मातृ दिवस पर निबंध | Mother’s Day Essay History, Quotes, Date, Ideas, Stories, Facts
माता को ईश्वर का स्वरूप माना जाता है। मदर्स डे का दिन पुरे विश्व की माताओं को समर्पित होता है। वैसे तो जननी सदैव ही आदरणीय है परंतु इस खास दिवस पर माताओं के प्रति प्रेम जताने का चलन है। अलग अलग देशों में यह दिन विभिन्न तरीकों से सेलिब्रेट किया जाता है। कई देशों में इस दिन अवकाश यानि छुट्टी घोषित की जाती है। गौरतलब है कि सभी देशों में यह दिन सामान दिवस पर सेलिब्रेट नहीं होता है लेकिन ज्यादातर राष्ट्र यह दिन मार्च या मई महीने में मनाते हैं। हर साल Mother’s Day पर नई थीम बनाई जाती है। यह प्रक्रिया इस दिन का उत्साह बढ़ाती है। तो आइये Mother’s Day से जुड़े Facts, Stories, Celebration Ideas, और इस दिन से जुड़ी History के बारे में जान लें |
मदर्स डे का इतिहास
विश्वभर में लगभग हर एक अवसर के लिए खास दिन नियुक्त किया गया है | जिनमें से बहुत से ऐसे दिन हैं जिनके बारे में ज्यादा बात नहीं होती है | लेकिन मदर्स डे की बात ही अलग है | यह ख़ास दिन वेलेंटाइन, इस्टर और क्रिसमस के बाद सब से ज्यादा मनाया जाने वाला दिन है | Mother’s day की History की बात करें तो इसकी शुरुआत तरकीबन 100 वर्ष पूर्व रोमन और यूनान में हुई थी | कहा जाता है की यूनानी क्रोनिस की वाइफ रिहा तथा अपने कई देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए यह दिन मनाते थे | इसाई धर्म में आस्था रखने वाले लोग जीसस क्राइस्ट की माता मरियम को सम्मानित करने के लिए हर साल मई महीने के चौथे रविवार को उत्सव के जैसे मनाते थे | कई इतिहासकारों का मानना है की मातृ दिवस की शुरुआत सब से पहले ब्रिटेन में हुई थी | वहीँ पर एना जार्विस नाम की महिला अपनी माता की याद में वर्जिना शहर में एक चर्च के भीतर एक शहीद स्मारक का निर्माण कराती है | आनेवाले समय में (1911 में) इसे स्थानिक छुट्टी का दिन घोषित किया जाता है | यह सब ऐना के प्रयासों का ही फल था |
इसके बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने 8 मई, 1914 को मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में मानाने की घोषणा कर दी | इस ख़ास दिन को नेशनल होलीडे का दर्ज्जा प्राप्त होते ही कुछ वर्षों में इस दिन से जुड़े प्रोडक्ट्स डिमांड में आने लगे | बाजार में हॉलमार्क कार्ड्स व् दूसरी कंपनीयों नें इस स्पेशल दिन के लिए ग्रीटिंग कार्ड्स व् अन्य मदर्स डे से जुड़ी सामग्री लौंच की, ट्रेंडिंग प्रोडक्ट्स होने के कारण अच्छा प्रतिसाद मिला, लेकिन लोगों की भावनाओं का व्यापारीकरण होता देख एना जार्विस नें इन सामग्रियों का बहिष्कार करने की अपील की और क़ानूनी कारवाई भी की थी | ऐना के प्रयासों के चलते Mother’s Day आज लगभग हर सभ्य देश में श्रद्धा से मनाया जाता है |
“मदर्स डे का ताल्लुक क्रिस्चन हॉलिडे से भी है जिसे “मदरिंग सन्डे” के तौर पर मनाया जाता था।”
मदर्स डे कैसे मनाएं
