Hima Das Biography in Hindi
हिमा दास का जीवन परिचय
एक ऐसी लड़की जो एक छोटे से गांव में रहती थी वो अचानक ही सुर्ख़ियो में आ गयी, जिन्होनें फ़िनलैंड टेम्परे में नया इतिहास रच दिया। मै बात कर रहा हू “ढींग एक्सप्रेस” नाम से जाने जानी वाली हिमा दास की। हिमा दास IAAF वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गयी हैं। हिमा दास ने 400 मीटर की दौड़ को 51.46 सेकेंड पूरा करके स्वर्ण पदक जीता। आइये पढ़ते हैं – Dhing Express Hima Das Biography in Hindi.
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Profile Snapshot
पूरा नाम: हीमा रणजीत दास
उपनाम: ढिंग एक्सप्रेस
पिता का नाम: रोनित दास (किसान)
माँ का नाम: जोनाली दास
जन्म: 9 जनवरी, 2000
जन्म स्थान: ढिंग, नगाँव, असम
निवास स्थान: ढिंग, नगाँव, असम
हिमा दास का बचपन
हिमा दास का जन्म 9 जनवरी, 2000 को असम के ढिंग गाँव में हुआ था। उनकी माँ का नाम जोनाली दास और पिता का नाम रोनजीत दास है। उनका सयुंक्त परिवार है, जिसमे 17 लोग है। जो 60 बीघा ज़मीन पर खेती करते है। इसके अलावा वे तालाब में मछली भी पालते है।
हिमा दास चार भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। उन्होंने मई 2019, में असम उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद से 12 वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की।
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हिमा दास का रेस की तरफ रुझान
बचपन से हिमा दास को फुटबॉल में रूचि थी। और फुटबॉल में वह अपना करियर बनाना चाहती थी। फिर कैसे हिमा दास एक रेसर यानी धाविका बन गयी। हिमा दास का रेसर बनने का सफ़र तब शुरू हुआ जब उन्हें जवाहर नवोदय विद्यालय के फिजिकल एजुकेशन के टीचर शमशुल हक द्वारा रेसर बनने की सलाह दी गई।
शमशुल हक़ ने हिमा की पहचान नगाँव स्पोर्ट्स एसोसिएशन के गौरी शंकर रॉय से कराई। उसके बाद हिमा दास कई जिला स्तरीय प्रतियोगिता में चयनित हुईं। इसी तरह के एक जिला स्तरीय प्रतियोगिता के दौरान ‘स्पोर्ट्स एंड यूथ वेलफेयर’ के निपोन दास की नजर हिमा पर पड़ी।
यह प्रतिस्पर्धा 100 और 200 मीटर की दौड़ की थी जिसमें सस्ते जूते पहनने के बावजूद हिमा दास ने प्रथम स्थान हासिल किया। निपोन दास को उनकी प्रतिभा नज़र आयी। वे हिमा को अपने साथ गुवाहाटी ले गये।
वहां पर उन्होंने हिमा दास को 200 मीटर रेस और बाद में 400 मीटर रेस के लिए ट्रेनिंग देना शुरू किया। इस तरह हिमा दास का रेसर का कैरियर शुरू हुआ।
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हिमा दास से जुड़ी जानकारी
- ऊंचाई: 167 cm (5 फीट 6 इंच)
- वज़न: 52 किलो
- खेल: ट्रैक एंड फील्ड
- प्रतिस्पर्धा: 200 मीटर और 400 मीटर
- व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड:
- 100m – 11.74 सेकंड में (साल 2018)
- 200m – 23.10 सेकंड में (साल 2018)
- 400m – 50.79 सेकंड में (साल 2018)
- कोच का नाम: निपोन दास
हिमा दास की पसंदीदा चीजें
- हॉबी: शूटिंग, फुटबॉल, संगीत, फिल्म देखना
- एक्टर: विक्की कौशल
- एक्ट्रेस: अलिया भट्ट
- एथलीट: अश्विनी अक्कुंजी
- फुटबॉल प्लेयर: निकोल्स वेलेज़ (अर्जेन्टीना)
- फिल्म: मोन जय, मिशन चाइना
- गायक: जुबीन गर्ग
- खाना: स्प्रिंग रोल
- रंग: पिंक, ग्रीन
- जगह: शिमला
“1 महीने में हिमा दास ने 5 गोल्ड मैडल जीत कर इतिहास रच दिया।”
हिमा दास की बेहतरीन उपलब्धियां
- हिमा दास ने 2 जुलाई, 2019 से लेकर 22 जुलाई 2019 तक यूरोप में होने वाली विविध प्रतियोगिताओं में 5 बार स्वर्ण पदक हासिल करके देश देश का नाम रौशन किया।
