Bhashini AI Tool की सम्पूर्ण जानकारी
भाषिणी क्या है ? What is Bhashini AI tool in Hindi ?
भाषिणी भारत सरकार की एक पहल है जो AI टेक्नोलॉजी को भारतीय भाषाओं के लिए विकसित करने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य डिजिटल सेवाओं में भाषा के अंतर को पाटना है, और टेक्नोलॉजी को विविध भारतीय भाषाओं में सुलभ बनाने का प्रयास करना है। भाषिणी भाषा अनुवाद, स्पीच रिकग्निशन, और अन्य तरीकों से AI टूल्स के विकास को बढ़ावा देती है, ताकि भारत की विभिन्न भाषाओं में बेहतर कम्युनिकेशन और इनफार्मेशन एक्सेस को सुविधाजनक बनाया जा सके। यह डिजिटल इंडिया आंदोलन का एक हिस्सा है, जो भारतीय भाषाओं में इंक्सलूसिव डेवलपमेंट और तकनीकी उन्नति पर जोर देती है।
Bhashini (भाषिणी) को हम एक AI Tool भी कह सकते हैं। इस उपयोगी Tech Tool का आविष्कार इसलिए किया गया है ताकि, देश भर में बोली जानेवली अलग अलग भाषाओं के बीच की बाधाओं को दूर किया जा सके। यह टूल NLP पर आधिरत है। जिसे हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के तौर पर जानते हैं। भाषिणी / भाषिनी की महत्वपूर्ण बात यह है की इसे क्राउडसोर्स रखा गया है। इसका लाभ यह होता है की विभिन्न भाषाओँ को सिखाने के लिए डेवलपर्स को डाटा कलेक्शन में सहायता मिलती है।
Bhashini (भाषिणी) AI फाउंडेशन
इसे “गवर्नमेंट ऑफ इंडिया” द्वारा बनाया गया है और देश के हजारों लोगों नें अपनी लोकल भाषा को AI सिस्टम में जोड़ने के लिए इसमें “भाषा डेटा सेट” तैयार करने के लिए योगदान दिया है। ताकि डेवलपर्स और क्रिएटर्स उस रीजनल डाटा पर उपयोगी AI Languages Tools की रचना कर सकें। (“Bhashani” An Open Source Language Tool)
भाषिणी AI Program का उद्देश्य
भाषिणी एक ऐसा National Public Digital Platform बनाना चाहती है, जिसकी मदद से भाषाओं के लिहाज से, सर्विस और प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके और यह कार्य AI Tools और विभिन्न तकनीको की मदद से बेहतर किया जा सके। इस कल्याणकारी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वेबसाइट पर यूजर्स “Bhasha Daan / भाषा दान” के ऑप्शन पर क्लिक करें और आगे की जानकरी प्राप्त कर सकते हैं।
Bhashini (भाषिणी) AI Tool के सफल होने से क्या होगा ?
- इन्टरनेट पर भारतीय भाषाओँ में कंटेंट बढेगा।
- डिजिटल सर्विस & प्रोडक्ट्स उन लोगों तक भी पहुंचेगी जो भाषा की अज्ञानता या कम समझ के कारण टेक्नॉलोजी से अभी तक दूर रहे हैं।
- अलग अलग मूल के लोगों में व्यापार और आदानप्रदान सहज होने लगेगा।
- लोगों में आत्मनिर्भरता और अनोखा आत्मविश्वास उत्पन्न होगा।
- यह देश की प्रगति में Game Changer AI Tool साबित हो सकता है।
- Bhashini (भाषिणी) AI Tool के प्रोडक्ट्स
रियल टाइम स्पीच टू स्पीच मशीन ट्रांसलेशन (S2S MT) : इस Technology में वक्ता द्वारा बोले गए शब्दों को उसी क्षण दूसरी भाषा में बदलने का कार्य होता है। इसमें स्पीच रिकग्निशन यानी बोले गए शब्द तथा मशीन ट्रांसलेशन यानी एक भाषा में लिखे हुए शब्द का दूसरी भाषा में अनुवाद करने की तकनिकी, इन दोनों का सयोजन होता है।
For example: दिसम्बर 2023 में PM मोदी ने “काशी तमिल संगमम” प्रोग्राम में हिंदी में भाषण दिया था जिसे भाषिणी की मदद से तमिल भाषी लोगों ने लाइव तमिल में सुना था.
