Debate on Mass Hysteria in Hindi
सामूहिक उन्माद पर डिबेट
कभी मंकी मैन… कभी मुंह नोचवा तो कभी कुछ और… रह-रह कर हमें इन अजीबो-गरीब घटनाओं का जिक्र सुनने को मिल ही जाता है. और इसमें latest addition है “चोटी-कटवा” का.
उत्तर भारत के विभिन्न शहरों में अचानक ही महिलाओं की चोटीयां कटने की रहस्यमयी घटनाएं सामने आने लगी हैं और बहुत से लोग इसका कारण “चोटी कटवा” को मान रहे हैं. कोई चोटी कटवा को कोई साइकिक इंसान बता रहा है तो कोई उसे भूत-प्रेत से जोड़ कर देख रहा है तो वहीँ प्रशाशन और बुद्धिजीवी वर्ग इसे mass hysteria का दर्जा देते हैं और अफवाह से बढ़कर और कुछ नहीं मानते.
- Related: हमारी अन्य डिबेट्स यहाँ देखें
आज हमारी डिबेट का टॉपिक इन्ही विरोधाभाषी विचारों पर आधारित है. हमारा टॉपिक है-
चोटी कटवा महज एक अफवाह है और कुछ नहीं!
आप इस विषय में क्या सोचते हैं?
यदि आपका सोचना है कि -“चोटी कटवा महज एक अफवाह है और कुछ नहीं!” तो इस विषय के पक्ष यानि FOR में अपने तर्क comment के माध्यम से रखिये.
यदि आप इस बात से सहमत नहीं हैं कि -“चोटी कटवा महज एक अफवाह है और कुछ नहीं!” तो इस debate topic के विपक्ष यानि AGAINST में अपने तर्क रखिये.
Please note:
- कोई व्यक्ति “For” और “Against” दोनों में तर्क नहीं दे सकता. आप पहले तय कर लीजिये कि आप पक्ष में हैं या विपक्ष में और उसी के मुताबिक अपना कमेंट डालिए.
- आप किसी के कमेन्ट को रिप्लाई करके उसे support या counter भी कर सकते हैं.
? कमेन्ट डालने के लिए इस पोस्ट के अंत में जाएं. कमेन्ट करते ही वे आपको साईट पर दिखाई नहीं देंगे. Approve होने के बाद ही वे आपको दिखाई देंगे.
एक पेज पर अधिक से अधिक 10 latest comments ही दिखते हैं, पुराने कमेंट्स देखने के लिए केम्न्ट्स के अंत में दिए “Older Comments” लिंक पर क्लिक कीजिये.
A request: कृपया अपनी बातें numbering करके रखें. ऐसा करने से मुझे debate summarize करने में आसानी रहेगी.
कब तक चलेगी डिबेट ?
यह डिबेट Wednesday (23/08/17) तक ओपन रहेगी. यानी 23 जुलाई तक डाले गए कमेंट्स के हिसाब से ही- मैं यहाँ पर “For” और “Against” में दिए points को summarize करूँगा.
और Review Committee फैसला करेगी कि “For” वाले जीते या “Against” वाले.
*रिजल्ट आने तक
और इस दौरान किये गए कमेंट्स में से जिसका कमेंट सबसे प्रभावशाली होगी वही बनेगा-
“The Most Effective Debater”
इस डिबेट का रिजल्ट कब पता चलेगा ?
Winner Group और “The Most Effective Debater” का नाम 23 August को ही इसी post में update कर दिया जाएगा.
तो चलिए “Debate on Mass Hysteria in Hindi” में भाग लेकर अपनी debating skills दिखाइए और अपने तर्कों से आपसे भिन्न विचार रखने वालों को भी अपनी बात मानने पर मजबूर कर दीजिये! ?
All the best!
RESULT OF THE DEBATE Updated- 23rd Aug 2017
दोस्तों, Debate 1: “चोटी कटवा महज एक अफवाह है और कुछ नहीं!” में हिस्सा लेने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद.
यह डिबेट पूरी तरह “पक्ष” के तरफ झुकी रही, यानी मैक्सिमम लोग यही मानते हैं कि चोटी कटवा एक अफवाह भर है,
तो चलिए मैं पक्ष और विपक्ष में दिए गए तर्कों को summarize करता हूँ.
FOR
- यह एक अफवाह है जो मानसिक तौर से जुडा़ है क्योंकी जो इसके बारे में सुनता हैं उसी की चोटी कटी है.
