Chetan Bhagat Speech in Hindi
चेतन भगत का प्रेरणादायक भाषण
Friends, आज AchhiKhabar.Com पर मैं आपके साथ मशहूर लेखक Chetan Bhagat (चेतन भगत) द्वारा दी गयी एक बेहद Inspirational Speech Hindi में share कर रहा हूँ. यह भाषण उन्होंने Symbiosis BBA Programme 2008 के students के समक्ष दिया था.
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तो चलिए पढते हैं – One of the best inspirational speech by Chetan Bhagat, translated in Hindi:
How to keep your spark alive?
कैसे जलाये रखें अपने अन्दर की चिंगारी को?
Good Morning everyone, मुझे यहाँ बोलने का मौका देने के लिए आप सभी का धन्यवाद. ये दिन आपके बारे में है. आप, जो कि अपने घर के आराम और कुछ cases में दिक्कतों को छोड़ के इस college में आए हैं ताकि ज़िन्दगी में आप कुछ बन सकें. मैं sure हूँ कि आप excited हैं. ज़िन्दगी में ऐसे कुछ ही दिन होते हैं जब इंसान सच -मुच बहुत खुश होता है. College का पहला दिन उन्ही में से एक है.
जब आज आप तैयार हो रहे थे, आपके पेट में हलचल सी हुई होगी. Auditorium कैसा होगा, teachers कैसे होंगे, मेरे नए classmates कौन होंगे —इतना कुछ है curious होने के लिए… मैं इसे excitement कहता हूँ, आपके अन्दर कि चिंगारी (spark) जो आपको एकदम जिंदादिल feel कराती है. आज मैं आपसे इस चिंगारी को जलाये रखने के बारे में बात करने आया हूँ. या दुसरे शब्दों में-
हम अगर हमेशा नहीं तो ज्यादा से ज्यादा समय कैसे खुश रह सकते हैं?
इस चिंगारी कि शुरआत कहाँ से होती है?
मुझे लगता है हम इसके साथ पैदा होते हैं. मेरे 3 साल के जुड़वाँ बच्चों में million sparks हैं. वो Spider-man का एक छोटा सा खिलौना देख के बिस्तर से कूद पड़ते हैं. Park में झूला झूल के वो thrilled हो जाते हैं. पापा से एक कहानी सुनके उनमे उत्तेजना भर जाती है. अपना Birthday आने के महीनो पहले से वो उलटी गिनती करना शुरू कर देते हैं कि उस दिन cake काटने को मिलेगा.
मैं आप जैसे students को देखता हूँ और मुझे आपके अन्दर भी कुछ spark नज़र आता है. पर जब मैं और बड़े लोगों को देखता हूँ तो वो मुश्किल से ही नज़र आता है. इसका मतलब, जैसे -जैसे हमारी उम्र बढती है, spark कम होते जाते हैं. ऐसे लोग जिनमे ये चिंगारी बिलकुल ही ख़तम हो जाती है वो मायूस, लक्ष्यरहित और कड़वे हो जाते हैं. Jab We met के पहले half की करीना और दुसरे half की Kareena याद है ना? चिंगारी बुझ जाने पे यही होता है.
तो भला इस Spark को बचाएँ कैसे?
Spark को दिए की लौ की तरह imagine कीजिये. सबसे पहले उसे nurture करने की ज़रुरत है —उसे लगातार इंधन देने की ज़रुरत है. दूसरा, उसे आंधी-तूफ़ान से बचाने की ज़रुरत है.
Nurture करने के लिए, हमेशा लक्ष्य बनाएं .यह इंसान कि प्रवित्ति होती है कि वह कोशिश करे, सुधार लाये और जो best achieve कर सकता है उसे achieve करे. दरअसल इसी को Success कहते हैं. यह वो है जो आपके लिए संभव है. ये कोई बाहरी माप -दंड नहीं है – जैसे company द्वारा दिया गया Package, कोई car या कोई घर.
हममे से ज्यदातर लोग middle-class family से हैं. हमारे लिए, भौतिक सुख -सुविधाएं सफलता की सूचक होती हैं, और सही भी है. जब आप बड़े हो जाते हैं और पैसा रोज़ -मर्रा कि ज़रूरतों को पूरा करने के लिए ज़रूरी हो जाता है, तो ऐसे में financial freedom होना एक बड़ी achievement है.
लेकिन यह ज़िन्दगी का मकसद नहीं है. अगर ऐसा होता तो Mr. Ambani काम पर नहीं जाते. Shah Rukh Khan घर रहते और और -ज्यादा dance नहीं करते. Steve Jobs और भी अच्छा iPhone बनाने के लिए मेहनत नहीं करते, क्योंकि Pixar बेच कर already उन्हें कई billion dollars मिल चुके हैं. वो ऐसा क्यों करते हैं? ऐसा क्या है जो हर रोज़ उन्हें काम पर ले जाता है?