इस टेक्नॉलोजी में Deep Machine Learning और AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का उपयोग होता है ताकि वाक्यों की जटिल संरचना को आसानी से समझा जा सके और बढ़िया ट्रांसलेशन प्रदान किया जा सके।
स्पीच टू स्पीच गवर्नमेंट असिस्टेंट (S2S) : इस उपयोगी तकनीक का इस्तमाल सरकारी विभागों में होता है। यह उपकरण स्पीच पर आधारित इंटरफेस टूल और स्पीच रिकग्निशन का इस्तमाल कर के कार्य करता है। इसके उपयोग से ग्राहक और सरकारी कर्मचारी / अधिकारियों के बीच का संवाद सुगम बनता है।
इसके अलावा सरकारी फॉर्म्स, सूचनाएं और महत्वपूर्ण जानकरी, उपभोगता नागरिकों को उसकी अपनी भाषा में उपलब्ध कराने के लिए भी मदद मिलती है। सार्वजानिक प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए S2S Technology बहुत लाभदायी है।
इंडियन लेंग्वेज वोईस इन्टरनेट : भारत एक ऐसा देश है जहाँ साक्षर लोगों की संख्या बहुत कम है। धीरे धीरे यह प्रमाण बदल रहा है लेकिन यह प्रक्रिया समय लेती है। ऐसे में आज के युग में कोई अनपढ़ या कम पढ़ा लिखा व्यक्ति जानकारी प्राप्त करने में बहुत परेशान रहता है। उसके मन में कई सवाल आते हैं लेकिन जिस भाषा में उसे उत्तर चाहिए उसमें कंटेंट नहीं मिल पाता है।
इसके फल स्वरूप उसे किसी और पर आधारित रहना पड़ता है। भारतीय भाषाओं के स्पीच रिकॉग्निशन की तकनीक इसी समस्या को दूर करती है। इसकी मदद से इन्टरनेट उपभोगता अपनी रीजनल लेंग्वेज या मातृभाषा में सवाल बोल कर उसका सटीक उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
कंटेंट लोकलाईजेशन : किसी एक स्थान पर पूजा करना प्राथमिकता होगी तो किसी एक स्थान पर चर्च में प्रे करना, वैसे ही कहीं पर लोग, घुमने जाना पसंद करते होंगे तो कहीं पर बिलकुल नहीं। इस तरह हर एक संस्कृति में चीजों को समझने और उस पर रिएक्ट करने की अलग अलग प्रथा होती है।
कंटेंट लोकलाईजेशन AI की मदद से जानकरी को उस फॉर्म में यूजर तक मुहैया कराया जाता है जो उस जगह या समुदाय के रीतिरिवाज से तर्कसंगत हो। इस सिस्टम से उपभोक्ता अधिक संतुष्ट होते हैं और उन्हें अधिक सांस्कृतिक और भाषाई सहयोग मिल पाता है ।
Bhashini एक्सेसिबिलिटी
भाषिणी (Bhashini) एक्सेसिबिलिटी का सब से बड़ा उद्देश्य यह है कि, जो भी जानकारी या सेवा प्रदान की जा रही है, वह देश के सभी लोगों तक पहुँच सके। ख़ासकर उन लोगों के लिए जिनमें समझने, बोलने या सोचने की क्षमता में कमी है। इसके आलावा इसमें वेबसाइट एक्सेसिबिलिटी, अंध व्यक्तिओं के लिए मदद करने वाली सिस्टम, और अन्य भाषाओं से जुड़ी टेक्नॉलोजी भी शामिल है। इस तरह की पहल समाज में समानता लाने और प्रगति के अवसर बढ़ाने के लिए आशीर्वाद सामान है।
Bhashini (भाषिणी) AI Tool Technology
ऑटोमेटिक स्पीच रिकग्निशन : ASR को सेंटेंस (वांक्य) से टेक्स्ट में बदलने की प्रक्रिया को “स्पीच टू टेक्स्ट” भी कहा जाता है। इस सिस्टम को ऐसे डिजाइन किया गया है की यह विभिन्न भाषाओँ को समझ कर शब्दों में आउटपुट दे सके।