- कुछ लोग मजे के लिए इन जैसी अफवाहों को अपने फालतू समय में थोड़ा मनोरंजन भरने के लिए फैला रहे हैं, जिससे ये अफवाहे आम लोगों के मन में और गहरी हो जाती है।
- कुछ लोग attention पाने के लिए खुद ही अपनी चोटी काट ले रहे हैं.
- ये वारदातें ज्यादातर कम पढ़े-लिखे, अनपढ़ लोगों के साथ हुई है, इस वजह से इन अफवाहों को फ्यूल मिल रहा है, कभी ऐसी अजीब वारदातें पढ़े -लिखे लोगों के साथ क्यों नहीं होती ये बात हमेसा प्रश्न खड़ा करती है.
- इतने सारे मामले हैं पर पुलिस को कोई सुबूत क्यों नहीं मिल रहा…. बात वही है पकड़ेंगे तब न जब कोई होगा.. मजाक में शुरू हुआ ये काम मीडिया में इतना फ़ैल गया कि लोग खुद ही अपनी चोटी काट रहे हैं… और सोशल मीडिया इसे बढ़ावा दे रहा है.
- अगर ये मामला सच होता तो सिर्फ गाँव नहीं शहर में भी उसी तरह लोगों की चोटियाँ कटती.
- Insan jo kuch sochta hai Wahi uske samne hota hai jaise ki koi admi ek raste se roj ata Jata hai our uske Mann me kisi bhot pret ya kisi our bat ka vaham nahi hai to vo nahi dare ga ha agar kisi ne kha diya ki yaha Maine bhot dekha ya ahsas Kiya to jo admi roj Bina dare ata Jata tha ab uske mann me yahi vaham hoga ki yaha bhot hoga ki nahi our vo dare ga our fir Apne Mann ki bat dusre Ko btaye ga aur doosra teesre ko… Ko our ye afvah badhte jayegi hi isi prakar ye choti katva bhi faila hai.
- कुछ लोग मजे के लिए इन जैसी अफवाहों को फैलाते हैं और फिर बहुत से लोग इसे सच मान लेते हैं.
- ये वारदातें ज्यादातर कम पढ़े-लिखे, अनपढ़ लोगों के साथ हुई है, इस वजह से इन अफवाहों को फ्यूल मिल रहा है, कभी ऐसी अजीब वारदातें पढ़े -लिखे लोगों के साथ क्यों नहीं होती ये बात हमेसा प्रश्न खड़ा करती है.
- ये सब अफवा है क्योंकि जिस जिस की चोटी कटि उनमे से जादा तर मानसिक रोगी है ये सब एक माइंड की उपज है या फिर कुछ महिलाएं ज्यादा काम ना करना पड़े उस से बचने के लिए बी ये सब करती है ऐसी महिलाओ को एक अच्छे से मनोवैज्ञानिक को दिखना चाहिए.
- कई बार तांत्रिक महिलाओं को बाल की बलि देने को कहते हैं, हो सकता है घर वालों से छिपाने के लिए ऐसी महिलाओं ने कहानी गढ़ी हो.
- चोटी कटवा महज एक अफवाह है और कुछ नहीं, क्योंकि ५०% केस उन औरतों के बारे में है जो अपने बाल कटवाना चाहती थी परन्तु घर के बन्धनों के कारण अपने बाल नहीं कटवा पा रहीं थी और उन्होंने इस मौके का फ़ायदा उठाया और अपनी चोटी खुद ही काट डाली और चोटी कटवा की अफवाह फैला दी. ऐसी ही कई घटनाएं हमारे आस पड़ोस में साबित भी हो चुकी है.
- मैंने एक newspaper में पढ़ा है कि police ने कुछ cases पे investigation की है जिसमे लोगों ने खुद अपनी चोटी काटने की बात कबूली है.
- ये केवल समाज में डर उत्पन्न करने की कोसिस है जो एक सोची समझी साजिस हैजो असमाजिक तत्व कर रहे हैं.
- Mujhe lagta hai ke kuch logo tantrik ke pass gaye honge or unse aapna ilaj karaya hoga tantrik ne unhe eska tareka bataya hoga ke logo ki choti kato or apni manokamna poori kr lo isleye un logo ne choti katne shuru kr di.