- हिमा दास ने 2 जुलाई, 2019 में पोलैंड में आयोजित पोजनान एथेलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स में, उन्होंने 200 मीटर की दौड़ को 65 सेकंड में पूरा करके गोल्ड मैडल जीता।
- इसके बाद दूसरी बार 7 जुलाई, 2019 को उसने पोलैंड में कुटनो एथलेटिक्स मीट में, 200 मीटर की दौड़ को 97 सेकंड में पूरा करके गोल्ड मैडल जीता।
- तीसरी बार 13 जुलाई, 2019 को उन्होंने चेक गणराज्य में क्लाद्नो एथेलेटिक्स मीट में, 200 मीटर की दौड़ को 43 सेकंड में पूरा करके गोल्ड मैडल जीता।
- फिर चौथी बार 17 जुलाई, 2019 को ताबोर एथलेटिक्स मीट चेक रिपब्लिक में, 200 मीटर की दौड़ को 25 सेकंड में पूरा करके स्वर्ण पदक जीता।
- पांचवी बार 20 जुलाई, 2019 को हिमा दास ने नोव मेस्टो, चेक गणराज्य में 400 मीटर की दौड़ को 09 सेकंड में पूरा करके स्वर्ण पदक जीता। यह उनका पांचवा स्वर्ण पदक था।
हिमा दास को उनके उत्कृष्ट प्रर्दशन के लिए दिए गये पुरस्कार और सराहना।
- 2018, में हिमा दास को UNICEF-India के भारत के पहले युवा राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया।
- हिमा दास को 2018 में बेहतरीन प्रर्दशन के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- असम सरकार द्वारा हिमा दास को असम का स्पोर्ट्स ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया है।
- हिमा दास स्पोर्ट्स दिग्गज एडिडास (Adidas) का ब्रांड एंबेसडर है।
हिमा दास से जुड़े विवाद
हिमा दास को को उनके ख़राब इंग्लिश के वज़ह से twitter पर काफ़ी मज़ाक बनाया गया था। लेकिन किसी खिलाड़ी को उसके भाषा के लिए इस तरह मज़ाक नहीं बनाया जाना चाहिए बल्कि हमें उसके खेल का सम्मान करना चाहिए।
हिमा दास उन लड़कियों के लिए एक मिसाल है जो जीवन में कुछ बड़ा करना चाहती हैं। खेल में इस तरह उत्कृष्ट प्रदर्शन करना क़ाबिले तारीफ़ है। उनके जीवन से हमें यह सीख मिलती है हम मेहनत के बल पर ऊचाई पर पहुंच सकते है।
💡 हिमा दास के बारे में और अधिक जानने के लिए Wikipedia पर जाएं.
धन्यवाद
अविनाश कुमार सिंह (Avinash Kumar Singh)
ब्लॉग: https://www.chotakadam.com
ई-मेल:[email protected]
फेसबुक पेज: https://bit.ly/34uc2XH
निवास: छपरा (बिहार)
कार्यक्षेत्र: प्राइवेट जॉब, डिजिटल मर्केटर, ब्लॉगर
अविनाश कुमार सिंह को 10 साल का रीटेल सेल का अनुभव है। उन्होंने डिजिटल मार्केटिंग का कोर्स किया है, इसके साथ वह ब्लॉगिंग भी करते हैं | तथा उन्हें पढ़ना और लिखना पसंद है |
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Lokesh Kumar says
Your Every Article Gyanvardhak hote hai
kuch na kuch to sikhate hi hai
Mugdha Mittal says
Abhi enko Rastiy purskar bhi mila hai.
Mangesh choudhari says
Very nice post , keep posting such articles
सूरज कुमार says
अच्छी खबर के माध्यम से सर जी आप बहुत ही सराहनीय कार्य कर रहे हैं अच्छी खबर लोगों में ऊर्जा का संचार करने वाला केंद्र है धन्यवाद
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Ajay kumar
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Achhilekh says
जीवन में कुछ बड़ा करना हैं।
बहुत बढ़िया जानकारी हैं पढ़ने को मिला। धन्यवाद
Gunja kumari says
Thank you for sharing this story
It is very inspiring story for every girl
Dinesh mistry says
Hima ranjit das..
Ranjeet kiska naam hai
Jabki pita ja naam .. round das hai
Vikram says
Hima Das ne ye saabit kiya hai ki pareshaaniyan aapko lakshay se door nahi rakh sakti agar aap drudh sankalp kar le to. thanks for the post bro.
NANCY SINGLA says
very nice post