अजमेरा फैशन के फाउंडर अजय अजमेरा की जीवनी
Ajay Ajmera Biography in Hindi
रुकावटें आती है कामयाबी की राहों में
ये कौन नहीं जानता
फिर भी वो मंज़िल पा ही लेता है
जो हार नहीं मानता
और आज मैं आपको मिलवा रहा हूँ एक ऐसे ही जुझारू बिजनेस टाइकून से जिसने कभी हार नहीं मानी और मेहनत की कलम से कामयाबी की वो दास्ताँ लिख दी जो हम सभी के लिए एक मिसाल बन चुकी है.
जी हाँ दोस्तों, मैं बात कर रहा हूँ सूरत के सबसे बड़े textile manufacturer; Ajmera Fashion के Founder & CEO Mr. Ajay Ajmera की जो आज भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री का एक चमचमाता हुआ सितारा बन चुके हैं.
आज वे सिर्फ एक कामयाब businessman ही नहीं बल्कि एक sought after motivational speaker, business expert, और women empowerment के लिए committed social entrepreneur भी हैं.
टेक्सटाइल इंडस्ट्री का लगभग हर बड़ा अवार्ड जीत चुके, हज़ारों घरेलु महिलाओं को आर्थिक आज़ादी दिला चुके और फोर्ब्स जैसी दुनिया की जानी-मानी मैगजीन में फीचर हो चुके अजय अजमेरा की कहानी एक साधारण परिवार में जन्मे उस बच्चे की कहानी है जिसने अभावों भरी ज़िन्दगी जीते हुए भी बड़े सपने देखना नहीं छोड़ा और अपनी ज़िद्द और कभी हार ना मानने वाले attitude से अपने सपनो को हकीक़त बना कर दम लिया.
जन्म, शिक्षा व प्रारंभिक जीवन
अजय अजमेरा का जन्म 9 August 1973 को राजस्थान के सीकर जिले में हुआ था. पिता श्री नागरमल जी जैन जूट से बने प्रोडक्ट्स का छोटा सा व्यापार करते थे और माताजी स्वर्गीय श्रीमती बिमला देवी जैन एक गृहणी थीं.
सात भाई – बहनों में सबसे छोटा और सबका दुलारा अजय बचपन से ही हर तरह की समस्या का समाधान खोजने में माहिर था. एक बार जब पुरानी हो चुकी लकड़ी वाली स्केल से वह सीधी लाइन नहीं खीच पा रहा था तब उसने कबाड़ में पड़े एक रेडियो का अंजर-पंजर खोल डाला और उसमे से प्लास्टिक का एक लम्बा पार्ट निकाल लिया जो बिलकुल स्केल की तरह था.
अजय जी की प्रारंभिक शिक्षा सीकर के श्री दिगम्बर जैन स्कूल से हुई. यहीं के श्री कल्याण कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन पूरी की.
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लाइफ का टर्निंग पॉइंट
पढ़ाई में औसत अजय जी को अब आगे पढ़ने का मन नहीं था. और जैसा कि बहुत से युवाओं के साथ होता है अजय जी ने मुंबई जा कर हीरो बनने का सोचा. इसी सोच के साथ वह मुम्बई आ गए पर वहां की महंगाई और ठहरने का सही प्रबंध न होने के कारण वह 5 घंटे की दूरी पर स्थित सूरत में अपने एक दूर के रिश्तेदार के यहाँ चले गए.
भाग्य ने उन्हें सीकर की तंग गलियों से निकाल कर सूरत के भीड़-भाड़ वाले बाजारों में खड़ा कर दिया था.
1992 में घटी यह घटना अजय जी के जीवन का टर्निंग पॉइंट थी. क्योंकि इसी धरती पर खड़े होकर उनके युवा मन में एक नए सपने ने जन्म लिया. सपना कुछ बड़ा करने का. सपना जो सिर्फ उसकी नहीं लाखों लोगो की ज़िन्दगी बदल दे…सपना सूरत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री का सबसे कामयाब entrepreneur बनने का.
पिताजी को अपना आदर्श मानने वाले अजय अजमेरा आखिर उन्ही की तरह बिजनेस करने की राह पर चल पड़े थे… पर इस सपने को पूरा करना इतना आसान नहीं था.