- चोटी कटवा महज एक अफवाह ही है लेकिन वर्तमान में आधुनिक युग में असामाजिक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया का दुरूपयोग करते हुवे इस प्रकार की अफवाहों को सामूहिक उन्मादों का विषय बना दिया है।
- ये सिर्फ एक अफवाह है जिसको टीवी मीडिया ने फैलाया है सिर्फ trp के लिए ,it is very shameless और कुछ लोगो ने तो सिर्फ टिकी पर आने के लिए या कहे लोगो की नज़र में आने के लिए खुद की चोटी तक कटाई हैं.
- मैंने ऐसे बहुत से व्यक्तियों को देखा है। जो न्यूज़ चैनल और अखबार पर पॉपुलर होने के लिए यह काम करते हैं।
Against
- क्या हजारों लोग झूठ बोलेंगे! कोई कारण नहीं दीखता… हाल में ही एक पुलिस वाले घर में ये घटना हुई है, अब तो ये घटना उत्तर से पश्चिम (मुंबई) तक पहुंच गई। क्या सभी झूठ बोल रहे है, यदि ऐसा होता तो आज के इस वैज्ञानिक एवं तकनीकी युग में जल्द से जल्द झूठ को पकड़ा जा सकता था… कुछ तो अजीब है!
- ये अफवाह नहीं है, बहुत सी जगहों पर चोटी काटने की वजह से महिलाएं बेहोश हुई हैं…उन्हें अस्पताल में भर्ती तक करना पड़ा है.
- जब हम कोई चीज समझ नहीं पाते तो हमारा इगो हमें इस बात को स्वीकार नहीं करने देता, क्योंकि हम तो पृथ्वी के सबसे बुद्धिमान जीव हैं. पर हकीकत ये है कि तमाम inventions के बावजूद हम खुद से पेड़ का एक पत्ता भी नहीं बना सकते! चोटी कटवा की घटना कोई मजाक नहीं.
- महिलाओं को अपने बालों से बहुत प्यार होता है वो सिर्फ दिखावे में खुद इसे नहीं काटेंगी.
- बहुत से लोग कहते हैं कि भूत-वूत कुछ नहीं होता… लेकिन उनसे रात में सुनसान जगह जाने को कह दीजिये तो नहीं जायेंगे… और जाना पड़ा तो हनुमान चालीसा का पाठ करते रहेंगे…. ये ज़रूरी नहीं कि हम जिसे साबित ना कर पाएं वो चीज होती ही न हो! इसी तरह हम साबित ना भी कर पाएं तो भी चोटी कटवा का वजूद है.
- बिना आग के धुंवा नहीं उठता, कुछ न कुछ ऐसा है जिसकी वजह से ये घटनाएं हो रही हैं… मैंने खुद लोगों को चोटी काटने के बाद hospitalize होते देखा है.
Winner
हमारी रिव्यु कमिटी ने पक्ष और विपक्ष में रखे गए तर्क के अनुसार निर्णय लिया है कि –
विजेता वो ग्रुप है जिसने पक्ष यानि FOR में अपने तर्क रखे.
यानि कमिटी का मानना है कि “चोटी कटवा महज एक अफवाह है और कुछ नहीं!” का सपोर्ट करने वाले लोग WINNER हैं.
और
THE MOST EFFECTIVE DEBATER
का खिताब जाता है—-
रवि कुमार
जी को, जिन्होंने अपने पॉइंट्स “For the motion” में रखे थे. आपको बहुत-बहुत बधाई!
रवि जी से आप [email protected] पर सम्पर्क कर सकते हैं.
Thank You everybody for your participation. हम जल्द ही एक नयी डिबेट के साथ हाज़िर होंगे! धन्यवाद.
इन डिबेट्स को भी ज़रूर देखें:
- Debate 1: स्कूल में स्टूडेंट्स को स्मार्ट फ़ोन के इस्तेमाल की अनुमति होनी चाहिए!
- Debate 2: कैपिटल पनिशमेंट यानि फाँसी की सजा पर रोक लगनी चाहिए!
- Debate 3: डॉक्टरों को हड़ताल पर जाने की अनुमति नहीं होनी चाहिए!
- Debate 4: चोटी कटवा महज एक अफवाह है और कुछ नहीं!
Shilpa K says
यह एक अफवाह हैं और ऐसी अफवाह बड़ी तेजी से फ़ैल जाती हैं, ऐसी अफवाहों को फैलाकर लोगो की भावनाओं के साथ खेला जाता हैं.
