पिछले 1-2 सालों में मुझे बहुत से ऐसे mails / comments आये जिसमे लोगों ने लगभग एक जैसे problem का जिक्र किया है , “ मैं AKC के articles पढ़ के बहुत motivate होता हूँ , कुछ करने की ठानता हूँ …करना शुरू भी करता हूँ ; पर कुछ दिनों बाद मैं दुबारा पहले जैसा हो जाता हूँ ….मेरा सार motivation ख़त्म हो जाता है …मैं demotivated हो जाता हूँ…..”
For ex: कोई decide करता है कि English बोलना सीख के रहेगा ….पर कुछ ही दिनों में उसका जोश ठंडा पड़ जाता है …कोई रोज़ 10 घंटे पढने का time table बनता है पर 10 दिन भी उसपर नहीं चल पाता है ….कोई अपने blog पर काम करना शुरू करता है पर दो -चार post के बाद कुछ नहीं कर पाता…
हो सकता है आपने ऐसी मेल या कमेंट न किया हो , पर chances are high कि आपके साथ भी कुछ ऐसा ही होता होगा या हो चुका होगा , I think ये बहुत natural है , मेरे साथ भी ऐसा कई बार हो चुका है . For instance, एक बार जब मेरी तबीयत खराब हुई थी तो मैं अपनी health को लेकर बहुत conscious हो गया ,ठीक होने के बाद रोज सुबह उठ कर exercise करने लगा …but then ये सब कुछ ही दिन चला और वापस मैं पहले वाली routine पे आ गया .
तो सवाल उठता है कि , “अगर हम कुछ अच्छा शुरू करते हैं तो उसपर कैसे टिके रहे …कैसे अपना momentum बनाये रखें … कैसे अपने काम को अंजाम तक पहुंचाएं ..?”
सबसे पहली चीज : काम तभी शुरू करें जब आप उसके लिए बहुत strongly feel करते हों .दूसरों को देखकर , या कुछ पढ़ के motivate होकर अगर आप कुछ शुरू करते हैं तो in all probability आप जल्द ही उसे छोड़ देंगे . अपनी life और अपने goals को align करिए …बहुत सोच -विचार कर ही कोई काम start करिए फिर चाहे वो किसी competitive exam की तैयारी करने का काम हो या फिर business start करने का . शुरू करने से पहले उसके बारे में खूब सोचिये , पढ़िए , क्या ये वाकई आपके लिए ज़रूरी है , आपके interest का है …नहीं किया तो क्या …किया तो क्या …जब अंत -अंत तक लगे कि हाँ this is very important for me …तभी वो काम शुरू करिए , और शुरू करने के बाद उसपर पूरी तरह से focused रहिये .
Now let’s talk about motivation . मेरी समझ से motivation mind की एक ऐसी state है जिसमे हम खुद को किसी काम को करने के लिए बहुत charged-up महसूस करते हैं . यहाँ notice करने वाली बात ये है कि ये महज दिमाग की एक स्थिति है ….एक ही इंसान बिलकुल एक जैसी परिस्थि में motivated भी feel कर सकता है और demotivated भी . यानि Motivation is all about “ mind-set” . अगर हमें motivated रहना है तो intentionally हमें अपना mind-set positive रखना होगा , अपनी thoughts को पढना और control करना होगा . खुद को positive बनाये रखने के लिए मैंने एक post लिखी थी “ कैसे रखता हूँ मैं खुद को positive?” , आप इसे पढ़ें , hopefully ये आपको हेल्प करेगी .
Motivated हो के काम करने पर हमारी efficiency बढ़ जाती है …मतलब हम उतने ही समय में अधिक काम कर पाते हैं ….पर जो ध्यान देने वाली बात है वो ये कि अगर काम ज़रूरी हो तो हम demotivated state में भी उसे कर सकते हैं , भले हमारी एफिशिएंसी थोड़ी कम हो जाए …. In fact ज्यादातर employees इसी state में काम करते हैं …तो जब हम demotivated रह कर दूसरों के लिए काम कर सकते हैं तो अपने लिए क्यों नहीं ?
जब आपने decide कर ही लिया है कि आपको ये काम करना है तो इसका मतलब आपको ये काम करना है …. अब काम का होना इस बात पर नहीं depend करता कि at the moment आप motivated हैं या demotivated. मैं AKC के लिए लगभग 300 post लिख चुका हूँ , जिसमे हज़ारों quotes के translation भी शामिल हैं ….what do you think…मैं हमेशा charged-up और highly motivated हो कर ही काम करता हूँ ….Noooo…many a times it becomes boring , specially ट्रांसलेशन का काम …लेकिन तब भी मैं काम करता हूँ क्योंकि मैं जानता हूँ ये करना मेरे और मेरे readers के लिए ज़रूरी है .
