हम सभी जीवन में सफलता चाहते है यह एक ऐसी सच्चाई है जो सभी पर लागू होती है चाहे हम व्यपार करते हो

सफलता के शिखर की और …
या नोकरी या छात्र हो अथवा कोई प्रोफेशनल या उच्चअधिकारी हो, यहाँ तक कि अध्यात्मिक क्षेत्र में भी साधक अपनी सफलता के लिए निरंतर प्रयत्ननशील रहता है अर्थात कोई भी इससे वंचित नहीं रहना चाहता ।
परन्तु हम में से ज्यादातर लोग आशातित सफलता नहीं प्राप्त करते ऐसा क्यों ? क्योंकि अधिकतर लोग सफलता की चाह रखते है भूख नहीं!!! ये एक बहुत बड़ा अंतर है भूखा हर हद तक चला जाता है और चाहत रखने वाला कई बार सिर्फ चाह कर रह जाता है ।
ये तो बात हो गई प्रयास की लेकिन कई बार देखा जाता है की लाख प्रयास के बाद भी परिणाम आशानुकूल नहीं आता ऐसा इसलिए होता है क्योकि हम परिणाम तो बदलना चाहते है परन्तु साधन नहीं, क्या यह संभव है? एक कार्य को हम एक ही तरह से बार -बार करे और परिणाम भिन्न -भिन्न आये ऐसा कतई नहीं होगा इस बात से आप सभी सहमत होगे की परिणाम बदलना है तो तरीका बदलना पड़ेगा ।
अपनी मन चाही सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे सुगम मार्ग है हम जैसी सफलता चाहते है वैसी सफलता पाये लोगों से संगती कर ले और उनसे उनकी सफलता के तरीकों को समझ कर स्वयं अपनाये और सफल हो जाये ,है न कितना आसान मार्ग । लेकिन वो असाधारण सफलता प्राप्त व्यक्ति हमारे जैसे साधारण व्यक्ति को अपने साथ क्यों रखेगे और रखेगे भी तो कितने लोगो को रखेगे ? यानि की हमारा मिशन फेल ? नहीं ! हमारे पास एक और रास्ता है, इसके लिए हमें अपने जीवन शैली में थोडा सा बदलाव करना पड़ेगा हमें अपने दिनचर्या में अध्यन के लिए थोडा समय निकालना पड़ेगा और जब हम अपने क्षेत्र से सम्बंधित विषय तथा व्यक्तियों के व्यक्तित्व के बारे में अध्यन करेगे तो हमारे मष्तिस्क में अप्रत्याशित परिवर्तन होगा जो हमारी कार्यशैली और निर्णयों पर सीधे असर करेगा। दरअसल जब हम किसी के व्यक्तित्व का अध्यन कर रहे होते है तो वो अप्रत्यक्ष रूप से हमारे साथ होते है जो प्रत्यक्ष सम्पर्क के तुलनीय होता है ।
एक और बात आपको याद दिला दूँ , कि इस धरती पर जो लोग भी सफल लोगो की श्रेणी में आते है प्रायः उन सभी में एक विशेषता देखने को मिलती है वे सभी अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद अध्यन के लिए समय जरूर निकालते है यानि सफलता को बनाये रखने के लिये भी अध्यन की आवश्यकता को महसूस करते है , जब वे पहले से सफल होकर ऐसा कर सकते है तो भला हम सफल होने के लिए क्यों नहीं ?
तो आइये हम अपनी सफलता के लिए आज ही से जुट जाते हैं और इन बातों को अपनाकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं।
कमलेश छुगानी
Varanasi
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I am grateful to Mr. Kamlesh Chuugani for sharing this article with AchhiKhabar.Com. Thanks a lot !
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AAP NE SAHI KAHA AKHILESH G AGAR HUM KISHI KARY KO ALAG ALAG PRAKAR SE KARENGE TO USKA RISULT BILKUL ALAG AAYEGA MAI AAP KE BAT SE SAHAMAT HOO .
sahi bat h … n thanx main b bahut dino se apni study ko ignor kr rha hu lkn ab aj se he start krunga… thank u for this story
Sorry Story nahi is Articel k liye thanx…
bhut sahi baat h ……..good job
An educative article. Congratulations.
thanks kamlesh sir
it’s loving and most inspiration articles..i love it so much..thanks kamlesh sir and Really thanks so much gopal sir for sharing it..
very nice
बहुत अच्छा लेख…
बहोत अच्छा लेख है।
गोपाल जी आपने लिखे Articles का इंतजार है। बहोत दिनों से आपके लिखे लेख नहीं पढ़े है।
😉
Hi Khilesh,
These days I am too busy with office work and some family obligations…will take some time 🙂
Thanks for remembering.
एक प्रेरक एवं जीवन- अनुभव दर्शाता लेखन |सच है कि स्वाध्याय हमें आत्मिक-बल दिया करता है |
आभार
रजनी सडाना
एक कार्य को हम एक ही तरह से बार -बार करे और परिणाम भिन्न -भिन्न आये ऐसा कतई नहीं होगा इस बात से आप सभी सहमत होगे की परिणाम बदलना है तो तरीका बदलना पड़ेगा ।- mein ish lines se purre tarah सहमत hu ye sabse important hai