्रस्तर को क्षण-क्षण गढ़े, मूरत हो तैयार.
गुरु वशिष्ठ होते नहीं, और न विश्वामित्र.
तुम्हीं बताओ राम का, होता प्रखर चरित्र?
गुरुवर पर श्रद्धा रखें, हृदय रखें विश्वास.
निर्मल होगी बुद्धि तब, जैसे रुई- कपास.
गुरु की करके वंदना, बदल भाग्य के लेख.
बिना आँख के सूर ने, कृष्ण लिए थे देख.
गुरु से गुरुता ग्रहणकर, लघुता रख भरपूर.
लघुता से प्रभुता मिले, प्रभुता से प्रभु दूर.
गुरु ब्रह्मा-गुरु विष्णु है, गुरु ही मान महेश.
गुरु से अन्तर-पट खुलें, गुरु ही हैं परमेश.
गुरु की कर आराधना, अहंकार को त्याग.
गुरु ने बदले जगत में, कितने ही हतभाग.
गुरु की पारस दृष्टि से , लोह बदलता रूप.
स्वर्ण कांति-सी बुद्धि हो,ऐसी शक्ति अनूप.
गुरु ने ही लव-कुश गढ़े , बने प्रतापी वीर.
अश्व रोक कर राम का, चला दिए थे तीर.
गुरु ने साधे जगत के, साधन सभी असाध्य.
गुरु-पूजन, गुरु-वंदना, गुरु ही है आराध्य.
गुरु से नाता शिष्य का, श्रद्धा भाव अनन्य.
शिष्य सीखकर धन्य हो, गुरु भी होते धन्य.
गुरु के अंदर ज्ञान का, कल-कल करे निनाद.
जिसने अवगाहन किया, उसे मिला मधु-स्वाद.
गुरु के जीवन मूल्य ही, जग में दें संतोष.
अहम मिटा दें बुद्धि के, मिटें लोभ के दोष.
गुरु चरणों की वंदना, दे आनन्द अपार.
गुरु की पदरज तार दे, खुलें मुक्ति के द्वार.
गुरु की दैविक दृष्टि ने, हरे जगत के क्लेश.
पुण्य -कर्म- सद्कर्म से, बदल दिए परिवेश.
गुरु से लेकर प्रेरणा, मन में रख विश्वास.
अविचल श्रद्धा भक्ति ने, बदले हैं इतिहास.
गुरु में अन्तर ज्ञान का, धक-धक करे प्रकाश.
ज्ञान-ज्योति जाग्रत करे, करे पाप का नाश.
गुरु ही सींचे बुद्धि को, उत्तम करे विचार.
जिससे जीवन शिष्य का, बने स्वयं उपहार.
गुरु गुरुता को बाँटते, कर लघुता का नाश.
गुरु की भक्ति-युक्ति ही, काट रही भवपाश.
प्रभु त्रिवेदी,
‘प्रणम्य’, 111
राम रहीम कालोनी, राऊ
इंदौर, म.प्र.
संक्षिप्त परिचय :- 10 कृतियाँ प्रकाशित. कहानी, लघुकथा, कवितायेँ, गीत, दोहों आदि का प्रकाशन राष्ट्रीय स्तर पर.अनेक सम्मान व उपाधियाँ. सम्प्रति स्वतन्त्र साहित्य सृजन.
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गुरु की महानता पर इस उत्कृष्ट कविता के लिए हम प्रभु त्रिवेदी जी के आभारी हैं. सचमुच, उन्होंने हर एक पंक्ति में गुरु की महिमा और महत्ता का जो वर्णन किया है वह सर्वथा उचित व उपयुक्त है. इस बेहतरीन कविता को AKC पर शेयर करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.
Note: Students may use this poem ( Teachers Day Poem in Hindi )on the occasion of Guru Purnima and Teachers’ Day.
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heart touch poem
sir ji
Aapka jawab nahi sir very impressive
Humare samaj me Guru ka sthan srvochch he or yah poen unki garima ko bekhubi darsati he
Nice Poet
Nice poem
अच्छी Poem पढ़ कर अच्छा लगा !
Helpful post, poems are really inspiring, Thanks for Sharing.
Thanks for sharing this.
मुझे अपने गुरुओ से बहुत कुछ सीखने को मिला जिसमे अच्छीखबर भी Add है क्योंकि मैंने वेबसाइट पर जो Article gopal जी के द्वारा पढ़े उन्होंने मुझे बहुत बदला है ।
Love Ak
Guru se bada koi nahi bahut hi acchi kavita.