Neeraj Singh says
Sir,
आपने इस Debate को अपने अपने विचारों को प्रकट करने के लिए रखा है। यह बहुत अच्छी बात है। इससे इस देश में रहने वाले और इस समाज में रहने वालों विचार आप तक और आप के जरिए इस समाज और इस देश तक पहुंचते हैं।
यह चोटी कटने वाली खबर जब मैंने न्यूज़ चैनल और अखबार में पढ़ी तब मुझे इसके बारे में पता चला। मैं अपने पर्सनल experience बता रहा हूं लोग क्या कहते हैं? क्या कह रहे हैं? मैं ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देता। हमें किसी किसी की भी बातों को आंख बंद करके विश्वास नहीं करना चाहिए। क्योंकि जो व्यक्ति किसी दूसरे की बातों पर आंख बंद करके विश्वास करता है वह कहीं ना कहीं और कभी ना कभी धोखा जरूर खाता है। यह मेरा पर्सनल experience है।
यह जो घटना हो रही है,या चल रही है इस विषय में मेरा मानना है कि-
1-सबसे पहले तो यही एक अफवाह है, और कुछ नहीं।
2-मैंने ऐसे बहुत से व्यक्तियों को देखा है। जो न्यूज़ चैनल और अखबार पर पॉपुलर होने के लिए यह काम करते हैं।
3-इस देश में इस समाज में अभी भी ऐसे कई लोग हैं,जो इन गति-विधियों को बढ़ावा देते हैं।
4-यह काम उनका भी हो सकता है। जिससे किसी से अनबन हुई हो या आसपास में किसी से झगड़ा हुआ हो।
5-कई पहले भी ऐसी अफवाहें हम सब के कानों तक सुनाई दी हैं। फिर आखिरकार इन अफवाहों का पर्दाफाश भी हुआ है। इन पर्दाफाश और हकीकत से हम सभी रूबरू हुए हैं।
इसलिए अपने आप पर विश्वास रखिए,अपने अनुभव पर भरोसा कीजिए और ऐसी होने वाली अफवाहों पर बिल्कुल भी ध्यान मत दीजिए और ना ही भरोसा कीजिए।
रवि कुमार says
4.कुछ लोगो का कहना हे की चोटी कटवा घटना सच्ची है ,यह हमारे गाँव में भी शहर में भी हुई हे इत्यादि बात बता रहे हे लेकिन इससे यह स्पष्ट नही होता की यह किसी गिरोह विशेष या व्यक्ति विशेष द्वारा किया जा रहा हे क्योंकि ये भी सम्भव हे की कोई व्यक्ति व्यक्तिगत द्वेष भाव या अन्य कारण से इस चोटी कटवा अफवाह को ढाल बना कर व्यक्तिगत दुश्मनी निकाल ले । मान लीजिये किसी व्यक्ति का किसी महिला लड़ाई झगड़ा या अनशन बोलना हो गया और उसी दौरान वह व्यक्ति इस प्रकार की अफवाह का फायदा उठा कर व्यक्तिगत द्वेष भी तो निकाल सकता है।। कहने का आशय मात्र इतना हे की इस प्रकार की अफवाहे बढ़ाने से अफवाहे समाज में मूर्त रूप ले लेती है ।
5.हम जिम्मेदार नागरिक हे तो हमे ध्यान रखना चाहिए की इस प्रकार की अफवाहों के पीछे असामाजिक तत्व बड़ी बड़ी वारदातो को अंजाम दे जाते हे,हमारा समाज हमारा राष्ट्र इस प्रकार की कई अवसादों से आज भी ग्रसित हे।।
6. पुरुषो द्वारा बालो का अर्पण करना तो सुना था लेकिन स्त्री के बाल काटना कुछ समझ नही आता ,यदि कोई तांत्रिक या जादू टोना करने वाला व्यक्ति इस प्रकार की शर्त रखता हे तो बात समझ से परे जाती हे ??? या तो फिर आजकल तांत्रिक भी मन्नतो को पूरी करने के लिए नवाचारी प्रयोग अपना रहे हे, सच मानिये सोच कर भी हंसी आती है ☺ ☺☺☺
जो भी हो इस प्रकार की घटनाये आधारहीन ,अविश्वसनीय है ,ये घटनाये उपहास मात्र श्रेणी की है।।
Mukesh thakur says
ये सिर्फ एक अफवाह है जिसको टीवी मीडिया ने फैलाया है सिर्फ trp के लिए ,it is very shameless और कुछ लोगो ने तो सिर्फ टिकी पर आने के लिए या कहे लोगो की नज़र में आने के लिए खुद की चोटी तक कतई हैं । पता नही इस दुनिया का क्या होगा ।
Mahendra Gabel says
TV वाले सच्ची घटनाए ही दिखा रहे महोदय जी आप को शायद पता नहीं है लेकिन यही सच है आप न्यूज़ पेपर में भी पढ़ते होंगे या न्यूज़पेपर वाले भी यही घटनाओं को बार-बार छापेंगे क्या अभी तत्कालीन घटना छत्तीसगढ़ में कई जगह हो चुकी है बिहार और दिल्ली में भी हो रही है
MOHD TANVEER ANSARI says
YE kewal ek afwah he….aesa kuch nhi he….dhyan dene wali bat ye he jnha knhi bi choti kati he….to vo garib pariwar se belong karte he…agr sach me aesa kch hota to kisi rich person ke family me bi ye incident hota…..but aesa nhi he…..lch log samaj me dar paida karne ki koshis kar rhe he….
