संस्कृत श्लोक Sanskrit Shlokas With Meaning in Hindi श्लोक 1 : अलसस्य कुतो विद्या, अविद्यस्य कुतो धनम् | अधनस्य कुतो मित्रम्, अमित्रस्य कुतः सुखम् || अर्थात् : आलसी को विद्या कहाँ अनपढ़ / मूर्ख को धन कहाँ निर्धन को मित्र कहाँ और अमित्र को सुख कहाँ | --------- श्लोक 2 : आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || अर्थात् : मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र … [Read more...]
तीन प्रश्न
मित्रों, विख्यात रूसी साहित्यकार “टालस्टाय” अपनी कहानी “तीन प्रश्न” में लिखते हैं कि किसी राजा के मन में तीन प्रश्न अक्सर उठा करते थे जिनके उत्तर पाने के लिए वह अत्यंत अधीर था इसलिए उसने अपने राज्यमंत्री से परामर्श किया और अपने सभासदों की एक बैठक बुलाई | राजा ने उस सभा में जो अपने तीनों प्रश्न सबके सम्मुख रखे ; वे थे --- 1. सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य क्या होता है ? 2. परामर्श के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति कौन होता है ? 3. किसी भी निश्चित कार्य को करने का महत्त्वपूर्ण समय कौन सा होता है? कोई … [Read more...]
तुलसीदास जी के प्रसिद्द दोहे हिंदी अर्थ सहित | Tulisdas Ji Ke Dohe
गोस्वामी तुलसीदास जी के दोहे Tulsidas Ji Ke Dohe With Meaning in Hindi श्रीरामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी हिंदी साहित्य के महान कवि थे| तुलसीदास जी के दोहे ज्ञान-सागर के समान हैं| आइये हम इन दोहों को अर्थ सहित पढ़ें और इनसे मिलने वाली सीख को अपने जीवन में उतारें. ---1--- राम नाम मनिदीप धरु जीह देहरीं द्वार | तुलसी भीतर बाहेरहुँ जौं चाहसि उजिआर || अर्थ: तुलसीदासजी कहते हैं कि हे मनुष्य ,यदि तुम भीतर और बाहर दोनों ओर उजाला चाहते हो तो मुखरूपी द्वार की जीभरुपी देहलीज़ पर … [Read more...]
पंचतन्त्र की कहानियां Panchatantra Stories in Hindi
Panchatantra Stories in Hindi / Panchtantra Ki Kahaniyan मित्रों, हममें से अधिकांश ने बचपन में ‘बाल-बुद्धि’ को सहज ही कुशाग्र बनाने वाली “पंचतन्त्र” की प्रेरक एवं मनोरंजक कहानियां अवश्य पढ़ी होंगी क्योंकि हिन्दी भाषा में लिखीं गईं इन कहानियों का हमारे देश की लगभग सभी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।इतना ही नहीं अंग्रेज़ी भाषा में अनुवादित होने के कारण ये कहानियाँ विश्व-विख्यात भी हैं। Related Reads ( बच्चों को ज़रूर पढाएं) 7 बेहद रोचक व शिक्षाप्रद पौराणिक कथाएँ महाभारत रामायण से जुड़ी … [Read more...]
प्रकाश पर्व दीपावली Hindi Essay on Diwali
Hindi Essay on Diwali दीवाली पर निबंध भारत त्योहारों का देश है. यहाँ होली, दिवाली, ईद, और क्रिसमस समेत सैकड़ों पर्व हर साल मनाये जाते हैं. लेकिन अगर बात सबसे पसंदीदा और मौज-मस्ती वाली पर्व की की जाए तो उनमे दिवाली का नाम प्रमुखता से आता है. आइये आज हम AchhiKhabar.Com इसी पर्व के बारे में विस्तार से जानते हैं. दीपावली पर निबंध कुछ ही दिनों बाद हम भारत के सबसे महत्त्वपूर्ण त्योहारों में से एक "दीपावली" मनाएंगे। ईश्वर की कृपा से आप सबके लिए यह पर्व मंगलमय हो! दीपावली मनाते समय हमारा हृदय … [Read more...]
