What are Mutual Funds in Hindi ?
म्यूचुअल फंड्स क्या होते हैं ?
अगर आपके पास सौ रुपये हैं और आप उसे दस साल तक खर्च ना करें तो दस साल बाद आपके पास कितने रुपये बचेंगे?
…. 100 रुपये
……. गलत!
दस साल बाद आपके पास सिर्फ 50-60 रुपये ही बचेंगे क्योंकि inflation rate ( महंगाई दर) की वजह से आपके पैसों की वैल्यू घट जायेगी.
इसे इस तरह समझ सकते हैं कि-
अगर दस साल पहले आप 100 रु में 1 किलो सेब खरीदते थे तो आज दुकानदार आपको सौ रुपये में बस आधा किलो ही सेब देगा!
इसका मतलब ये है कि पैसों को यूँही छोड़ना मतलब पैसे डुबोना है… और अगर आप अपने पैसे डुबोना नहीं चाहते तो आपको उन्हें किसी ऐसे फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट में निवेश करना चाहिए जो कम से कम महंगाई दर की तुलना में अधिक तेजी से बढें.
और ऐसा ही एक tried and test financial instrument है – Mutual Funds
तो आइये आज हम इस आर्टिकल में जानते हैं कि-
म्यूचुअल फंड्स क्या होते हैं? और ये कैसे काम करते हैं?
सबसे पहले,
Mutual Funds क्या होते हैं?
म्यूचुअल का अर्थ होता है “आपस में” या “आपस का” और फण्ड का अर्थ है “पूंजी” या “कोष”, यानी म्यूचुअल फण्ड कुछ ऐसा है जिसमे लोग आपस में मिलकर एक कोष बनाते हैं.
हम इसे ऐसे समझ सकते हैं कि-
म्युचुअल फंड प्रोफेशनल मनी मैनेजर्स द्वारा ऑपरेट होते हैं, जो फंड के निवेश को allocate करते हैं ताकि वे निवेशकों को लाभ पहुंचा सकें.
हर एक म्यूचुअल फण्ड का कोई specific objective होता है जो उसके प्रॉस्पेक्टस में बताया गया होता है या आप online उसके बारे में search कर सकते हैं.
For example: किसी फण्ड का ऑब्जेक्टिव हो सकता है कि वो सारे पैसे equities में लगाए, तो किसी का objective 100% allocation fixed-income securities में करने का हो सकता है, तो कोई और debt और equities दोनों में पैसे allocate करके एक balanced approach ले सकता है.
एक म्यूचुअल फण्ड कैसे सेटअप किया जाता है?
एक म्यूचुअल फण्ड एक ट्रस्ट के फॉर्म में सेटअप किया जाता है, जिसमे-
- स्पॉनसर,
- ट्रस्टी,
- एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) और
- कस्टोडियन शामिल होते हैं.
ट्रस्ट एक या एक से अधिक स्पॉनसर्स द्वारा बनाया जा सकता है जो किसी कंपनी के प्रमोटर की तरह होता है. म्यूचुअल फण्ड के ट्रस्टीज यूनिट होल्डर्स (जो लोग म्यूचुअल फण्ड खरीदते हैं) के लाभ के लिए उसकी प्रॉपर्टी की देखभाल करते हैं. SEBI द्वारा मान्यता प्राप्त AMC विभिन्न investments के माध्यम से फण्ड मैनेज करती है.
Mutual Funds के example:
भारत के लीडिंग म्यूचुअल फंड्स हैं –
- Reliance Mutual Fund
- ICICI Prudential Mutual Fund
- Birla Mutual Fund
- Axis Mutual Fund
- etc
Mutual Funds के प्रकार क्या हैं? / Types of Mutual Funds in Hindi
MF schemes को हम मोटे तौर पर उनके structure और investment objective के आधार पर divide कर सकते हैं-
स्ट्रक्चर के आधार पर MF दो प्रकार के होते हैं-
-
Open-ended Funds
एक ओपन-एंडेड फण्ड पूरे साल के दौरान subscription के लिए उपलब्ध रहता है. इसकी कोई फिक्स्ड मैच्योरिटी नहीं होती. निवेशक आसानी से इसे कभी भी as per NAV इन्हें खरीद बेच सकते हैं. NAV के बारे में हम इसी पोस्ट में आगे बात करेंगे.
-
Close-ended Funds
क्लोज-एंडेड फण्ड की पहले से निर्धारित मैच्योरिटी अवधि होती है जो 3 से 15 साल तक हो सकती है. यह फण्ड new fund offer के दौरान खरीदा जा सकता है.
Investment Objective के आधार पर mutual funds निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं-
-
ग्रोथ फंड्स
इनका लक्ष्य मीडियम से लॉन्ग टर्म में capital appreciation provide करने का होता है. इसमें मुख्यतः equities में निवेश किया जाता है.
