आप सभी को अक्षय तृतीया पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं!
जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत में सोने को बहुत शुभ धातु माना जाता है. शादी-ब्याह और अन्य समारोहों में इसका विशेष स्थान है पर अभी भी भारत में सोने को निवेश के उद्देश्य से नहीं देखा जाता है. हालांकि, अब बहुत से लोग ऐसा करने लगे हैं. इसलिए यदि आप भी ऐसा करने की सोच रहे हैं तो यहाँ दी गयी जानकारी आपके काम आ सकती है.
दोस्तों, किसी भी और इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट की तरह ही यदि आप गोल्ड में निवेश करना चाह रहे हैं तो आपको इससे जुड़ी ज़रूरी बातों को समझना होगा.
हेजिंग के लिए गोल्ड का प्रयोग
हेजिंग कर शाब्दिक अर्थ है प्रतिरक्षा या बचाव-व्यवस्था, यानी ऐसा कुछ जो मुसीबत आने पर हमारी मदद कर सके.
अक्सर लोग गोल्ड को हेजिंग टूल की तरह प्रयोग करते हैं. हेजिंग टेक्नीक के अंतर्गत जिन लोगों ने इक्विटी या बौंड मार्केट में निवेश किया है वे वे सोना भी खरीद कर रख लेते हैं. क्योंकि ये हमेशा से देखा गया है कि जब भी शेयर बाज़ार गिरता है सोने के भाव चढ़ जाते हैं और शेयर जब बाज़ार चढ़ता है तो सोने के भाव गिर जाते हैं. इसलिए ऐसा करना उनके जोखिम को कम कर देता है, उन्हें संतोष रहता है कि चलो अगर बाज़ार गिरा तो कम से कम सोने के भाव बढ़ जायेंगे और वे वहां से प्रॉफिट कमा लेंगे. इस तरह से हेजिंग एक घाटा कम करने की तकनीक है.
गोल्ड में निवेश करने से पहले समझें इकोनोमिक और जियो-पोलिटिकल परिस्थितियों को
गोल्ड में इन्वेस्ट करना है या नहीं इसका निर्णय लेने से पहले बेहतर होगा कि आप राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में गोल्ड प्राइसेस के ट्रेंड्स स्टडी कर लें. ये समझने के लिए नीचे दी गयी जानकारी आपके काम आ सकती है, और इसकी basis पे आप आगे खुद भी गोल्ड इन्वेस्टमेंट को लेकर अपनी एनालिसिस कर सकते है.
- यदि हम पीछे मुड़ कर गोल्ड प्राइसेस के ट्रेंड्स देखें तो हम पायेंगे कि साल 2017 शेयर बाज़ार का साल था और इसलिए इस साल सोने के भाव अधिक नहीं बढे और गोल्ड में इन्वेस्ट करने वाले निवेशकों को कम रिटर्न मिला.
- एक्सपर्टस का मानना है कि बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय तनाव, खासतौर से अमेरिका और नार्थ कोरिया के बीच का मसला और यूनाइटेड किंगडम का यूरोपियन यूनियन से अलग होना (ब्रेग्जिट) ने सोने के भावों को 2017 में बहुत प्रभावित किया.
- इन फैक्टर्स के अलावा, साल 2017 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, सेंसेक्स लगभग 29% बढ़ गया और अमेरिकी बाज़ार में ब्याज दर बढ़ने की संभावनाओं के वजह से इंडियन गोल्ड प्राइसेस पूरे साल दबी रहीं.
- इंटरनेशनल ट्रेंड की तरह ही शुरुआत में इडियन गोल्ड फ्यूचर्स मार्केट में प्रति 10 ग्राम भाव शुरू में बढ़ा लेकिन सितम्बर 2017 के बाद ये वापस लगभग उसी भाव पर चला गया जहाँ से इसने बढ़ना शुरू किया था. यानी, INR 27,570/ दस ग्राम गोल्ड से भाव बढ़ना शुरू हुए और ये सितम्बर 2017 में INR 30,474/ दस ग्राम पहुंचे पर साल के अंत तक वापस INR 28,000/दस ग्राम पर पहुँच गए.
इसका मतलब साल 2017 में अमेरिका में बढती ब्याज दरों के बावजूद घरेलू सोना बाज़ार का भाव बस 2% के आस-पास बढ़ पाया.
ट्रम्प फैक्टर
डोनाल्ड ट्रम्प के दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के साथ ही अमेरिका में आंतरिक और बाहरी राजनीतिक तनाव पैदा होने लगे. डोनाल्ड ट्रम्प के अनूठी पृष्ठभूमि के कारण दुनिया के कई नेताओं को संदेह होने लगा कि मिस्टर ट्रम्प सही ढंग से अमेरिका और बाकी पश्चिमी देशों का नेत्रित्व कर पायेंगे. और उनके पहले साल के कार्यकाल को देखते हुए, कहा जा सकता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था और वैश्विक स्थिति अस्थिर होने का भय गलत नहीं था.
प्रेसिडेंट का चार्ज लेने के बाद से, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, अमेरका ने अपने सुप्रीम लीडर के माध्यम से कई डिप्लोमेटिक और सैन्य तनाव पैदा कर लिए हैं, खासतौर से मिडल ईस्ट में ईरान से और कोरियन पेनिन्सुला में उत्तरी कोरिया से. जिस कारण से हर कोई ये सोचने पर मजबूर हो गया कि दुनिया परमाणु युद्ध की कगार पर है.