क्यों मनाते हैं महाशिवरात्रि ? पूरी जानकारी
Maha Shivaratri in Hindi महाशिवरात्रि ‘महाशिवरात्रि’ के इस परम-पावन पर्व पर “अच्छीखबर-परिवार” के सभी सदस्यों को ढेर सारी शुभकामनाएँ। मित्रों, कुछ विद्वानों का मत है कि आज ही के दिन शिवजी और माता पार्वती विवाह-सूत्र में बंधे थे जबकि अन्य कुछ विद्वान् ऐसा मानते हैं कि आज के ही दिन शिवजी ने ‘कालकूट’ नाम का विष पिया था जो सागरमंथन के समय अमृत से पहले समुद्र से निकला था। स्मरणीय है कि यह समुद्रमंथन देवताओं और असुरों ने अमृत-प्राप्ति के लिए मिलकर किया था। एक शिकारी की कथा भी इस त्यौहार के साथ … [Read more...]
स्वार्थी नहीं सहयोगी बनें
मित्रों,संत कवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने महाकाव्य “श्रीरामचरितमानस” में लिखा है कि हमारा शरीर पांच तत्त्वों से बना है और वे तत्त्व हैं – क्षिति,जल,पावक,गगन,समीरा अर्थात् धरती, पानी, अग्नि, आकाश एवं वायु | ये पाँचों तत्त्व सदैव पारस्परिक सहयोग एवं सेवा भाव से कर्म करते हुए सृष्टि का संतुलन बनाए रखते हैं | इस तरह जगत् में जीवन के प्रादुर्भाव से पूर्व ही प्रकृति ने उसके लिए उचित क्षेत्र निर्माण कर रखा है जिसके माध्यम से प्राणियों का अस्तित्व बना रहता है और विकास होता रहता है |वस्तुतः, … [Read more...]
श्री गुरु नानक देव के 10 अनमोल उपदेश | Guru Nanak Dev Ji Teachings in Hindi
श्री गुरु नानक देव के 10 अनमोल उपदेश Guru Nanak Dev Ji Teachings in Hindi बेदी कुल के दीपक, सिख-धर्म के प्रवर्तक, जगविदित ,एक महान् संत-कवि ,समाज-सुधारक, एक सहृदय मार्गदर्शक, करुणा-भंडार एवं ईश्वर स्वरूप गुरु नानक देव जी का जन्म लाहौर के निकट ‘तलवंडी’ नामक स्थान पर सन् 1469 में महिता कालू जी के घर में ,कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन हुआ था | यह स्थान वर्तमान में पाकिस्तान में है तथा इसका नाम “ननकाना साहिब” है | उनकी माता श्री का शुभ नाम ‘तृप्ता’ जी था | उनकी बहन ‘नानकी’ थीं जो उन्हें इतना अधिक … [Read more...]
मुसीबतों से निकलने का मन्त्र
जीवन में जब कभी हम दोराहे पर खड़े हों, परिस्थितियाँ प्रतिकूल हों, मुसीबतों का चक्रव्यूह भेदना भी कठिन हो,अपनों ने भी साथ छोड़ दिया हो, बुद्धि तो जैसे भ्रमित सी हो गयी हो तो क्या करें ?कैसे ऐसे बुरे समय से बाहर निकलें ? कैसे फिर से जीवन सहज, सुखी, सफल, संतुष्ट और सरल बनायें ? उत्तर बड़ा ही संक्षिप्त है कि बस हम श्रद्धा और विश्वास को बिखरने न दें |श्रद्धा उस ज्ञान के प्रति कि जो मानव को अवगत कराता है इस सत्य से कि ऊषाकाल की पहली किरण से पहले का अँधेरा सबसे ज़्यादा घना हुआ करता है और विश्वास … [Read more...]
मंदिर का पुजारी
एक बार की बात है कि एक समृद्ध व्यापारी , जो सदैव अपने गुरू से परामर्श करके कुछ न कुछ सुकर्म किया करता था, गुरु से बोला-“गुरुदेव, धनार्जन हेतु मैं अपना गाँव पीछे ज़रूर छोड़ आया हूँ, पर हर समय मुझे लगता रहता है कि वहाँ पर एक ऐसा देवालय बनाया जाये जिसमें देवपूजन के साथ-साथ भोजन की भी व्यवस्था हो,अच्छे संस्कारों से लोगों को सुसंस्कृत किया जाये, अशरण को शरण मिले, वस्त्रहीन का तन ढके ,रोगियों को दवा और चिकित्सा मिले ,बच्चे अपने धर्म के वास्तविक स्वरूप से अवगत हो सकें |” सुनते ही गुरु … [Read more...]