Why Sindhi Businessmen Are So Successful in Hindi
सिन्धी व्यापारियों की सफलता के 6 रहस्य
हमें अक्सर ऐसी कहानियाँ पसंद आती हैं जिसमे हीरो ज़मीन से उठ कर आसमान की बुलंदियों तक पहुँच जाता है….. यानी जीरो से हीरो बन जाता है…. लेकिन आज मैं आपको एक ऐसी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो इससे भी कहीं ज्यादा interesting है और हमें बहुत कुछ सिखाती है.
क्योंकि इस कहानी में हमारा हीरो कुछ ऐसे हालात से गुजरता है कि वो दोबारा जीरो बन जाता है….पर अपनी कड़ी मेहनत और कुछ ख़ास qualities के कारण एक बार फिर उठ खड़ा होता है और अपना लोहा मनवा कर ही दम लेता है!
और दोस्तों, ये हीरो कोई individual नहीं बल्कि एक पूरी Community है.
नमस्कार! मैं हूँ अजय अजमेरा (Ajay Ajmera , Founder & CEO of Surat’s Largest Textile Manufacturer Ajmera Fashion) और आज मैं बात कर रहा हूँ दुनिया की सबसे Strong Business Communities में से एक सिन्धी कम्युनिटी की. अगर कोई सिन्धी भाई-बहन ये article पढ़ रहे हैं तो जय भगवान झूलेलाल के साथ मेरा अभिवादन स्वीकार करें.
Top Sindhi Businessman in India and World / भारत और विश्व के शीर्ष सिंधी व्यवसायी
दोस्तों, सिन्धी समुदाय को मैं भारत की नहीं बल्कि पूरे दुनिया की strongest business communities में इसलिए count कर रहा हूँ क्योंकि सिन्धी कम्युनिटी ने सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपने business acumen से इतने बड़े और profitable बिज़नस खड़े किये हैं जिसपर यकीन करना मुश्किल है…. फिर चाहे वो सबीर भाटिया की बनाई दुनिया की पहली वेबमेल सर्विस कम्पनी Hotmail हो, जिसे बाद में Microsoft ने खरीद लिया, या 70 बिलियन डॉलर के revenue वाले हिंदुजा ग्रुप की सबसे अमीर British फॅमिली हिंदुजा हो. सिन्धी जहाँ जाते हैं छा जाते हैं.
और भारत में तो इस कम्युनिटी ने बिजनेस, education, entertainment, politics और समाज सेवा के क्षेत्र में इतना कुछ अचीव किया है कि उसकी तारीफ़ करने में पूरा दिन भी कम पड़ जाएगा. लाल कृष्ण आडवानी से लेकर रणवीर सिंह भावनानी तक और Niranjan Hiranandani से लेकर स्वर्गीय राम जेठमलानी तक सिंधियों ने भारत के हर क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दिया है.
History of Sindhis in Hindi / सिंधियों का इतिहास
दोस्तों, सिन्धी समुदाय के योगदान की कीमत इसलिए और बढ़ जाती है क्योंकि सिंधियों ने ये सब तब किया जब उनसे उनका सबकुछ छिन गया था. जी हाँ, भारत-पाकिस्तान विभाजन से पहले सिन्धी मुख्यतः सिंध में रहते थे जो अब मौजूदा पाकिस्तान का हिस्सा है. Partition के समय अपने धर्म की रक्षा करने के लिए उन्हें रातों-रात अपना घर-बार, धन-दौलत सबकुछ छोड़ कर इंडिया आना पड़ा.
मैं ऐसे कई सिन्धी भाई-बहनों से मिला हूँ जो आज भी विभाजन की त्रासदी बताते-बताते भावुक हो जाते हैं. क्योंकि इस विभाजन की दास्ताँ खून से लिखी गई थी… हज़ारों की संख्या में सिंधियों को क़त्ल कर दिया गया…किसी ने भेष बदल कर तो किसी ने छिपते-छिपाते कईयों दिन भूखे प्यासे रह कर बॉर्डर पार किया.
सोचिये दोस्तों ! हम अपना मोबाइल या पर्स गायब होने पर कितना परेशान हो जाते हैं और यहाँ सिन्धी भाइयों का सबकुछ बर्बाद हो चुका था… ऐसे में अगर वे टूट कर बिखर जाते तो कोई आश्चर्य नहीं होता लेकिन आश्चर्य इसलिए होता है कि वे टूट कर बिखरे नहीं बल्कि एक-जुट होकर खड़े हो गए…और उन ऊंचाइयों को छुआ जो दुनिया के लिए मिसाल बन गई.