इसलिए कभी “demotivated” होने का excuse मत दीजिये …काम करना है तो करना है ….there is no other option.
Friends , क्या आपने ध्यान दिया है कि ऐसा कब होता है कि हम demotivated state में भी काम कर ले जाते हैं ?
हम ऐसा तब कर पाते हैं जब काम करने की urgency होती है . पूरे साल मस्ती चलती है पर exam आता है तो पढाई हो जाती है … कभी सुबह नहीं उठ पाते पर जब train पकडनी होती है तो नीद खुल जाती है …काम का होना तब possible हो जाता है जब हमारे अन्दर उसे करने की अर्जेंसी आ जाती है .
Urgency क्या है ? Urgency दरअसल एक तरह का डर है , न पढने पर fail होने का डर , न उठने पर train छूटने का डर . डर भी एक तरह की emotion है जो हमेशा बुरी नहीं होती …ये हमसे ज़रूरी काम करा ले जाती है .
Hmm… तो इसका मतलब हम जो achieve करना चाहते हैं , अपने अन्दर जो changes लाना चाहते हैं वो तब तेजी से आ पाएंगे जब हमारे अन्दर उसे लाने की urgency आ जाये या यूँ कहें कि उसके ना होने पर किसी loss का डर आ जाये .
पर problem ये है कि हम जो करना चाहते हैं उसके न होने पर हमें किसी तरह का डर नहीं दिखता ….शायद हम subconsciously सोचते हैं कि ये तो हमारे अपने बनाये goals हैं इसे नहीं achieve किया तो क्या ….कोई हमसे हिसाब करने थोड़े ही आएगा … और यहीं हम अपने आप को कमजोर कर लेते हैं .
आप ऐसा मत करिए …. मैं नहीं जानता आप किस चीज से डरते हैं पर मैं “भीड़ ” बनने से डरता हूँ …
क्या आपने कभी अपने आस -पास की भीड़ पे ध्यान दिया है ?? station से निकलते वक़्त , office जाते हुए …हज़ारों लोग सड़कों पर चीटियों की तरह चले जा रहे हैं ….पता नहीं इस भीड़ को देखकर आप क्या सोचते होंगे …पर मैं अक्सर यही सोचता हूँ कि मैं इससे अलग कैसे हूँ … मैं ऐसा क्या कर रहा हूँ जो मुझे ख़ास बनाता है ..या मुझे ऐसा क्या करना चाहिए जो मुझे ख़ास बना दे …
अगर मैं भी औरों की तरह बस बेमन का काम करते , दाल -रोटी के चक्कर में ही अपनी life बिता दूँ तो मेरी अपनी नज़रों में मेरे life की कोई value नहीं होगी …मुझे कुछ ख़ास करना है ..कुछ बड़ा ….कुछ ऐसा जो मेरी ही नहीं करोड़ों लोगों की ज़िन्दगी बदल दे .
और ऐसा करने के लिए मेरे पास infinite time नहीं है …मुझे तो इस छोटी सी life में ही बहुत कुछ करना है …. मैं किसी external motivation का इंतज़ार नहीं कर सकता , मैं इसका इंतज़ार नहीं कर सकता कि कोई Shiv Khera आये और मुझे guide करे; मैं तो बढ़ता जाऊँगा ….गलतियाँ करूँगा पर दोहराऊंगा नहीं …मैं इस दुःख के साथ नहीं मरना चाहता कि जो सोचा वो किया नहीं मैं इस ख़ुशी के साथ जीना चाहता हूँ कि मैं जो चाहता हूँ वो कर रहा हूँ ….
क्या आप अपनी ख़ुशी नहीं चाहते ??? क्या आप अपनी life को waste करने से नहीं डरते ???
मत इंतज़ार कीजिये किसी motivation का , वो आती है तो आये …ना आती हो तो ना आये …आपका समय सिमित है उसे बेकार मत कीजिये … और जैसा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा है – उठिए , जागिये और तब तक नहीं रुकिए जब तक आपका लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये.
All the best ! 🙂
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Archana says
Sir, Namaskar mera name archana hai,mai delhi se,age- 21y hu, mai bahut pareshan rahti hu, family problems ko lekar mera ek bhai hai jo bimar rhta hai aksar delhi aiims ka ilaj chal raha hai 4 saal se or v bahut sari chije hai, mai bahut jldi demotivate ho jati hu,mai job bhi krti hu 4 years se, aapka hindi articles padhkar bahut achcha lagta hai utne time tak mind bhi fresh rhta hai par mai problems se nikal nhi pati hu bahut kosis krti hu, pls help me sir.
NARINDER KUMAR says
AN EXCELLENT ARTICLE.
VIJAY MISHRA says
GOPAL YOU ARE REALLY BRILLIANT.GRATE MOTIVATION , KEEP IT UP.
Ratnesh kumar says
Very nice think
Best of lunch bro.