पर इतनी अभूतपूर्व भू-राजनीतिक तनाव के बावजूद, सोना जिसे मुसीबत के समय का साथी माना जाता है; के भाव अमेरिका और विश्व बाज़ार में उम्मीद के अनुसार नहीं बढ़े.
ये महज 9% बढे, i.e $1158/औंस से $1254/औंस तक पहुँच पाए. यहाँ तक की अंडर परफॉर्म कर रहा अमेरिकी डॉलर भी भी वैश्विक गोल्ड रेट्स को अधिक नहीं बढ़ा पाया.
➡ Note: 1 ounce = 28.35 grams
2018 में U.S Gold rates कैसी रहेंगी?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि मजबूत इक्विटी और बॉन्ड मार्केट इस साल भी सोने के भाव को अधिक बढ़ने नहीं देंगे. चूँकि बाज़ार अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं इसलिए कम से कम लोग भय की वजह से सोने में निवेश नहीं करेंगे. कुछ अनुमानों के मुताबिक अमेरिका में सोने के भाव $1350/ounce पार नहीं कर पायेंगे. कुछ विशेषज्ञ तो ये भी मानते हैं कि अमेरिकी ब्याज दरों में इजाफा होने के कारण सोने के भाव पहले से कुछ कम हो सकते हैं.
2018 में Indian Gold rates कैसी रहेंगी?
जहाँ तक भारतीय गोल्ड रेट्स का सवाल है, अधिकतर जेव्लर्स मानते हैं कि सोने के भाव पहले से निर्धारित एक रेंज में ही रहेंगे और इसमें बहुत अधिक उछाल या गिरावट देखने को नहीं मिलेगी. लेकिन कुछ परिस्थितियों, जैसे कि कोई अनपेक्षित युद्ध, या अमेरिकी डॉलर में तेज गिरावट या बढ़त होने पर सोने के भाव प्रभावित हो सकते हैं.
घरेलू विशेषज्ञों के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय सोना भाव $1300 / औंस के ब्रैकेट में रहेगा.
Physical Gold लेने से बेहतर है कुछ और
अब बात करते हैं गोल्ड में इन्वेस्ट करने की, एक्सपर्ट्स सीधे सोना लेने की बजाय गोल्ड म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश करने की सलाह देते हैं. वे खासतौर से छोटे और मझले निवेशकों को विधिपूर्वक छोटे-छोटे यूनिट्स में निवेश करने की सलाह देते हैं. सोने में निवेश टाइम बाउंड नहीं है, हालांकि ये बदलती बाज़ार की परिस्थितियों पर निर्भर करता है.
जैसा की हमने ऊपर चर्चा की; सोने में निवेश करने से पहले छोटे और मझले निवेशकों को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार तथा भू-राजनीतिक कारक पर नज़र रखना बहुत ज़रूरी है. ग्लोबल या राष्ट्रीय कारक सोने के भाव में बड़ी तेजी से बदलाव ला सकते हैं इसलिए ये ट्रैक करना ज़रूरी है कि मार्केट किस दिशा में जा रहा है. और बेहतर होगा कि भौतिक रूप में सोना खरीदने की बजाये निवेशक गोल्ड म्यूच्यूअल फंड्स सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Gold Funds SIPs) में निवेश करें. इसके अलावा पेपर गोल्ड और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) में भी निवेश किया जा सकता है.
याद रखिये सोने में निवेश करना एक शुद्ध निवेश से अधिक एक हेजिंग आप्शन है क्योंकि ये एक कमोडिटी है और इसका दाम विश्व में इसकी मांग के अनुसार ऊपर नीचे होता है और मांग निर्भर करती है अलग-अलग जियो-पोलिटिकल परिस्थितियों, स्टॉक मार्केट की परफॉरमेंस ,इत्यादि पर.
2018 सोने में निवेश के लिए कैसा है?
ज्यादातर इन्वेस्टिंग एक्सपर्ट्स मानते हैं कि एक बार जब अमेरिका का राजनीतिक परिदृश्य स्थिर हो जाएगा और वहां की interest rate stable हो जायेंगी तब गोल्ड रेट्स जो कि पहले से ही बाज़ार की परिस्थितियों के अनुसार सही स्तर पे हैं, 2018 और आगे आने वाले सालों में बढ़ सकती हैं. इसलिए अभी सोने में निवेश करके अधिक से अधिक और लम्बे समय तक कैपिटल गेन्स कमाने का एक अच्छा समय है. साथ ही यदि इक्विटी या बौंड मार्केट में कोई सुधारहोता है तो अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू बाज़ार में सोने के भाव बढ़ सकते हैं.
विशेषज्ञों की सलाह मानें तो अपने कुल निवेश का 10% सोने में निवेश करना चाहिए. इसलिए अपना इन्वेस्टमेंट प्लान करिए और निवेश करना शुरू कीजिये.
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Ajay Kumar Aj says
Achha laga bhai
Chandan says
Namaskar Gopal Ji,
Bahut hi umda post. Mujhe lagta hai aap k blog k dwara jitni satik jaankri hum logo ko milti hai utni kisi aur sites se aur logo se disucss karne pe bhi nahi milti. Aap blog ke dwara jo margdarshan karte hai uske le liye koti koti dhanyawad.
Thanks
Chandan