-
इनकम फंड्स
इनका लक्ष्य निवेशकों को नियमित और स्थिर आय प्रदान करना होता है. इसमें मुख्यतः fixed income securities, जैसे कि बॉन्ड, कॉरपोरेट डिबेंचर और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं।
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बैलेंस्ड फंड्स
इस फण्ड का उद्देश्य growth और regular income दोनों ही प्रोवाइड करने का होता है. इसमें equities और fixed income securities दोनों में ही निवेश किया जाता है.
-
मनी मार्केट फंड्स
इस फण्ड का लक्ष्य easy liquidity, पूंजी का संरक्ष्ण, और आय प्रदान करना होता है. इसमें ट्रेजरी बिल, सर्टिफिकेट ऑफ़ डिपाजिट और कमर्शियल पेपर में निवेश करते हैं।
Net Asset Value (NAV) क्या होती है?
जब भी Mutua Funds की बात होती है तब एक टर्म जो बार-बार use होता है वो है- NAV. इसलिए इस टर्म को समझना ज़रूरी है.
एक MF कई जगह पैसे इन्वेस्ट करता है इसलिए at any point of time अगर आपको
-
उस MF की यूनिट्स खरीदनी है
-
बेचनी है, या
-
बस जानना है कि आपका निवेश कैसा परफॉर्म कर रह है
तो आपके लिए MF के अलग-अलग निवेशों को ट्रैक करके per unit price पता करना practically feasible नहीं है. ऐसे में आपके पास कोई ऐसा इंडिकेटर होना चाहिए जो फौरन इन प्रश्नों का उत्तर दे सके. और NAV ठीक यही काम करता है.
किसी MF की NAV वो प्राइस है जिससे उस MF Scheme की एक यूनिट खरीदी या बेची जा सकती है.
For example: किसी date पर अगर MF की NAV 50रु है तो उस दिन कोई इन्वेस्टर 50 रु per unit के हिसाब से इसकी यूनिट्स खरीद सकता है; और यदि उसके पास पहले से ही इसकी यूनिट्स हैं तो इसी रेट पर वो अपनी यूनिट्स बेच सकता है.
साथ ही कोई पुराना इन्वेस्टर जान सकता है कि उसका निवेश कैसा परफॉर्म कर रहा है. जैसे, मान लीजिये जब उसने MF buy किया था तब NAV 25रु थी और आज वो 50रु है तो इसका मतलब उसके पैसे डबल हो गए हैं.
💡 SEBI की guidelines के अनुसार सभी म्यूचुअल फंड्स को हर दिन अपनी NAV publish करनी होती है.
Note: NAV एक important concept है पर unfortunately इससे जुड़े बहुत से Myths भी हैं. इसलिए मैं इसे अलग से एक पोस्ट में एक्सप्लेन करूँगा.
ये समझाएं कि हम म्यूचुअल फण्ड में जो पैसा देते हैं उसका क्या होता है?
Suppose करिए आपने किसी Mutual Fund में 1000 रु निवेश किये जिसकी NAV 100 रु है.
इसका मतलब, आपको इस फण्ड के 1000/100=10 units मिल जायेंगे*.
अब आपका पैसा बाकी के हज़ारों-लाखों इन्वेस्टर्स के साथ जोड़ दिया जाता है और इस फण्ड को मैनेज करने वाली AMC उन्हें अलग-अलग financial instruments में निवेश करती है.
समझने में आसानी हो इसलिए हम मान लेते हैं कि इस म्यूचुअल फण्ड का सारा पैसा पांच ब्लूचिप कम्पनियों में बराबर-बराबर लगा हुआ है. और विभिन्न निवेशकों के माध्यम से AMC के पास 1 करोड़ रु इकठ्ठा हो गए हैं.
तो अब होगा क्या कि AMC 20-20 लाख रुपये से उन पांच कंपनियों के शेयर खरीद लेगी. और इस तरह से आपके 1 हज़ार रुपये भी बराबर-बराबर इन कंपनियों में लग जायेंगे, i.e, हर कम्पनी में दो-दो सौ रुपये.
*वास्तविकता में AMC कुछ एक्स्पेंसेस deduct करने के बाद ही पैसे निवेश करेगी.
म्यूचुअल फण्ड में फायदे के chances अधिक क्यों होते हैं?
क्योंकि यहाँ आपका पैसा किसी एक चीज में नहीं लगा होता. जिसके अच्छा या बुरा परफॉर्म करने पर आपको फायदा-नुक्सान हो. बल्कि यहाँ experienced professionals द्वारा चुनी हुई कई कंपनियों में आपका पैसा निवेश होता है.
For example: अगर हम 100% Equity allocation वाले म्यूचुअल फण्ड की बात करें तो आपके पैसे बहुत सारी कंपनीज के शेयर्स में लगे होते हैं ऐसे में अगर कुछ कंपनीज भी अच्छा perform कर जाती हैं तो आपको फायदा मिल जाता है. और अगर आप SIP मोड में निवेश कर रहे हैं तो अच्छे returns के chances और भी बढ़ जाते हैं.