कामयाबी का संघर्ष
टेक्सटाइल मार्केट की बारीकियों को समझने के लिए अजय जी ने दिन-रात मेहनत की. एक मामूली ब्रोकर के रूप में काम शुरू करने वाले अजय की लगन और प्रतिभा देख कर एक बड़ी टेक्सटाइल कम्पनी ने उन्हें अपने यहाँ जॉब पर रख लिया. हर काम में अपना 100% देने वाले अजय जी ने यहाँ भी अपनी अलग पहचान बना ली और देखते-देखते उनकी सैलरी 2 लाख रु प्रति माह तक पहुँच गई.
वो था साल 2011. आज के समय में भी 2 लाख रु बहुत मायने रखते हैं और 10 साल पहले इसकी क्या वैल्यू रही होगी आप सोच सकते हैं.
इतने पैसे, इतना रुतबा, क्या कुछ नहीं अचीव कर लिया था अजय जी ने… लेकिन कमी थी तो उस सपने की जो उन्होंने सूरत की धरती पर खड़े होकर देखा था… सपना सूरत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री का सबसे कामयाब entrepreneur बनने का.
जाहिर है कोई आम इंसान इतना अचीव करने के बाद इसी से संतुष्ट होकर अपनी बाकी की ज़िन्दगी आराम से काट देता….लेकिन अजय जी किसी और ही मिटटी से बने थे…
उनका मानना था –
जिसे अपने काम पर भरोसा होता है वो नौकरी करते हैं… लेकिन जिसे अपने आप पर भरोसा होता है वो बिजेनस करते हैं.
अजमेरा फैशन की शुरुआत और कामयाबी का संघर्ष
फिर क्या था… उन्होंने अपनी high paying secured job छोड़ कर-
2011 में एक छोटे सी जगह से शुरुआत की Ajmera Fashion की.
सफर आसान नहीं था। सीमित संसाधनों के साथ काम करते हुए अजय अजमेरा को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने सैकड़ों बार ठोकरें खाई, कई बार फेल हुए, इतना कि साल 2014 में कंपनी पर ताला लगाने तक की नौबत आ गई.
लेकिन एक सच्चे चैंपियन की तरह उन्होंने अपनी हर असफलता को सफलता तक पहुँचने की सीढ़ी बना लिया.
अजय अजमेरा जी का कहना है –
गिरना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन गिर कर गिरे रह जाना बहुत बुरी बात है.
इसी विश्वास के दम पर अजय अजमेरा ने Indian Textile Industry का लगभग हर बड़ा अवार्ड जीतते हुए अजमेरा फैशन को भारत का लीडिंग साड़ी manufacturer बना दिया, जिसका कारोबार दुनिया भर के 30 से अधिक देशों में फैला हुआ है और जिसकी चर्चा बिसनेस स्टैण्डर्ड और Forbes जैसी नामी बिजनेस मैगजीन में भी हो चुकी है.
दोस्तों, आम तौर पर इतनी सफलता पाने के बाद लोग संतुष्ट हो जाते हैं…लेकिन जिस तरह 2 लाख रु महीने की जॉब उन्हें जोखिम उठाने से नहीं रोक पाई वैसे ही करोड़ों का बिजनेस भी उन्हें रिस्क लेने से नहीं रोक पाया.
वो आईडिया जिसने सबकुछ बदल दिया
हेमशा अपने साथ- साथ दूसरों की ग्रोथ के बारे में भी सोचने वाले अजय अजमेरा ने छोटे-छोटे रिटेलर्स की समस्या को समझा और उसका समाधान करने के लिए वो कदम उठाया जिसके बारे में आज तक किसी ने नहीं सोचा था.
दरअसल, कई अन्य व्यवसायों की तरह कपड़ों के बिजेनस में भी 4 कड़ियाँ होती हैं :
- सबसे पहले manufacturer कपड़े produce करता है.
- उसके बाद , होलसेलर manufacturer से थोक में कपड़े buy करता है.
- फिर, रिटेलर होलसेलर से कपड़े लेता है और
- अंत में end customer यानी हमारे-आपके जैसे ग्राहक रिटेलर से अपने लिए कपड़े खरीदते हैं.
लेकिन अजय जी ने बीच में से होलसेलर को हटाते हुए रिटेलर्स को उसी रेट पर कपड़ों का स्टॉक देना शुरू किया जिस पर वे बड़े-बड़े wholesalers और ट्रेडर्स को देते थे.
ये करना आसान नहीं था, within industry इसका काफी विरोध हुआ लेकिन अजय जी झुके नहीं जिसका नतीजा ये हुआ कि आज 50,000 से भी ज्यादा रिटेलर्स डायरेक्ट अजमेरा फैशन से माल खरीद कर अपने बिजनेस में अच्छा मुनाफ़ा कमा रहे हैं.
