योगी आदित्यनाथ की जीवनी | Yogi Adityanath Biography Hindi
योगी आदित्यनाथ का मूल नाम अजय सिंह बिष्ट है. उनका जन्म 5 जून 1972 के दिन उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ था. उनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट था, जो एक फॉरेस्ट रेंजर थे. वे सात भाई-बहनों में पांचवें स्थान पर हैं, और आज वे BJP के Fire Brand नेता माने जाते हैं. सोशल मिडिया में तो उन्हें PM नरेन्द्र मोदी के बाद अगले PM के तौरपर भी देखा जाता है. इस कद्दावर नेता को उनके प्रशंसक “बुलडोजर बाबा” के नाम से भी संबोधित करते हैं. हिन्दू सभ्यता और सनातन धर्म के प्रबल समर्थक “योगी जी” साधू वेश धारण किये हुए सर्वधर्म सुरक्षा में विश्वास रखते हैं. उनकी राजनीती में देश की माताओं बहनों की सुरक्षा सब से ऊपर रहती है. गुंडों, दंगाईओं के लिए योगी आदित्यनाथ एक दुस्वप्न समान है, क़ानूनी करवाई के उपरांत प्रोपर्टी जप्त करना, ध्वस्त करना और जरुरत पड़ने पर दबंगों की पुलिस प्रशासन द्वारा खातिरदारी करवाना उनके अहम् शस्त्र माने जाते हैं. (Yogi Adityanath Biography Hindi)
अभ्यास और दीक्षा
उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में स्नातक की पढ़ाई की. उसी समय वे राम मंदिर आंदोलन से प्रभावित हुए. उसके बाद उन्होंने वर्ष 1993 में निश्चय किया की वे गोरखपुर “गोरखनाथ मठ” से जुड़ेंगे, शिग्र ही उन्होंने महंत अवैद्यनाथजी से दीक्षा ली और सन्यास ग्रहण किया।
राजनीती में आगमन
वर्ष 1988 में, केवल 26 वर्ष की उम्र में वे बारहवी लोकसभा में विजय हासिल कर के गोरखपुर के सांसद बने. उसके पश्चात वर्ष 2002 में उन्होंने “हिन्दू युवा वाहिनी” का गठन किया. उसके बाद वर्ष 2004 में उन्होंने तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीता. फिर 2009 में 2 लाख वोट से विजय प्राप्त कर के वे लोकसभा पहुंचे और वर्ष 2014 में भी उन्होंने बड़े मार्जिन से जीत हासिल की. वर्ष 1998 से वर्ष 2017 तक लगातार वे पाँच बार सांसद चुने गए।
फिर 19 मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री का पद सौंपा गया। और वे समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव के बाद उत्तरप्रदेश के CM बने थे.
मुख्यमंत्री पद पर आने के बाद उन्होंने अपने राज्य में बहुत अच्छे कार्य किये हैं. स्वास्थ्य, सिक्षा और परिवहन को सुगम बनाने के लिए सड़कों का विकास ज़ोरों-शोरों से किया. BJP के यह नेता अपने तीखे तर्रार और स्पष्ट विचारों के लिए प्रसिद्ध है, वैसे राजनेता का स्वभाव होता है, अधिक बोलना और कम काम करना, लेकिन योगी आदित्य नाथ, इसके उलट हैं, वे बोलते हैं उस से ज्यादा कर के दिखाते हैं.
आजमगढ़ में हिंसक हमला
दिन 7 सितम्बर 2008, जगह आजमगढ़. करीब सेकड़ो लोगों की भीड़ उमड़ आई, योगी जी के काफिले को घेर लिया और कई लोगों को लहूलुहान कर दिया. इसके बाद इस्लामिक त्यौहार मोहर्रम में फायरिंग हुई तब एक हिन्दू युवक की मृत्यु हो गई, लेकिन जब वह घायल था तो योगी जी ने अस्पताल जाने की ज़िद की, लेकिन कर्फ्यू था.
