रामू एक बहुत ईमानदार और मेहनती युवक था। वह बहुत हंसमुख और मधुर स्वाभाव का व्यक्ति था। एक दिन रामू एक किराने की दुकान पर गया।
वहां सिक्का डालने वाला सार्वजनिक फ़ोन लगा था। रामू ने सिक्का डाला और एक नम्बर डायल किया।
ट्रिंग-ट्रिंग..ट्रिंग-ट्रिंग…. किसी ने फ़ोन उठाया।
रामू बोला, “ हेलो सर… नमस्ते, मैंने सुना था कि आपको एक ड्राईवर की आवश्यकता है। मैं भी एक ड्राईवर हूँ। क्या आप मुझे अपने यहाँ ड्राईवर की नौकरी देंगे ?”
व्यक्ति ने कहा “ बेटा, मेरे यहाँ पहले से ही एक ड्राईवर है। मुझे अन्य किसी ड्राईवर की आवश्यकता नहीं है।
रामू ने कहा “ सर, मैं एक अच्छा ड्राईवर होने के साथ- साथ एक ईमानदार इंसान भी हूँ। आपके यहाँ जो ड्राईवर है, मैं उससे भी कम तनख्वाह काम करने को तैयार हूँ।
“ बेटा, जो ड्राईवर मेरे यहाँ काम करता है, मैं उसके काम से खुश हूँ। बात पैसों की नहीं है, हम जैसा ड्राईवर चाहते हैं, वैसा हमारे पास हैं और हमें किसी अन्य ड्राईवर की जरूरत नहीं है।”, व्यक्ति ने समझाया।
रामू ने जोर देकर कहा, “ सर, मैं आपके यहाँ ड्राईवर का काम करने के साथ- साथ अन्य काम भी करूँगा, जैसे- बाज़ार से सब्जी लाना, आपके बच्चों को स्कूल छोड़कर आना, इत्यादि। मैं आपको यकीन दिलाता हूँ कि मैं आपको किसी भी शिकायत का मौका नहीं दूंगा। मुझे उम्मीद है कि अब आप मुझे मना नहीं करोगे।”
व्यक्ति बोला “ कहा न मुझे अभी किसी ड्राईवर की जरूरत नहीं है!” और ऐसा कहकर उसने फ़ोन काट दिया।
दुकानदार रामू की बात बहुत ध्यान से सुन रहा था। उसने रामू से कहा “मेरा बेटा शहर में रहता है। उसे एक अच्छे ड्राईवर की जरूरत है। अगर तुम कहो तो मैं तुम्हे नौकरी दिलवा सकता हूँ।”
रामू ने दुकानदार से कहा, “ आपके सहयोग के लिए धन्यवाद ! पर मुझे नौकरी की कोई आवश्यता नहीं है।”
दुकानदार हैरानी से बोला “ लेकिन अभी तो तुम फ़ोन पर नौकरी पाने के लिए गिडगिडा रहे थे। अब क्या हुआ ? अब जब मैं तुम्हे घर बैठे ही नौकरी दिलवा रहा हूँ तो तुम मुझे नखरे दिखा रहे हो..भलाई का ज़माना ही नहीं रहा!”
रामू ने बड़ी विनम्रता के साथ कहा, “ आप मुझे गलत न समझिएगा। मुझे काम की कोई जरूरत नहीं है। दरअसल सच बात तो यह है कि, मैं अपने ही काम की परीक्षा ले रहा था। उस व्यक्ति के यहाँ काम करने वाला ड्राईवर और कोई नहीं, वो मैं ही हूँ।
दोस्तो, सफल जीवन जीने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है, कि हम स्वयं को अच्छी तरह जाने। हम अपनी कमजोरियों और कमियों को पहचाने और जितनी जल्दी हो सके उन कमियों पर विजय प्राप्त करें।
यहाँ यह बात समझनी जरूरी है की कोई भी व्यक्ति हमें उतना बेहतर नहीं समझ सकता जितना कि हम खुद को समझ सकते है। स्वमूल्यांकन/self-evaluation एक ऐसी ही महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसके द्वारा हम स्वयं ही स्वयं की परीक्षा लेते हैं, और अपनी कमजोरियों या कमियों को जानने की कोशिश करते हैं। इसमें व्यक्ति को पूरी ईमानदारी के साथ खुद से पूछना चाहिए कि-
- मैं जो काम कर रहा हूँ, क्या मैं उसे पूरी ईमानदारी के साथ कर रहा हूँ?
- क्या मैं अपने काम में, अपना 100% योगदान दे रहा हूँ?
- क्या मैं अपने काम को और बेहतर तरह से कर सकता हूँ?
- क्या मैं अपनी कंपनी के लिए और उपयोगी साबित हो सकता हूँ?
इस स्वमूल्यांकन (self-evaluation) के द्वारा हम न केवल अपनी Professional life बेहतर बना सकते हैं, बल्कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र (Professional , Personal and Social life ) में अपनी सफलता सुनिश्चित कर सकते हैं।
तो, आइये आज से, अभी से इस अत्यंत महत्वपूर्ण और उपयोगी कला को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनायें, और पूरी ईमानदारी के साथ इसे अपने जीवन में अपनाकर अपनी सफलता सुनिश्चित करें।
आपके सुखी और सफल जीवन का आकांक्षी,
आपका अपना दोस्त
प्रणव भारद्वाज
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We are grateful to Mr. Pranav Bhardwaj for sharing this wonderful Hindi story on Self-evaluation.
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MS Rawat says
Nice read sir
Vishal says
नहीं गोपाल जी ये स्टोरी शिव खेड़ा की बुक जीत आपकी में नहीं है । किसी और बुक में होंगी तो सही है
Pranav says
Pls visit my site all stories are orignal.
Thanks
sagar kumar says
Superbbb…story sir…
sudhir says
very nice…
arjun singh says
bhaut hi badiya…
मोहन जैसवाल says
यह स्टोरी शिव खेड़ा की किताब जीत आपकी से ली गयी है। कृपया अंत में एक नोट लगा दीजिये गोपाल।
Gopal Mishra says
Hi Pranav
Please confirm if this story is linked with Shiv Khera’s book.
Hinglishpedia says
बहुत ही अच्छी कहानी हैं, खुद को परख कर देखना चाहिए की स्वयं आप अपने काम से दुसरो को कितना Satisfy करवा देते हो. इससे आपकी क्षमता का पता चलता हैं. …
Vishnu Kant Maurya says
Very nice post.
Sir ek request hai Ki agar aap AKC par jump page ko add kar de to hum sab visitors ko kisi bhi page par Jane me easy hoga.
नयीचेतना says
स्वमूल्यांकन की यह कहानी पढ़कर सच में एक उर्जा का नया संचार हुआ। बहुत प्रेरक कहानी है।