वैसे तो माता का सम्मान आजीवन, साल के 365 दिन करना चाहिए, लेकिन मदर्स डे पर इस बात का ख़ास ख्याल रखना चाहिए की माता का दिल न दुखे, इस दिन माँ को कहीं देव दर्शन, सिनेमा, चौपाटी, या उनके मन पसंद स्थल पर घुमाने ले जाएं, अगर उन्हें कोई ख़ास पकवान पसंद है तो वह भी खरीद कर लाना चाहिए, इसके अलावा आप कुकिंग में अच्छे हैं तो उनकी फेवरिट डिश बना कर उन्हें प्रसन्न करें, अगर ज़्यादा खर्च करने का बजट नहीं है तो माता के रोजिंदा कामकाज में उनकी मदद करें और उन्हें इस दिन आराम का मौका दें, किसी वजह से कहा सुनी या जगड़ा हुआ है तो, बड़ा दिल दिखाते हुए इस दिन माता से माफ़ी मांग कर सुलह कर लें।
अलग अलग देशों में मदर्स डे
मैक्सिको : इस देश में बच्चे मदर्स डे पर माता का स्वागत बैंड बाजे के साथ करते हैं। करीब एक महीने पहले बैंड वालों को एडवांस दे कर बुक कर लिया जाता है।
अमेरिका : इस देश में मातृ दिवस पर माँ को कार्ड्स और फ्लावर्स देने का जबरा चलन है, इसके साथ ही मदर्स डे पर रेस्टोरेंट भी फुल हो जाते हैं। इस दिन वहां काफी भीड़ रहती है।
जापान : इस देश में Mother’s Day शोवा अवधि के दौरान महारानी कोजुन (सम्राट अकिहितो की मां) के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता था। आज कल इसे जापानी लोग अपनी मां के लिए ही मनाते हैं। इस खास दिवस के अवसर पर बच्चे गुलनार और गुलाब के फूल गिफ्ट के रूप में मां को अवश्य देते हैं।
थाईलैंड : इस देश में मदर्स डे थाइलैंड की महारानी के जन्मदिन पर सेलिब्रेट किया जाता है। साथ ही माता के प्रति कैसे सम्मान व्यक्त करना है इसके बारे में जागरूकता फैलाने के विषेश कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
भारत : हमारे देश में इसे कस्तुरबा गांधी के सम्मान में मनाए जाने की परंपरा है। इसके अलावा स्कुल कॉलेज में भी इस दिन प्रोग्राम्स किये जाते हैं। बच्चों को मदर्स डे पर निबंध भी लिखवाया जाता है। सोशल मिडिया पर मातृदिवस से जुड़े कोट्स और फोटोज शेयर किये जाते हैं |
मदर्स डे – माता के प्रति प्रेम दिखने का ख़ास अवसर
माता के दिए अनंत प्रेम और निस्वार्थ समर्पण की तुलना विश्व की किसी भी चीज से करना असंभव है। मदर को चाइल्ड की फर्स्ट टीचर का दर्जा भी दिया जाता है। माता के उपकारों का धन्यवाद अदा करने और उनके प्रति प्रेम और सम्मान दिखाने का “मातृ दिवस” एक बेहतरीन अवसर है। वैसे तो किसी चीज का अधिक दिखावा अच्छा नहीं लेकिन कई बार अपनों की परवाह का इजहार करना ज़रूरी होता है, यह जीवन को उत्साहमयी बनाता है। एक अच्छी संतान का कर्तव्य है कि वह अपनी जननी की ज़रूरतों का ख्याल रखे और उनके विचारों का सम्मान करते हुए उनके बुढ़ापे का सहारा बने।
मदर्स डे से जुड़े फैक्ट्स
- वर्ष 1912 में ऐना जोर्विस ने सेकंड संडे इन मै फॉर मदर्स डे को ट्रेड मार्क बना लिया और मदर्स डे इंटरनेशनल असोशिएशन का गठन किया।