pahle logo ke man dar paida kiya ja rha he…..aur jab knhi choti kat jati he….to log use sach man lete he…..
रवि कुमार says
1.चोटी कटवा महज एक अफवाह ही है क्योंकि इस से सम्बंधित सुने व् देखे गए तथ्य बनावटी अफवाहि नजर आते है,इस तरह की अनगिनत अफवाहे सुनने को मिलती है ।
लेकिन वर्तमान में आधुनिक युग में असामाजिक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया का दुरूपयोग करते हुवे इस प्रकार की अफवाहों को सामूहिक उन्मादों का विषय बना दिया हैं।
2.विज्ञान के इस युग में भुत प्रेतों और तांत्रिक विधा जेसी आधारहीन बातो पर विशवास करना और उसे बढ़ावा देना और इस तरह की अफवाहों को बढ़ावा देना कुछ असामाजीक तत्वों द्वारा समाज की शान्ति व्यवस्था को क्षति पंहुचाना मात्र हे ,आमजन को चाहिए की वो इस प्रकार की अफवाहों को नजरअंदाज करे।
मनुष्य कोई निर्जीव वस्तु तो हे नही जो कोई उसकी चोटी काटे और पता भी न चले ? इक मच्छर भी काटे तो तत्काल हम उसे मार देते हे और कोई चोटी काट रहा हे फिर भी बच के निकल जाए ये बात तो समझ से बाहर जा रही है???
3. हर रोज कोई न कोई नई अफवाह सुनाई देती हे,उदाहरण के तोर पर पहले ये अफवाह फेलाई के सोनम गुप्ता बेवफा हे! अरे भाई कोन सोनम गुप्ता बेवफाह हे?? मुझे तो आजकल पता नही चला???
व्हाट्स एप्प पर सन्देश आते हे 11 लोगो को भेजे तो ये हो जाएगा वो हो जाएगा । मै कहता हूँ 11 क्या 22 को भेजो कुछ नही होना है।
ये सब कुछ असामाजिक तत्वों की करतुते मात्र हैं।
Durgesh Kumar says
Mujhe lagta hai ke kuch logo tantrik ke pass gaye honge or unse aapna ilaj karaya hoga tantrik ne unhe eska tareka bataya hoga ke logo ki choti kato or apni manokamna poori kr lo isleye un logo ne choti katne shuru kr di.
ek buradi ka kissa hai meri bua ke ghar ke piche ek aurat ke choti kt gaye wo video mene bua ke ladke ke mobile me dekhe the wo aurat keh rahe the ke uske samne ek chudel aaye the or wo kise ko dikhai nahi de rahi the kewal us aurat ke jiske choti kate.
lakin ye sab bakwas hai mai nahi manta en bato ko
sachin says
ये केवल समाज में डर उत्पन्न करने की कोसिस है जो एक सोची समझी साजिस हैजो असमाजिक तत्व कर रहे
Ravi says
I am Ravi , this is true because its event in my village. I watch whose girl cut hair.she is now admit in hospital.
Manoj S. Rawat says
Maire apne Vyaktigat raaye se ye sirf ek afwaah hi hai kyonki hum pehle bhi iss tarah ki afwaaho se rubaroo ho chuke hai kyonki kuch time pehle humne kaala bandar ki afwaah hi suni hui hai abhi maine ek newspaper main padaa h k police ne kuch cases pe investigation ki hai jisme logo ne khud apne chotii kaatne ki baat kabool ki hai