अगस्त का पहला रविवार यानि Friendship Day. बचपन में इस रविवार का इन्तजार मुझे पूरे साल रहता था, क्योंकि इस दिन फ्रेंडशिप डे होता है। लेकिन तब मुझे शायद friends शब्द का मतलब नहीं पता था। दोस्ती क्या होती है, क्यों होती है, कैसे होती है ? कुछ मालूम नहीं पड़ता बस कोई अच्छा लगता और अपना हो जाता था। पर अब समझ में आया कि यही तो है दोस्ती की परिभाषा
गैरो को अपना बनाए ये होती है दोस्ती, गम को दूर भगाए ये होती है दोस्ती।
दोस्तों का चयन
आप लाइफ कि जिस स्टेज पर भी हों school में, कॉलेज में, office में काम करते हों या retired life जी रहे हों…कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनसे बात करने का दिल चाहता है, जिनसे बात करके एक दिल को सुकून मिलता है और चेहरे पर मुस्कान खिल जाती है। खून का रिश्ता न होने के बावजूद दोस्ती का रिश्ता उससे कम नहीं होता है, और कभी-कभी तो ये दुनिया के हर रिश्ते से मजबूत बन जाता है। उम्र के हर पड़ाव पर ऐसे लोग मिलते हैं जिनके के साथ हम automatically comfortable हो जाते हैं, वे हमें और हम उन्हें समझने लगते हैं…अच्छे लगने लगते हैं और यही हमारे दोस्त बन जाते हैं।
मुझे लगता है कि एक दोस्त चुनना दिमाग का नही दिल का काम है, इसलिए इसमें दिमाग नहीं लगाना चाहिए जिस दिल अपना ले वही दोस्त! पर शायद ये बात तब सही थी जब हर कोई सीधा-सरल हुआ करता था। आज के युग में दोस्ती करने में थोड़ी सतर्कता ज़रूर बरतनी चाहिए। शायद इसलिए बेंजामिन फ्रैंकलिन और सुकरात जैसे विचारकों ने दोस्ती करने में धीमे रहने की सलाह दी है।
फ्रैंकलिन ने कहा है-
मित्र बनाने में धीमे रहिये और बदलने में और भी।
और सुकरात कहते हैं-
मित्रता करने में धीमे रहिये, पर जब कर लीजिये तो उसे मजबूती से निभाइए और उसपर स्थिर रहिये।
अमेरिका के successful entrepreneur, motivational speaker और author Jim Rohn ने भी कहा है –
आप उन पांच लोगों का औसत हैं जिनके साथ आप सबसे अधिक समय बिताते हैं।
And obviously, दोस्तों के साथ हम अच्छा-ख़ासा समय बिताते हैं इसलिए ज़रूरी हो जाता है कि हम सही दोस्त का चुनाव करें क्योंकि-
- हम realize करें न करें दोस्तों का हमारी लाइफ में बहुत गहरा असर पड़ता है।
- दोस्ती इंसान को बना भी सकती है और बिगड़ भी।
- सही दोस्त हमारी खूबियों – खामियों को भली-भांति जानते है और जरुरत पड़ने पर अच्छे सलाहकार होते है।
- अच्छा friend हमें यह याद दिलाता है कि हम भी किसी के लिए अहमियत रखते हैं।
- अच्छा दोस्त ज़िन्दगी के खालीपन को पल भर में दूर कर देता है और शायद वो हमारा सबसे बड़ा stress buster होता है।
यहाँ एक बात और कहना चाहूंगी, सभी लोग अच्छा दोस्त बनाना चाहते हैं पर इससे भी ज़रूरी है कि हम खुद एक अच्छे दोस्त बनें। इसलिए शायद अच्छा दोस्त बनना ही अच्छा दोस्त बनाने का सबसे आसान तरीका है।
गम को दूर भागते है friend
हर एक friend जरुरी होता है। जब हम बड़े हो जाते है और हमारा दायरा भी बढ जाता है तब मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए भी मित्रों की आवश्यकता होती है। दोस्तों के प्रेमपूर्ण व्यवहार से तनावयुक्त लोग भी संतुलित हो जाते है। Best friend जादू सा असर करते है। वह आपका सच्चा दोस्त ही होता है जो आपके बुरे समय में आपका साथ देता है।
आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं दोस्त
सच्चा दोस्त आप के आत्मविश्वास को बढाता है। आपको खुशी और शांति देता है। जब भी आप उदास, हतोत्साहित, क्रोधित और बेचैनी महसूस करते है तब सच्चा दोस्त आप के साथ होता है। अगर आप खुश होते है तो वह भी खुश होता है। एक सर्वेक्षण के मुताबिक जिन लोगो के सच्चे दोस्त होते है वे कम बीमार पड़ते हैं और बीमार पड़ने पर जल्दी ठीक भी हो जाते हैं।
अच्छे राजदार होते हैं दोस्त
जैसे हम अपनी खुशियों को सबके साथ बाटते है वैसे ही हर किसी को अपनी निजी जिंदगी में घट रही दुःख भरी बातों को किसी से बाटने का मन करता है। दोस्त ही वह शख्सियत है जो आप की इच्छाओं को तो उजागर करता है लेकिन आप की खामियों को दबा देता है और उन्हें दूर करने का भी प्रयास करता है।