- फ़्रांस की सरकार माता बनने वाली महिलाओं को मैडल देती थी, दरअसल पहले वर्ल्ड वॉर में 4% से ज्यादा फ़्रांसिसी नागरिक हताहत हुए थे, इस लिए यह निर्णय लिया गया था, 5 बच्चों के जन्म पर ब्रोंज, 8 बच्चों पर सिल्वर और 10 बच्चों के जन्म पर गोल्ड मैडल दिया जाता था।
- इन्सान भले ही कई बार स्वार्थ देख कर परवाह करे लेकिन पक्षियों और पशुओं में भी देखा जाता है कि परभक्षी के आक्रमण पर माताएं अपने चूजों और पिल्लों को बचाने के लिए जान पर लड़ जाती है, जब की बड़े हो कर उनके बच्चे अपनी अपनी राह निकल जाते हैं, यह जानकर भी पशु, पक्षी मादा अपने बच्चों की जी जान से हिफाज़त करती हैं।
- पेट में जगह हो या ना हो, एक माँ टाइम होने पर बच्चे के पीछे पड़ जाती है, यह खा ले वह खाले। पतीले में 10% भी सब्जी ना बची हो तब भी कोई बोलता है, सब्जी लेगा, अभी बहुत बची है, यह आवाज़ माँ की ही होती है।
- पति से जगड़ कर पाई पाई जोड़ ने वाली महिला एक वक्त खाना खा के गुजारा कर लेगी, घर की ज़रूरत में भी शायद पति को घर की “बचत” खर्च करने ना दे, लेकिन बात बच्चे की पढ़ाई पर या हैल्थ पर आई तो, अपनी बचत ही नहीं अपने गहने भी लुटा देगी। यह काम एक माता ही कर सकती है।
- एक पिता अनुसाशन लाने के लिए बच्चों पर इस लिए सख्ती कर पाता है चूँकि उसे मालूम होता है कि ज़्यादा कुछ हुआ तो बच्चे की माँ उसे संभाल लेगी।
- बच्चा स्कुल में पढ़ता हो या पोते की शादी हो चुकी हो, एक माँ के सवाल एक से ही होते हैं, तूने खाना खाया? तू इतना दुबला कैसे हो गया? ठीक से सोता नहीं? यह बना दूँ? तू आराम कर, वगेरह… ।
- रूप रंग काम काज और संस्कार को ले कर महिलाऐं बड़ी संवेदनशील होती हैं, लेकिन कई बार वह सुन भी लेती है, लेकिन एक माँ के सामने उसके बच्चे का मजाक बने, या उसे निचा दिखाया जाए तो वह दूसरे तो छोड़ो अपने पति को भी माफ़ नहीं करती।
- खुद भले ही बेलन झाड़ू, या डंडे से मन मर्जी अपने बच्चों को पीट लेगी लेकिन कोई अंजान व्यक्ति आँख भी दिखा दे तो एक माता रण चंडी का रूप धारण कर लेती है।
- जब कोई जगड़ा करता है तो ज़्यादातर सब से पहले माँ की गाली देता है, चूँकि सब को पता है कि ज़्यादा तकलीफ माँ के खिलाफ सुनने से पहुंचती है।
Mother’s Day Short Stories Hindi | मातृदिवस पर कहानियां
गुलाब का फूल
एक बार एक व्यस्त व्यक्ति मदर्स डे पर फूलों का गुलदस्ता अपनी माता को कुरियर से भेज रहा था। तभी एक छोटी बच्ची उनसे कुछ पैसे मांगने लगती है। उसे अपनी माता को गुलाब का फूल गिफ्ट करना था। वह व्यक्ति मासूम बच्ची को गुलाब खरीद के देता है, तब वह खिलखिला कर हंसने लगती है और कब्रिस्तान में जाने लगती है। उस व्यक्ति को आश्चर्य हुआ तो वह पीछे गया।
उसने देखा की बच्ची एक कब्र पर गुलाब रख कर उस कब्र से लिपट कर Happy Mother’s Day बोलती है। यह देख कर वह व्यक्ति रो पड़ता है। वह उलटे पाँव जा कर अपना कुरियर कैन्सल करता है और खुद अपनी माता के पास जा कर उन्हें गुलदस्ता देता है।
सार : कामकाज जीवनभर चलता रहेगा, परेशानियां भी आती जाती रहेंगी। लेकिन माँ एक बार चली गई तो यादे ही रह जाएंगी, कृपया उनके लिए समय अवश्य निकालें।