आज के समय में इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है, जैसे कि वॉयस आसिस्टेंट्स, रिकॉर्डिंग सिस्टम्स, स्पीच रिकॉग्निशन सॉफ़्टवेयर, टेलीफोनी, और कान से सुनने में असमर्थ लोगों के लिए स्वतंत्र सोचने व् सहायता करने के लिए भी| इसके लिए स्मार्टफोन में इनबिल्ट या थर्ड पार्टी Apps भी मिल जाते हैं।
ओप्टिकल केरेक्टर रिकग्निशन : OCR टेक्नॉलोजी में Data हासिल करने के लिए स्कैनर या कंप्यूटर कैमरा का इस्तमाल होता है। ताकि शब्दों को चित्र के रूप में पकड़ा जा सके। इसके बाद OCR सोफ्टवेर इसे प्रोसेस करता है और फिर कमांड अनुसार डाटा उपयोग में लाया जाता है।
संक्षिप्त में कहें तो ओ.सी.आर मानव भाषा में लिखित टेक्स्ट को मशीनों को समझाता है और डिजिटल रूप में बदलता है। यह टेक्नॉलोजी कंप्यूटर सायंस और ऑप्टिक्स के क्षेत्र में आती है तथा इसमें कागजी दस्तावेजों, पुस्तकों, इन्फोमेशन डाटा वाली डिवाइसेस, और अन्य स्रोतों से टेक्स्ट को स्कैन करने का महत्वपूर्ण कार्य होता है।
नेचरल लेंग्वेज अंडरस्टैंडिंग : इस NLU तकनीक का इस्तमाल विभिन्न क्षेत्रों में आजकल हो रहा है। इस टेक्नॉलोजी में कंप्यूटर को मानव भाषा समझने और उसे कमांड अनुसार सटीक कार्य को अंजाम देने के लिए तैयार करने में मदद मिलती है। यह AI Innovation का बेहद महत्वपूर्ण अंग है चूँकि इसमें स्वतंत्र सोचने की क्षमता, सटीक संवाद करने की काबिलियत जैसे तत्व शामिल है।
टेक्स्ट टू स्पीच (TTS) : इस प्रकार के AI सिस्टम में लिखित शब्दों को ऑडियो फॉर्म में बदला जाता है। जिसे एक पॉडकास्ट वोइस के तौर पर इस्तमाल कर सकते हैं। इसके अलावा विडियो में Voice Over स्पीच के तौर पर भी इस्तमाल किया जा सकता है। यह तकनीक समय की बचत करती है और प्रोफेशनल टोन में स्पीच मुहैया कराती है।
भाषिणी AI System के Guiding Principles
अनुकूल इको सिस्टम की रचना करना : किसी भी समाज में जब आम इन्सान के पास अपनी आम जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन होते हैं और प्रगति के प्रचुर अवसर होते हैं तो उसे एक अच्छे Eco System वाली स्थिति कहा जा सकता है। ठीक वैसे ही यहाँ आम इन्सान, सरकार, मिडिया, रिसच सोसायटी और इंडस्ट्रीज के बीछ अच्छा इको सिस्टम बनाने का लक्ष्य है।
एक ओपन सोर्स डाटाबेस : हर इन्सान की सोच और समझ अलग अलग होती है, जैसे बूंद-बूंद से सागर बनता है, वैसे ही जब अधिक लोगों का समूह एक लक्ष्य को हासिल करने के लिए योगदान देता है तो सफलता पाना आसान हो जाता है। इसी आशय से यह Bhashini AI सभी सिटिजन और इंस्टीट्यूशन के लिए एक ओपन सोर्स डेटाबेस प्रोजेक्ट रखा गया है, ताकि इसका विकास बहुत त्वरित गति से हो और सब को इसका लाभ बराबर मिल सके।
कंट्रीब्युट एंड लीवरेज : भारत सरकार चाहती है कि देश में ऐसी व्यवस्था बने कि लोग आगे आ कर इस प्रोजेक्ट में अपना योगदान दें और देश में वस्तु तथा सेवा की गुणवत्ता में सुधार आए और इसका लाभ सब भारतियों को मिले। संक्षिप्त में कहें तो Bhashini AI Tool टेक्नॉलोजी के क्षेत्र में मानव कल्याण का डिजिटल तरीका है।
