Hindi Story on Anger
क्रोध पर कहानी
पंकज एक गुस्सैल लड़का था. वह छोटी-छोटी बात पर नाराज़ हो जाता और दूसरों से झगड़ा कर बैठता. उसकी इसी आदत की वजह से उसके अधिक दोस्त भी न थे.
पंकज के माता-पिता और सगे-सम्बन्धी उसे अपना स्वभाव बदलने के लिए बहुत समझाते पर इन बातों का उसपर कोई असर नहीं होता.
एक दिन पंकज के पेरेंट्स को शहर के करीब ही किसी गाँव में रहने वाले एक सन्यासी बाबा का पता चला जो अजीबो-गरीब तरीकों से लोगों की समस्याएं दूर किया करता था.
अगले दिन सुबह-सुबह वे पंकज को बाबा के पास ले गए.
बाबा बोले, “जाओ और चिकनी मिटटी के दो ढेर तैयार करो.
पंकज को ये बात कुछ अजीब लगी लेकिन माता-पता के डर से वह ऐसा करने को तैयार हो गया.
कुछ ही देर में उसने ढेर तैयार कर लिया.
बाबा बोले, “अब इन दोनों ढेरों से दो दिल तैयार करो!”
पंकज ने जल्द ही मिटटी के दो हार्ट शेप तैयार कर लिए और झुंझलाते हुए बोला, “हो गया बाबा, क्या अब मैं अपने घर जा सकता हूँ?”
बाबा ने उसे इशारे से मना किया और मुस्कुरा कर बोले, “अब इनमे से एक को कुम्हार के पास लेकर जाओ और कहो कि वो इसे भट्टी में डाल कर पका दे.”
पंकज को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि बाबा करना क्या चाहते हैं पर अभी उनकी बात मानने के अलावा उसके पास कोई चारा न था.
दो-तीन घंटे बाद पंकज यह काम कर के लौटा.
“यह लो रंग और अब इस दिल को रंग कर मेरे पास ले आओ!”, बाबा बोले.
“आखिर आप मुझसे कराना क्या चाहते हैं? इन सब बेकार के टोटकों से मेरा गुस्सा कम नहीं हो रहा बल्कि बढ़ रहा है!”, पंकज बड़बड़ाने लगा.
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बाबा बोले, “बस पुत्र यही आखिरी काम है!”
पंकज ने चैन की सांस ली और भट्टी में पके उस दिल को लाल रंग से रंगने लगा.
रंगे जाने के बाद वह बड़ा ही आकर्षक लग रहा था. पंकज भी अब कहीं न कहीं अपनी मेहनत से खुश था और मन ही मन सोचा रहा था कि वो इसे ले जाकर अपने रूम में लगाएगा.
वह अपनी इस कृति को बड़े गर्व के साथ बाबा के सामने लेकर पहुंचा.
पहली बार उसे लग रहा था कि शायद बाबा ने उससे जो-जो कराया ठीक ही कराया और इसकी वजह से वह गुस्सा करना छोड़ देगा.
“तो हो गया तुम्हारा काम पूरा?”, बाबा ने पूछा.
“जी हाँ, देखिये ना मैंने खुद इसे लाल रंग से रंगा है!”, पंकज उत्साहित होते हुए बोला.
“ठीक है बेटा, ये लो हथौड़ा और मारो इस दिल पर.”, बाबा ने आदेश दिया.
“ये क्या कह रहे हैं आप? मैंने इतनी मेहनत से इसे तैयार किया है और आप इसे तोड़ने को कह रहे हैं?”, पंकज ने विरोध किया.
इस बार बाबा गंभीर होते हुए बोले, “मैंने कहा न मारो हथौड़ा!”
पंकज ने तेजी से हथौड़ा अपने हाथ में लिए और गुस्से से दिल पर वार किया.
जिस दिल को बनाने में पंकज ने आज दिन भर काम किया था एक झटके में उस दिल के टुकड़े-टुकड़े हो गए.
“देखिये क्या किया आपने, मेरी सारी मेहनत बर्बाद कर दी.”