जिल्ला अधिकारी के भी स्पष्ट आदेश थे की वहां कोई न जाए. लेकिन योगी आदित्यनाथ रुकने वालों में कहाँ थे. अगले ही दिन उन्होंने उस लड़के की मौत के बाद श्रधान्जली सभा की घोषणा की, लेकिन उसके लिए भी प्रसाशन ने ना कह दी. फिर योगी जी नहीं रुके, उन्होंने इस आदेश की अवहेलना करते हुए हजारों समर्थकों के साथ अपनी गिरफ़्तारी दी. फिर आदित्यनाथ को सीआरपीसी की धारा 151A, 146, 147, 279, 506 के तहत कारावास भेज दिया गया. उनपर हुई कार्यवाही का असर ये हुआ कि, मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस ट्रेन के कुछ डिब्बे उग्र भीड़ ने फूंक दिए गए, कहा जाता है की इस घटना का आरोप उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगा था.
धर्मान्तरण विरोध और गौ रक्षा
हिन्दू संस्कृति में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है. अगर कोई व्यक्ति इस बात को न भी माने तो, गाय एक ऐसा शांत पशु है जो बिना कारण किसी को परेशांन नहीं करेगा, इसके आलावा गौमूत्र के स्वास्थ्य लाभ, गोबर से इंधन, गाय का दूध बच्चों के लिए अमृत समान, इन सब तथ्यों के बाद भी कुछ क्रूर लोग मांस के लिए इस निर्दोष जिव की हत्या करते हैं.
इसी लिए योगीजी ने गौसेवा और गौरक्षा का बीड़ा उठाया है. इसके अलावा विधर्मी यूवतीयों को बर्गला कर फंसा कर उनसे शादी कर के बेहिसाब बच्चे पैदा करना, फिर उनके लिए सरकार से बार बार मदद माँगना और ना मिलने पर कट्टरता और जातिवाद के जोर पर उपद्रव करना, इस तरह की कुरीतियां भी चरम पर है, इसी लिए Yogi Adityanath अनैतिक और जबरन धर्म परिवर्तन के प्रबल विरोधी हैं.
वर्ष 2005 में एटा जिले में 1800 इसाईयों का शुद्धिकरण किया गया और उन्हें हिन्दू धर्म में शामिल किया गया. इन्हें अलग अलग समय पर बर्गला कर या लालच दे कर इसाई बनाया गया था जिनकी घर वापसी का श्रेय “योगी आदित्यनाथ” को जाता है.
CM Yogi Adityanath के चर्चित कार्य
UP में लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून लागु किया.
अयोध्या में दीपोत्सव जैसे धार्मिक कार्य की शुरुआत की.
UP में महिला सुरक्षा संगठन की मजबूत नीव रखी.
वर्तमान तकनिकी और डिजिटल सेवा को बल दिया.
गंगा स्वच्छ मिशन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया.
उन्होंने ब्रज, विंध्य और बुंदेलखंड में पर्यटन को बल दिया.
वर्ष 2022 में वे दूसरी बार UP के चीफ मिनिस्टर बने.
CM Yogi का मनोबल
राजनेता के तौरपर, कठोर निर्णय ले कर ध्यान खींचना सब को आता है. लेकिन अपने निर्णयों पर बने रहना सभी राजनेताओं के बस की बात नहीं. क्यूँ की ऐसा करना कई बड़े नेताओं को नाराज कर सकता है, बड़ा वोट बेंक हाथ से छिटक सकता है. लेकिन योगी कभी इस बात से डरे नहीं, UP में धड़ल्ले से चल रहे अवैध बुचड़खाने जड़ से उखाड़ दिए, राज्य में एंटी रोमियो स्क्वार्ड का गठन किया और जो अफसर घुस लेते या काम में धांधली करते हुए पकड़े गए उन पर कार्रवाई भी की. राजभक्ति की राह में योगीजी ने कभी यह नहीं सोचा की, किस अपनी या पराई, पार्टी से बैर होगा या कौनसा सीनियर नेता रुष्ठ होगा, उनकी यही आदतें पब्लिक में उन्हें पॉपुलर बनाती गई.