Bhashini (भाषिणी) Artificial Intelligence Tool की Tag Line
Together, Let Us Make It Reality : इन शब्दों का अर्थ कुछ ऐसा – “आइये, साथ मिल कर इसे वास्तविकता बनाएं”. इसके अलावा इनका उद्देश्य यह भी है कि डिजिटल एम्पावरमेंट की मदद से सब के लिए, विभिन्न भाषाओँ की बाधा को दूर किया जाए। भाषिणी AI Tool को बेहतर बना कर लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जाए, ताकि उनकी भी एक प्रेरणादायक कहानी अन्य लोगों के लिए उदहारण बने।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रमुख उदाहरण
AI का उपयोग आजकल हर क्षेत्र में होता है, जैसे कि – विशेषज्ञ सिस्टम, प्राकृतिक भाषा प्रोसेसिंग, विजन सिस्टम, इंटेलिजेंट रोबोट, कम्प्यूटर गेमिंग, और भाषा पहचान।
यह मानव श्रम को नाटकीय ढंग से बहुत ज्यादा घटा देता है। इसके साथ ही AI की क्वालिटी और एक्यूरेसी हैरत में डाल देने वाली लगती है। कई देशों में Robots और AI Bots नें लोगों की नौकरियां हथियाना भी शुरू कर दिया है। लेकिन जो लोग आर्टिफिशल इंटेलिजन्स से तालमेल बिठाना सीख लेते हैं उनके लिए यह तरक्की के सुनहरे अवसर जैसा भी है। इसीलिए AI Technology को खुले मन के साथ अपनाने और इसे सीखने पर जोर देना चाहिए।
भाषिणी AI Tool की संपर्क जानकारी
Bhashini Official Website : www.bhashini.gov.in
Official Mail ID : [email protected]
Location Address: Electronics Niketan, 6, CGO Complex,
Lodhi Road, New Delhi – 110003
Tel: 011-24301361
Bhashini (भाषिणी) AI FAQs
Q भाषिणी क्या है ?
भाषिणी भारत सरकार की एक पहल है जो भारतीय भाषाओं के लिए AI तकनीक विकसित करने पर केंद्रित है।
Q भाषिणी का उद्देश्य क्या है ?
इसका उद्देश्य डिजिटल सेवाओं में भाषा के अंतर को कम करना और विभिन्न भारतीय भाषाओं में तकनीक को सुलभ बनाना है।
Q – DIBD का पूरा नाम क्या है ?
A – इसे डिजिटल इंडिया भाषिणी डिविजन के नाम से पुकारा जाता है।
Q – Bhashini Program के साथ कैसे जुड़ सकते हैं ?
A – इस Tool की ऑफिसियल साईट (https://bhashini.gov.in) पर ज्वाइन “भाषा दान” टैब पर क्लिक करने से सारी जानकारी प्राप्त होगी।
Q – भाषिणी (Bhashini) के CEO का नाम क्या है ?
A – श्री अमिताभ नाग भाषिणी के वर्तमान चीफ एक्जेक्युटिव ऑफिसर (CEO) है।
Q भाषिणी से कौन लाभान्वित हो सकता है ?
जो लोग भारतीय भाषाओं में डिजिटल सेवाओं की तलाश कर रहे हैं, वे इससे लाभान्वित हो सकते हैं।
Q क्या भाषिणी केवल सरकारी उपयोग के लिए है ?
नहीं, यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में भारत में बेहतर भाषा प्रौद्योगिकी एकीकरण का समर्थन करने के लिए है।
Q – Bhashini (भाषिणी) AI Tool का आरंभ कब हुआ ?
A – NLTM अर्थात “द नेशनल लेंग्वेज टेक्नॉलोजी मिशन” की शुरआत जुलाई 2022 में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई है।
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Harish says
Is it really useful.
Seema says
Thanks for this post.
Sharad says
future AI hi hai…