हम म्यूचुअल फण्ड में कैसे निवेश कर सकते हैं?
इसके लिए आप किसी financial adviser या म्यूचुअल फण्ड एजेंट से मिल सकते हैं. आप direct mutual fund की साईट पर जाकर online भी निवेश कर सकते हैं. अगर मैं अपनी बात करूँ तो शुरू में मैं financial advisers की मदद से निवेश करता था पर अब मैं खुद online ही इन्वेस्टमेंट कर लेता हूँ.
आप ये कैसे कर सकते हैं इसके बारे में हम personal finance की अगली पोस्ट में बात करेंगे.
अगर म्यूचुअल फण्ड में निवश करना है तो कम से कम कितने पैसों की आवश्यकता होगी?
आप सिर्फ 500 रु से ही MF में investment की शुरुआत कर सकते हैं.
MF में निवेश करने के लिए किन documents की ज़रुरत पड़ती है?
- Pan Card ( Per Annum 50 हज़ार से अधिक के निवेश के लिए ये mandatory है)
- आधार कार्ड or any other address proof like ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, etc
- फोटोग्राफ
क्या MF में निवेश करने से पहले KYC process ज़रूरी है?
जी हाँ, MF में निवेश करने से पहले हर एक निवेशक को KYC, यानी Know Your Customer (KYC) process complete करना होता है. इसके लिए आपको mandatory documents ( के एड्रेस और आईडी प्रूफ ) के साथ खुद मौजूद होना होता है.
क्या KYC process online भी किया जा सकता है?
जी हाँ, इसे E-KYC कहते हैं. यह आपके AADHAR या PAN Card द्वारा घर बैठे हो सकता है.
Aadhar-based e-KYC में आपको अपना आधार नंबर, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और इस नंबर पर आये OTP (one time password) की ज़रुरत पड़ती है. इस प्रोसेस में आपको अपने आधार कार्ड की scanned self-attested copy अपलोड करनी पड़ती है.
PAN-based e-KYC में आपको ऑनलाइन एक फॉर्म भरना होता है, उसका प्रिंटआउट लेना होता है और अपने फोटोग्राफ और सिग्नेचर के साथ उसकी एक स्कैन्ड कॉपी अपलोड करनी होती है. इसके अलावा आपको अन्य relevant documents भी अपलोड करने होते हैं. इसके बाद आपका in-person verification वेब कैमरा या आपके smart phone के जरिये कर लिया जाता है.
क्या म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के कुछ charges भी हैं?
जी हाँ, आपका निवेश मैनेज करने के लिए AMCs आपसे transaction charge, exit load, इत्यादि charges लेती है. यह चार्ज आपके कुल निवेश का अधिकतम 2.5% तक हो सकता है.
आखिर MF भी शेयर बाज़ार में निवेश करते हैं तो क्यों न हम MF की बजाये directly share market में निवेश करें?
MF share market में निवेश करते हैं पर उनका ये निवेश qualified fund managers के माध्यम से होता है जो इस चीज के expert होते हैं. साथ ही MFs एक साथ बहुत सारी companies के stocks में निवेश करते हैं, जिससे हमारा इन्वेस्टमेंट diversify हो जाता है और रिस्क कम हो जाता है.
एक आम निवेशक के लिए बाज़ार के उतार-चढ़ाव पर नज़र रखना और समझ पाना संभव नहीं है इसलिए ऐसे लोगों के लिए MF एक बेहतर विकल्प है.
तो दोस्तों ये थी Mutual Funds से जुडी कुछ ख़ास जानकारी. I am sure, इसे पढने के बाद आप में से बहुत से लोग म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट करना चाहेंगे और आपके इस काम को आसान बनाने के लिए मैं personal finance series के अपने नेक्स्ट आर्टिकल “15 मिनट में कैसे शुरू करें ऑनलाइन म्यूच्यूअल फण्ड SIP?” में डिटेल में बात करूँगा.
Till then take care…save money…invest wisely!
Thank You
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Ghanshyam Manikpuri says
Apne is post me aapne bahut hi achchi jankari bataya hai…
Mera bhi ek blog www.finoin.com hai jisme share market and mutual funds ke bare me jankari diya jata hai…
Aap ek backlink degen…
Thanks…
Anny says
bhut acha likha hai apne. Actually m kb se mutual funds ke bare me search kar ri this and see now I got it. Thank you so much. Ase hi likhte rahe ap.
Rajesh Sahu says
detailed information about the mutual fund. thank you for sharing
Umair says
आपने अच्छी पोस्ट लिखी है, और mutual fund को सही से समझाया भी है.
मेने भी एक पोस्ट इसी topic पर लिखी है. Have a Look.
Balbindar says
Thanks I am interested
Ramesh kushwaha. says
Very nice.
Nishu says
Thnku gopl g. Its very imp knowledge. Keep it up.
Anam says
Sir i am student of commerce thanks for sharing this information
Archana says
Very good information in simple language