दोस्तों, अगर आप भी सिन्धी भाइयों के NEVER SAY DIE ATTITUDE में विश्वास रखते हैं तो इस आर्कटिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करियेगा और उन लोगों से भी शेयर करना मत भूलियेगा जो बिजनेस करने के लिए किसी INSPIRATION की तलाश कर रहे हैं.
तो दोस्तों, अब सवाल उठता है कि सिन्धी समाज में आखिर ऐसी क्या ख़ास बात है जो उन्हें बिजनेस में इतना कामयाब बनाती है?
बचपन से कुछ सिन्धी मित्रों की संगति और अजमेरा फैशन से बड़ी संख्या में जुड़े सिन्धी-भाई बहनों से मिले अनुभव के आधार पार आज मैं इसी बारे में बात करूँगा…. तो चलिए देखते हैं –
Why Sindhi Businessmen Are So Successful in Hindi
Top 6 Business Secrets of Sindhi People in Hindi
Sindhi Business Secrets in Hindi #1: माहौल
एक छोटी सी कहानी सुनाना चाहूँगा :
“एक राजा जंगल में भटकते हुए डांकुओं के अड्डे पर पहुँच गया. उसे देखते ही वहां बैठा तोता “मार-मार-मार-मार” बोलने लगा…. ये सुनते ही डांकू बाहर आ गए… राजा भागा और भागते भागते एक संत के आश्रम जा पहुंचा ….वहां भी एक तोता था…राजा को देखते ही वह बोला … “राम..राम…राम…राम”
यानी जिस तोते को जैसा environment मिला वो वैसा बन गया.”
दोस्तों, जाने-अनजाने संगति का …..माहौल का…. हमारे जीवन पर बहुत गहरा असर पड़ता है. सिन्धी परिवारों में शुरू से ही बिजनेस का माहौल होता है.
सिन्धी बच्चे अपने साथ के बच्चों से से ये नहीं पूछते कि “तुम्हारे पापा कौन सी जॉब करते हैं?” वे पूछते हैं कि “तुम्हारे पापा कौन सा बिजनेस करते हैं?”
इसी तरह उनसे ये नहीं पूछा जाता कि तुम डॉक्टर बनोगे या इंजिनियर बल्कि ये पूछा जाता है कि “तुम कौन सा बिजनेस करोगे?”
बड़े होने तक ये बच्चे हज़ारों घंटों के business lessons ले चुके होते हैं….आप ही सोचिये अगर किसी को शुरू से ही ऐसा माहौल मिलेगा तो वो एक कामयाब businessman नहीं बनेगा तो और क्या बनेगा !
दूसरी चीज जो सिंधियों को बिजनेस में इतना कामयाब बनाती है वो है –
Sindhi Business Secrets in Hindi #2: Risk से इश्क
सिन्धी ये नहीं सोचते कि- “ वे बिजनेस से हैं बल्कि ये सोचते हैं कि बिजनेस उनसे है!”
शायद इसीलिए सिंध से भारत आने के बाद मुंबई के पास उल्हासनगर में बसे हज़ारों सिंधियों ने इतनी बड़ी त्रासदी को पीछे छोड़ते हुए कुछ ही समय में टेक्सटाइल से लेकर फर्नीचर तक और एल्क्ट्रोनिक से लेकर Confectionery तक इतने बिजनेस खड़े कर दिए कि दुनिया हैरान रह गई.
दोस्तों, सिंधियों के अन्दर यह आत्मविश्वास होता है कि अगर कल को एक बिजनेस नहीं भी चला तो वे कोई दूसरा बिजनेस कर लेंगे.
इसीलिए वे कभी भी बिजनेस में calculated रिस्क लेने से नहीं डरते….
इसका सबसे बड़ा फायदा उन्हें new opportunities grab करने में मिलता है. शायद इसीलिए डेढ़ सौ साल पहले से ही सिन्धी पूरी दुनिया में बिजनेस कर रहे हैं.
यहाँ खासतौर पर मैं हांगकांग के हरिलीला ग्रुप के फाउंडर हरी हरिलीला जी को याद करना चाहूँगा जिनका परिवार 100 साल पहले नए अवसरों की खोज में Hong Kong चला गया था. वहां इन्होने हॉकर का काम किया… सैनिकों के कपड़े सिले और धीरे-धीरे रियल एस्टेट और Hospitality industry के billionaire प्लेयर बन गए.