एक friend चाहिए दोस्ती के लिए
कभी पढाई तो कभी नौकरी या फिर किसी अन्य कारणों से हमें आपको घर से दूर रहना पड़ता है। यही नहीं आजकल एकाकी परिवार के बढते चलन के कारण घर में कोई ऐसा नहीं होता जिससे अपने मन की बात की जा सके। बच्चे घर में माँ-बाप के सामने काफी सारी बाते नहीं कह पाते। ऐसे में उन्हें एक ऐसा friend चाहिए होता है जिससे वह अपने दिल की बात कह सके।
अलग-अलग रंग दोस्ती के
जब हाथ की पाँचों अंगुलियाँ एक सी नहीं होती तो दो friend कैसे एक से हो सकते है ? हर दोस्त की अपनी एक खास बात होती है। जैसे जब कभी कोई पढाकू दोस्त चुटकियों में हमारा होमवर्क पूरा करवा देता है तो वह अलादीन के चिराग के जिन्न से कम नहीं लगता। कोई friend ऐसा होता है जिसके साथ हमें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है और कोई friend ऐसा होता है जिससे हमारा अकसर मतभेद होता रहता है।कुछ मित्र ऐसे होते है जिनसे हम सालों तक सम्पर्क में न रहने के बाद भी एक दिन अचानक मिल जाने पर वही प्यार और अपनापन महसूस करते है। और कुछ मित्र ऐसे होते हैं जो काम निकल जाने के बाद भूल जाते हैं। आमतौर पर बचपन के दोस्त सबसे अच्छे दोस्त होते हैं लेकिन साथ काम करने वाले साथी भी अच्छे दोस्त बन जाते है।
दोस्ती को ऐसे रखें बरकरार
- अपनी व्यस्त दिनचर्या में से थोड़ा वक्त दोस्तों के लिए अवश्य निकालें। उनके साथ सम्पर्क बनाए रखें।
- महीने में कम से कम एक बार दोस्तों के साथ डिनर प्लान करें या कही घूमनें जाएं। ऐसा करने से आप की दोस्ती और मजबूत होगी।
- दोस्तों की quantity से अधिक quality पर ध्यान दें। किसे ने कहा है कि असल दोस्त वही हैं जिन्हें आप बिना किसी झिझक के सुबह चार बजे भी कॉल कर सकें।
- फेसबुक की दोस्ती ठीक है लेकिन असल दोस्ती तो गले लगा कर ही की जाती है, इसलिए अपनी ऑनलाइन एक्टिविटी को अपनी गाढ़ी दोस्ती ना समझें, रियल फ्रेंड्स में टाइम इन्वेस्ट करें। ( Related Read: क्यों ज़रूरी है फेसबुक से बचना! 7 Reasons)
- यदि किसी बात पर आपका अपने दोस्त के साथ मतभेद हो जाता है तो बातचीत करके मामला जल्द ही सुलझा लें क्योंकि अच्छे दोस्त बहुत कम मिलते है।वहीँ दूसरी ओर अगर आप जान गए हैं कि आपका दोस्त सही नहीं है तो उससे मित्रता और ना बढाएं।
अंत में यही कहना चाहूंगी कि-
बने चाहे दुश्मन ज़माना हमारा
सलामत रहे दोस्ताना हमारा…
kuldeep k.s.p says
dosti par bahut hi sundar aur useful bate likhi hai..
thnk u so much realy bahut hi sundar article hai..
vimlesh singh says
प्रेरणादायक पोस्ट है।
Abhishek Kumawat says
bhot hi acha likha hai 🙂
SACHIN BHATI says
Achha article hai Babita G,Achhe dost vo hi hain jo Sukh me hamare sath ho ya na ho,Lekin hamare dukh me “Pathhar” ki tarah khade ho jate hain.
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Richa says
Great Motivation sir , thanks to share with us
kumar says
achhikhabar ki har post apne ap me lifetime new post hi rhti h. apke likhne ka tarika vakai gajab ka h gopal sir.blogging par kuch or post ban jati to achha lagta.
thanks
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राजेश यादव says
दोस्ती पर बहुत अच्छा लेख है। आपके लिखने का तरीका मुझे बहुत पसंद आया। खासकर लेख की headings.
gyanipandit says
Aaj Friendship Day Ke Avsar Par Mere Sabhi Dosto Ko Friendship Day Ki Shubhkamnaye
Happy Friendship Day
dilip says
nice padkar maza aa gya
Shilpa K says
Babita Ji, Dosti Ke Bareme Bilkul Sahi Kaha Aapne Aajkal Ki Dosti To Kya Kuch Bhi Pahle Ke Jaisa Nahi Raha. Esliye Jivan Me Kuch Bhi Karna Ho To Soch Samjh Kar Karna Chahiye Fir Chahe Vo Dosti Hi Kyu Na Ho.