जीवन दिया भी और बचाया भी
एक बार जापान में भयानक भूकंप आया, चहुऔर भयानक तबाही हुई, उसके बाद बचाव दल टूटे बिखरे घरों में जीवित लोगों की तलाश करने निकले।
एक घर बुरी तरह क्षति ग्रस्त हुआ था, बचाव दल ने मलबा हटाया तो उसे एक महिला नज़र आई, वह घुटने मोड़ कर मुह के बल अजीब हालात में लेटी थी। उसके सिर और पीठ पर पत्थर गिरने कें घाव साफ़ नज़र आ रहे थे।
दल के मुखिया ने महसूस किया कि वह हिलडुल नहीं रही थी, थोड़ी ही देर में यह पुख्ता हो गया कि उसकी मृत्यु हो चुकी थी। तब बचाव दल वहां से जाने लगा। लेकिन पता नहीं क्यूँ उन लोगों को वापिस मुड़ने का मन हुआ। फिर वह लोग वहां जा कर उस महिला की लाश हटाने लगे। तो उन्होंने देखा की उसके शरीर के नीचे एक जाली दार टोकरी थी, जिसमें 3 माह का एक बच्चा था।
शायद गिरती छत से बचाने के लिए माता ने बच्चे पर अपना शरीर ओढ़ा लिया था। जिससे उसकी मौत हो गई और बच्चा सलामत रह गया।
सार : जीवन देने वाली माता बच्चों का जीवन बचाने के लिए अपना जीवन त्याग करने से भी पीछे नहीं हटती, इस लिए आजीवन उनका ख्याल रखना बच्चों का कर्तव्य है।
दोस्त के पाप की कहानी
एक बार रवि अपनी माता से नया मोबाइल खरीद देने की जिद करता है, लेकिन उसकी माता के पास पैसा नहीं होता, इस पर रवि खूब नाराज होता है, वह खाना भी नहीं खाता और अपनी माँ को बुरा भला कह कर दोस्त के घर चला जाता है।
रवि अपने दोस्त किशन से अपनी माँ की बुराई करने लगता है, तभी किशन के पाप यह सब सुन लेते हैं, वह दोनों को अपने पास बुलाते हैं और अपने बचपन की कहानी सुनाने लगते हैं।
किशन के पापा कहते हैं, मेरी माँ भी बड़ी कंजुस थी। वह भी सिंगल मदर थीं। एक बार मैंने उनसे नया टी शर्ट मांगा उन्होंने नहीं ले दिया, मैंने रात तक खाना नहीं खाया, तो अगले दिन उन्होंने टी शर्ट ला दी। उसके बाद स्कूल ट्रिप पर भी यही ड्रामा हुआ, 2 दिन नाराज रहा तो पैसे मिल ही गए।
मैं बहुत खुश था। थोड़ी मशक्कत से ही सही पर मेरे शौख पुरे हो रहे थे। लेकिन, एक दिन दो पहर हुई, लेकिन माँ उठी नहीं, मैं उसे जगाता रहा, लेकिन वह तो मुझे छोड़ कर जा चुकी थी। उसके सिरहाने पर तकिए के नीचे रखा एक खत मिला।
जिसमें लिखा था, बेटा मेरी बीमारी दवाइयों से काबू तो रहती है पर मिट नहीं रही, और तुम्हारी छोटी छोटी जरूरतों के लिए तुम्हे परेशान होते देखना मुझे अच्छा नहीं लग रहा। इस लिए अब दवाई कुछ दिन से छोड़ दी है। यही पैसे तुम्हारी टी शर्ट और स्कुल ट्रिप के लिए काम आ गए।
आगे क्या होगा इसके लिए घभराना नहीं, मेरे पास एक जीवन बीमा है, उन पैसों से तुम्हारा भविष्य उज्वल बन जाएगा और तुम्हे किसी चीज के लिए तरसना भी नहीं पड़ेगा। मैं चली गई तो भी गम ना करना, मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ रहेगा।
किशन के पिता की यह स्टोरी सुनने के बाद रवि आँखों में आंसू लिए दौड़ता हुआ अपने घर गया और अपनी माँ के गले लग कर रोने लगा। अब वह माँ की ममता का मोल समझ चूका था।