अनजान जगह पर अनजान लोगों के बीच अनजान भाषा में इतनी बड़ी सफलता हासिल करना कोई मजाक नहीं…. और दोस्तों, ये कोई इकलौती सक्सेस स्टोरी नहीं है ऐसी सैकड़ों कहानियां हैं जो साबित करती हैं कि सिन्धी जहाँ गए वहां अपनी मेहनत और entrepreneurial zeal के कारण कामयाब हुए.
अब आते हैं अपने अगले पॉइंट पर :
Sindhi Business Secrets in Hindi #3: Adaptability यानी नई परस्थितियों में खुद को ढालना
चार्ल्स डार्विन ने कहा था कि survive करने वाली प्रजाति वो नहीं होती जो सबसे सबसे strong या सबसे intelligent हो बल्कि वो होती है जो बदलती परिस्थितयों के साथ खुद को ढालना जानती हो.
बिजनेस में भी ये बात लागू होती है… हम सब जानते हैं कि changing business environment को adapt नहीं करने के कारण KODAK और NOKIA जैसी MNC कम्पनियां भी fail हो गयीं लेकिन जहाँ तक सिन्धी भाइयों की बात है वे इसमें माहिर हैं. वे सिंध से आकर भारत के कई राज्यों में स्थापित हुए और हर जगह कामयाबी पाई.
उन्होंने स्थानीय रीति रिवाजों और लोगों को आसानी से अपनाया और सबके साथ सामंजस्य स्थापित कर अपने व्यापार को भी सफल बनाया. मुझे याद है जब मैं छोटा था तो नवरात्री में दुर्गा माँ की प्रतिमा स्थापित करने के लिए चन्दा इकठ्ठा करने जाया करता था और सबसे अधिक चंदा सिन्धी परिवारों से ही आता था.
मैं ऐसे कई सिन्धी व्यापारियों को जानता हूँ जो 10 साल पहले मसालों, हार्डवेयर या अन्य चीजों का बिजनेस करते थे लेकिन आज वे टेक्सटाइल, स्मार्ट फ़ोन या कोई और profitable business कर रहे हैं.
इसके अलावा मैंने कोरोना काल में भी देखा कि अजमेरा फैशन ने जब ऑनलाइन माल मंगाने की सुविधा प्रदान की तब सिन्धी भाइयो ने बहुत जल्द इस नए तरीके को अपनाया और whatsapp के जरिये हमसे माल मंगाने लगे.
यानी सिंधियों में बदलते business environment के अनुसार खुद को ढालने की बहुत अच्छी क्वालिटी है जो उन्हें विपरीत परिस्थितियों में भी कामयाब बनाये रखती है.
Why Sindhi Businessmen Are So Successful in Hindi
Sindhi Business Secrets in Hindi #4: रुपये के चक्कर में चवन्नी मत छोड़ो (दूर की सोच)
एक typical Indian सोच होती है कि “दो पैसे के लिए इतनी मेहनत कौन करे!” लेकिन सिन्धी भाई सोचते हैं कि अगर थोड़ा भी मुनाफ़ा हो रहा है तो उसे मत छोड़ो बल्कि अपना टर्नओवर इतना बढ़ा दो कि वो मुनाफा बड़ा हो जाए. इसीलिए वे कई बार ग्राहक बनाने के लिए खरीदी के रेट पर ही बिक्री कर देते हैं जो अन्य व्यापारियों की समझ से परे है.
सिन्धी बिजनेसमैन की चतुराई का एक example अक्सर दिया जाता है …. जो शायद आपने भी सुना हो…. एक बार एक सिन्धी व्यापारी ने 100 किलो चीनी की 100 बोरियां खरीदीं और चीनी उसी भाव पर बेच दिया जिस पर उसे खरीदा था. जब सारी चीनी बिक गयी तो किसी ने कहा कि -इस सौदे में तो आपको कुछ नहीं मिला ?”
तब सिन्धी व्यापारी बोला, “ क्यों ये 100 बोरियां तो मेरे पास हैं अब मैं इन्हें बेचकर मुनाफ़ा कमा लूँगा और दूसरा मैंने जो इतने ग्राहक बनाए हैं उनमे से भी तो कई मेरे पास वापस लौट कर आयेंगे !”
