अटल जी चले गए.
दिल भारी हो गया…. पूरे हिन्दुस्तान का! लगा कुछ अज़ीज़ था जो अब नहीं है!
पर ऐसा क्यों हुआ, दिल भारी क्यों हो गया?
वो क्या लगते थे मेरे, आपके, हम सबके… कोई खून का रिश्ता तो नहीं था… आस-पड़ोस में भी नहीं रहते थे…ऐसा भी नहीं कि उनकी पार्टी का वोटर मात्र ही दुखी है… आखिर सबका दिल भारी क्यों हो गया?
क्या इसलिए क्योंकि वे एक बहुत बड़े नेता थे… भारत के प्रधानमन्त्री थे?
नहीं, बल्कि इसलिए क्योंकि वे एक बहुत अच्छे इंसान थे…. एक जिंदादिल खुशमिजाज़ इंसान जिसके लिए सबसे पहले देश था बाकी सब उसके बाद. एक ऐसा सीधा-सरल इंसान जिससे बात करने में बच्चे को भी भय ना हो… एक ऐसा व्यक्ति जिसका दिल इतना बड़ा कि दुश्मनों को भी गले लगा ले…जिसके आँखों में ममता, प्रेम, वात्सल्य का वास हो….जिसकी वाणी इतनी मधुर की उसकी डांट भी प्रिय लगे….
इसलिए उसके जाने पर दिल भारी हो गया!
इंसान को इंसानियत जोड़ती है. जिसमे जितनी अधिक इंसानियत होती है लोग उससे उतनी अधिक मजबूती और गहराई से जुड़ जाते हैं.
अटल जी में वो इंसानियत थी… इसीलिए हम सब आज उनके जाने पर दुखी हैं.
पर अब ये इंसानियत कम क्यों होती जा रही है? अब अटल जैसे व्यक्ति विलुप्त क्यों होते जा रहे हैं… आज सैकड़ों राज नेताओं की भीड़ में एक भी “अटल” क्यों नहीं नज़र आता?
क्या भारत माँ की कोख ने “अटल” व्यक्तित्व के महापुरुषों को जनना बंद कर दिया है?
एक प्रश्न है आपसे और खुद से भी….क्या आप अटल हैं? क्या मैं अटल हूँ?
हैं तो बहुत अच्छा, पर नहीं हैं तो क्यों नहीं?
चलिए पूरा ना सही पर क्या हम थोड़ा-थोड़ा सा “अटल” बन सकते हैं?
क्या हम अपना अभिमान कम कर सकते हैं?
क्या हम अपना दिल बड़ा कर सकते हैं… औरों की त्रुटियों को क्षमा कर सकते हैं?
अपने शब्दों… अपनी वाणी पर संयम रख सकते हैं?
क्या हम विरोधाभास का सम्मान कर सकते हैं…
हर वर्ग…हर धर्म…हर इन्सान का आदर कर सकते हैं…
सबको साथ लेकर चल सकते हैं….
अपने विरोधी के अच्छे कार्यों की प्रशंसा कर सकते हैं
क्या हम मतभेद को मनभेद में बदलने से रोक सकते हैं…
क्या हम एक बेहतर इंसान बन सकते हैं…
चलिए हम श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को एक सच्ची श्रद्धंजलि देते हैं… Facebook पर RIP Atal….. और WhatsApp की DP अटल करने से एक कदम आगे बढ़ते हैं और उस महान व्यक्तित्व के अनंत गुणों के कुछ कण आत्मसात करते हैं.
और यही उन्हें हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी!
wonderful blog.
sahi
schmcuh insaniyat badi cheej hai. hmein apne andar achhe gun viksit karne chahiye
Hello dear
I have been sad this news but they had been great man of India.it’s very good article..
Thank you.
Regards Pk yadav!☺️