राम मंदिर समर्थन और कोरनाकाल में सहियोग
हैरत की बात है की, हिन्दू बाहुल्य देश भारत में भगवान् राम की जन्मभूमि पर उनका मंदिर बनाने के लिए कई वर्षों तक विवाद-तकरार हुआ, अंत में मनोरथ सफल भी हुआ. लेकिन इस संघर्ष में बहुत से राजनेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हर मंच पर पुरजोर मेहनत की. योगीजी ने भी इस पवित्र कार्य में योगदान दिया. फिर जब चीनी वाइरस “कोरोना” ने पूरी दुनियां को लपेटे में लिया तो 2019-20 में हाहाकार मच गया था. उस काल में मध्यम वर्ग और मजदुर वर्ग की बुरी हालत थी. ऐसे में उन्हें भोजन और दवाइयां ऑक्सीजन मुहैया करना और घर भेजना, एक विकट समस्या थी, फिर ऐसे में UP जैसे बड़े स्टेट में यह काम और मुश्किल बन जाता है, फिर भी CM Yogi Adityanath ने इस कठिन घड़ी में, सैयम से काम लेते हुए यथा संभव आम लोगों की सहायता की और राजधर्म निभाया.
स्वास्थ्य क्षेत्र और पर्यटन विकास
योगी जी के प्रयासों से गोरखपुर में AIIMS की सफल स्थापना हुई और मेडिकल कॉलेजों की संख्या में भी बहुत वृद्धि हुई, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं पूर्व समय से बेहतर हो सकी हैं। कुंभ मेला, अयोध्या, वाराणसी और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। इसके अलावा एक जिला एक उत्पाद (ODOP) योजना के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित कर के उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने का पुरजोर प्रयास किया गया है।
साधारण और सादगीपूर्ण जीवनशैली
योगी आदित्यनाथ बेहद सादा जीवन जीते हैं। वे हर दिन योग, पूजा और मठ की परंपराओं का पालन करते हुए अपने राज्य की निस्वार्थ सेवा करते हैं. उनकी चाहना देश की सीमाओं तक सिमित नहीं है, विदेशों में भी उनकी चर्चा होती है, BJP Party में जब अहम् फैसले लेने होते हैं तो उनका मत बहुत अहम् होता है. उनकी राजनैतिक समझ, अडिग मनोबल और राष्ट्रभक्ति वन्दनीय है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस जोश और ईमानदारी के साथ हर क्षेत्र में भारत को आगे बढ़ा रहे हैं उनके साथ और उनके बाद Yogi Adityanath जैसे गुणी नेताओं की जरुरत होगी ही, तभी इंडिया सुरक्षा और सफलता की तरफ निरंतर अग्रसर होता रहेगा. “जय हिन्द”
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Yogi ji mahan hain… mian Gorakhpur ka hun, unhone is shahar ko chamka diya hai. Agle PM yahi ahin
nice blog
thanks for sharing blog about cm yogi adityanath biography.
Reading the biography of Yogi Adityanath is truly inspiring. From a simple background to becoming the Mahant of Gorakhnath Math and then the Chief Minister of Uttar Pradesh, his journey reflects discipline, dedication, and a deep sense of service to the nation. His leadership qualities, strong decision-making, and commitment to public welfare are truly admirable. This biography serves as a great source of motivation for youth who aspire to bring change in society and serve the country with honesty and courage. A truly powerful and enlightening life story.
– Deepak Singh
योगी आदित्यनाथ एक कर्मठ, निडर और दृढ़निश्चयी नेता हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था में सुधार, भ्रष्टाचार पर लगाम और विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। उनकी ईमानदारी, स्पष्ट नीति और जनसेवा की भावना उन्हें एक प्रभावशाली और प्रेरणादायक नेता बनाती है।