बेचारा प्रश्न पूछने वाला निरुत्तर हो गया!
दोस्तों, “रुपये के चक्कर में चवन्नी मत छोडो!” आपको सिन्धी व्यापारियों की ये strategy कैसी लगती है. अगर आप इससे सहमत हैं तो कमेंट में YES ज़रूर लिखें और नहीं सहमत हैं तो भी अपना view point हमसे शेयर करें.
Sindhi Business Secrets in Hindi # 5 पर : अपने राज़ किसी को मत बताओ!
सिन्धी बिजनेसमैन बिजेनस करने के अपने तरीके को किसी के साथ साझा नहीं करते. यहाँ तक कि उनकी दुकान में काम करने वाले कर्मचारी भी ठीक से नहीं जानते कि कौन सा माल कहाँ से किस भाव में आया है.
आपस में भी वे अक्सर सिन्धी में बात करते हैं ताकि उनकी बात उन तक ही रहे हर कोई उसे ना समझे. ऐसा करके वे अपनी competitive edge बनाए रखते हैं … लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि वे दूसरों की मदद नहीं करते बल्कि पूरा सिन्धी समाज अपने लोगों के लिए हमेशा खड़ा रहता है और अक्सर अपनी कम्युनिटी के लोगों को नया काम शुरू करने या नया काम-धंधा खोजने में मदद करता है.
और ये सीख उन्हें अपने इष्ट देव भगवान झूलेलाल से मिलती है. जो पूरे समाज को एक सूत्र में बांधे हुए हैं…. सिंधियों के लिए हर चीज से बढ़ कर भगवान झूलेलाल की आराधना और उनकी सेवा है.
सिन्धी बिजनेसमैन की कामयाबी से जुड़ा छठा और आखिरी पॉइंट है …
Sindhi Business Secrets in Hindi #6 : पहले दुकान फिर मकान
ये मेरा निजी अनुभव है कि सिन्धी भाइयों-बहनों के लिए Business Number 1 प्रायोरिटी होती है. मैं ऐसे कई परिवारों को जानता हूँ जिन्होंने तकलीफ में किराए के मकान पर रहना स्वीकार किया लेकिन दुकान लेने के बाद ही अपना मकान बनवाया.
कहने का मतलब ये है कि सिन्धी किसी भी और चीज से ज्यादा बिजनेस को तरजीह देते हैं और जब बिजेनस जम जाता है उसके बाद ही वे भौतिक सुख-सुविधाओं और घूमने-फिरने में पैसा खर्च करते हैं.
दोस्तों इसके अलावा भी सिन्धी व्यापारियों में कई qualities होती हैं जिन्हें एक विडियो में कवर करना बहुत मुश्किल है…लेकिन मेरी समझ से जो six main qualities हैं, उन्हें मैंने यहाँ कवर कर लिया है. अगर आप भी कोई क्वालिटी बताना चाहते हैं तो कमेन्ट में ज़रूर लिखें.
उम्मीद करता हूँ आपको इस विडियो से कुछ न कुछ सीखने को ज़रुर मिला होगा. अगर मेरी बात सही लगी हो तो विडियो को लाइक ज़रूर कीजियेगा और लगातार इसी तरह के informative और inspiring articles पढ़ने के लिए AchhiKhabar.Com को bookmark करना मत भूलियेगा.
अपना कीमती वक़्त देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!
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अजय अजमेरा
फाउंडर & सीईओ
सूरत
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Hassan Javed says
even i didn’t know about some points
Rahul Jain says
Sindhi businessmen thrive on a unique blend of traditional values and adaptability. Their success lies in astute entrepreneurial skills, fostering strong community networks, and embracing technological trends like Custom eCommerce solutions . This dynamic combination allows them to navigate global markets while preserving their cultural ethos, ensuring sustained prosperity.
Sameer says
Proud to be a sindhi
Amit Singh says
Jai Jhulelal
Bantu says
kya gazab likha hai… maja aa gaya
Boby Roshan says
I watched Dhruv Rathee’s video and Missed some information
Shanaya Ratnani says
Gazab yaar maza aa gaya….
Ajay Lakhmani says
main khud ke sindhi hun aur aapki baat se sahmat hun. halanki main ye bhi kahan chahunga ki sindhi agar job bhi karta hai to usem bhi achha hi karta hai kyonki hm log shuru se bahut mehnati hote hain.
Pankaj says
Kya detailed analysisi hai waah ajmera ji