इस क्रांतिकारी कदम ने अजय जी को टेक्सटाइल इंडस्ट्री के एक विजनरी लीडर के रूप में स्थापित किया.
अजय जी यहीं नहीं थमे.
हज़ारों महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर
कभी खुद गरीबी के दंश को बेहद करीब से महसूस कर चुके अजय जी ने हज़ारों महिलाओं को गरीबी के चक्र से बाहर निकाल कर women empowerment through social entrepreneurship की एक मिसाल पेश की, जिसके लिए उन्हें “Champions of Change” award से सम्मानित भी किया गया.
बेहद कम दाम पर आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को अपनी फैक्ट्री में बना माल उपलब्ध करा कर उन्हें घर से ही Garment Business शुरू करने के लिए मोटिवेट करने वाले अजय जी भारत के कोने-कोने से आने वाली 5000 से भी अधिक महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना चुके हैं.
इनमे से बहुत सी महिलाएं आज अपने घर की main earning member हैं और कई महिलाओं ने घर से शुरुआत करने के बाद अपनी दुकानें और showrooms भी खोल लिए हैं.
घर से साड़ियों का बिजनेस करने का आईडिया अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे इसके लिए उन्होंने खुद Youtube पर साड़ियों का बिजनेस शुरू करने से सम्बंधित बहुत से videos publish किये, जिसे लाखों बार देखा जा चुका है. In fact आज अजमेरा फैशन के YouTube चैनल पर 2 लाख से अधिक subscribers हो चुके हैं.
अगर आप भी उनसे गाइडेंस लेकर Women’s , Men’s या Kids Wear का बिजेनस शुरू करना चाहते हैं तो आप इस नंबर पर कांटेक्ट कर सकते हैं.
Call Or WhatsApp : 8469272402
बड़ी सोच बड़ा विस्तार
दोस्तों, अजय जी की विजनरी सोच और changing business environment में खुद को ढालने की क्षमता का ही परिणाम है कि कोरोना काल में जहाँ सैकड़ों कम्पनियां बंद हो गयीं वहीं उन्होंने टेक्नोलॉजी का यूज करते हुए न सिर्फ
Ajmera Fashion के बिजनेस को बढ़ाया बल्कि –
- Ajmera Digital
- Anmazing Factory
- Ajmera Retail
जैसी तीन और profitable कम्पनियां खड़ी कर दी.
एक सोच से शुरू हुए अजमेरा ग्रुप में आज 400 से अधिक लोग काम करते हैं.
सीकर की गलियों से निकला अजय आज सूरत का टेक्सटाइल किंग अजय अजमेरा बन चुका है… लेकिन मेरी नज़र में बड़ी बात ये नहीं है …. बड़ी बात ये है कि बिजनेस को जरिया बना कर अजय जी ने सिर्फ अपनी ही ज़िन्दगी नहीं बदली बल्कि अपने साथ-साथ लाखों और ज़िंदगियाँ भी बदल डालीं.
ऐसे inspiring entrepreneur को हम दिल से सलाम करते हैं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं.
Thank You.?
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what a legend
Very inspiring article, Thank you for sharing.
sir mujhe bhi kapdo ki bijnes karni hai, please guidde me,,main contact karungi
It is very booming business. AUr ye hmesha rahega. thanks for this idea Sir
Thank you, that’s very helpful for me.
बहुत ही inpirational story है अजय जी की । ऐसा वही लोग कर पाते है जिनके अंदर कुछ करने की भूख हो । कुछ करने का जज्बा ,जुनून, और रिस्क लेने की क्षमता हो ।
गोपाल भईया http://www.moneymarketup.com की तरफ से आपको बहुत बहुत धन्यवाद
2 लाख की जॉब छोड़ने की हिम्मत ऐसे व्यक्ती को आएगी जो अपने आप पर भरोसा करता हो की जो में करने वाला हु उसमे सफल होकर रहूँगा।
एक बहुत अच्छा आलेख। गिरना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन गिर कर गिरे रह जाना बहुत बुरी बात है। यह बात किसी को सीखना है तो वह अजय अजमेरा जी से सीख सकता है।
बढ़िया पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
Thanks Anil Ji
Sir kitne paise se shuru kar skate hain saadi ka kaam.
Agra me karna hai.
Thank u sir, ajay ji ki kahani bahut inspiring h.