कुछ दिनों पहले मैं महात्रिया रा जी की किताब “अप्रेषित पत्र” पढ़ रहा था , मुझे ये किताब बहुत अच्छी लगी , और आज इसी किताब से प्रेरणा लेते हुए मैं आपसे अपनी कुछ thoughts share करना चाहता हूँ।
एक सवाल से शुरू करते हैं ?
दुनिया में अच्छाई अधिक है या बुराई ?
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क्या उत्तर मन में आया ?
मैंने यही प्रश्न अपने कुछ दोस्तों से पुछा , मुझे mixed answers मिले कुछ ने अच्छाई को अधिक बताया तो कुछ ने बुराई को ! पर ज्यादातर लोगों ने अच्छे को ही अधिक बताया , और मुझे भी ऐसा ही लगता है।
चलिए इसे ऐसे देखते हैं ….
आप कितने अच्छे लोगों को जानते हैं …. इसमें दुनिया भर के लोगों को ना लेकर बस उन्हें लीजिये जिन्हे आप personally जानते हों ….
मेरी अच्छे लोगों की list तो बहुत लम्बी है , और बुरे में बस कुछ एक्का -दुक्का लोग ही हैं।
Of course , कौन अच्छा है और कौन बुरा ये बहुत subjective चीज है , जो आपको अच्छा लगता है वो किसी और को बुरा लग सकता है and vice-versa , पर यहाँ आपको बस ये देखना है कि जो आपको अच्छा लगता है वो अच्छा है और जो आपको बुरा लगता है वो बुरा है।
तो आपकी list कैसी बानी ?
मुझे लगता है , ज्यादातर लोगों की list में अच्छे लोग ही अधिक होंगे … यानि जब हर किसी की list में अच्छे लोग जयादा हैं तो दुनिया में अच्छाई भी अधिक होगी …isn’t it?
Definitely, अच्छाई अधिक है , इस दुनिया में अच्छे लोगों की कोई कमी नहीं है पर फिर भी हर तरफ , अखबारों में …news channels पर …. गली – चौराहों पे , बुराई का ही बोल-बाला क्यों है ??
दुनिया में अच्छाई अधिक होने के बावजूद बुराई अधिक क्यों जान पड़ती है …. ऐसा क्यों है कि मुट्ठी भर लोगों के बुराई की चीख लाखों लोगों के अच्छाई की आवाज़ को दबा देती है ?
आज हम बुरी ख़बरों में इतना उलझे हुए हैं कि हमारा ध्यान बुराई से हटता ही नहीं, चंद लोगों की बुराई को ही हमें बार -बार दिखाया जाता है , उसपे चर्चाएं होती हैं और इसी वजह से पूरे माहौल में ही बुराई घुल सी गयी है , और जैसा कि Law of Attraction कहता है , ” सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में हम जिस चीज पर ध्यान केन्द्रित करते हैं उस चीज में आश्चर्यजनक रूप से विस्तार होता है ।” , और यहाँ तो कोई व्यक्ति विशेष नहीं पूरा का पूरा देश ही बुराई पर अपना ध्यान लगाये बैठे है , और यह भी एक बड़ी वजह है कि हमें आये दिन और अधिक बुराई देखने को मिलती है !
सोचिये , अच्छाई अधिक है तो भी बुराई के विस्तार को रोक नहीं पा रही … क्यों ?
क्या हम भी इसके जिम्मेदार हैं ?
मुझे लगता है हैं-
जब किसी restaurant में हमें ख़राब dinner serve होता है तो हम दस जगह इस बारे में बताते हैं लेकिन जब कोई waiter हमारे साथ बहुत सलीके से पेश आता है तो इस बात को ज्यादा लोगों से share नहीं करते …जब कोई सरकारी कर्मचारी हमारा काम करने में देर लगता है तो हम सबसे इसका रोना रोते हैं पर जब वही कर्मचारी ये काम efficiently कर देता है तो हम इसकी बात कहीं नहीं करते …ज़ब हमें हमारे colleague में कोई कमी दिखती है तो हम उसकी gossip तो कर लेते हैं पर दिल खोल कर उसकी तमाम अच्छाईओं के बारे में बात नहीं करते… ये बुराई को बढ़ाना नहीं तो और क्या है ??
Friends, शायद सालों से feed करी जा रही negativity की वजह से हम कुछ ऐसे programmed हो गए हैं कि हम inherently अच्छे होने के बावजूद बुराई की तरफ आकर्षित होते हैं उसका प्रचार करते फिरते हैं… हमें इस programming को बदलना होगा … हमें सबकी नहीं बस अपनी जिम्मेदारी लेनी होगी … deliberately हमें अच्छाई को बढ़ावा देना होगा …
क्यों न हम बुराई की चीख को अच्छाई की गूँज से दबा दें … क्यों न हम हमारे साथ होने वाले हर एक positive experience को amplify कर दें … उसका शोर मचा दें … इतना कि अच्छाई की उस गूँज में बुराई की चीख सुनाई ही न पड़े !
