Hind Story on Making An Impact
अपना प्रभाव छोड़ने पर प्रेरणादायक कहानी
MBA करने के बाद समीर की प्लेसमेंट एक मल्टीनेशनल कम्पनी में हो गयी. Managerial positions में काम करने वाले employees में समीर सबसे young था. कम्पनी के directors के सामने वह खुद को साबित करना चाहता था, पर तमाम कोशिशों के बावजूद वो कुछ ऐसा नहीं कर पा रहा था जिसका एक बड़ा impact पड़े और लोग उसे notice करें.
अपनी इस परेशानी को discuss करने के लिए एक दिन उसने अपने college के professor, प्रो० कृष्णन को कॉल किया.
Busy होने के कारण प्रोफेसर ने समीर की मिल कर बात करने को कहा और उसे अगले Sunday को college में बुलाया.
समीर समय से पहुँच गया और दोनों campus में घूम-घूम कर बात करने लगे.
प्रोफेसर समीर की परेशानी समझ गए और बोले, “चलो जरा swimming pool का चक्कर लगा कर आते हैं.”
“क्या सर! मैं आपसे इतनी बड़ी problem discuss कर रहा हूँ और आप स्विमिंग पूल जाने की बात कर रहे हैं…”, समीर कुछ झुंझलाते हुए बोला.
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“अरे आओ तो सही!”, प्रोफ़ेसर जबरदस्ती उसे अपने साथ ले गए.
दोपहर का समय था, पूल बिलकुल खाली था.
प्रोफ़ेसर बोले, “चलो एक गेम खेलते हैं… करना ये है कि हमें इस पूल में हलचल पैदा करनी है. देखते हैं कौन अधिक हलचल पैदा कर लेता है.”
समीर को लगा कि यहाँ आकर उसने अपना समय बर्बाद कर दिया है…पर वो प्रोफ़ेसर कृष्णन की बात टाल भी नहीं सकता था.
“सबसे पहले तुम प्रयास करो.”, प्रोफ़ेसर बोले.
समीर ने इधर-उधर देखा और पास ही पड़ी एक swimming pool tube उठा कर पानी में फेंक दी.
“हा-हा-हा”, प्रोफ़ेसर हँसते हुए बोले, “ इससे तो बस थोड़े से ही ripples बने हैं….क्या अपने प्रयासों से तुम बस इतनी सी ही हलचल पैदा कर सकते हो?”
यह सुनकर समीर थोड़ा गुस्से में आ गया, और झट से side में पड़ी एक चेयर उठाई और पानी में फेंक दी.
प्रोफेसर मुस्कुराते हुए बोले, “अच्छा है! ये प्रयास पहले वाले से बेहतर है…देखो इस बार का impact पहले से ज्यादा है और इसकी लहरें भी दूर तक गयी हैं.”
“ठीक है सर, तो क्या अब हम यहाँ से चलें?”, समीर बोला.
प्रोफ़ेसर ने फ़ौरन जवाब दिया, “नहीं! अभी खेल ख़त्म नहीं हुआ है!
क्या तुम एक और प्रयास करना चाहोगे?”
समीर जो भी हो रहा था उससे खुश नहीं था, वह खीजते हुए बोला, “ नहीं सर, अब यहाँ और कुछ नहीं पड़ा है जो मैं इस पूल में फेंकूं…. क्यों नहीं आप ही कोई प्रयास करके देख लेते हैं?”
अगले ही पल प्रोफ़ेसर अपने कपड़े उतारने लगे और दौड़ कर पानी में एक छलांग लगा दी!
“छपाक….”
पूल में हलचल ही हलचल मच गयी .
समीर भौंचक्का था. उसे ऐसा कुछ होने की उम्मीद नहीं थी.
“कुछ समझे समीर…”, प्रोफ़ेसर पानी से निकलते हुए बोले जा रहे थे, “ ये swimming pool दरअसल हमारे area of work को दर्शाता है…और अगर हमें इसमें maximum impact डालना है… अपने काम से पूरे ecosystem में ripples create करनी हैं तो हमें उस काम में डूबना होगा…हमें उसमे अपना सबकुछ लगा देना होगा…अधमने और छोटे-छोटे प्रयास तो हर कोई कर लेता है…हमें जी-जान से अपने काम को अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा और तब ये दुनिया हमें notice किये बिना नहीं रह पाएगी!”
समीर प्रोफ़ेसर की बात अच्छी तरह से समझ चुका था. अब वह एक नए जोश के साथ शहर की ओर वापस लौट रहा था…उसे पता था कि अब उसे क्या करना है!
दोस्तों, हमे चाहे जिस field से हों…अगर हमें अपनी field में नाम कमाना है…अपना प्रभाव छोड़ना है तो हमें ordinary से ऊपर उठना होगा. और ऐसा करने के लिए हमें extra-ordinary efforts करने होंगे…वरना हमारा काम तो होगा….लेकिन नाम नहीं होगा!
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Rohit Ekchart says
Bahut Khoob!!!
Monika says
बहुत खूब गोपाल जी दिस इज माई ओपनिंग आर्टिकल्स गॉड ब्लेस यू
shilpa says
Kahani bahut hi preranadayak hain.hamare sath share karane ke liye dhanyavad
Mahesh says
Nice story very motivative
Good Khabar says
बहुत ही Motivational Story आपने हमारे साथ श़ेयर किया, आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
pankaj chaturvedi says
Nice for improvement our self
atoot bandhan says
आपने बिलकुल सही कहा जब भी कोई काम करें उसमें अपनी सारी ताकत लगा कर पूरी तरह से डूबना जरूरी है | तभी सफलता मिल सकती है | बहुत प्रेरणादायक कहानी | छपाक , कहानी का शीर्षक भी बहुत अच्छा लगा |कहानी की तरह ये शीर्षक भी पाठकों के मन में maximum impact डालने वाला है |