Hindi Story on Changing With Time
समय के साथ बदलने की सीख देती कहानी
जंगल के बीचो बीच जामुन का एक बहुत पुराना वृक्ष था. पीढ़ियों से गिलहरियों का एक परिवार उस वृक्ष पर रहता आ रहा था.
वह वृक्ष उन्हें हर वो चीज देता आ रहा था जो जीने के लिए ज़रूरी थी…खाने के लिए फल, रहने के लिए अपने खोखले तनों में आसरा और खतरनाक पक्षीयों और जानवरों से सुरक्षा. यही वजह थी कि आज तक गिलहरियों के कुनबे में से किसी ने कहीं और जाने की नहीं सोची थी.
लेकिन अब परिस्थितियां बदल रहीं थीं… हर चीज जो शुरू हुई है वो ख़त्म भी होती है…अब जामुन के पेड़ का भी अंत निकट था…उसकी मजबूत जडें अब ढीली पड़ने लगी थीं… जामुन के फलों से लदे रहने वाले उसे पेड़ पर अब मुश्किल से ही जामुन खाने को मिल रहे थे.
यह एक आपात स्थिति थी और गिलहरी परिवार ज्यादा दिनों तक इसकी अनदेखी नहीं कर सकता था… अंततः एक मीटिंग बुलाई गयी.
सबसे बुजुर्ग होने के कारण अकड़ू गिलहरी ने मीटिंग की अध्यक्षता की और अपनी बात रखते हुए कहा, “मित्रों ये पेड़ ही हमारी दुनिया है… यही हमारा अन्न दाता है…इसने सदियों से हमारे पूर्वजों का पेट पाला है… हमारी रक्षा की है…आज भले ही इसपर फल आने कम हो गए हैं… इसकी जडें कमजोर पड़ गयी हैं पर फिर भी यह हम सबको आश्रय देने के लिए पर्याप्त है… और भगवान की कृपा हुई तो क्या पता ये कुछ दिनों में ये वापस ठीक हो जाए? अतः हम सबको यहीं रहना चाहिए और ईश्वर की प्रार्थना करनी चाहिए.”
सभी गिलहरियों ने अकड़ू की हाँ में हाँ मिलायी लेकिन गिल्लू गिलहरी से रहा नहीं गया और उसने हाथ उठाते हुए कहा, “मुझे कुछ कहना है.”
“क्या कहना है? हम भी तो सुनें”, अकड़ू कुछ अकड़ते हुए बोला.
“क्यों न हम एक नया पेड़ तलाशें और अपना परिवार वहीँ ले चलें… क्योंकि इस पेड़ का अंत निकट है, हो सकता है हम कुछ महीने और यहाँ काट लें…पर उसके बाद क्या? हमें कभी न कभी तो इस पेड़ को छोड़ना ही होगा.”
“बेकार की बात करना छोडो गिल्लू… नए खून के जोश में तुम ये भूल रहे हो कि इस पेड़ के बाहर कितना खतरा है… जो कोई भी यहाँ से जाने की सोचेगा उसे बाज, लोमड़ी या कोई अन्य जानवर मार कर खा जाएगा… और भगवान पर भरोसा भी तो कोई चीज होती है !” ,अकड़ू ने ऊँची आवाज़ में गिल्लू को समझाया.
“चाचा, खतरा कहाँ नहीं है… सच कहूँ तो इस समय नया घर खोजने का खतरा ना उठाना ही हमारे परिवार के लिए सबसे खतरनाक चीज है…और जहाँ तक भगवान पर भरोसे की बात है तो अगर हम उस पर इस मरते हुए पेड़ में जान डालने का भरोसा कर सकते हैं तो नया घर खोजते वक़्त हमारी जान की रक्षा करने का भरोसा क्यों नहीं दिखा सकते…. आप लोगों को जो करना है करिए मैं तो चला नया घर ढूँढने!”, और ऐसा कहते हुए गिल्लू जामुन का पेड़ छोड़ कर चला गया.
गिल्लू के जाने के कई दिनों बाद तक उसकी कोई खबर नहीं आई. इस पर अकड़ू सबको यही कहता फिरता, “मैंने मना किया था… बाहर जान का खतरा है… पर वो सुनता तब तो… मारा गया बेकार में..”
बाकी गिलहरियाँ अकड़ू की बात सुनतीं पर समय के साथ-साथ उस धराशायी हो रहे पेड़ पर रहना मुश्किल होता जा रहा था. इसलिए गिलहरी परिवार ने एक और मीटिंग बुलाई. इस बार परिवार दो हिस्सों में बंट गया कुछ गिलहरियाँ गिल्लू की राह पर चलते हुए खतरा उठाने को तैयार हो गयीं और बाकी सभी अकड़ू की राह पर चलते हुए कोई खतरा नहीं उठाना चाहती थीं.
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कुछ एक महीने और बीते, जामुन के पेड़ पर फल गायब हो चुके थे… उस पर रह रही गिलहरियाँ बिलकुल कमजोर हो चुकी थीं और अब उनमे कुछ नया करने की हिम्मत भी नहीं बची थी… धीरे-धीरे अकड़ू और बाकी गिलहरियाँ मरने लगीं और वहां से करीब 100 मीटर की दूरी पर गिल्लू और बाकी गिलहरियाँ एक दुसरे जामुन के पेड़ पर हंसी-ख़ुशी अपना जीवन जी रही थीं.
दोस्तों, हम सभी किसी न किसी जामुन के पेड़ पर बैठे हुए हैं… हम जिस भी industry में हैं…जो भी business कर रहे हैं वह धीरे-धीरे obsolete हो रहा है या उसे करने का तरीका तेजी से बदल रहा है… even सरकारी नौकरियां भी अब पहले की तरह नहीं रहीं. ऐसे में अगर हम अकड़ू की तरह बदलाव को resist करेंगे…बदल रही conditions को ignore करेंगे और खुद को नयी परिस्थितियों के हिसाब से नहीं ढालेंगे तो बहुत जल्द हमारा अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा.
For example: Nokia कभी मोबाइल फोंस में world leader था पर उसने खुद को smart phones के हिसाब से तैयार नहीं किया और उसका अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया.
हमें गिल्लू की तरह proactive होना चाहिए और मुसीबत सर पर आने से पहले ही उससे बचने के उपाय करने चाहिए…हमें अपनी स्किल्स अपने काम करने के तरीके को changing circumstances के अनुसार upgrade करना चाहिए वरना बाद में उन गिलहरियों की तरह ना हमारे पास ऐसा करने की हिम्मत बचेगी और ना ही ताकत.
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Note: This story is inspired from The Nervous Squirrel – A Story About Dealing With Change
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Who is the writer of this story
Wonderful story
Nice sir
मुश्किल वक़्त में हमारा सही निर्णय ही हमारा भाग्य निर्धारित करता हैं।
अकडू गिलहरी के तरह हमारे कुछ बुजुर्ग हमें कुछ नया काम करने से रोकते हैं वे चाहते हैं की जो अब तक उन्होंने किया वहीं हम भी करे वे थोड़ी बहुत रिस्क लेने से घरबा जाते हैं लेकिन हमें in सबसे ऊपर उठना हैं, दुनिया तेजी से बदल रही हैं हमें दुनिया के साथ चलना हैं तो हमें अपने तरीकों को बदलना होंगा.
bahut achi khani hai bro aise hi lage raho
It’s really very inspirational story for everyone 😌
Thank you so much sir for providing good morality contents.