शेर सिंह राणा की जीवनी हिंदी | Sher Singh Rana Biography Hindi
शेर सिंह राणा (Sher Singh Rana) का असल नाम पंकज सिंह है, उन्हें समशेर सिंह राणा के नाम से भी जाना जाता है. उनका जन्म 17 मई, 1976 के दिन रुड़की, उत्तराखंड में हुआ था, और उनकी जीवनसंगिनी का नाम प्रतिमा सिंह है.
वर्तमान समय (2025) में वे भारतीय राजनीतिज्ञ के रूप में प्रवृत्त है. कुख्यात डकैत व सांसद फूलनदेवी की हत्या राणा जी ने ही की थी. इस गुनाह के फल स्वरूप उन्हें आजीवन कारावास, हत्या की साजिश के लिए 10 वर्ष अतिरिकित जेल और 1 लाख रुपयों का दंड हुआ था. Sher Singh Rana Biography Hindi
जिंदगी लम्बी भले ही ना हो, लेकिन गौरवपूर्ण होनी चाहिए. लाइफ में सफलता हाथ लगे या ना लगे, मेहनत ऐसी करो की उम्र बीत जाने के बाद कोई मलाल ना रहे, की ढंग से कोशिश ही नहीं की थी. कुछ कुछ लोग सोचते बहुत हैं, लेकिन करते बहुत कम. लेकिन कुछ लोग जीवन में ऐसे काम कर गुज़रते हैं की प्रशंसा के पात्र बन जाते हैं.
शेर सिंह राणा (Sher Singh Rana) ने हत्या जैसा अपराध किया है, इसके लिए उन्हें क्षमा नहीं मिल सकती, भले की उनका कारण उनके मन में जायज़ हो, लेकिन उन्होंने अपनी जान की परवाह किये बिना अफगानिस्तान में घुस कर परमवीर सम्राट पृथ्वीराज चौहान के अवशेष भारत लाए, इस काम के लिए सराहना तो बनती ही है. आइये इस बहादुर राजपूत की जीवनी पढ़ें.
शेर सिंह राणा जेल से फरार
सलाखें इन्सानी शरीर को तो रोक ले, मजबूत इरादे कैसे रोक पाए, 17 फरवरी, 2004 के दिन राणा जी ने वो काम करने के लिए जेल तोड़ी, जो भारत सरकार भी कर नहीं पाई थी. लेकिन कानून के हाथ भी तो लंबे होते हैं, 17 मई 2006 के दिन कोलकाता के एक गेस्ट हाउस से उन्हें फिर बंदी बना लिया गया.
शेर सिंह राणा जेल ब्रेक योजना संक्षिप्त में
– संदीप नामक व्यक्ति द्वारा, राणा को हरीद्वार के दरबार ले जाने के लिए पुलिस अफसर का स्वांग रचा गया.
– वह राणाजी को मुरादाबाद ले गया, जहाँ से उन्होंने अपने संबंधी को संपर्क कर के 1 लाख रूपये अरेंज किये.
– पैसे जूगाड़ हो जाने के बाद वे रांची गए और अपने दोस्त संजय गुप्ता के नाम पर पासपोर्ट आवेदन कर दिया.
– जब तक पासपोर्ट रेडी हुआ, वे अपने फाइनेंसर सुभाष ठाकुर के संपर्क में रहे.
– इसके बाद Sher Singh Rana ने बांग्लादेश का 3 माह का वीजा प्राप्त किया.
– अवैध नाम से बांग्लादेश में घुस कर, उन्होंने 16500 Rs का एक सेटेलाइट फोन अरेंज कर लिया.
– उन्हें मालूम था कि सामान्य फोन आसानी से ट्रेस हो जाएगा, इसी लिए रिश्तेदारों से संपर्क के लिए सेटेलाइट फोन आवश्यक था.
– इसके बाद वे वाया दुबई, अफगानिस्तान जा पहुंचे। जहां उनका अस्ली मसकद मौजूद था.
– जानकारी के अनुसार उन्हें प्रतिमाह 15-20 हजार दिए जाते थे, ताकि वे रहने और मुसाफरी का खर्च वहन कर सके.
हिंदू क्षत्रिय (राजपूत) सेना राणाजी को नायक मानती है
सम्राट पृथ्वी राज चौहान भारतीय इतिहास में अमर है, उनके अवशेषों को अफगानिस्तान में अपमानित किया जाता था, इसी लिए राणाजी ने बीड़ा उठाया था, की वे पृथ्वीराज के अवशेष भारत लाएंगे, उन्होंने यह कर के भी दिखा दिया. इसी लिए उनकी बहादुरी और बुद्धिमत्ता की हिंदू क्षत्रिय (राजपूत) सेना ने प्रशंसा की थी.
एक हत्या के लिए उन्हें कभी माफ नहीं किया जा सकता, लेकिन सम्राट पृथ्वी राज चौहान के मान और भारत देश की आन के लिए उन्होंने जो किया, वह प्रशंसनीय कार्य है. इस साहस के लिए हर एक भारतीय उनका आभारी रहेगा.
राणाजी ने फूलनदेवी की हत्या क्यों की !
बेहमई हत्याकांड से जुड़ा बदला तो उन्हें लेना ही था. तथ्यों के अनुसार, 1981 में फूलन देवी ने अपने गिरोह के साथ उत्तर प्रदेश के बेहमई गाँव में 20 ऊँची जाति के ठाकुरों की निर्मम हत्या कर दी थी. इस कांड से से पहले फूलनदेवी ने उन्हें प्रताड़ित भी किया था.