बाबा ने पंकज की इस बात पर ध्यान न देते हुए अपने थैले में रखा मिट्टी का दूसरा दिल निकाला और बोले, “चिकनी मिट्टी का यह दूसरा दिल भी तुम्हारा ही तैयार किया हुआ है… मैं इसे यहाँ जमीन पर रखता हूँ… लो अब इस पर भी अपना जोर लगाओ…”
पंकज ने फ़ौरन हथौड़ा उठाया और दे मारा उस दिल पर.
पर नर्म और नम होने के कारण इस दिल का कुछ ख़ास नहीं बिगड़ा बस उसपर हथौड़े का एक निशान भर उभर गया.
“अब आप खुश हैं… आखिर ये सब कराने का क्या मतलब था… मैं जा रहा हूँ यहाँ से!”, पंकज यह कह कह कर आगे बढ़ गया.
“ठहरो पुत्र!,” बाबा ने पंकज को समझाते हुए कहा, “जिस दिल पर तुमने आज दिन भर मेहनत की वो कोई मामूली दिल नहीं था… दरअसल वो तुम्हारे असल दिल का ही एक रूप था.
तुम भी क्रोध की भट्टी में अपने दिल को जला रहे हो… उसे कठोर बना रहे हो… ना समझी के कारण तुम्हे ऐसा करना ताकत का एहसास दिलाता है… तुम्हे लगता है की ऐसा करने से तुम मजबूत दिख रहे हो… मजबूत बन रहे हो… लेकिन जब उस हथौड़े की तरह ज़िंदगी तुम पर एक भी वार करेगी तब तुम संभल नहीं पाओगे… और उस कठोर दिल की तरह तुम्हारा भी दिल चकनाचूर हो जाएगा!
समय है सम्भल जाओ! इस दूसरे दिल की तरह विनम्र बनो… देखो इस पर तुम्हारे वार का असर तो हुआ है पर ये टूट कर बिखरा नहीं… ये आसानी से अपने पहले रूप में आ सकता है… ये समझता है कि दुःख-दर्द जीवन का एक हिस्सा है और उनकी वजह से टूटता नहीं बल्कि उन्हें अपने अन्दर सोख लेता है…जाओ क्षमाशील बनो…प्रेम करो और अपने दिल को कठोर नहीं विनम्र बनाओ!”
पंकज बाबा को एक टक देखता रह गया. वह समझ चुका था कि अब उसे कैसा व्यवहार करना है!
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Rajen Singh says
गोपाल जी सर , ये कहानी जो काफी प्रेरणादायक है , ये कहि ना कहि हमारे आस पास ही हमे रियल में देखने को मिल जाएगी ,
मैं खुद इसका जीता जागता उदाहरण हूँ , मैं खुद काफी गुस्सा करता हूं , खैर उसका कारण अलग है कि मैं पिछले 5 सालों से बिस्तर पर हूँ, किसी डिसीज के कारण ,
पर फिर भी मुझे गुस्सा तो नही करना चाहिए ,
अच्छा हुआ कि मैने ये कहानी पढ़ ली , शायद मुझे कुछ अक्कल आ जाये ,
धन्यवाद , सभी लोगो को बहुत अच्छी प्रेरणा मिलेगी ।। ☺
देव भाटी says
बहूत ही अच्छी स्टोरी मजा आ गया पढकर
ROHIT RAI says
bahut hee shandaar
Ritesh Kashyap says
अद्भुत एवं प्रभावी लेख , आपके ब्लॉग में हर लेख मुझे काफी प्रभावित करता है..
Pankaj chaturvedi says
Good story
RABINDRANATH SAH says
सही है सर
Rajbir Singh says
Hello Sir You have a great personality, apki story bhut acchi hoti h, me apka regular reader hu. apke stroy padh k mja aa jata h, or khali time me apki post hi read krta hu. thanks for making this website.
अनिल साहू says
Very-very nice and inspirational story. Thanks 🙂
Arif Ansari says
Nice post
Deepesh pandole says
Good work sir