हो सकता है आप कहें कि अगर अखबारों में , news channels पर negative news आती है तो इसमें हम क्या कर सकते हैं ???
Actually मैं इसके लिए कुछ करने के लिए कह भी नहीं रहा , मैं तो बस इतना कहना चाहता हूँ कि आपके साथ जो कुछ positive हो रहा है , आपको जो कुछ भी positive पता चल रहा है , चाहे वो किसी भी चीज के बारे में हो ,वो कोई व्यक्ति हो , कोई किताब हो , कोई movie हो या कोई बात , उसे अपने तक ना रखें उसे लोगों से बांटें … उसका विस्तार करें … मैं आपसे बुरी खबर को रोकने के लिए नहीं कह रहा मैं तो बस आपसे अच्छी ख़बर को बढ़ाने की appeal कर रहा हूँ ….
क्योंकि ये जो बुरी खबर है वो सिर्फ एक खबर नहीं है वो एक तरह की बीमारी है और जब किसी बीमारी को लम्बे समय तक address नहीं किया जाता है तो वो cancer बन जाती है , हमें इस बुराई की बीमारी को कैंसर नहीं बनने देना होगा …हमे इसका इलाज करना होगा और इसका इलाज एक ही है ……… अच्छाई की गूँज !
Thank You !
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Namskaar,
Yakinan dunia men achchhaai hi adhik hai. Jaankaar log kahte bhi hain ki achchhaai ki badaulat hi dunia chalti hai. Ek sundar vichaar prastut karne ke liye lekhak/lekhikaa badhaai ke paatra hain. Apni sabhi zimmedaariyon ka nirvaah poori nishtha aur khushi se karna, har or positivity ki khoj aur is aapaadhaapi ke samay men apnaa chitta shaant rakh paane men saflataa bhi, mere vichaar se achchhai ko badhaane me sahaayak ho sakte hain. Dhanyawaad.
Sir sorry but maximum achhe log sirf apne profit me liye apke sath achha hone ka Natal karte h unse kabhi achhai or sachhai ke liye kuchh karne ko bolo to reality pata chale
आपकी बात काफी हद तक सही है ,परन्तु कही ण कही नैतिक पतन तो हुआ है इसी कारण हमारी सोच भी नकारात्मक हो गयी है .
Isme koi sandeh nhi ki duniya m achhai adhik h bus jarurat h use badhawa dene ki jo hum sab milkar kar skte hain achhai ko jyada tarjeeh dekar u r realy great sir thanks
Sir thanks ki aapne to bahut hi achhi khabar di hame ki Hamesha positive ko hi failana hai.
sir kuchh vimariyo se joojh raha tha. to mere life me foreverlivingproducts aaye jisko estemal karke mai aaj thik hu. aur jo log estemal karna chahte hai o bhi estemal kar sakte hai kyoki eska koe side efects nahi hai. aur faida hi faida hai. contact by Email kk777shiva@gmail.com
अच्छे लोगों के लिए तो अक्सर अच्छाई है
Positive Thoughts very nice.
Let’s start now…………………….. अच्छाई की गूँज !
last Tuesday mai office ke liye ja rahi thi to raste me mere vehicle ka petrol finished oh gaya. maine vehicle side me liya aur khadi ho gayi. Itne me ek person jo unknown tha vo ruka usne pucha ki kya problem hai petroltank fuka to bhi start nahi hui aur bola, mam pass me hi mera office hai me apne gadi se petrol nikar deta hu.
Maine Thanks kaha. It mean’s that duniya me only acche log hai. muze aaj tak bure log nahi mile.
Yes very true
Muze aap ki ye baat bahut sahi lagi. Hume achhai ki matra badhani chahiye, at least ye to hum kar sakte hai. Hum jo nahi kar sakte uspar rone se behtar hai ke hum jo kar sakte hai woh kar k khush ho jaye.
Duniya me no dought achchai jyada hai sir….
Har insan ke andar burai ka Rawan baitha hua h but us Rawan ko marne ke liye kai Ram baithe huye h bashrte hum Hanuman bankar thodi kosis kare….
Sir aap definitely ek great job kar rahe h is samaj ko sudridh banane ke liye…..
Thank you….
Sir i also believe on law of attraction .really when i learn a new word from english dictionary then in few days i met that word ,that time i feel very happy…that is amaging