वो ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि ये उन्हें ख़ुशी देता है. वो ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि ये उन्हें जिंदादिली का एहसास करता है. अपने मौजूदा स्तर में सुधार लाना आपको एक अच्छा एहसास दिलाता है. अगर आप मेहनत से पढ़ें तो आप अपनी rank सुधार सकते हैं. अगर आप लोगों से interact करने का प्रयत्न करें तो आप interview में अच्छा करेंगे. अगर आप practice करें तो आपके cricket में सुधार आएगा. शायद आप ये भी जानते हों कि आप अभी Tendulkar नहीं बन सकते, लेकिन आप अगले स्तर पर जा सकते हैं. अगले level पे जाने के लिए प्रयास करना ज़रूरी है.
प्रकृति ने हमें अनेकों genes के संयोग और विभिन्न परिस्थितियों के हिसाब से design किया है. खुश रहने के लिए हमें इसे accept करना होगा, और प्रकृति कि इस design का अधिक से अधिक लाभ उठाना होगा. ऐसा करने में Goals आपकी मदद करेंगे.
अपने लिए सिर्फ career या academic goals ही ना बनाएं. ऐसे goals बनाएं जो आपको एक balanced और successful life दे. अपने break-up के दिन promotion पाने का कोई मतलब नहीं है. कार चलाने में कोई मज़ा नहीं है अगर आपके पीठ में दर्द हो.दिमाग tension से भरा हो तो भला shopping करने में क्या ख़ुशी होगी?
आपने ज़रूर कुछ quotes पढ़े होंगे — ज़िन्दगी एक कठिन race है, ये एक marathon है या कुछ और. नहीं ऐसा नहीं है, जो मैंने आज तक देखा है-
ज़िन्दगी nursery schools में होने वाली उस race की तरह है जिसमे आप चम्मच में रखे मार्बल को अपने मुंह में दबा कर दौड़ते हैं. अगर मार्बल गिर जाये तो दौड़ में first आने का कोई अर्थ नहीं है.
ऐसा ही ज़िन्दगी के साथ है जहाँ सेहत और रिश्ते उस मार्बल का प्रतीक हैं. आपका प्रयास तभी सार्थक है जब तक वो आपके जीवन में सामंजस्य लाता है.नहीं तो, आप भले ही सफल हो जायें, लेकिन ये चिंगारी, ये excited और जिंदा होने की feeling धीरे – धीरे मरने लगेगी!
Spark को nurture करने के बारे में एक आखिरी चीज —ज़िन्दगी को संजीदगी से ना लें ….don’t take life seriously. मेरे एक योगा teacher class के दौरान students को हंसाते थे. एक student ने पूछा कि क्या इन Jokes कि वजह से योगा practice का समय व्यर्थ नहीं होता? तब teacher ने कहा – “Don’t be serious be sincere.”
तबसे इस Quote ने मेरा काम define किया है. चाहे वो मेरा लेखन हो, मेरी नौकरी हो, मेरे रिश्ते हों या कोई और लक्ष्य. मुझे अपनी writings पर रोज़ हज़ारों लोगों के opinions मिलते हैं. कहीं खूब प्रशंशा होती है कहीं खूब आलोचना. अगर मैं इन सबको seriously ले लूं, तो लिखूंगा कैसे? या फिर, जीऊंगा कैसे?
ज़िन्दगी गंभीरता से लेने के लिए नहीं है, हम सब यहाँ temporary हैं. हम सब एक pre-paid card की तरह हैं जिसकी limited validity है.
अगर हम भाग्यशाली हैं तो शयद हम अगले पचास साल और जी लें. और 50 साल यानि सिर्फ 2500 weekends.क्या हमें सचमुच अपने आप को काम में डुबो देना चाहिए? कुछ classes bunk करना, कुछ papers में कम score करना, कुछ interviews ना निकाल पाना, काम से छुट्टी लेना, प्यार में पड़ना, spouse से छोटे -मोटे झगड़े होना…सब ठीक है…हम सभी इंसान हैं, programmed devices नहीं!
मैंने आपसे तीन चीजें बतायीं – reasonable goals, balance और ज़िन्दगी को बहुत seriously नहीं लेना – जो spark को nurture करेंगी.
लेकिन ज़िन्दगी में चार बड़े तूफ़ान आपके दिए को बुझाने की कोशिश करेंगे. इनसे बचने बहुत ज़रूरी है. ये हैं निराशा (disappointment),कुंठा ( frustration), अन्याय (unfairness) और जीवन में कोई उद्देश्य ना होना (loneliness of purpose.)