शेर सिंह राणा ने वर्ष 2001 में दिल्ली स्थित फूलन देवी के घर पर हमला कर उन्हें गोली मार दी. हालांकि, बाद में वह जेल से फरार हो गया, लेकिन फिर से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जब यह हत्याकांड हुआ तो राजनैतिक गलियारों में इसकी खूब चर्चा हुई थी.
शेर सिंह राणा के जीवन से जुड़े Facts
पृथ्वीराज चौहान के सम्मान में उन्होंने जो किया, इसके बाद राजपुत समाज में उनका मान बढ़ा, वे कई कार्यक्रमों का हिस्सा रहे.
उन्होंने “Jail Diary: Tihar Se Kabul-Kandhar Tak” नामक किताब लिखी। जो वाचकों ने खूब पसंद की.
उनसे जुड़े विवाद और प्रसिद्धि की बात करें तो फूलनदेवी की हत्या को राजपूतों ने बदले के रूप में सराहा, और सम्राट पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां स्वदेश लाने पर तो वे देश के हीरो ही बन गए. वर्तमान समय में उनका मुख्य उद्देश्य करणी सेना और अन्य राजपूत संगठनों को साथ ला कर उन्हें मजबूत बनाना है.
शेर सिंह राणा ने गजनी से हिंदू सम्राट पृथ्वी राज चौहान के अवशेषों को वापस लाने के लिए अफगानिस्तान की यात्रा करने का दावा किया है. उन्होंने इसका एक छोटा सा वीडियो भी Youtube पर अपलोड किया लेकिन उसके बाद पकड़ा भी नहीं गया.
राष्ट्रवादी जन लोक पार्टी
वर्ष 2012 में, शेर सिंह राणा ने राष्ट्रवादी जन लोक पार्टी नामक अपनी पार्टी भी बनाई और इलेक्शन लड़ा था, हाला की इससे उन्हें कोई लाभ नहीं हुआ. उन्होंने 28 फरवरी 2018 को प्रतिमा सिंह से शादी की. उन्होंने जेल में अपनी डायरी लिखी जिसका इस्तेमाल फिल्म निर्माण के लिए किया गया है. अपनी किताब में उन्होंने जेल से भागने और फूलन देवी की हत्या के बारे में भी लिखा.
More : विद्युत जामवाल अभिनीत फिल्म शेर सिंह राणा (बायोग्राफी मूवी) का निर्देशन श्री नारायण सिंह राणा ने किया है और यह film 2025 में रिलीज होने वाली है.
QNA (Sher Singh Rana Life Journey)
Q – शेर सिंह राणा की बायोग्राफी मूवी में कौन एक्टर लीड रोल में है?
A – इस फिल्म में विद्युत जामवाल हीरो के रोल में नजर आनेवाले हैं.
Q – फूलन देवी की हत्या किसने की थी?
A – उनकी हत्या शेर सिंह राणा ने की थी.
Q – शेर सिंह राणा किस भारतीय सम्राट के अवशेष लाए?
A – वे अफगानिस्तान के गजनी से पृथ्वीराज चौहान के अवशेष भारत लाए थे.
Q – जेल से भागने में शेर सिंह राणा की मदद की थी?
A – इस काम में उनके दोस्त संदीप ने हेल्प की थी.
Q – शेर सिंह राणा ने 2012 में कहाँ से चुनाव लड़ा था ?
A – उन्होंने 2012 में UP के “जेवर” से निर्दलीय चुनाव लड़ा था.
Q – जेल से भागने के बाद राणाजी किसके संपर्क में थे ?
A – शेर सिंह राणा Jail Break के बाद अपने financer सुभाष ठाकुर के संपर्क में थे.
Q – अफगानिस्तान जाने से पूर्व राणा जी किस देश में रहे ?
A – वे गजनी (अफगानिस्तान) जाने से पहले बांग्लादेश में रुके थे.
Q – पुलिस से बचने के लिए शेर सिंह राणा अपनों से कैसे संपर्क करते थे ?
A – इस काम के लिए उन्होंने 16500 INR में सेटेलाईट फोन लिया था.
Q – शेर सिंह राणा की पार्टी का नाम क्या है?
A – उनके दल का नाम आरजेपी (राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी) है.
Q – शेर सिंह राणा ने कौनसी किताब लिखी है?
A – उन्होंने “Jail Diary: Tihar Se Kabul-Kandhar Tak” नाम की किताब लिखी है.
Q – राणाजी ने किस घटना का बदला लेने के लिए फूलनदेवी को मार दिया?
A – उन्होंने ठाकुरों के नरसंहार “बेहमई हत्याकांड” का बदला लेने के लिए फूलनदेवी की हत्या की थी.
Q – शेर सिंह राणाका विवाह किसके साथ और कब हुआ?
A – उन्होंने 28 फरवरी, 2018 में प्रतिमा सिंह से शादी की थी.
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What a man… salute dil se
Sher hai ye banda…. unbelievable bhai… mujhe to pata hi nahi tha.. thank you sir
himmat ki dad deni padegi… aaj ke smaay me bh aise log hote hain…
Is this true story?
bahut acha lekh hai
Ache insaan me bhi kuch burai hoti hai or bure insaan me bhi kuch achai hoti he sampurn koi nhi hota