सार : छोटी छोटी बातों पर माँ के साथ हंसी मजाक कर के सताना या उनसे नाराज होना बुरी बात नहीं, लेकिन उनकी मानसिक, आर्थिक और शारीरिक परिस्थिति का ख्याल करना बच्चों का परम कर्तव्य है।
माता का सम्मान क्यों जरूरी है
एक माता अपने बच्चों के लालनपालन के लिये अपनी खुशियों का बलिदान देती है, माँ का प्यार उस गहरे समंदर की तरह है जिसकी सतह का अंदाजा लगाना मुश्किल है। एक घर चलाने के लिए गृहिणी का कुशल होना जरुरी है, वैसे ही परिवार को एकजुट बनाए रखने और बच्चों को संस्कारी और जिम्मेदार नागरिक बनाए रखने के लिये समर्पित माता का होना अनिवार्य है।
माता को प्यार और बलिदान की मूरत माना गया है, कहते हैं कि ईश्वर हर एक इन्सान का ख्याल रखने के लिए एक साथ सभी जगह उपस्थित नहीं रह सकता, इसी लिए उसने माता की रचना की है। बचपन से ले कर उम्रदराज होने तक एक माता अपने बच्चों के लिए अनंत कष्ट उठाती है, इसके बदले में वह कुछ भी लाभ की आस नहीं रखती है। इस लिए माता का सम्मान अवश्य करना चाहिए |
Mother’s Day QNA
Q – साल 2023 में मदर्स डे कब है ?
A – इस वर्ष 14 मई के दिन मदर्स डे मनाया जाएगा, यह हर साल इसी महीने दूसरे सप्ताह को सेलिब्रेट किया जाता है।
Q – पहली बार मदर्स डे कब मनाया गया था?
A – ऐना जार्विस द्वारा पहली बार मातृ दिवस वर्ष 1908 में मनाया गया था।
Q – मदर्स डे मानाने की शुरुआत कब से हुई?
A – इस खास दिन को निरंतर सेलिब्रेट करने की शुरुआत वर्ष 1914 से हुई थी।
(Note : ऐना जार्विस के उस ऐतिहासिक कदम के बाद अमेरिका के तत्कालीन प्रेसिडेंट वुड्रो विल्सन ने 9 मई 1914 में मदर्स डे मानाने की औपचारिक घोषणा की)
Q – कौन कौन से देश अमेरिका के बाद May के 2nd Week पर Mother’s Day मानाने को सहमत हुए?
A – अमेरिका के साथ पूरा यूरोप, भारत और कई अन्य देश इसी दिन मदर्स डे मानाने के लिए सहमत हुए।
Q – मदर्स डे पूर्व काल में किस देश के लोगों के मानाने के सबूत मिले हैं?
A – प्राचीन काल में ग्रीक और रोमन इस दिवस को सेलिब्रेट करते थे।
Q – मदर्स डे पर माता को गिफ्ट और ट्रीट क्या दें ?
A – इस दीन माता को विशिंग कार्ड, फ्लावर्स, कोई साड़ी या ड्रेस, किचन प्रोडक्ट, मोबाइल टेबलेट, सरप्राइज लंच या डिनर ट्रीट, शोपिंग वाउचर या कोई कस्टम गिफ्ट दे सकते हैं |
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Happy Mother’s Day
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Dhanywad sir jee
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Just like how mothers create a lifetime of memories with their love, Mehndi art also celebrates life’s special moments with intricate designs. Both symbolize love, care, and tradition in their own unique ways.
Thanks for sharing such an inspiring piece—it’s a great reminder to cherish our mothers every single day!
Maa se bada koi nah hota hai .. hapy mother;s day