निराशा तब होगी जब आपके प्रयत्न आपको मनचाहा result ना दे पाएं. जब चीजें आपके प्लान के मुताबिक ना हों या जब आप असफल हो जायें. Failure को handle करना बहुत कठिन है, लेकिन जो कर ले जाता है वो और भी मजबूत हो कर निकलता है. इस failure से मुझे क्या सीख मिली? इस प्रश्न को खुद से पूछना चाहिए. आप बहुत असहाय feel करेंगे, आप सबकुछ छोड़ देना चाहेंगे जैसा कि मैंने चाहा था, जब मेरी पहली book को 9 publishers ने reject कर दिया था. कुछ IITians low-grades की वजह से खुद को ख़तम कर लेते हैं, ये कितनी बड़ी बेवकूफी है? पर इस बात को समझा जा सकता है कि failure आपको किस हद तक hurt कर सकता है.
पर ये ज़िन्दगी है. अगर चुनौतियों से हमेशा पार पाया जा सकता तो, तो चुनौतियाँ चुनौतियाँ नहीं रह जातीं. और याद रखिये — अगर आप किसी चीज में fail हो रहे हैं,तो इसका मतलब आप अपनी सीमा या क्षमता तक पहुँच रहे हैं. और यहीं आप होना चाहते हैं.
Disappointment का भाई है frustration, दूसरा तूफ़ान. क्या आप कभी frustrate हुए हैं? ये तब होता है जब चीजें अटक जाती हैं. यह भारत में विशेष रूप से प्रासंगिक है. ट्राफिक जाम से से लेकर अपने लायक job पाने तक. कभी-कभी चीजें इतना वक़्त लेती हैं कि आपको पता नहीं चलता कि आपने अपने लिए सही लक्ष्य निर्धारित किये हैं.
Books लिखने के बाद, मैंने bollywood के लिखने का लक्ष्य बनाया, मुझे लगा उन्हें writers की ज़रुरत है. मुझे लोग बहुत भाग्यशाली मानते हैं पर मुझे अपनी पहली movie release के करीब पहुँचने में पांच साल लग गए.
Frustration excitement को ख़त्म करता है, और आपकी उर्जा को नकारात्मकता में बदल देता है, और आपको कडवा बना देता है. मैं इससे कैसे deal करता हूँ?
लगने वाले समय का realistic अनुमान लगा के.. भले ही movie देखने में कम समय लगता हो पर उसे बनाने में काफी समय लगता है, end-result के बजाय उस result तक पहुँचने के प्रोसेस को एन्जॉय करना, मैं कम से कम script-writing तो सीख रहा था, और बतौर एक side-plan मेरे पास अपनी तीसरी किताब लिखने को भी थी और इसके आलावा दोस्त, खाना-पीना, घूमना ये सब कुछ frustration से पार पाने में मदद करती हैं.
याद रखिये, किसी भी चीज को seriously नहीं लेना है. Frustration, कहीं ना कहीं एक इशारा है कि आप चीजों को बहुत seriously ले रहे हैं.
Unfairness ( अन्याय ) – इससे deal करना सबसे मुश्किल है, लेकिन दुर्भाग्य से अपने देश में ऐसे ही काम होता है. जिनके connections होते हैं, बड़े बाप होते हैं, खूबसूरत चेहरे होते हैं,वंशावली ( pedigree) होती है, उन्हें सिर्फ Bollywood में ही नहीं बल्कि हर जगह आसानी होती है. और कभी -कभी यह महज luck की बात होती है.
India में बहुत कम opportunities हैं, इसलिए कुछ होने के लिए सारे ग्रह-नक्षत्रों को सही स्थिति में होना होगा. Short-term में मिलने वाली उपलब्धियां भले ही आपकी merit और hard –work के हिसाब से ना हों पर long-term में ये ज़रूर उस हिसाब से होंगी, अंततः चीजें work-out करती हैं. पर इस बात को समझिये कि कुछ लोग आपसे lucky होंगे.
दरअसल अगर Indian standards के हिसाब से देखा जाये तो आपको College में पढने का अवसर मिलना, और आपके अन्दर इस भाषण को English में समझने की काबिलियत होना आपको काफी lucky बनाता है. हमारे पास जो है हमें उसके लिए एहसानमंद होना चाहिए, और जो नहीं है उसे accept करने की हमारे अन्दर शक्ति होनी चाहिए.
मुझे अपने readers से इतना प्यार मिलता है कि दुसरे writers उसके बारे में सोच भी नहीं सकते. पर मुझे साहित्यिक प्रशंशा नहीं मिलती है. मैं Aishwarya Rai की तरह नहीं दीखता हूँ पर मैं समझता हूँ कि मेरे दोनों बेटे उनसे ज्यादा खूबसूरत हैं. It is OK. Unfairness को अपने अन्दर कि चिंगारी को बुझाने मत दीजिये.
और आखिरी चीज जो आपके spark को ख़तम कर सकती है वो है Isolation(औरों से अलग होने की स्थिति).
आप जैसे जैसे बड़े होंगे आपको realize होगा कि आप unique हैं. जब आप छोटे होते हैं तो सभी को ice-cream और spider-man अच्छे लगते हैं. जब आप college में जाते हैं तो भी आप बहुत हद तक अपने बाकी दोस्तों की तरह ही होते हैं. लेकिन दस साल बाद आपको पता लगता है कि आप unique हैं. आप जो चाहते हैं, आप जिस चीज में विश्वास राखते हैं, वो आपके सबसे करीबी लोगों से भी अलग हो सकती है. इस वजह से conflict हो सकती है क्योंकि आपके goals दूसरों से match नहीं करते. और आप शायद उनमे से कुछ को drop कर दें.
College में Basketball के कप्तान रह चुके, दूसरा बछा होते -होते ये खेल खेलना छोड़ देते हैं. जो चीज उन्हें इतनी पसंद थी वो उसे छोड़ देते हैं. ऐसा वो अपनी family के लिए करते हैं. पर ऐसा करने में Spark ख़तम हो जाता है. कभी भी ऐसा compromise ना करें. पहले खुद को प्यार करें फिर दूसरों को.
मैंने आपको चारों thunderstorms – disappointment, frustration, unfairness and isolation के बारे में बताया. आप इनको avoid नहीं कर सकते, मानसून की तरह ये भी आपके जीवन में बार -बार आते रहेंगे. आपको बस अपना raincoat तैयार रखना है ताकि आपके अन्दर कि चिंगारी बुझने ना पाए.
मैं एक बार फिर आपका आपके जीवन के सबसे अच्छे समय में स्वागत करता हूँ. अगर कोई मुझे समय में वापस जाने का option दे तो निश्चित रूप से मैं college वापस जाना चाहूँगा. मैं ये आशा करता हूँ कि दस साल बाद भी, आपकी आँखों में वही चमक होगी जो आज है, I hope कि आप अपने अन्दर की चिंगारी को सिर्फ college में ही नहीं बल्कि अगले 2500 weekends तक ज़िन्दा रखेंगे. और मैं आशा करता हूँ कि सिर्फ आप ही नहीं बल्कि पूरा देश इस चिंगारी को ज़िन्दा रखेगा, क्योंकि इतिहास में किसी भी और पल से ज्यादा अब इसकी ज़रुरत है.
और ये कहना कितना अच्छा लगेगा कि —मैं Billion Sparks की भूमि से वास्ता रखता हूँ.
Thank You.
Chetan Bhagat
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Himanshu Grewal says
bahut bahut bahut he achi inspirational story hai sir… really maja a gya.
please esi or bhi story hamare sath share karte raho.
Prashant r Tulshikar says
Thanks sir….आपने अपने आप को बदलने का कुछ अलग तरह से suggestions दिया है
Himanshu says
Really man, mene internet par bhut sari inspirational story padi but really ye bhi ek bhut achi story hai. ThankYou apne itni achi story hmare liye likhi jisko pdkr hum life mai kuch bda kar paye 🙂
Indrajeet says
Very inspirational speech …
Mai life ko jayeda serious nhi leta tha…
But dosto ne kaha serious rha karo tabhi aage badhoge.
But this speech gave me my lost energy that I m right that time and now also.
ankit parmar says
very nice life ko seriouslly nahi lena h… i like this sentense.
Kiran Mane says
thank you sir for this valuable thoughts,
thank you
pawan kumar says
I m Impress very nice, thank for the story, ya i known this story will change my lift.
Tassauwer Ansari says
Very nice inspirational speech thank you bhagat sir
Ritesh Sharma says
excellent, we know all those things but just disappear from our routine life. thanks lot for remind them and make it spark again. feel good after reading.
shiv kumar says
very very nice and inspirational speech. मेहनत करने के बावजूद मनचाहा न मिलने का मतलब यह नहीं है की आप असफल हो गए। इसका मतलब है की आपने सफलता तक पहुचने की एक ओर सीढ़ी चढ़ी है। एडीसन ने जब पहली बार बल्ब बनाया था तो उन्हे भी 10,000 बार मनचाहा नहीं मिला था। हैरी पॉटर की लेखिका जे के रौलिंग के मेहनत करने के बावजूद जब उन्होने अपना पहला नॉवेल लिखा था तो वो भी कई बार रिजैक्ट हुआ था लेकिन उन्होने मेहनत करना नहीं छोड़ा। ऐसे और भी हजारो उदहारण मिल जाएंगे। अगर ये सब भी अपने आपको एक failure समझते तो कभी आगे नहीं बड़ पाते